बदचलन बीवी-2

पिछला भाग पढ़े:- बदचलन बीवी-1

मैंने सोचा कि साली का प्लान तो मेरे साथ था ही नहीं। प्लान तो चुदने का था, वो भी 4 बजे से, और देखो कैसे नाटक कर रही थी।

मैंने बोला: चल अब उसको खाना खिला, ड्रिंक करा, 12 या 1 बजे जब भी वह निकल जाएगा तो मुझे फोन करना मैं आ जाऊंगा।

ज्योति इमोशनल हो करके बोली: इतनी देर कौन बैठाएगा? दो या चार बैग पीने के बाद 11:00 बजे तक उसे विदा कर दूंगी।

मैं वापस घर गया। अपना दूसरा मोबाइल निकाला जिसमें ज्योति का जीमेल से लॉगिन था। इसके ज़रिये मैं ज्योति के सभी मेल, फोटो, वीडियो देख सकता था। और सबसे इंपोर्टेंट कि घर के सी.सी.टीवी का कंट्रोल एक्सेस ज्योति के पास था।

मैं उसकी मेल आईडी और पासवर्ड के जरिये दूसरे फोन पर सी.सी.टीवी एप्प में ज्योति की चुदाई लाइव देखता रहता था। और आज भी ज्योति का रांडपना देखना था, लाइव शो शाम 4 बजे से। वैसे भी मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूं। ज्योति के फ़ोन में एक बग भी डाल रखा था, जिसके जरिये वो कही भी रहे मैं उसकी बात-चीत सुन सकता था। और सबसे बड़ी बात, उसके फोन को रिमोट में लेकर उसके मैसेज, व्हाट्सएप कभी भी देख सकता था।

मैंने मोबाइल लिया, चार्जर लिया, दो कपड़े डालें, क्योंकि मुझे पता था कि रात भर मुझे कहीं बाहर रहना होगा। तभी ज्योति का दोबारा फोन आया और रात में वापसी को लेकर पूछने लगी-

ज्योति: आपको तो 1 बज जाएंगे।

राहुल: हां जब संजय चला जाएगा तो फोन कर देना।

ज्योति: और अगर रात में फोन करना भूल गई, या फिर मुझे नींद आ गई तो?

राहुल: फोन नहीं करोगी तो आफिस में ही रुक जाऊंगा। मुझे पता है कि बहुत मुश्किल से तुम्हें नींद आती है। तुम्हें डिस्टर्ब तो नहीं करूंगा। वैसे भी ऑफिस में रेस्ट रूम है। ज्यादा देर हो जाए तो वहां पहले भी रुका हूं मैं। वैसे तुम कब तक घर पहुंचोगी?

ज्योति: सोच रही हूं 8:00 बजे तक घर पहुंच जाऊं। संजय सोसाइटी में ही है तो उसे 9:00 बजे तक बुला लूंगी। खाने का कुछ बाहर से मंगवा लूंगी।

मैंने कहा: मुझे बता देना या मैसेज कर देना मैं आर्डर करता रहूंगा। दारू घर में है ही अच्छी वाली निकाल लेना।

ज्योति: संजय को दिखा दूंगी जो पीनी होगी निकाल लेगा।

मैंने मन में सोचा: साली रंडी, अपना दूध पिलाने के लिए बुलाया है संजय को दारू भी पिलाएगी, और चूत भी चटवायेगी।

फिर ज्योति से फोन पर इधर-उधर की बात होने लगी। मैंने मजे लेने की सोची।

राहुल: ब्लैक शर्ट में जबरदस्त लग रही थी तुम, जब तुमने गॉगल्स पहना था। एक-दम चोदने वाली माल रंडी लग रही थी। ऑफिस में सब देख रहे होंगे तुम्हें।

ज्योति: यह बात तो है। सब एक बार जरूर नज़र मार रहे है।

राहुल: ब्लैक शर्ट में बहुत हॉट और सेक्सी लगती हो।

ज्योति: घूर तो सब रहे हैं लेकिन मुझे क्या पता किस नज़र से देख रहे है।

राहुल: पता तो तुम्हें सब होता है मेरी जान। सबका खड़ा करवा के मजे ले रही है।

फिर मैंने जानबुझ कर ज्योति से उसकी चूत जिसे प्यार से मैं बेबी कहता हूं लेकिन आप लोगों के लिए चूत ही लिखूंगा।

राहुल: मेरी प्यारी बेबी कैसी है?

ज्योति: बेबी परेशान कर रही है। खुजली हो रही है।

मेरे मन में आया संजय से चुदने के लिए खुजली हो रही होगी।

मैंने बोला: क्यों, सफाई नहीं की हो क्या?

