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Sache pyaar ki talash me chudai-1

और बबुआ लोग केसन बा? हमर नाम रोहन है। हम बिहार के छपरा जिला के एक गांव से है। क्योंकि ये कहनी सभी लोगो को समझे इस लिये हम नार्मल हिंदी में ही लिखने का कोसिस करेंगे। कहानी लंबी है पर आपन लोग को मजा आएगा।

तो बात ऐसे है कि हमारी पुरी जिंदगी हमार छोटे से गाँव मे ही बीती है। जहा हमारा 2 बीघा खेत है और एक नाऊ की दुकान। हमार शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में ही हुई।

जब मैट्रिक में हम जिला टप किये तो पिताजी को लगा बबुआ को इंजीनियर बनाया जाए। तब से हमउ लगे रहे इंजीनियरिंग निकलने खातिर। दू साल बहुत रगड़ा। साल भर तो साहूकार के खेत मे जा के दूध वाली की लड़की की सेठ के लड़कों चुदाई भी नही देखी।

ये हम गांव के दोस्तो का मनोरंजन हुआ करता था। सुरेश का घर दूध वाले भैया के घर के सामने था तो जब भी रिंकी दबे पैर निकलती थी तो वह हम दोस्तो को इकट्ठा कर के साहूकार के खेत ले चलता था। जहाँ रिंकी को सेठ के लौंडे रंडी की तरह चोदते।

ये हम आठवीं से करते आ रहे थे तब तक गांव में 4G कहा ही आया था। हुम लौंडे रिंकी को चुड़ता देख हिला लेते थे। सुरेश ने ही सभी लौंडो को आपस में मुठ मरना सिखाया था।

रिंकी की सावले जिस्म पर उसकी मोटी चुचिया देख कर हम लोगो ने बहुत हिलाया है। उसकी झाट इतने सालों में कभी नही हटी तो चूत देखने का कभी अवसर नही मिला।

उसकी मोटी मोटी झाट देख के ही दिल खुश हक जाता था। चुदने के बाद वो पासीने से तर बतर होके काफी देर तक वही पड़ी रहती थी। और फिर अपना घाघरा चोली लहँगा लेके अपनी मोती मोटी गांड और चुचिया लेके पूरे गांव में हिलाते हुए चली जाती थी।

खैर दो साल की मेहनत के बाद रिजल्ट आया तो एक बहुत ही बड़े शहर के एक बहुत ही बड़े कॉलेज में हमारा नाम आया। गांव का बबुआ अब चल दिये “बिदेश”।

कितने सपने थे उस समय हमारे जिगरे में। पिताजी और माताजी के साथ हम जब हम कालेज पहुचे तो लगा ई कोंन देश में आ गये। लौंडिया लोग निक्कर में घूम रही है। उनका बनियान दिख रहा है।

लौंडा लोग अलग अपना गाड़ी बाजी कर रहा है। लगा ही नही के देस के सबसे बड़े कॉलेज में आये हो। जब हमें हमारा कमरा मिला तो सबको बैठाए सबने हमारी पढ़ाई अच्छी हो इसकी बधाई दी और अगले दिन चले गए। हम जब पहले दिन कक्षा में गये शहरी लोग हमारा खूब मजाक बनाये। हम बहुत रोया। पूरा एक साल हमरा कक्षा में जाने का एको दिन मन न किया।

लेकिन कैसे ना जाते। हमारे कक्षा जाने का एकौ काराण था उ का नाम था इशिता। ऐसी लड़की तो हमने कभी सिनेमा में भी नही देखा था। और हम तो ठहरे गांव के दिहती आदमी, शहरी लड़का लोगो ने भी नही देखा था। सब उसके आगे पीछे लगे रहते। वो थी भी तो इतनी कंटाप।

उसका गांड का डिजाइन कोनो लाइट बल्ब की तरह मोटा था। जितना नीचे जाओ उतना मोटा होता जाए और अंत मे एक सर्किल बना ले। उ कपड़ा भी ऐसे पहने की सब उका गांड ही देखत रहे। उका पेंट या जीन्स नाभी के भी ऊपर तक जाये।

