Sanjha Bistar, Sanjhi Biwiyan – Episode 10

This story is part of the Sanjha Bistar, Sanjhi Biwiyan series

    राज कुमुद की बात सुनकर ठहाका मार कर हंसने लगा और बोला, “कुमुद डार्लिंग, बस इतनी सी बात? तुम इसके लिए अपने इतने बहुमूल्य आंसू बहा रही थी?”

    कुमुद राज की बात सुनकर रिसियाती हुई बोली, “इसमें हंसने की क्या बात है? क्या यह गंभीर मामला नहीं है? क्या तुम्हें यह सब पता है?”

    राज अपनी हंसी को नियंत्रित करते हुए बोला, “देखो, मैंने तुम्हें बात बात में कुमुद डार्लिंग कहा। तुमने उस पर ध्यान भी नहीं दिया। जैसे हमारे बिच में एक खुल्लम खुल्ला बात करने का सम्बन्ध है वैसे ही मेरी बीबी रानी और तुम्हारे पति कमल के बीच में भी यह सम्बन्ध हो सकता है या नहीं? दूसरी बात, कमल भैया के लिए तो मैं अपनी जान देने के लिए भी तैयार हूँ। शायद तुम्हें पता नहीं होगा की हम दोनों तो बचपन में एक ही पत्नी के साथ शादी करने के ख्वाब देख रहे थे। जब थोड़े बड़े हुए तो फिर हमने सोचा की जरूर हम एक दूसरे की पत्नी अगर अच्छी लगी तो मिल बाँट कर भोगेंगे। पर शादी के बाद तो बीबियों की भी सुननी पड़ती है न? खैर, वह अगर रानी को चोदना चाहते हैं और अगर रानी को उसमें कोई एतराज नहीं है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। पर बात चोदने की कहाँ है? कमल भैया तो रानी को चोदने की सिर्फ कल्पना ही तो कर रहे थे? वास्तव में तो वह रानी को चोद नहीं रहे हैं, तो फिर तुम इतनी परेशान क्यूँ हो रही हो?”

    कुमुद राज की बात सुनकर थोड़ी सहम गयी और थोड़ी देर के लिए रुकी और बोली, “हाँ, तुम्हारी बात तो ठीक है। मैं भी बड़ी बेवकूफ हूँ। कमल रानी को चोदने की सिर्फ कल्पना ही तो कर रहा था! और मैंने तो इस बात पर कमल के साथ हंगामा खड़ा कर दिया।”

    फिर कुमुद थोड़ी गंभीर हो गयी और धीरे से बोली, “पर कमल और रानी अगर हकीकत में सेक्स करने लगेंगे तो फिर?”

    राज ने कहा, “कुमुद एक बात बताओ, क्या कमल तुमसे प्यार करता है या नहीं? और क्या तुम कमल से प्यार करती हो या नहीं?”

    कुमुद बोली, “हाँ, हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं।”

    राज ने पूछा, “दुसरा सवाल, “क्या शादी से पहले तुमने किसी लड़के से एकाध बार सेक्स किया था या नहीं? कॉलेज मैं या स्कूल में या कहीं और किसी भी लड़के के साथ चूत में उंगली डालना, लण्ड हिला देना ऐसी हरकतें हुई थी या नहीं? कुमुद बात छुपाना मत। सच सच बताना।”

    कुमुद ने राज को ध्यान से देखते हुए हिचकिचाते स्वर में बोला, “हाँ, थोड़ी बहुत हुई तो थीं।”

    राज ने कहा, “तो उसका तुम्हारी शादी या कमल के साथ प्यार पर कोई असर हुआ? नहीं हुआ न?”

    कुमुद ने कहा, “नहीं हुआ, पर वह तो शादी के पहले की बात थी। शादी के बाद अब तो हमने एक दूसरे के प्रति पूरी वचनबद्धता की शपथ ली है ना?”

