पिछला भाग पढ़े:- 66 घंटे कमरे में
तो दोस्तों, मैं प्रथा अपनी सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हुई हूं। लेकिन इस बार यह कहानी मेरे प्रेमी के द्वारा सुनाई जाएगी, तो आनंद लीजिए इस कहानी के अगले भाग का-
जैसा कि अपने पिछले भाग में पढ़ा कि मैं और प्रथा ने प्रेम के पहले मिलन का पहला एहसास प्राप्त किया, और अगली सुबह पूरी रात निर्वस्त्र सोने के पश्चात जो अलौकिक आनंद की प्राप्ति हुई, उसे मैं बयां नहीं कर पाऊंगा। अगले दिन मैं सुबह जल्दी उठ गया था, और मैंने इस प्रेम भाव से जब प्रथा को देखा, उसका चेहरा देखते ही रह गया।
क्योंकि उसके चेहरे पर मासूमियत साफ झलक रही थी, और लग रहा था कि उसे अपनी बाहों में भर कर ऐसे ही जिंदगी भर अपने साथ रख लूं। उसको ऐसे देख कर मेरा मन फिर से बनने लगा, और मैंने उसके गाल पर चुंबनों की बौछार लगा दी। इसके बाद जब मैं उसके होठों को चूम रहा था, तो बदले में उसने भी चूमना चालू किया। इससे मुझे पता चला कि वह जाग चुकी थी, और हम दोनों लगभग आधे घंटे तक एक-दूसरे के होठों को चूमते और चूसते ही रह गए।
उसके बाद प्रथा ने कहा: जान आई लव यू।
इसके जवाब में मैंने भी उसे आई लव यू टू कहा, और अपनी छाती में समा लिया। हम लगभग 10 मिनट तक एक-दूसरे के गले लगा कर रह गए और इस आलिंगन को मैं बयां नहीं कर पाऊंगा कि किस कदर हम एक-दूसरे की धड़कन को सुन रहे थे। एक-दूसरे की सांसों को समझ रहे थे, अनुभव कर रहे थे।
अभी भी हमारा उठने का मन नहीं कर रहा था। लगभग 7:30 बज गए थे। इसके बाद हम निर्वस्त्र ही रहे, और एक-दूसरे का मोबाइल चला रहे थे। एक-दूसरे के मोबाइल की फोटोस, सोशल मीडिया, और भी बहुत कुछ हम देख रहे थे, और बता रहे थे। कभी-कभी तो वह अपने मोबाइल की फोटोस और कुछ बातें मुझे बता रही थी, और कभी-कभी मैं अपने मोबाइल की कुछ फोटोस कुछ बातें उसको बता रहा था।
हमने एक दूसरे का मोबाइल भी चलाया और सोशल मीडिया अकाउंट भी देख रहे थे। इसके बाद हम फ्रेश हुए, लेकिन नहाने का हम दोनों का मन नहीं था, तो हम वापस अपने कमरे में आकर एक-दूसरे से बात करने लगे। पता ही नहीं चला कब हमें नींद लग गई। इसके बाद हमारी नींद लगभग 11:00 बजे के आस-पास खुली, और फिर प्रथा ने कहा-
प्रथा: जान तुमको भूख लगी होगी? मैं कुछ बनाती हूं।
और वह कुछ बनाने में व्यस्त हो गई। उसने चावल बनाये, और फिर मैंने कहा: कोई सब्जी मत बनाओ।
क्योंकि हम हमारे पास अंडे की सब्जी का कुछ भाग बचा हुआ था, जो तरी (शिरा का गाढ़ा भाग) बचा हुआ था। इसलिए मैंने प्रथा को परेशानी देना उचित नहीं समझा। फिर हमने एक-दूसरे को वहीं खिला कर अपनी भूख को शांत किया और फिर हम वापस बातें करने लगे। खाना खाने के बाद हम एक-दूसरे के साथ बहुत से विषयों पर बात कर रहे थे।
उसके बाद जैसा कि मैंने उसे सुबह बताया था कि मैं उसके प्यार के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार था, और मैं एक सच्चाई उसे बताया-
मैं: जब तुम मुझे छोड़ने की बात कर रही थी। दरअसल मैंने ऐसा कुछ किया, जिससे मैं बाल-बाल मरते मरते बचा था, और लगभग दो हफ्ते तक मेरा ट्रीटमेंट चला था।
इसलिए मैंने प्रथा को कहा कि आज के बाद कभी मुझे छोड़ कर जाने की बात नहीं कहना। या ना ऐसा सोचना।
मैं: क्योंकि मैं तुम्हारे बिना जी नहीं पाऊंगा। तुम मेरी जान हो। तुम मेरा सब कुछ हो।
हम ऐसे ही अपने फ्यूचर प्लानिंग के बारे में बात करते रहे, और हमने बोला हम 2 साल तक बच्चा नहीं करेंगे। हमने अपनी बेटी का नाम भी सोच कर रख लिया कि हमें बेटी होगी और अपने होने वाली बेटी और जीवन के बारे में बात करते रहे। एक-दूसरे का साथ हमेशा निभाने की कसमें खाने लगे, और फ्यूचर में कहां-कहां घूमेंगे ये बात करने लगे।
