मेरी इस इंडियन चुदाई स्टोरी में अपने पिछले एपिसोड में पढ़ा.. एक नकाब के पीछे मेरा पति मुझे कोई और औरत समझ कर चोद रहा था, पर तभी अचानक पास बेठे मेरे भाई ने मेरी चोदने की इच्छा मेरे पति को जाहिर करी, अब आगे..
अमित ने मेरे पति की तरफ देख कर प्रस्ताव रखा कि अब वो करना चाहता हैं। मैं दुआ करने लगी कि मेरे पति मेरी इज्जत मेरे ही भाई के हाथों लूटने को ना दे दे।
पर आज शायद मेरी किस्मत अच्छी नहीं थी। मेरे पति ने मेरे ऊपर से उठना शुरू कर दिया, और मैंने डर के मारे अपने दोनों हाथों से उनको पीठ को दबोच कर फिर अपने सीने से चिपका लिया।
अमित बोला – लगता हैं ये तुमसे ही चुदवाएगी, पर सबका नंबर तो लगना चाहिए, बोलते हुए मेरे हाथों की पकड़ को ढीला करने लगा।
पति भी जोर लगा के मेरे ऊपर से हट गए। पति के हटते ही मैंने करवट बदल अमित से दूर जाने की कोशिश की, पर उसने मेरा एक हाथ पकड़ ही लिया।
अमित मुझे अपनी ओर खींचने लगा, तब तक पति मेरी दूसरी तरफ आये और मेरा दूसरा हाथ पकड़ लिया।
उन दोनों ने मेरा एक एक हाथ बिस्तर से सटा के दबा के रखा था। अब उन्होंने अपने दूसरे हाथ से झपट्टा मारते हुए मेरा एक एक मम्मा दबोच लिया और मसलने लगे।
मैं अपने पाँव पटक पटक छटपटाने लगी। एक बेलगाम घोड़ी को इस तरह बिदकते देख उनको ओर ज्यादा मजा आ रहा था।
अमित ने पति को बोला “इसके पाँव पकड़” और दोनों ने मेरे मम्मे छोड़ दिए।
पति ने मेरा एक पाँव पकड़ कर बिस्तर पर ही दबा लिया। मैं अपना दूसरा पाँव पटकती रही।
अमित ने अब अपनी एक टांग लंबी कर के मेरे तड़फते हुए पाँव में लपेट कर झकड़ लिया ताकि में उसे हिला ना पाऊ।
अब उसने मेरी टांग को दूसरे से दूर करना शुरू कर दिया। मेरी दोनों टांगो के बीच का गैप बढ़ने लगा और चुत भी खुलने लगी।
अब अमित ने अपना हाथ मेरी खुली चुत पर रख दिया। अब वो मेरी चुत की दरारों में ऊँगली फिराने लगा और मैं अपने आप को छुड़ाने की नाकाम कोशिश करती रही।
जिन दो लोगो को मेरी रक्षा करनी चाहिए थी वो दोनों ही अभी अनजाने में मेरे भक्षक बने हुए थे। मेरे बचने की सारी आशाएं अब संजू पर थी, पर वो मेरी भाभी के ऊपर निढाल सा पड़ा था।
अमित अपनी ऊँगली ओर भी नीचे ले गया और मेरी चुत के छेद के आस पास गोलाई में फिराने लगा।
दो तीन बार गोल गोल फिराने के बाद उसने अपनी ऊँगली का ऊपर का एक हिस्सा मेरी चुत में घुसा दिया। जिससे मेरी एक जोर की आह निकली। अगले दो सेकंड में उसकी पूरी की पूरी ऊँगली मेरे अंदर उतर चुकी थी।
अब वो मेरे अंदर अपनी ऊँगली चारो तरफ फिराते हुए मजे लेते कहने लगा, “अंदर तो मौसम बहुत गर्म हैं और गीला हैं।”
फिर उसने अपनी ऊँगली अंदर बाहर करनी शुरू कर दी। मेरी ना चाहते हुए भी सिसकिया निकलने लगी।
वो दोनों हँसने लगे और बोले “अब आया न मजा इसको भी।”
तभी मेरी सिसकिया सुनकर संजू उठ गया, अपना सर ऊपर उठाते हुए अमित पर चिल्लाया “अबे छोड़ ना अमित, उसको तेरे से नहीं कराना तो क्यों पीछे पड़ा हैं”
अमित ने अपनी ऊँगली मेरी चुत से बाहर निकाल दी। संजू अब उठ खड़ा हुआ। अमित ने मेरे हाथ और पाँव पर पकड़ भी छोड़ दी। पति ने भी मुझे छोड़ दिया। और अमित बिस्तर के कोने पर जाकर बैठ गया।
