हैलो दोस्तो, मैं सानिया खान उत्तर प्रदेश से आपके सामने अपनी चुदाई की एक और कहानी लेकर आई हूं। इस इंडियन सेक्स स्टोरी इन हिन्दी में जिससे मैंने अपनी चूत और गांड चुदवाई वो कोई और नहीं मेरा बड़ा सगा भाई है।
मेरे बारे में तो आप जानते ही हो आयु 29 साल, कद 5 फीट 7 इंच, रंग गोरा, फिगर का साईज़ 36डी-28-38 और एक नंबर की चुद्दकड़ हूं।
मेरे भाई का नाम शाहिद खान है और वो मुझ से 5 साल बड़ा है। वो शादीशुदा है और एक बेटे और बेटी का बाप है। दिखने में बहुत सुंदर तो नहीं लेकिन अच्छा है।
ये बात तब की है जब भाई की नई नई शादी हुई थी। उसका रूम मेरे रूम के बगल में ही था और हमारे रूम के बीच एक दरवाजा था जिसमें थोडी़ सी दरार थी।
भाई और भाभी लाईट जला कर चुदाई किया करते थे और मैं उस दरार से उनकी चुदाई देखा करती थी। मेरे भाई का जरनल स्टोर है जब कि भाभी टीचर है।
मैंने अपनी पिछली कहानियों में बताया कैसे पहले राज से फिर राज एवं भोला से चुदाई की थी। उसके बाद दोनों चले गए और मैं लंड के लिए तड़पने लगी।
अभी कोई लड़का देख ही रही थी कि कॉलेज में गर्मी की छुट्टियां हो गईं। इधर भाभी भी एक महीने केलिए माईके चली गई।
मैं दो तीन दिन तो ऊंगली से काम चलाती रही लेकिन फिर ध्यान आया भाई की नई नई शादी हुई है वो भी चुदाई केलिए तड़प रहा होगा।
लेकिन शक्क था अगर सीधा बोल दिया कहीं गुस्सा न हो जाए या पापा को न बता दे। इसलिए पहले चैक करने की सोची।
अगले दिन सुबह मैंने खुले गले का टॉप और लोअर पहन ली और जल्दी उठ कर अम्मी से कहा आज झाडू़ पोछा मैं लगा दूंगी आप और काम कर लो।
अम्मी खुश हो गई कि मेरी बेटी सयानी हो गई है लेकिन अम्मी को क्या मालूम था मेरे दिमाग में क्या चल रहा है।
मैं झाडू़ लगाने लगी तभी अम्मी ने चाय बना कर भाई को उठा दिया और वो बैठकर चाय पीने लगा।
तभी मैं भाई के रूम में गई और झुक कर झाडू़ लगाने लगी। खुले गले की वजह से भाई को मेरे बूब्ज़ दिख रहे थे और वो भी मेरे बूब्ज़ ही देख रहा था।
मैंने चोरी से देखा भाई का लंड उसकी लोअर में तंबू बना रहा था। मैंने ऐसे ही झुके झुके भाई से कहा भाईजान क्या सोच रहे हो चाय ठंडी हो जाएगी।
भाई हड़बड़ा कर बोला कुछ नहीं और चाय पीकर कप टेबल पर रख दिया। मुझे लगा भाई तो मुझे चोदने को तैयार बैठा है।
कुछ देर बाद मैं पोछा लगाने उसके रूम में गई और वो अपने खड़े लंड को सहला रहा था। मुझे देखकर उसने अपने लंड से हाथ हटा लिया। मुझे मौका मिल गया और कहा भाभीजान माईके गई है कोई बात नहीं आप कर लो मैं किसी को नहीं बताने वाली।
भाई ने अनजान बनते हुए कहा क्या कर लूं मैं तो आराम से बैठा हूं।
मैंने भाई का हाथ पकड़ा और उसके लंड पर रख दिया और कहा ये जो मुझे देख कर हटा लिया था।
भाई बोला तू तो पागल है।
मैं भाई के बैॅड के पास पोछा लगाने लगी और पोछा लगा कर जडवब खड़ी हुई तो आईडिया आया। मैं जान कर भाई के ऊपर गिर गई और मेरा मुंह भाई के लंड पर था।
भाई ने मुझे पकड़ कर खड़ी कर दिया और पूछा सानिया चक्कर आ गया था क्या। मैं कुछ नहीं बोली और कहा भाईजान आज से भाभी के आने तक हमारे रूम के बीच जो दरवाजा है वो खुला रहेगा जब भी भाभी की याद आए तो आ जाना जो भाभी प्यार देती थी वही प्यार मिलेगा।
तो भाई बोला उसकी याद तो अभी भी आ रही है। मैंने कहा अभी अम्मी घर पर है रात को अम्मी अब्बा के सोने के बाद। भाई बोला अम्मी अभी किचन में है तब तक बूब्ज़ चुसवा दो।