वह मुझे प्यार से मेरे प्यारे पतिदेव कहती और मैं उसे अपनी पत्नी कहता। साथ ही एक-दूसरे से बात करते रहे, और फिर बात करते-करते पता ही नहीं चला कब दिन ढला और शाम हो गई।
आज प्रथा ने कह दिया था कि जब मैं सुबह बाथरूम गई थी तो मेरे प्राइवेट पार्ट से कुछ खून निकला था। इसलिए आज के दिन मत करना कल कर लेना, और उसका बदन भी दर्द कर रहा था। उसे यह बात अच्छी तरह मालूम थी कि मैं मालिश अच्छे से करता हूं, इसलिए उसने मुझे कहा कि सोहन मालिश कर दो मेरी, क्योंकि मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा है।
बदले में मैंने भी उसके मजा लेते हुए कहा: मैं तुम्हारी मालिश करूंगा, लेकिन तुम्हें भी मेरी मालिश करनी होगी।
लेकिन उसने बड़े भोलेपन से कहा: नहीं ना, मुझे तो मालिश करनी आती ही नहीं, और आपको आती है तो आप अच्छे से मेरी मालिश कर दो।
फिर मैंने सरसों के तेल को लहसुन में गर्म किया, और फिर जैसा कि मैं एक शॉल अपने घर से लाया हुआ था, तो वहीं मैं वहां पर बिछा दिया। फिर उसे बोला कि चलो लेट जाओ, और उसको निर्वस्त्र होने के लिए कहा। तो उसने बड़े भोलेपन से कहा कि आप ही सब उतार दो। लेकिन मेरे कहने पर उसने ही अपने कपड़े उतार दिए।
फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी तेल मालिश करना चालू किया। सबसे पहले मैंने उसे उल्टा लेटने को कहा, और उसकी गर्दन और कंधे पर मालिश कर रहा था। साथ ही पीठ पर भी मालिश कर रहा था। बीच-बीच में जब वो सिसकारियां ले रही थी, तो मुझे पता चल रहा था कि उसे अच्छा लग रहा था।
लेकिन फिर भी मैंने अनजान बनते हुए कहा: शायद तुमको अच्छा नहीं लग रहा।
तो बस इसके जवाब में उसने कहा: नहीं, मुझे अच्छा लग रहा है। और करो फिर ऐसे ही।
मैंने उसके हाथों की मालिश की, और फिर धीरे-धीरे कमर और उसके बम की मसाज करने लगा, जिससे बीच-बीच में वह हंस भी रही थी। फिर पीछे से ही मैंने पैरों की मालिश करना चालू किया, और पैरों से होते हुए तलवों की भी मसाज कर दी। अब मैंने उसको सीधा लेटने को कहा, और सीधा लेटने के बाद अब मैं उसके सामने के कंधे, छाती, और दूध की मालिश करने लगा।
बीच-बीच में वहां बड़े प्यार से आहें भरने लगी थी, जो कि मेरा भी मन विचलित करने के लिए काफी थी। इसके बाद मैं धीरे-धीरे पेट पर मालिश कर रहा था, और मैं नाभि में भी तेल डाल दिया, और उंगली फिराने लगा, जिससे वह कसमसाने लगी। यही वह पल था जब उसकी आंखें कुछ और कह रही थी, और उसका मन कुछ और कह रहा था।
मैं भी आप मालिश के बहाने धीरे से उसकी योनि में अपने तेल से सनी हुई उंगली को डाल दिया, जिससे वह बेचैन होती और जोर से आहे भरने लगी। मैं धीरे-धीरे एक उंगली, दो उंगली, योनि में घुसाता रहा। और ऐसे ही अब मेरा भी मूड बन गया था, और मैं अपने लिंग को उसकी योनि के द्वार पर सहलाया और घुसा दिया। लगभग 10 मिनट तक हमारा यह क्रियाकलाप चला रहा था, और वह आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह जान आह्ह्ह्ह ओहह्ह्ह्ह उफ्फ जान आह्ह्ह्ह उफ्फ कहने लगी।
इससे उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव दिखने लगे। इस बार भी प्रथा ने मुझे गले लगा कर आई लव यू जान कहा और बहुत मजा आया यह कहा। बीच-बीच में जब मैं उसकी योनि में अपना लिंग घुसाता रहा, तो मैं उसके बम को मसलना चालू किया था, और दबा रहा था, और हल्के-हल्के से मार भी रहा था, जिससे उसे बहुत मजा आ रहा था। वह मादक आहे उफ्फ आह्ह्ह्ह ओहह्ह्ह्ह कर रही थी, जो कि मुझे भी अच्छा लग रहा था।
आप कहानी के अगले भाग में जाने कि इसके बाद रात को क्या हुआ, और अगले दिन क्या हुआ? कहानी आपको कैसी लगी अपनी प्रतिक्रिया हमें आवश्यक रूप से medicallovergirl@gmail.com पर दीजिए।