मैं भी अपने घुटने मोड़ कर बैठ गयी और अपने सीने से चिपका कर अपना मुँह घुटनो के बीच छुपा लिया।
संजू ने भाभी का हाथ पकड़ कर उनको भी उठाया और उनको बोला “चलो हम वाशरूम में खुद की थोड़ी सफाई करके आते हैं।”
अमित ने अपना कंडोम निकाल कर फेंक दिया जो भाभी पर यूज़ किया था। मैंने सर उठा के देखा, संजू और भाभी कमरे के बाहर निकल गए।
तभी अमित ने अब दूसरा कंडोम पहन लिया। मैं डर गयी उसके इरादे नेक नहीं लगते।
मैं सही थी, पर कुछ समझ पाती उससे पहले ही अमित पीछे मुड़ा और पति से बोला “संजू गया, अब लेते हे इसकी फिर से”।
उन दोनों ने मुझे फिर से पकड़ लिया, मैंने विरोध किया। उन्होंने मुझे घुटनो के बल बैठाया और मेरी पीठ को दबाते हुए मुझे मुँह के बल नीचे झुका दिया।
मेरा मुँह मास्क सहित बिस्तर से चिपका था और पति ने पीठ से दबा कर मुझे वहां चिपका ही रहने दिया।
अमित अब मेरे पिछवाड़े आ गया था और मेरे दोनों कूल्हो को अपने हाथों में भर लिया। उसका कड़क लंड रह रह के मेरे नितंबो को छू रहा था।
अब शायद वो घड़ी आ चुकी थी जब भाई बहन का रिश्ता तार तार होने वाला था। एक पाप होने वाला था। मेरी आँखों के सामने एक पिक्चर रील चल रही थी जिसमे मेरे पिछले सारे कांड चल रहे थे।
मैं आज जिस स्तिथि में थी उसकी जिम्मेदार शायद मैं ही थी। आँखों के सामने चलती हुई वो पिक्चर अचानक थम सी गयी, जब मैंने एक कड़क मांस का लोथड़ा मेरी चुत में धीरे धीरे घुसते हुए महसूस किया। मेरी दिल की धड़कने कुछ सेकंड्स के लिए रुक सी गयी थी। भाई बहन के रिश्ते पर दाग लगा गया था।
अमित का लंड पूरा अंदर तक आ गया था और मेरी बच्चे दानी को थपकी मारते हुए फिर धीरे धीरे बाहर आने लगा। पूरा बाहर आने से पहले ही वो रुक गया और एक बार फिर रगड़ करते हुए अंदर जाने लगा। मेरी रुकी धड़कने एक बार फिर चलने लगी।
मुझे उन दोनों की हंसी कही दूर से आती हुई सुनाई पड़ रह थी, जब की वो दोनों मेरे पास ही बैठे थे।
अमित मुझे पीछे से जोर जोर से चोद रहा था और लाचारी में मेरे मुँह से अनायास ही निकल गया “बहनचोद”। जो कि एक कड़वा सत्य भी था।
गाली सुन उसको ओर जोश आ गया और वो ओर भी जोर के झटके मारने लगा।
इस सच को स्वीकारने के अलावा मेरे पास कोई ओर चारा न था। अमित के लंड के अंदर बाहर जाते झटको के साथ मेरा सारा विरोध और छटपटाहट धीरे धीरे शांत हो चुकी थी।
अब विरोध करने के लायक कुछ बचा ही न था। पति ने भी मेरी पीठ पर से हाथ हटा लिया था।
अमित बोला “देखा अंदर लंड जाते ही अच्छी अच्छी घोड़िया शांत हो जाती हैं” और दोनों कहकहे लगाने लगे। मैं अपना चेहरा बिस्तर में घुसाए मास्क के अंदर जैसे रो रही थी।
अमित का इसका कोई असर नहीं हुआ, उसने झटके मारना जारी रखा और सिसकिया भी निकालते जा रहा था। मेरे पहले विरोध करने पर वो जितने जोर के झटके मार रहा था अब मेरा विरोध ख़त्म होने पर उसके झटको में उग्रता नहीं रही थी।
संजू और भाभी ने हँसते हुए एक बार फिर कमरे में प्रवेश करते हैं। वहाँ की हालत देखकर संजू दंग रह गया।
वो एक बार फिर अमित पर चिल्लाया “अरे अमित तुझे मना किया था इसको छोड़ दे पर तू फिर शुरू हो गया।”
अमित ने भी जवाब दिया “तेरी क्या बहन लगती हैं जो बार बार बचा रहा हैं?”