    राज ने कहा, “वह बात तो ठीक है, पर शादी के कुछ सालों बाद पति या पत्नी को कोई कोई बार कहीं न कहीं, कभी न कभी विवाहेतर यानी शादी के बाहर सेक्स करने का मन होता है। कई बार जब मौक़ा मिलता है तो वह इसे आजमा भी लेते हैं। सही तो यह होता है की ऐसा होने से पहले पति पत्नी एक दूसरे से मिलकर इस बारे में बात करें। पर हकीकत में ऐसा होता नहीं है। हम एक दूसरे से बात करने में झिझकते हैं। और अगर बात कर ली तो पति अथवा पत्नी एतराज करते हैं, नाराज हो जाते हैं। इस लिए अक्सर ऐसी बातें चोरी छुपी हो जाती हैं।“ इतना कह कर राज चुप हो गया।

    वह जानना चाहता था की कुमुद पर उसकी बातों का क्या असर पड़ता है। राज ने कुमुद को देखा तो वह राज को बड़े ध्यान से सुन रही थी।

    राज ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “यदि पति पत्नी में अच्छा खासा मेल है और एक दूसरे को प्रेम करते हैं, ध्यान रखते हैं तो समझदारी इसी में है की उस बात को ज्यादा तूल न दिया जाये और घर की बात घर में ही रहे। मैं ऐसे कई स्त्री और पुरुष को जानता हूँ जिनका एकाध बार या कुछ समय के लिए परपुरुष या परस्त्री से शारीरिक सम्बन्ध रहा था या कुछ कुछ किस्से में थोड़ा लंबा भी चला। जहां इसको एक आवेग के रूप में समझा जाय और एक दूसरे के साथ एडजस्ट कर लिया जाय वहाँ शादी अच्छी चलती है। जहां कोई ज्यादा आक्रामक रवैया दिखाता है वहाँ दिक्कत हो सकती है। आखिर में आदमी अपनी बीबी के पास और औरत अपने पति के पास ही वापस आते हैं। अपनी पत्नी के साथ ही वह सही आनंद पाते हैं। तो अगर ऐसा कुछ होता है तो ऐसी परिस्थी को शान्ति से सहजता और समझदारी से ही निपटना चाहिए। मैं तो कहता हूँ की ऐसा सहमति से हो तो अच्छा है। बल्कि मैं तो कहता हूँ की अगर ऐसा होता है तो दूसरे पार्टनर को भी इसका फायदा उठाना चाहिए।”

    कुमुद ने राज की और प्रश्नात्मक दृष्टि से देखते हुए पूछा, “फायदा? कैसा फायदा? क्या मतलब है तुम्हारा राज?”

    राज ने सकुचाते हुए कहा, ” अगर ऐसे मामले में पति और पत्नी ऐसे आवेग को सकारात्मक नजरिये से देखें और एक दूसरे को सहयोग दें तो इसमें मजा भी आ सकता है। देखो कुमुद मैं खरी खरी बात कहता हूँ। अगर कमल रानी से सेक्स करने के लिए उत्सुक है और अगर रानी भी कमल से चुदवाने के लिए तैयार हो जाती है और अगर मौका मिलता है और कमल उसे चोदता है तो हमें उसको नजर अंदाज करना चाहिए। अगर तुम्हें पता चले की कमल रानी को चोद कर आया है तो उससे सवाल जवाब मत करो और ऐसा दिखाओ जैसे तुम उस बात को जानती ही नहीं हो या फिर उस बात को हंसी मजाक में उड़ा दो। कमल को पता भी चले की तुम जानती हो पर उसे सीरियसली नहीं लेती, तो इससे वह तुम्हारी इज्जत करेगा और एक तरह की गुनाह किया है ऐसी फीलिंग उसे होगी।“

    राज ने यह सब बोल तो दिया पर वह डर रहा था की कहीं कुमुद इस बात से नाराज ना हो जाए। कुमुद की प्रतिक्रया जानने के लिए वह रुका।

    पर कुमुद के चेहरे पर कोई नकारात्मक भाव न देखते ही राज ने फिर बात आगे बढ़ाते हुए कहा, “अगर कमल तुमसे कहे की उसने रानी को चोदा है तो तुम उस बात को हंसकर उड़ा दो। मैं भी तो उस बात को ज्यादा तूल नहीं दूंगा और मेरी बीबी रानी से लड़ाई झगड़ा नहीं करूँगा। पर हाँ, तुम कमल भैया को और मैं रानी को यह जरूर अच्छी तरह समझा देंगे की अगर हम लोग भी कभी ऐसा कुछ करते हैं तो कमल भैया को और रानी को बुरा नहीं मानना चाहिए। और फिर अगर तुम्हारा मन करे तो तुम भी कोई पर पुरुष से कभी कभार आनंद ले सकती हो।”

    कुमुद ने कुछ शर्माते हुए पूछा, “अब मैं तुम्हारा मतलब समझी। तुम भैया का बहाना लेकर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हो। राज साफ़ साफ़ बोलो तुम क्या चाहते हो।”