जिससे उसकी पतली कमर पर भी लोग ध्यान दे। उसे ऊपर उसके लमबे सुनहरे घुंगराले बाल। और मोटे मोटे बबले। हम तो जिंदगी में सिर्फ रिंकिया का बबले देखे थे जो गांव में सबसे बड़े थे। इके तो उससे भी बड़े थे वो भी तब जब अंदर उसने ब्रा पहनती थी।

हम कक्षा में काम और उसका गांड और चूची देखने में ज्यादा वक्त बिताते थे। वो भी सबसे हस मिलके रहती थी लड़का लोग तो बात बात पे उसका गांड पे हाथ सेक लेता था। हममें इतना भी हिम्मत नही था कि उससे बात कर पाए।

जब पहली साल का रिजल्ट आया तो हमने दूसरा स्थान प्राप्त किया था। वो आई थी हमे बधाई देने और गले लगा के चले गई। हमे तो पता ही नही चला कि साला हुआ क्या? उसके दोनों हाथ हमर गर्दन पे और उका चूची हमारे सीने पे पूरा टच क्या रगड़ के गया। उसी दिन हम उसके प्यार में गिर बैठे। जब वो जा रही थी हम तो उका हिलता गांड और कमर और बाल ही देखते रह गए। अब लगा साल टॉप करलेते तो शायद पप्पी भी मिल ही जाती।

हम ट्राय किये उसके बाद उससे बात करने खातिर पर कर नही पाए। उसके लिये ये सब बहुत चोटी चीज़ होगी। और ट्राय करते करते दूसरा साल भी निकल गया। ई साल हम तीसरे स्तहन पर थे। वो फिर से गले लगा के चली गयी।

आप लोगन को बोर तो नही लग रहा? अरे हमर ज़िंदगियां बोर थी। अब तक। अब कुछ ऐसा होने वाला था कि हमार जिंदगी 180° पलट गई। तो हुआ उ की पांचवे सेमेस्टर में कुछ ऐसे विषय आ गाये थे कि सबका गांड ही फट गया था। सिवाय हमारे। हमारा गाडित तगड़ा था। तो हम पहले एक लड़का फिर दो लड़के फिर कुछ और लड़का लोगो को पढ़ने लगे।

ई बात जंगल की आग की तरह फैल गयी और सभी लौंडे लौंडिया हमसे पढ़ने आने लगे। रात को हम क्लास चले जाते और प्रोफेसर की तरह सबको पढ़ते। एक रात में हम इतना पॉपुलर हो गए कि सब लौंडिया लोग हमसे पढ़ने आने लगी और हमसे अच्छे से बात भी करने लगी। सिवाय एक एक।

इशिता हमारी क्लास में नही आती थी क्योंकि वो कैम्पस में नही रहती थी। उसके पिताजी जो कि यूएस में थे इशिता को एक पेन्ट हाउस अपार्टमेंट दे दिया था समुन्दर के पास। जिसमे वो रहती थी और अपनी ऑडी से आती जाती थी।

एक दिन वो क्लास भर हमे ही टुकुर टुकुर ताके जा रही थी। जब क्लास खत्म हुई तो बाकी लड़की लड़का लोग हमें घेर लिये और सवाल पूछने लगे। हुम जब सबको डाउट क्लियर कर दिए तो वो आ गयी। अपने सीने में एक किताब लगाए। उसने इतनी ज़ोर से किताब दबाई हुई थी कि उसके बूब्स बगल से निकल रहे थे। मैं उठने ही वाला था कि उसने बोला :

“हाई रोहन। ई आम हियरिंग आ लॉट ऑफ ग्रेट थिंग्स अबआउत यु। विल यु तीच मि दीस सब्जेक्ट्स अस वेल?”