ज्योति: तीन-चार दिन पहले तो साफ की थी। पर एक दो जगह बाल ठीक से साफ नहीं हुए।

राहुल: यार थोड़ा जल्दी चली जाना घर और कर लेना अपनी बेबी को साफ।

ज्योति: देखती हूं रात में कब पहुंचूंगी। फिर संजय‌ भी आने वाला होगा। टाइम मिला तो साफ कर लूंगी।

राहुल: पहली बार संजय घर आ रहा है। अब ऐसे ही तू ऑफिस से पहुंचते ही बुला लेगी तो उसको भी अच्छा नहीं लगेगा। थोड़ा नहा के फ्रेश हो जाना, और चूत भी साफ कर लेना।

ज्योति: आप तो ऐसे नहा के चूत साफ करके सजने बोल रहे हो, जैसे कोई बॉयफ्रेंड आ रहा हो मेरा।

राहुल: मैं ये कहां कह रहा हूं कि संजय के लिए चूत साफ कर लो, और ना ही संजय तेरी चूत देखने वाला है। बाकी नहीं मन है तो बाद में साफ कर लेना।

ज्योति: आपकी पसंद चिकनी चूत है तो आज ही साफ होगी ये, और ये बेबी या चूत सिर्फ आपकी है। आपके अलावा कोई देख ले ये किसी में ना हिम्मत है और ना ये कभी हो सकता है। चलो आफिस में काम आ गया बाय।

राहुल: चलो काम करो।

फिर मैंने मन ही मन कहा कि मैं तो सिर्फ तेरी चूत देखने के लिए रह गया हूं। बाकी दुनिया तो चाट के चोद रही है तेरी चूत।

मैं अपने ऑफिस पहुंच कर काम में लग गया। मेरी कोशिश थी कि दो-तीन बजे तक काम निपटा के बाहर निकल जाऊं क्लाइंट से मिलने के नाम पर, और एक होटल लेकर कमरे में पहुंच जाऊं 4 बजे से पहले। तांकि सी.सी.टीवी पर ज्योति की पूरी चुदाई और रंडीपना देख सकूं।

फिर से 2:45 के आस-पास मैंने ज्योति को कॉल किया। उसने फ़ोन नहीं उठाया। फिर 3 बजे के आस-पास फिर कॉल किया तो उसने काट दिया। मैं समझ गया कि वो घर के लिए निकल गयी थी, और कैब में होगी। मैं भी जल्दी काम निपटा के कार में बैठा और निकल गया होटल। 10 मिनट में होटल पहुंच कर कमरे में आया। 10 बियर भी लाया था जो फ्रिज में डाला, और रूम के बड़े वाले टीवी से फ़ोन को जोड़ दिया।

लगभग 3:30 बजे मैं सी.सी.टीवी में मुझे दिख रहा था कि ज्योति घर पहुंच गई थी। वो बाथरूम में पूरे कपड़े उतार कर अपनी चूत पर बाल साफ करने वाली क्रीम लगा रही थी। मैंने फिर फोन किया।

राहुल: क्या चल रहा है?

ज्योति: काम हो रहा है। एक मीटिंग खत्म हुई अभी।

राहुल: अच्छा अभी बाथरूम में हो क्या?

ज्योति: सूसू करने आई हूं।

राहुल: वाह अच्छे से कर लो सूसू और मेरी प्यारी चूत को भी एक बार छू लेना।

हालांकि मुझे सी.सी.टीवी में दिख रहा था कि ज्योति अपने बाथरूम में अपनी चूत पर हेयर रिमूवर क्रीम लगाने के बाद अपने चेहरे की साफ-सफाई भी कर रही थी।

ज्योति: आप क्या कर रहे हो?

ज्योति: ऑफिस में काम ही काम है, लेकिन तेरी चूत को याद करके लंड खड़ा हो गया।

ज्योति: बाथरूम में हल्के हो जाओ आप।

राहुल: मैं तो चाहता हूं कि तुम मेरा लंड चूस कर के शांत करो।

ज्योति: आपको तो पता है ना चूसना मुझे अच्छा नहीं लगता। घिन्न आती है। एक-दो बार आपने जबरदस्ती की तो उल्टी आ रही थी।

राहुल: अरे मज़ाक कर रहा हूं।

ज्योति: आप भी जल्दी से अपना काम खत्म करके आ जाते, तो तीनों साथ बैठते।

राहुल: तुम्हारा दोस्त है। सालों बाद मिल रहे हो। मस्ती करो। मुझे कहां कबाब में हड्डी बना रहे हो। और मैं जानता भी नहीं उसे।

ज्योति: पर आपके बिना घर पर मज़ा नहीं आएगा।

राहुल: 3-4 साल तुम लोगों ने साथ काम किया है।

ज्योति: हां पुराना दोस्त हैं, और लगभग 4 साल हम लोगों ने साथ में कंपनी में काम किया। लेकिन आपके बिना उसको घर बुला कर दारू पिलाना अच्छा नहीं लग रहा मुझे।

राहुल: दारू पियो, पुरानी बातें याद करो। पुराने दिन याद करोगे तो बहुत मजा आएगा।

ज्योति: हां यह तो है। शादी के बाद मैं पुणे आई थी तो संजय ही बॉस था। लेकिन हम दोनों दोस्त की तरह थे। उसने बहुत मदद की पुणे आफिस में। हम लोगों ने बहुत मस्ती की साथ। पुरानी बहुत अच्छी यादें हैं।

