पिछला भाग पढ़े:- सासू जी की चूत का पानी पिया-1
सासू मां की चुदाई का अगला पार्ट आ गया है। चलिए शुरू करते है-
अब मैं नीचे बैठ गया, और सासू जी के काले भोंसड़े को चाटने लगा। तभी सासू जी मेरे बालों को खींचने लगी।
“आहा उन्ह्ह्ह चाटो मेरी चूत, आहा उन्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह दामाद जी आहा। बहुत आग लगी है मेरी चूत में आह।”
“ओह्ह्ह खा जाओ मेरी चूत को आहा।”
वो उनके काले भोंसड़े को चाटने से पागल सी हो रही थी। मैं सासू जी के भोंसड़े को चाट रहा था।
“आहा उभ्ह्ह्ह्ह सिस्सस्ड आहा।”
तभी सासू जी ने मुझे उनके भोंसड़े पर दबा दिया, और सासू जी का पानी निकल गया।
“अब बेटी के बाद उसकी मम्मी का भी पानी पियो दामाद जी आहा।”
फिर मैंने सासू जी के भोंसड़े का पूरा पानी पी लिया। अब मेरा हथियार फिर से सासू जी की फाड़ने के लिए तैयार खड़ा था। मैंने सासू जी के भोंसड़े के दरवाजे पर लंड खड़ा किया, और फिर उनकी टांगो को पकड़ कर चोदने लगा।
“आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह आह आहा आह आह आहा आईईईई। आप तो मेरी बेटी की जान निकाल देते होंगे आहा आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह।”
“आपकी बेटी भी खूब चुदती है सासू जी।”
अब मैं सोफे पर बैठ गया।
“सासू जी अब आपका भी कुछ अनुभव दिखाओ।”
तभी सासू जी मेरे लंड पर बैठ गई, और भोंसड़े में लंड सेट कर चुदने लगी।
“आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह आह आहा क्या लंड है दामाद जी आहा आहा। आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह ऐसे लंड से मैं रोज चुदाना चाहती हूं दामाद जी।”
“मैं अब यहीं रुक जाता हूं सासू जी।”
“आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह हां रुक जाओ दामाद जी आह।”
सासू जी जम कर मेरे लंड पर कूद रही थी। उनकी धमाकेदार उछल कूद से चूचे उछल रहे थे।
“आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह।”
तभी सासू जी की चूत झड़ने लगी। अब वो एक-दम से ढीली पड़ गई। अब मैंने सासू जी बेड पर पटका और उनके भोंसड़े में लंड रखा। अब मैं बेड से नीचे खड़ा होकर उनके भोंसड़े को चोदने लगा।
“आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्सस्स आहा ओह्ह्ह्ह दामाद जी आहा आहा। खूब चोदो आपकी सासू जी को आहा आहा।”
“हां सासू जी आहा बहुत तगड़ी माल हो आप।”
“आहा आईईईई आज इस माल को बजाने वाला बड़ा खिलाड़ी मिला है।”
“हां सासू जी।”
“आह आईईईई उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स आह आहा उह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह मम्मी। आहा आहा चोदो आहा आईईईई।”
मैं सासू जी को धमा-धम चोद रहा था। आज मिले मौके का मैं पूरा फायदा उठा रहा था। मेरे लंड की जोरदार ठुकाई से सासू जी के चूचे उछल-उछल कर पड़ रहे थे।
“आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह आह आहा।”
तभी सासू जी का भोंसड़ा बहने लगा, और उसका गुलाबी हिस्सा दिखने लगा।
“आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह।”
“सासू जी आपका भोंसड़ा बाहर से भले ही काला है, लेकिन अंदर से एक-दम गुलाबी फूल है।”
“आह आह उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स।”
अब मैंने सासू जी को वापस बेड से नीचे उतारा और उन्हें मिरर के पास ले आया। अब मैंने सासू जी को घोड़ी बना लिया। अब मैंने सासू जी कमर पकड़ी, और फिर उनके भोंसड़े में लंड ठोक कर चोदने लगा।