“शुर इशिता आप फ्री कब हो”

उसने किताब मेरे टेबल पे फेक और कहा ; “आई एम फ्री नाउ”

इतनी भूख लगी थी फिर भी मैंने उसके पढना चालू किया। हम दोनों अकेले क्लास में थे। वो मेरे इतने पास थी कि मैं उसके बालों की खुशबू सूंघ रहा था। उसकी महक किसी विदेशी फूल सी थी। उसके चेहरे पे उसका चश्मा उसे और कामुक बनाता था। बिल्कुल मिया खलीफा लगती थी वो उस चश्मे में।

मैंने नज़र नीचे गिराई तो उसकी छोटी सी स्कर्ट के निचे उसके गोरे और स्मूथ लेग्स देख के कितना ही अच्छा लग रहा था। मानो मेरी लॉटरी लग गयी हो। फिर क्या था?

उस दिन के बाद से हम रोज़ क्लास में अकेले बैठते पड़ते। वो मुझसे पढ़ती और मैं उसे पढ़ने की आड़ में उसके चुचे और गांड और पैर ताड़ता।

कभी कभी उसके हाथ मेरे हाथों से छू जाते। तो कभी मेरी कोहनी गलती से उसके चुचो पे लग जाती। लेकिन वो कुछ नही कहती। वो जितनी खूबसूरत थी वो उतनी होशियार भी थी।

धीरे धीरे हमारे कॉलेज का एनुअल फेस्ट भी नज़दीक आता गया। मैं कभी इन फेस्ट में नही जाता था क्यों कि सब लोग अबनी बंदी लेके जाते थे और मजे करते थे। मैं किसके साथ ही जाता? लेकिन इस बार सभी मुझे कॉलेज फेस्ट पे जाने को कहने लगे। तो मैंने भी बोल चलो फिर।

कॉलेज फेस्ट अलग ही चीज़ थी बड़े बड़े लोग आके गाने गत्ते थे dj आते थे। इस बार जब मैं गया तो देखा मेरी क्लास की लड़कियां सब नाच रही अपने अपने प्रेमी के साथ। उनके नाचते हुए बबले हिल रहे है गांड हिल रही है।

तभी एक लड़की आभा ने मुझे पकड़ा और मेरे साथ नाचने लगी उसने मेरे हाथ अपनी कमर पे रखा और मुझे भी नाचने लगी। उसने मेरा मु पकड़ा और मेरे को एक शॉट्स पिला दिया। मेरा तो पूरा गर्दन जल गया बहनचोद। मुझे भी गुस्सा आया तो मैने उसकी गांड अपनी तरफ किया और ज़ोर से दबा दिया। वो मुझसे और भी चिपक गयी खुद से ही।

दूसरों ने जब ये देखा तो एक लड़के ने मुझे एक बियर दी और उसको भी। हम पीने लगे और नाचने लगे। आभा के चुचे मेरे सीने में रगड़ रहे थे। मुझे महसूस हो रहा था कि उसके निप्पल्स कड़क होक मेरे सीने पे रगड़ रहे है। वो भी मेरे लंड को अपने हाथ से दबा रही थी। मेरा तो होश उड़ता जा रहा था।

आभा ने मेरे कान में बोला “लेटस गो सोम व्हेरे एलस” और मुझे खींचते हुए कैंपस ले गयी। वहां उसने हाल में ही मुझे चूमना चालू कियाऔर हुम दोनो एक दूसरे को किस करने लगे।

हमारी ज़बान एक दूसरे के अंदर थी और मेरा लंड बाहर उसके हाथ में हम नशे में चूर उसके बोबे दबा रहे थे। तभी हमे शीशे टूटने की आवाज़ आयी। आभा ने आगे बढ़ के देखा कि आवाज़ कहा से आई।

मैने भी उसके साथ आगे गया तो देखा नीचे वाले फ्लोर पे हाल में इशिता किसी लड़के के साथ चूमा चती कर रही है उसका एक बूब उस आदमी के मु में था और उसकी उंगलियां उसकी स्कर्ट के अंदर शायद उसकी चूत में। आभा ने मुझे धक्का दिया और एक टूटी हुई दारू की बोतल की तरफ इशारा किया।

