पूजा की यह बात सुनकर राज को बड़ा झटका लगा। उसे अपने सपनों का महल एकदम धराशायी होते हुए नजर आया।
राज ने पलट कर अपनी बीबी पूजा को अपनी बाहों में लेते हुए कहा, “डार्लिंग यह क्या बक रही हो? जब मैंने यह बात छेड़ी है तो क्या मुझे पता नहीं है की तुम्हारे बदन को दूसरे मर्द छुएंगे या कुछ और भी हरकत कर सकते हैं और तुम्हें उनका साथ देना पडेगा? ? हो सकता है तुमको चुदाई का सीन भी करना पड़े। क्या शादीशुदा मर्द ऐसे काम नहीं करते? मैंने तो देखा है की शादीशुदा मर्द एक्ट्रेसों के साथ चुदाई का सीन भी करते हैं। तो फिर औरतें क्यों नहीं कर सकतीं?”
पूजा ने अपने पति की बाहों में उसे होंठ पर हलकी सी किस करते हुए कहा, “हां मेरा प्यारा पति! यह सच है की हम स्त्रियां भी ऐसा सीन कर सकती हैं। पर यह भी समझो की यह सच है की हम महिलायें पुरुष प्रभुत्व समाज में रहते हैं। यहां पुरुष लोग अपनी पत्नियों को एक तरीके से अपना मालिकाना हक़ जताते हुए रखते हैं। इसमें कोई बुराई मुझे नहीं लगती।
प्यार में अधिकार होना कोई बुरी बात नहीं है। पर अगर हम स्त्रियां जब उस दायरे से बाहर आती हैं तो पति पुरुष के अहम् को काफी घाव लगता है। हम शादीशुदा औरते जब किसी और मर्द की बाहों में जातीं हैं, तो अक्सर पतियों को यह बर्दाश्त नहीं होता; चाहे वह फिल्मों ही क्यों ना हो।
इसी कारण अक्सर शादी के बाद स्त्री कलाकार जो फिल्मों या मॉडलिंग करती हैं वह या तो सेवा निवृत्ति ले लेती हैं या फिर सीधा सादा रॉल करती हैं जिसमें दूसरे पुरुष के साथ कोई नाजुक दृश्य ना करना पड़े। पर इसके उलटे, पत्नियां ऐसी बातों को बर्दाश्त कर लेती हैं क्यूंकि वह समझती हैं की यह रोजी रोटी का सवाल है और उनको अपने पति पर भरोसा होता है। इसी लिए तुम्हारा मुझ पर जो पतित्व का अधिकार है, मैं उसे चुनौती देना नहीं चाहती। मैं तुम्हारी ही बन कर रहना चाहती हूँ। बस अब मुझे और कुछ नहीं सुनना” यह कह कर पूजा ने मेरी ही बाँहों में रहते हुए अपनी आँखें मूँद लीं।
राज ने पूजा के गाउन में हाथ डालते हुए और पूजा के अल्लड़ गोल गुम्बज की तरह फुले हुए बॉल को अपनी हथेली में मसलते हुए कहा , “देखो पूजा, मैं एक बात कहना चाहता हूँ। तुम चाहे क़बूल करो या ना करो, मैं जानता हूँ की अनूप ने तुम्हें भले ही चोदा ना हो, पर यह नहीं हो सकता की उसने तुम्हारे इतने सुन्दर बॉल को छुआ और मसला ना हो या इन्हें चूसा ना हो। तुम भी मुझे यह मत कहना की उसने ऐसा नहीं किया था। अगर उसने ऐसा नहीं किया तो मैं उसे नामर्द समझूंगा। और हम दोनों जानते हैं की वह नामर्द नहीं है। तो फिर अगर उसने शूटिंग के दरम्यान तुम्हारे बॉल को छुआ तो उसमें कौनसी आफत आ जायेगी?”
पूजा ने अपनी आँखें खोलीं और अपने पति को सरसरी नजरों से देखते हुए कहा, “राज सच बोलो, क्या तुम अनूप से मिलकर यह सारी बातें कर के आये हो क्या? क्या उसने हम दोनों के बिच में क्या हुआ यह सब तुम्हें बता दिया?”
राज समझ गया की उसका तीर निशाने पर लग गया है। बस अब उसे थोड़ी धीरज रखनी पड़ेगी। राज ने कहा, “अनूप ने तुम्हारे और उसके सम्बंन्ध के बारे में कोई भी ऐसी वैसी बात नहीं की और इसी लिए मुझे अनूप पर पूरा भरोसा है। पर मैं भलीभाँति जानता हूँ की तुम दोनों के बिच में काफी गहरे सम्बन्ध थे। राज ने अगर तुम्हें चोदा भी है तो मुझे उससे कोई शिकायत नहीं है। अब बोलो, तुम यह काम करोगी, या नहीं?”
पूजा ने फिर अपने पति की आँखों में आँखें मिला कर सीधा पूछा, “क्या तुम वास्तव में यह झेल पाओगे की तुम्हारी बीबी किसी गैर मर्द की बाहों में उसके बदन से अपना बदन सटा कर अपनी छाती छूने दे रही है?”