अब संजू भला क्या बोलता। मुझे तो इसमें ही सांत्वना मिल गयी कि पति ना सही मेरा पहला प्यार ही मुझको बचाने की कोशिश तो कर रहा हैं। हालाँकि इस स्तिथि में फंसाने का जिम्मेदार भी वो ही था।
संजू ने अमित के सामने प्रस्ताव रखा कि भाभी एक बार फिर से तैयार हैं करवाने के लिए तो वो उन के साथ कर ले और मुझे छोड़ दे।
पर अमित ने मना कर दिया और भाभी को बोला “माफ़ करना पर आपको थोड़ी देर पहले ही चोदा था पर कुछ नया नहीं लगा, पर इस पूर्वी को चोदने का एक अलग ही नशा आ रहा हैं।”
बाकि लोग तो वैसे भी समझ चुके थे कि भाभी को तो वैसे भी अमित रोज चोदता हैं तो मजा कैसे आएगा।
संजू अब मेरी पीठ पर हाथ फेर सहलाने लगा और बोला “चिंता मत कर शरीर ही तो हैं, कौन चोदता हैं क्या फरक पड़ता हैं, तुम मजे लो।”
अब पति ने भी अमित से डिमांड की के मिलकर करते हैं। अमित मान गया एक से भले दो। अमित और पति मिलकर मुझे बिस्तर से उतार नीचे लाये।
पति एक कुर्सी पे जाकर बैठ गए और मुझे अपनी गोद में बैठा लिया। अमित ने मेरे दोनों पैर ऊपर उठाये और घुटनो के बल मोड़ते हुए पति की दोनों जांघो पर मेरे दोनों पैर के पंजे टिका दिए।
मैं एक ग़ुलाम की तरह उनके आदेश मानने के अलावा कुछ कर भी नहीं सकती थी।
पति ने अब अपना कंडोम निकाल दिया और अपना लंड पकड़ा और मेरी गांड में घुसाना शुरू कर दिया। दर्द से मेरी भी एक चीत्कार निकली। उन्होंने अब अपना पूरा लंड मेरी गांड में उतार दिया और अब मेरी कमर पकड़ कर मुझे ऊपर नीचे करने लगा।
मेरे पति ने अब अपनी दोनों टाँगे फैलानी शुरू की जिससे उस पर रखी मेरी टाँगे भी खुलने लगी। संजू और भाभी बिस्तर पर बैठे इस नज़ारे का आनंद ले रहे थे।
अमित अब आगे बढ़ा और हम दोनों की टांगो के बीच आकर मेरी चुत को रगड़ने लगा और अपना अंगूठा चुत की खुली दरार में डाल कर फिराने लगे। मैं भी अब तड़पने लगी थी और सिसकिया मारने लगी।
अब अमित घुटनो के बल बैठा और अपना लंड पकड़ मेरी चुत की खुली दरारों में पर ऊपर नीचे रगड़ने लगा। रगड़ते हुए अचानक मेरे खुले छेद में उसने अपना लंड घुसेड़ दिया। अमित ने अपने दोनों हाथ मेरे मुड़े घुटनो के नीचे डालें और पाँव को थोड़ा उठा दिया।
एक तरफ अमित सामने से आगे पीछे झटके मार कर मजे दिला रहा था, तो नीचे से मेरा पति अपना लंड मेरी गांड में अंदर घुसाए ऊपर नीचे करने की कोशिश कर रहा था।
पति ने अब मेरी कमर छोड़ी और मेरे दोनों मम्मे पकड़ लिए और मसलने लगे। फिर उन्होंने मेरी तनी चूंचिया दो ऊँगली में दबा नॉब की तरह घुमाने लगा.
मेरा भाई और पति मेरे दोनों छेदो में अपना लंड घुसाए मुझे मजा दिला रहे थे। मैं भी अब अह्ह्ह्ह उह्ह्ह करते हुए लगातार सिसकिया निकाल रही थी।
क्योकि अंत में मै भी थी तो एक औरत, उस मजे को नजर अंदाज भी नहीं कर सकती थी।
पति भी अब जोर जोर से सिसकिया निकालने लगे और मेरी चूंचिया छोड़ मेरी कमर पर हाथ रख एक बार फिर मुझे ऊपर नीचे करने लगा। थोड़ी ही देर में उन्होंने जोर की चीख निकाली और उनका सारा गरम पानी मेरी गांड में छूट गया।
अमित अब भी मुझे आगे से चोदे जा रहा था। हम तीनो की हालत देख संजू और भाभी का फिर से मूड बनने लगा।
संजू हमारी तरफ टाँगे कर बिस्तर पर लेट गया और भाभी हमारी तरफ पीठ कर संजू पर झुकी। उनका मुँह दूसरी तरफ था तो भाभी ने हिम्मत कर अपना मास्क निकाल दिया और संजू का लंड चूसने लगी।
जबकि उनको इतना भी डर नहीं था कि उनका चेहरा उनके पति को दिख जाएगा।
अब आगे मेरी इस इंडियन चुदाई स्टोरी में क्या नया मोड़ आता है, अब वो तो आने वाला वक्त या यु कहो की अगले एपिसोड में ही पता चलेगा।