आभा ने बोला “रोहन लेटस गो। इशिता होश में नही है उसने पी हुई है शायद”

मैं खुद नशे में था मैंने बोला “तुमने भी तो पी हुई है”

उसने सीढियो पे मुझे बताया कि उसको 3 बॉटल काम मे नही चढ़ती और उसने मुझे इस लिये पिलाई क्योंकि उसे मेरे साथ मज़ा आने लगा था।

हम इशिता के पास पहुचे तो आभा ने अपना फ़ोन निकल के वीडियो बनना चालू कर दिया और शोर मचा दिया लड़का एशिया का दोस्त था और भांड था। वो हटता कट्टा था और लंबा भी मेरी तो गांड फट गई लेकिन आभा ने उसको एक तमाचा रसीद दिया और धकेल दिया।

मेरे को कुछ समझ आता इससे पहले वो लौंडा निकल गया और मैं देख पाता इससे पहले उसने इशिता का बूब पकड़ के अंदर कर दिया शायद। वो हास् रही थी नशे में। आभा को किस करने की कोशिश करने लगी।

आभा ने बोला कि उसको सपोर्ट करे। इशिता उल्टियां कर रही थी मैं उसका समान पकड़ा हुआ था और आभा उसके बाल पकड़े हुईं थी फिर हम दोनों उसको लेके पार्किंग चले गए और किसी तरह उसे कार में पीछे बैठाया। आभा ने उसे सीट बेल्ट पहनाया।

“अब क्या?”

“अब क्या क्या मतलब? गाड़ी चलानी अति है तुम्हे”

मैने कहा नही। उसने चाभी ली और मुझे आगे बैठने को कहा..

“लेकिन हम जा कहा रहे है?”

“इशी को उसके फ्लैट पे ड्राप करने”

“तुम्हे गाड़ी चलानी आती है?”

“हा इजी है। ऊपर से ये आटोमेटिक है देखो”

“लेकिन तुम तो लड़की हो….” और उसने मुझे गाल पे जड़ दिया। इतना मीठा सा थप्पड़। और शायद पहली बार मैंने आभा को इतनी गौर से देखा।

उसके लंबे काले सीधे बाल , इशिता से शायद 4% ही काम गोरी होगी उसके होठ पर फैली हुई लिपस्टिक जिसके लिए शायद मैं ही जिम्मेदार था। गाड़ी चली और जब हम समुंदर कर पास पहुचे आभा ने छत की खिड़की खोल दी वो समा ही कुछ और था।

मैं आभा को ही देखते जा रहा था। साला 3 साल में कभी इसपे नज़र क्यों नही गयी? अछि खासी लंबी थी। मुझसे भी लंबी। कॉलेज के लड़के इसके पीछे भी हाथ धो कर ही पड़े थे नशे की हालत में मेरे से कुछ सोच नही जा रहा था।

हम लोग रात में किसी तरह उसके फ्लैट पर पहुचे। तो गॉर्ड साहब ने बोला कि 62वी मंज़िल पे फ्लैट है इशिता का। हम उसको लेके फ्लैट पे गए। लिफ्ट चेंज की और जैसे ही हम लिफ्ट से उतरे। दो लोग आ कर इशिता को पकड़ लिए और लेकर चले गए।

मैंने नज़र घुमाई तो उसकी माँ दोनो नौकरो को उसको रूम में लेजाने को बोल रही थी। मैन नज़र घुमाई तो देखा बेहेन्छोड क्या घर था कि जन्नत। जैसे किसी पिक्चर का सेट हो।

मैं गांव का लड़का घर ही देखता रह गया कि आभा ने मेरा हाथ खींचा और बोला “एम ए रिव्हत रोहन?”