“आह आहा आईईईई उभ्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह दामाद जी। जम कर बजाओ इस माल को। आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स।”
“आज बेटी के पति से चुदने में बहुत मजा आ रहा है आह आह।”
मैं सासू जी को मिरर के सामने झमझम चोद रहा था। मेरा लंड सासू जी के भोंसड़े में सीधा घुस रहा था। सामने मिरर में सासू जी की भाव विभोर को देख कर मैं और जोर से चोद रहा था।
“ओह उन्ह ओह सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह ओह सिससस आह।”
“हां मेरी रानी, आज तो तेरी खैर नहीं। बहुत मज़ा आ रहा है।”
“खूब चोद मेरे सैया। अब तो आप मेरे भी सैया हो।”
तभी सासू जी कांप उठी और उनके भोंसड़े से गरमा-गरम माल नीचे बहने लगा। अब मैं सासू जी की बहती हुई नदी में ज़ोरदार झटके मार रहा था।
“आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह ओह आह्ह आह्ह। ओह्ह्ह्ह सासू जी आह।”
अब मैंने सासू जी को उठाया, और उन्हें बेड पर ले लिया। तभी सासू जी ने मेरे हाथियार को पकड़ा, और उसे मसलने लगी।
“ओह्ह्ह्ह क्या मस्त लोड़ा है आहा। आहा दामाद जी उन्ह्ह्ह्ह। धन्य है मेरी बेटी जो उसे इतना मस्त लोड़ा मिला है।”
अब सासू जी चपाक से मेरे लोड़े को मूंह में रख ली और चूसने लगी।
“आहा चूसो सासू जी उन्ह्ह्ह्ह आह। आहा क्या सेक्सी माल हो आप आह। आहा निचोड़ दो मेरे लंड को आहा।”
सासू जी जोर-जोर से झटके मार रही थी। उनके लंबे-लंबे बाल मेरे लंड पर बिखर रहे थे। सासू जी इनके बालों को संभाल रही थी, और मेरे लंड को निचोड़ रही थी।
“ओह्ह्ह्ह मम्मी जी आहा।”
फिर सासू जी ने मेरे लंड को बुरी तरह से रगड़ डाला। अब मैंने सासू जी को वापस बेड पर पटका, और उनके बूब्स को पकड़ कर उनकी गली में लंड घिसने लगा।
“आहा उन्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह दामाद जी, आह।बहुत-बहुत बड़े चूचे है तेरे तो।”
“हां दामाद जी। आह उन्ह्ह्ह चोदो मेरे चूचों को। उन्ह्ह्ह सिस्सस्स आहा।”
मैं सासू के बूब्स को चोद रहा था। अब मैं वापस नीचे आया, और सासू जी की टांगे खोल दी। अब मैंने उनके काले भोंसड़े में लंड टिकाया, और फिर जोर से लंड ठोक दिया।
“आईईईई मम्मी आईईईई।”
मेरे लंड की धुंआधार ठुकाई से सासू जी का बेडरूम चीखों से गूंजने लगा।
“आह आईईईई उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स्स, आह आह उन्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह दामाद जी आह। आह आहा उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स आहा। आहा उन्ह्ह्ह्ह पिला दो मेरे भोंसड़े को पानी।”
“हां सासू जी।”
तभी मैंने सासू जी के भोंसड़े में लंड ठहरा दिया, और कुछ ही पलों में सासू जी का गुलाबी फूल मेरे पानी से भर गया।
“ओह्ह्ह मम्मी जी।”
अब मैं सासू जी से लिपट गया।
“आप जैसी सेक्सी माल मैंने कभी नहीं चोदी।”
“लेकिन आपने आपकी सासू जी को ही चोद दिया दामाद जी। बहुत ही दमदार लंड है आपका।”
“जब लंड में दम हो तभी चूदाई जोरदार होती है सासू जी।”
अब हम दोनो नंगे ही सो गए। फिर सुबह होते-होते मैंने सासू जी को एक बार और चोदा। फिर सुबह ससुर जी शादी से वापस आए। आपकी प्रतिक्रिया दे- कोई भी फीमेल दोस्ती करे।
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