    राज ने शर्माते हुए कहा, “मैं अपने मुंह से क्या बोलूं?” राज ने फिर हलके से अपना हाथ कुमुद की कमर पर घुमाया और कुमुद को अपनी और खींचा।

    कुमुद कुछ पलों तक राज से नजर से नजर मिलाकर देखती रही। फिर कुमुद धीरे से खिसक कर राज के पास आयी तो राज ने अपनी लम्बी बाहों में कुमुद को लपेट लिया और उसे उठा कर अपनी गोद में बिठा कर उसके मुंह पर अपना मुंह रखा।

    कुमुद ने राज की आँखों से आँखें मिलाकर उसे सरसरी नजर से देखा और बोली, “यह क्या कर रहे हो राज? ऐसा मत करो। मुझे अच्छा नहीं लगता।”

    कुमुद की बात सुनते ही राज को जैसे बिच्छु काटा हो ऐसा झटका लगा। वह एकदम गंभीर हो गया और धीरे से कुमुद से थोड़ा हट कर बैठ गया। उसकी उम्मीदों पर कुमुद ने ठंडा पानी फेर दिया था।

    जब कुमुद ने राज के चेहरे का भाव देखा, तो उस बड़ा दुःख हुआ की उसने राज जैसे सीधे सादे आदमी को क्यों दुखी कर दिया।

    स्त्री सहज सहानुभूति और करुणा के कारण कुमुद से रहा नहीं गया और वो बोली, “ओ मेरे राज्जा, दुखी हो गए क्या? अपनी गर्ल फ्रेंड से नाराज हो?”

    राज ने कुमुद की और देखा पर कुछ ना बोला। कुमुद ने पूछा, “क्या बात है, मुंह क्यों छोटा हो गया?”

    राज: “मैं क्यों नाराज होऊं? मेरा आप पर कोई अधिकार थोड़े ही है? मैं यह सोचकर बहक गया था की आपने मुझे अधिकार दिया है। पर मैं ग़लतफ़हमी में था। खैर मुझे मेरी इस हरकत के लिए माफ़ करना। आगे से में ऐसा नहीं करूंगा।”

    ऐसा बोलते ही राज की आँखें झलझला उठीं। आँखों में पानी आ गया और राज का गला रुँध गया। वह कुछ बोल नहीं पा।

    कुमुद का मन पिघल उठा। उसने राज का हाथ अपने हाथों में लिया तो राज ने हाथ वापस खिंच लिया। कुमुद ने महसूस किया की राज वाकई में बहुत दुखी हो गया था।

    फिर कुमुद धीरे से उठी और राज का मुंह अपने हाथों में लेकर राज की गोद मैं जा बैठी और अपने होंठ राज के होंठ से मिला दिए।

    कुमुद को अपनी गोद में पाते ही राज मुस्कराया और उसने कुमुद की पीठ को हलके से सहलाना शुरू किया। फ़ौरन दोनों ही एक गहरे पाश में बांध गए। कुमुद ने फिर धीरे से राज के कानों में कहा, “राज आई एम् सॉरी। मुझे माफ़ करदो।”

    राज ने कहा, “पहले धक्का मार कर दूर करती हो फिर माफ़ी मांगती हो?”

    उस सुनसान नदी के किनारे काफी लम्बे समय तक दोनोँ एक दूसरे के होंठों का रस पान करते रहे। उनकी गरम गरम साँसों की तेज धड़कन के अलावा दूर से गरबा की धुन की आवाज सुनाई दे रही थी।

    चुम्बन करते हुए राज का हाथ कुमुद की पीठ को सेहला रहा था। धीरे धीरे उसने कुमुद की ब्लाउज के पीछे के बटनों को जब टटोलना शुरू किया, तो कुमुद राज से थोड़ा सा अलग हो कर बोली, “राज, यह तुम क्या कर रहे हो? कोई आ जाएगा।”

    राज ने कुमुद को और करीब से कस के पकड़ा और बोला, “यहां कोई भी नहीं है। मैं कितने दिनों से यह करने की लगन लगाकर इंतजार कर रहा हूँ। अब रहा नहीं जाता।”

    ऐसा कह कर राज ने कस कर कुमुद को अपनी बाहों में लिया और उसे पूरी ताकत और जोश से चुंबन करने में लग गया।

    उसका एक हाथ कुमुद को जकड़े हुए था और दुसरा हाथ कुमुद की पीठ को सहलाता हुआ कुमुद की कमर के निचे उसकी गांड के फुले हुए गालों को दबा रहा था।

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