पता नही किस बात का मैंने भी बोल दिया “हा हा यस आंटी” आंटी का चेहरा लाल हो गया।

आभा मेरे को आँखे दिखाने लगी। साला अब क्या कर दिया मैंने। आंटी ने बोला “जस्ट कॉल मी सुमन, बेटा” और मैं उन्हें ऊपर से निचे स्कैन करने लगा। उन्होंने बोला कि हम उन्ही के साथ उस रात के लिए रुक जाए।

मैंने आभा से पहले ही बोल दिया “थैंक यू आंटी”। आभा ने अपनी आँखें ऊपर कर ली।

आभा ने बोला कि वो इशिता के साथ सो जाएगी, फिर भी ऑन्टी ने उसे अपना अलग रूम में भेज दिया और मुझे अलग।

साला क्या ही रूम था। जैसा पिक्टरों या TV पे देखता था मैं। मैं खुद बिस्तर पे। बाप रे बाप साल क्या ही बवाल चीस थी इतनी मुलायम जैसे हवा मे हु मैं। मेरा लंड खड़ा हो रहा था। मेरे को अब थोड़ा थोड़ा आंटी का मतलब सुमन का फिगर याद आने लगा।

इशिता के चुचे और गांड उसकी माँ पे ही गये है। क्या उम्र होगी सुमन की? फिरभी इतनी फिट? और इतने बड़े चुचे! सच बताऊ इतने बड़े तो कभी सोचे भी नही थे सुमन के चुचे f cup इशिता के शायद DD थे और आभा के द थे और सुमन का फिगर एकदम माधुरी जैसा।

इस उम्र में भी क्या माल लग रही थी। इशिता की बड़ी बहन ही लग रही थी। ऊपर से अंग्रेज़ो की तरह रात में पायजामा और मैचिंग शर्ट पहनी थी। चुचे तो जैसे बस वो शर्ट फाड़ने ही वाले हो। मुझे पता भी नही चला कि मेरा लन्ड मेरे हाथ मे था और मैं उसे हिला रहा था।

“अअअअअअ सुमन! ऊऊऊम तेरे चुचे।”

तभी ऐसा लगा कि कोई दरवाज़े पे धीरे धीरे खटकता रहा था। मैंने लंड अंदर किया और दरवाज़ा खोला। आभा बाहर खड़ी थी उसने मुझे धक्का मारा और साइड से अंदर आ गयी। मैंने दरवाज़ा लॉक करना ही समझदारी समझ।

“व्हाट ए क्रेजी नाईट रोहन”

मैंने कुछ नही बोला। बाहर चांद की रोशनी रूम में आ रही थी और आभा और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी। लंबी, हद्द गोरी, 32 का सीना और D कप चुचे 26 की कमर और 36 कि गंड। उसके चेहरे पर उसके बाल जिसे वो धीरे से अपने कान के पीछे कर रही थी।

वो बोलती ही जा रही थी कुछ मुझे आज भी नही पता क्या। फिर वो रुकी। उसने अपने बाल पीछे बंधे और मेरी तरफ आयी और मेरी गाल पे एक किस दिया और बोली “थैंक्स।” और दरवाज़ा खोल के चली गयी।

साला क्या हुआ ये? नशे ने गांड ही मार ली आज मेरे। दरवाज़ा बन्द करने ही वाला था कि एक दम से दरवाज़ा खुला और किसी ने मुझे धक्का दिया मैं आधा जमीन पर गिर और सिर बेड पर और और कुछ समझ आता आभा मेरे ऊपर थी और पागलो की तरह मुझे चूमे जा रही थी।

मैं भी उसकी बॉडी को पूरा फील कर रहा था अपने हाथों से। और हम दोनों सरक के जमीन पे गिरे। मैं बेड से ज़मीन पर टेक लगाए हुए था वो मेरे ऊपर बैठी हुई थी मैंने अपने हाथ नीचे किये और उसके जीन्स शॉर्ट्स से उसकी काली टीशर्ट खींचने लगा।