राज ने कहा, “मैं सौगंध खा कर कहता हूँ की मुझे कतई भी शिकायत नहीं होगी अगर मेरी बीबी पूजा किसी गैर मर्द के लण्ड से अपनी चूत सटा कर आधी या पूरी नंगी अपने स्तनोँ को किसी मर्द से दबवा या मसलवा रही होगी। बल्कि मैं तो यहां तक कहूंगा की अगर ऐसा हो की मेरी बीबी किसी गैर मर्द से चुदवा भी ले तो मुझे कोई भी शिकायत नहीं होगी। अगर तुम कहो तो मैं तुम्हें यह बात लिख कर दे सकता हूँ। प्लीज मेरा यकीन करो।”
पूजा ने फिर अपने पति की और देखा और फिर राज का फुला हुआ कड़क लण्ड अपनी उँगलियों से खलते हुए बोली, “मेरा पति मुझे चुदवाने के लये कितना उतावला हो रहा है। तुम अगर नामर्द होते तो मुझे आश्चर्य ना होता। पर मैं जानती हूँ की तुम नामर्द नहीं हो। भाई तुम मर्द लोगों की बात मुझे समझ में नहीं आती। खैर जब तुम इतना कहते हो तो चलो मैं तुम्हें खुश कर देती हूँ। तुम अनूप से कह सकते हो की मैं यह काम करुँगी।”
राज ने मुझे बाद में यह सारी बात बतायी और साथ साथ में यह भी कहा की उसके बाद उन दोनों ने जमकर चुदाई की। राज की बात सुनकर मेरा लण्ड भी खड़ा हो गया।
उसके बाद एक बार पूजा का मेसेज आया: “क्या वह ऑडिशन वाली बात सच है या फिर तुम मुझ से मिलने का बहाना ढूंढ़ रहे हो?”
मैंने पूजा को फ़ौरन मैसेज भेजा, “तुमसे मिलने के लिए मुझे कोई बहाने की जरुरत नहीं। क्या अगर वैसे ही मैं आ जाऊं तो तुम मुझे नहीं आने दोगी?”
पूजा का जवाब आया, “यू आर वेलकम।”
मैंने लिखा, “पर मैं राज के पीछे छुपते छुपाते नहीं आऊंगा। मैं राज को बता कर ही आऊंगा। पर तुम्हें तुम्हारा किया हुआ वादा याद तो है ना? मौक़ा मिला तो उसे पूरा तो करोगी ना?”
पूजा का एक ही लाइन में जवाब आया, “यू आर वेलकम।”
मैंने लिखा, “हमारे बिच हुए यह सारे मेसेज डिलीट कर देना। मैं तुम्हें तब ही मेसेज करूंगा जब तुम मुझे मेसेज करोगी। मैं हमारे तीनों के बिच में हम कोई गलत फहमी नहीं होने देना चाहता।”
पूजा ने फिर एक ही वाक्य में जवाब दिया, “ओके।”
राज मेरे साथ अब बिलकुल खुल चुका था। वह मुझे पूजा से हुई सारी बातें बता देता था। बल्कि वह पूजा के बारे में ऐसे बात करता था जैसे पूजा उसकी बीबी ना हो और किसी और की हो। अक्सर हम देखते हैं की लोग अपनी बीबी के बारे में बात करने से कतराते हैं। पर राज तो एकदम उलटा ही था। सच में वह पूजा के पीछे पागल था। जब भी मैं उसे आते जाते कहीं भी मिल जाता और हम दोनों जल्दी में भी होते तो वह मुझे पूजा के बारे में कुछ ना कुछ उत्तेजित बातें करता ही रहता था।
एक बार जब वह मिला तो इतना उतावला हो गया था की मैं जल्दी में था फिर भी उसने मुझे रोक कर एक कोने में ले जा कर पूरी उत्तेजना के साथ बताया की कुछ रातों पहले पूजा ने राज के लण्ड को अपने मुंह में लेकर इतने प्यार से चूसा की राज का वीर्य पूजा के मुंह में ही छूट गया, और काफी सारा वीर्य पूजा निगल भी गयी। हालांकि वह कुछ देर तक खांसती भी रही।
एक बार राज ने मुझे बताया की एक रात को पूजा के धयलों (स्तनोँ) के बिच में राज ने अपना लण्ड घुसा कर पूजा को इतनी देर चोदा की आखिर में राज का छूट ही गया और राज के वीर्य से पूजा की छाती पर मलाई ही मलाई फ़ैल गयी।
यह सब बताते हुए राज इतना उत्तेजित हो जाता था की मैं देख सकता था की उसका लण्ड उसकी पतलून में फौलाद की छड़ की तरह खड़ा हो जाता था। दर असल वह ऐसी बात करके मेरा भी लण्ड खड़ा कर देता था।
पढ़ते रहिएगा.. क्योकि यह कहानी आगे जारी रहेगी!
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