मैं भाई के पास गई और आपना टॉप ऊपर उठा दिया। मेरे बूब्ज़ देखकर भाई बोला तेरे बूब्ज़ तो तेरी भाभी से भी बड़े और सेक्सी हैं। ये कहते हुए भाई मेरे बूब्ज़ के निप्पलों पर जीभ घुमा कर चाटने लगा और फिर मेरे बूब्ज़ चूसने लगा।
मैं उसका सिर पकड़ कर अपने बूब्ज़ पर दबाते हुए कह रनी थी भाईजान और जोर से और आंहें भर रही थी कुछ देर बाद अम्मी ने मुझे आवाज दी और मैं अपना टॉप ठीक करके किचन में आ गई।
अम्मी ने भाई केलिए खाना लेजाने को कहा और मैं खाना लेकर भाई के रूम में आ गई। मैंने खाना टेबल पर रख दिया तब भाई बोला सानिया तेरे हुस्न ने मेरा लंड खड़ा कर दिया है किसी तरह इसको शांत कर दो।
मैं बैॅड पर आ गई और भाई की लोअर नीचे करके लंड बाहर निकाल लिया। आज पहली बार किसी मुसलमान का कटा हुआ लंड देखा था। मैं भाई के लंड को अपने कोमल हाथों से हिलाने लगी और फिर उसके गुलाबी टोप्पे पर जीभ घुमाते हुए चाटने लगी। टोप्पे को चाटते हुए भाई की लंड चूसने लगी।
कुछ देर बाद भाई ने अपना वीर्य मेरे मुंह में छोड़ दिया। भाई बोला मजा आ गया सानिया तेरी भाभी से कभी इतना मजा नहीं आया।
मैंने कहा भाईजान आपको तो मजा आ गया लेकिन मेरी चूत में आग लगी हुई है उसको भी शांत करो तो भाई बोला अभी नहीं अम्मी न आ जाए कि इतनी देर से भाई बहन क्या कर रहे हैं।
जब मैं नहाने केलिए बाथरूम में जाऊंगा तब अम्मी ऊपर अपने रूम में होगी तुम अंदर आ जाना मैं दरवाजा खुला रखूंगा। जैसे ही भाई बाथरूम में घुसा पीछे ही मैं घुस गई।
भाई ने मेरी लोअर नीचे की और कहा आवाज मत करना। भाई ने मेरी चूत पर मुंह रख दिया और चूत को चूमने लगा।
उसके बाद भाई मेरी चूत में जीभ डालकर चाटने लगा और मैं भाई का सिर पकड़ कर उसके मुंह पर रगड़ने लगी। हम दोनों बहुत गर्म हो गए।
भाई ने लंड निकाल कर मेरी चूत पर रख दिया और ऊपर घिसने लगा। फिर उसने मेरी चूत पर लंड टिका कर झटका मारा और भाई का आधा लंड मेरी चूत में समा गया।
इससे फिर उसने दूसरा झटका माराा और उसका लंड पूरा मेरी चूत में घुस गया। उसका लंड सीधा मेरी बच्चेदानी के मुख से टकरा गया और मेरे मुंह से मस्ती भरी आह निकल ग।
अभी भाई ने तीन चार झटके ही मारे थे तभी ऊपर से अम्मी की आवाज आई शाहिद जल्दी नाहा ले मुझे भी नहाना है। मैंने भाई से कहा बाकी का काम रात को करेंगे अम्मी नीचे आने वाली है। मैंने अपनी लोअर ठीक की और बाहर निकल गई।
भाई भी नहा कर दुकान पर जाने को तैयार हो गया। दुकान जाने से पहले मुझे भाभी की साडी़ दे गया और ब्लाउज साथ ले जाने लगा और बोला तुम्हारे बूब्ज़ बड़े हैं तो इसको तेरे हिसाब से सैट करवा दूंगा।
तो मैंने कहा मुझे भाभी की साडी़ नहीं पहननी मेरे लिए नई लाकर दो और ब्लाउज़ स्लीवलेस होना चाहिए और पीछे से ओपन होना चाहिए।
भाई बोला कोई बात नहीं नई ला दूंगा मेरा दोस्त टेलर है शाम तक ब्लाउज बना देगा।
तो भाई ने पूछा किस रंग की साडी़ लेकर आऊं?
तो मैंने कहा कोई भी ले आना पर कपड़ा पतला होना चाहिए। मैंने भाईजान को ब्लाउज केलिए साईज़ लिख कर दे दिया।
मैं भाई की वेट करने लगी करीब 7 बजे भाई आ गया उसने अम्मी और अब्बा से चोरी मुझे साडी़ वाला लिफाफा दिया जिसको मैं अपने रूम में ले गई।
मैंने देखा उसमें बहुत ही प्यारी बेबी पिंक रंग की साडी़ थी साथ में उसी रंग की हाॉफ ब्रा और पैंटी भी थी। मैं रूम में आकर साड़ी को अलमारी में रख दिया.