उसे ऊपर उठाने लगा उसकि शॉर्ट्स ने उसकि नाभि छिपी हुई थी पर जैसे जैसे मैं टीशर्ट उठता गया उसका गोरा बदन उसकी काली स्पोर्ट्स ब्रा उसके स्ट्रैप्स और जब उसने अपने सिर से उर के फेका मैं उसके मममो में घुस गया।

बेटी छोड़ इतने बड़े बूब्स केबीच में मैंने सिर घुसा दिया वो हास् रही थी “रोहन वैट” उसने खुद ही अपनी ब्रा उत्तर दी और फेक दी। पर वो उतरनें में जो उसके भारी बूब्स गिरे है ना मत पूछो बस। उसके गुलाबी निप्पल्स देख के मैं पागल गया और मु में लेके उसे चूसने लगा।

आभा मेरा सिर अपने मे घुसा रही थी और जीन्स के ऊपर से ही अपनी चूत रगड़ रही थी। मैं एक हाथ से उसका दूसरा बूब दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसके जीन्स के अंदर हाथ डाल के उसकी गंड। वो उछाल रही थी मेरे कंट्रोल में नही आ रही थी।

तो मैंने उसे उसकी गंड पकड़ के उठाया और बेड पे पटक दिया वो अपनी कोहनी की बल पे थोड़ी सी उठी मुझे देखने के लिए मैंने अपनी शर्ट उत्तरी और उसके ऊपर चढ़ गया और किश मारने लगा उसे। फिर उसके गले पे बिट्स। नीचे उसके बूब्स चाट रहा था।

उसके दोनों बूब्स चाट चाट के गीले कर दिये और फिर नींचे गया उसके शर्ट्सका बटन खोला ओर ज़िप नीचे की। उसने ब्लैक कलर की शामे ब्रांड की पन्ति पहनी थी।

मैन शोट्स और पैंटी को एक साथ पकड़ा और एक साथ ही खींच के उत्तर दिया। मेरा मु खुला का खुला रह गया। क्या माल थी वो। उसका पेट एकदम चपात और ऑवर गिलास फिगर। और गोरी चूत पे एक भी बाल नही। मैंने उसकी चुत को चाटना चालू किया।

वो मेरे बाल पकड़ के मुझे इंस्ट्रुक्शन्स देने लगी। “यस रोहन लिक इट। यस यस यस आह आह डीपर। लिक इट क्लीन गुड बॉय”

मैं पागलो की तरह उसकी गोरी चुत चैट रहा था। तभी उसकी बॉडी अकड़ गयी और उसको जैसे मिर्गी लग गयी। मेरी गंड फैट गयी थी। वो पूरे पसीने में थी। उसके सीने पर पसीना था उसके बूब्स पर उसके पूरे जिस्म पर। मेरी उसकी मिर्गी से गंड फटी हई थी। वो 1 मीन वैसे रही।

फिर मेरी तरफ दकी और स्माइल की। ओर उंगली हिला कर मुझे बुलाया जैसे ही मैं पास आया वो बेड पर आगे बैठ गयी और मेरा जीन्स का बटन और ज़िप खोलने लगी और मेरा लन्ड निकल दिया।

“रोहन गेट इट ऑफ। उतारो ये सब”

मैने आपनी जीन्स ओर कच्चा उत्तर ही था कि उसने मेरा लन्ड पाण्ड के खींच लिया और सहलाने लगी मुझे देख के

“कैसा लग रहा है बेबी?”
“बहूत अच्छा आभा करती रहो”

लेकिन उसने मेरा लंड अपने मु में ले लिया। क्या फ़ीलिंग थी वो। मैं उसका सिर पकड़ के गईड कर रहा हु। थोड़े थोड़े झटके भी मार रहा हु।

“ऊऊऊ आभा यस आभा। ई लव यू बेबी। अअअअअह”

वो मेरी गंड पकड़ ली और गले तक लन्ड लेने लगी। मेरे से रहा नही गया और मैंने उसके गले के अंदर ही अपना सडका मार दिया। मेरे होश उड़ गए थे।