राहुल: अच्छा चल इंजॉय कर और घर थोड़ा जल्दी निकल जाओ।

ज्योति: मैं सोच रही हूं 6 बजे तक निकल जाऊं यार। 1 घंटा लगते हैं घर पहुंचने में।

राहुल: हां ये ठीक रहेगा। चल एन्जॉय कर। बाकी कुछ जरूरत हो तो मैसेज या कॉल करना।

ज्योति: चल बाय। मेरी भी अभी दो मीटिंग है। अगले 2 से 3 घंटे मैं फ़ोन नहीं कर पाऊंगी।

राहुल: कोई बात नहीं मैं भी क्लाइंट के साथ हूं। एक मैसेज कर देना घर पहुंच के।

मन तो कर रहा था कि बोल दूं कि जब चुदने जा रही हो तो मस्त होकर चुदना। और जब चुदोगी तो फ़ोन कैसे कर पाओगी। मैंने भी रूम में चेंज कर लिया। एक बात बताना तो भूल गया कि जब बेटा हुआ था, एक आई को रखा था और ज्योति ने ही घर मे सी.सी.टीवी लगाने को कहा था। उसी सी.सी.टीवी में ज्योति की पहली चुदाई देखी।

लेकिन बाथरूम में हिडेन कैमरा मैंने लगवाया था। क्योंकि वहां की चुदाई देख नहीं पाता था। घर पूरा रंडीखाना बन गया था। इस सी.सी.टीवी की वजह से ज्योति का वो दूसरा चेहरा सामने आया जिसकी कल्पना मैं कभी कर भी नहीं सकता था। मेरे सामने और मेरे बिना ज्योति का दोहरा चरित्र है। वो कहानी अलग से बताऊंगा।

ज्योति अब जल्दी-जल्दी अपने को तैयार कर रही थी। चूत से लेकर चेहरे तक साफ सफाई करने के बाद नहाने की तैयारी करने लगी। बाल्टी के पानी में इत्र डाला, तांकि पूरे बदन से खुशबू आ सके। तभी फोन की घंटी बजी। फोन संजय का था। उठाते ही ज्योति ने कहा-

ज्योति: हां भाई मैं घर पहुंच गई हूं। तुम 4:00 बजे तक आ जाना।

संजय ने कुछ कहा होगा तो ज्योति ने कहा: अरे जो भी लेना है ले लेना। जो चूसना है चूस लेना, जो चाटना है चाट लेना। इसलिये ही बुलाया है तुम्हे। अब फोन रखो।

संजय ने फिर कुछ कहा तो हंसते हुए ज्योति ने कहा: तुम अपने काम की चीज लेना। मैं अपने काम की चीज लूंगी। चलो 4:00 बजे आ जाओ। मैं नहा रही हूं (और फ़ोन काट दिया)।

10 मिनट तक रगड़ कर नहाने के बाद ज्योति नंगी रूम में आई। उसने ब्लैक कलर की नेट वाली पुराना ब्रा-पैंटी निकाली जो कभी-कभी यूज करती थी। उसे पहनने के बाद आईने में अपने आपको देख कर ब्रा टाइट करके चूची को ऊपर खींच रही थी। तभी उसे कुछ याद आया, तो वो वापस बाथरूम गई, और इत्र लेकर आई।

फिर अपनी उंगली पर थोड़ा सा इत्र लेकर अपनी चूत और गांड के आस-पास लगाया, तांकि जब संजय ज्योति की चूत चाटे तब अच्छी खुशबू आनी चाहिए। वैसे भी ज्योति को चूत चटवाने का बहुत जबरदस्त शौक है, बिना चूत चटवाए चुदती ही नहीं है।

मैं सी.सी.टीवी में सब देख रहा था, और बियर भी पी रहा था, और सोच रहा था कि रंडी कैसे चुदाई के लिए तैयार हो रही थी। फिर ज्योति ने एक ब्लैक कलर का बनियान पहना, और नीचे छोटा सा स्कर्ट पहना। खुले और गीले बालों में मस्त चुदक्कड़ माल लग रही थी थी ज्योति। इतने में घर की घंटी बजी। ज्योति दरवाजे की तरफ यह बोलते हुए भागी कि लगता है संजय आ गया। ज्योति ने दरवाजा खोला। सामने संजय था, हाथ एक बैग शॉर्ट्स और स्पोर्ट्स बनियान में।

स्वभाव से रंडी ज्योति का एक नया चेहरा अब सामने आने वाला था। वो था जुबान से भी रंडी। संजय से मुलाकात और चुदाई के दौरान ज्योति की भाषा किसी सड़क छाप रंडी से कम नहीं थी। और सबसे बड़ी बात, उसके रंडीपने के कुछ राज भी सामने आए। ये सब इस कहानी के अगले हिस्से में।

ये कहानी कैसी लगी मुझे मेल पर जरूर बताना। मेरा मेल आईडी है-

[email protected]

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