अब इस बात का इंतजार था कब अम्मी अब्बा ऊपर अपने रूम में जाकर सोते हैं। हमने खाना वगैरह खाया और अपने अपने रूम में आ गए। लेकिन अम्मी और अब्बा भाई के रूम मैं बैठे टीवी देखने लगे और भाई से बातें कर रहे थे।
उनको लग रहा था बीवी माईके गई है तो भाई को अकेलाफन महसूस होता होगा लेकिन भाई तो मेरे पास आने को बेचैन हो रहा था।
करीब रात के 10:30 बजे अम्मी अब्बा ऊपर रूम में चले गए और उनके जाते ही भाई मेरे रूम में आ गया।मैंने भाई को वापिस जाने को कहा और ये कहा कि जब मैं आवाज़ दूं तब आना।
मैंने अपनी लोअर तथा टॉप निकाल कर भाई की दी हुई साडी़ पहन ली और खुद को आईने में देखा। ब्लाउज एकदम फिट था और गला काफी गहरा था जिस में से मेरे आधे बूब्ज़ बाहर निकले हुए थे।
साडी़ का पल्लू बहुत पतला था जिस में से मेरा पेट और नाभि दिखाई दे रही थी। साथ में मैंने हाई हील सैंडिल पहन लिए और गुलाबी रंग की लिपस्टिक होंठों पर लगा कर बाल खुले छोड़ लिए। चूत के बाल शाम को नहाते टाईम ही साफ कर लिए थे और अब थोडा़ से परफ्यूम लगा लिया ताकि माहौल और भी सेक्सी बन सके।
ये सब करने के बाद मैंने भाई को आवाज दी भाईजान आ जाओ और वो उसी टाईम दरवाजा खोल कर अंदर आ गया।
अंदर आते ही भाई बोला आब तो बहुत महक रही हो सानिया और बहुत सेक्सी भी लग रही हो।
मैंने कहा भाईजान जब चुदाई करवाती हूं तो ऐसे ही सेक्सी बन कर जाती हूं।
भाई बोला तेरे लंड चूसने के अंदाज से ही मुझे शक हो गया था तू पहले भी चुदी हुई है और जब बाथरूम में तेरी चूत में लंड डाला तो तुझे बिल्कुल भी दर्द नहीं हुआ तब यकीन हो गया था कि तू बहुत चुद्दकड़ है।
मैंने कहा वो तो मैं हूं अगर इस उम्र में चुदाई का मजा नहीं लिया तो क्या किया।
भाई ने कहा बात तो तेरी सही है इस उम्र में ही चुदाई की आग ज्यादा भड़कती है और मुझे भाईजान नहीं शाहिद बुलाओ अच्छा लगता है।
मैंने कहा ठीक है शाहिद अकेले में शाहिद और लोगों के सामने भाईजान।
भाई बोला एकदम सही लोगों के सामने नाम से बुलाने लगी तो लोग सोचेंगे कि कि छोटी बहन अपने से पांच साल बड़े भाई को नाम से क्यों बुलाती है।
भाई मेरे करीब आया और मेरे बूब्ज़ पर हाद रख कर दबाने लागा और अपने होंठ मेरे होंठों पर रखकर चूमने लगा।
मैंने कहा थोड़ा ठहरो पहले अच्छे से मूड तो बना लो।
तो मैंने राज की दी हुई सेक्स की गोलियां संभाल कर रखीं थीं। मैंने उसमें से दो निकाल लीं और शराब की बोतल निकाल ली साथ सिगरेट का पैकेट भी निकाल लिया।
मैंने कहा शराब के दो दो पटियाला पैॅग लगाते हैं , ये सेक्स की गोली खा कर सिगरेट फूंकते हैं फिर चुदाई का मजा कई गुना ज्यादा आएगा।
तभी भाई बोला तुझे पता है न शराब हमारे मजहब में हराम है.
तो मैंने कहा जो हम ने सुबह किया और आब करने वाले हैं उसको भी हर मजहब में हराम ही माना जाता है। सगे भाई बहन को आपस में चुदाई करने से सर मजहब मना करता है ,फिर भी 80% से 85% सगे भाई बहन चुदाई करते हैं। अगर आप ये सब लेकर भाभी की चुदाई करते तो उसको भी ज्यादा मजा आता और आपको भी। मैं दरवाजे की दरार से आप दोनों की चुदाई रोज देखती थी, आप जल्दी ही झड़ जाते हो तभी भाभी को ज्यादा जोश नहीं आता।
भाई बोला ये बात भी तुम्हारी बिल्कुल ठीक है, चलो आज इसको ट्राई करके देखते हैं कोई फायदा होता है या नहीं और अगर फायदा हुआ, तो तेरी भाभी को ये सब लैने के बाद ही चोदा करूंगा।
मैंने कहा ये गोली ज्यादा मत लेना इसका असर 36 घंटे रहता है। मैंने दो गिलास में शराब डाली और पानी मिला दिया। मैंने पहला पैॅग बड़ा बनाया था ताकि भाई को अच्छा नशा हो जाए।
हमने चीयर्स किया और मैं एक सांस में ही पूरा गिलास पी गई और साथ में गोली भी खा ली।
बाकी इंडियन सेक्स स्टोरी इन हिन्दी पढ़िए इस अगले पार्ट में, जो जल्दी ही आपको पढने को मिलेगा, सिर्फ देसी कहानी पर!