थोड़ी देर बाद होष आया तो देखा मेरा लन्ड अभी भी आभा के मु मे हौ। वो उठी और उसने मुझे किस करना चालू उसने मेरा एक हाथ ज़बरदस्ती अपने बूब्स पर रखा और दूसरा अपनी चुत पे घुसा के खडे ख़ड़े दोंनो टैंगो के बीच मे।

मैंने भी अपनी उंगलियां डाल दी उसकी चुत में अंदर तक और रगड़ने लगा मेरे लन्ड में नई जान आ गयी और मेरा टोपा उसके पैरों में गाड़ने लगा “आ आ निकालो बहनचोद आआह नाखून आआ” मैंने डर के मरने उंगलिया निकाल ली लेकिन उसकी गंड पकड़ के मसल दी। वो भी चूमा चती करने लगी।

मैंने अपना लन्ड अपने एक हाथ मे लिया और धीरे धीरे उसे बेड की तरफ ले जाने लगा। उसने मुझे रोका और अपनी जीन्स शॉर्ट्स खोजने लगी जब वो झुकी हुई थी अपने कपड़े उठाने उसकी नंगी गोरी पीठ देख के रहा नही जा रहा था। और उसकी टाइट मोटी गांड देख के मन कर रहा था बस घुसा दु।

उसनें अपनी जेब से कॉन्डोम निकाला और मुझे लेटने का इशारा किया। मैं लेता ही था कि उसने मेरा लन्ड लिया और टोपे पर कंडोम रक के लन्ड पे चढ़ा दिया। फिर पूरा लन्ड मु में लेके चूसने लगी। और फिर मुझे किस करने लगी।

मुझे फील हुआ मेरा लन्ड किसी चीज़ से सटा हुआ है। जो धीरे धीरे मेरे लन्ड को खा रहा है। मेरा टोपा आभा की चूत के अंदर था और पूरा लंड धीरे धीरे से अंदर जा रहा था। उसकी चुत किसी भट्टी की तराह गर्म थी मेरा लंड जल रहा था। मैं देख राह था कि आभा आँखे बंद करके मेरे लंड ले रही है।

तभी उसने उछल के एक झटका मार। “आह आभा यस” फिर क्या था आभा उछाल उछाल के मेरे लंड के मज़े लेने लगी।

मैं कभी उसके मुममे चुस्ता तो कभी उसे किस करता। तो कभी उसकी गंड पे थप्पड़ मरता। मैने उसके बाल भी खोल दिये अब वो फुल मस्ती मे चुद रही थी।

काफी देर बाद जब वो थकने लगी। मैने उसको पलटा और घोड़ी बना दिया। और मज़े से आभा की सवारी करने लगा। एक हाथ से उसके चुचे दबाता दूसरे से उसकी गंड पर कहते देता। वो मस्त होकर चीख चिल्ला रही थी।

मेरे भी घुटनो में आर जांघो में दर्द होने लगा मैन अपना लंड निकाला तो तो पीठ के बल लेट गयी और टंगे फैला ली। मैन भी उसकी चुत मे लन्ड डाल के उसके ऊपर लेट गया और पूरे दुम से उसे चोदने लगा। गद्दा ज़िमी चु रहा था।

आभा अपने मु पर हाथ रख के आपनी चीखें रोक रही थी। मेरे से अब रहा नही जा रहा था आभा भी शायद समझ गयी थी। उसने पनि टैंगो से मुझे ब्लॉक कर दिया मेरे से भी रहा नहीं गया और मैन उसके अंदर ही अपना सडका मार दिया। और उसके ऊपर गिर पड़ा।

न जाने कितनी ही बार हमनें एक दूसरे को किस किया और एक दूसरे को “आई लव यु” बोला। पता नही कब हम वैसे ही सो गये।

ये कहानी अभी जारी रहेगी! आपको ये कहनी कैसी लगी? ज़रूर बताये।

story.dk@protonmail.com

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