परिवार में गर्म चुदाई-1 (Parivar mein garam chudai-1)

ये हॉट फैमिली के चुदाई की कहानी मेरे परिवार की है, जो मैंने अपनी आंखों से देखी है। मेरे परिवार में हम 4 लोग रहते हैं। मैं, मेरी मम्मी, मेरी बहन, और पापा। मेरे पापा एक डॉक्टर हैं। वो लगभग पूरा समय अस्पताल में रहते है। अब आपको मेरी मम्मी और बहन के बारे में बताता हूं।

मेरी मम्मी का नाम मधु है, और उनकी उम्र 42 है, और उनका फिगर 32-28-35 है। वो देखने में बहुत ही ज्यादा सुंदर है। वो अपने आप को बहुत मेंटेन करके रखती है। उनकी गांड और फिगर बहुत परफेक्ट है, और उनके बूब्स मीडियम साइज़ है, पर शेप परफेक्ट और गोल है।

मेरी प्यारी बहन का नाम रश्मि है, और उसकी उम्र 19 है। वो मेरी मम्मी जैसी है, एक-दम परफेक्ट। वो हमेशा छोटे कपड़ों में ही रहती हैं, जिससे उसका शरीर और उभार कर दिखता हैं। अब चलो स्टोरी पे आता हूं।

एक रात में पानी पीने के लिए उठा तो मैंने देखा मेरी बोतल खाली थी। फिर मैं किचन में जाने लगा तो मैंने देखा मम्मी के रूम का दरवाज़ा खुला था। मैंने फिर धीरे से झांक के देखा तो मैं पागल सा हो गया। मैंने देखा मम्मी के साड़ी उनके पैर तक चढ़ी हुई थी। शायद वो जब सो रही होंगी तो फैन की हवा के कारण धीरे-धीरे ऊपर चढ़ गई होगी।

मम्मी को ऐसी हालत में देख के मेरा लंड खड़ा हो गया और सोचने लगा कि मम्मी की चूत कैसे देखती होगी। दूसरी औरतों की तरह काले बालों वाली या गोरी चिकनी होगी। तो मैं धीरे-धीरे मम्मी के पास जाने लगा। मैं मम्मी के पास पहुंच के देखने लगा।

लाइट ना होने के कारण कुछ दिख नहीं रहा था। जब मैंने गौर से देखा तो मम्मी ने पैंटी पहनी हुई थी। तो मैंने सोचा पैंटी उतारने की कोशिश करता हूं। तो जैसे ही मम्मी को छूने वाला था, मम्मी हिल गई और मैं घबरा कर उनके रूम से बाहर आ गया।

अब मैं अपने कमरे में गया और हस्तमैथुन शुरू किया, सोचते हुए कि मुझे अपनी मम्मी के साथ सेक्स करने के लिए एक प्लान बनाना होगा। हस्तमैथुन करने के बाद मैं सो गया।

मैं सुबह उठा और किचन में गया, जहां मेरी मम्मी नाश्ता बना रही थी। उन्होंने योगा पैंट्स और एक टॉप पहना हुआ था। मैं उनको पीछे से देख रहा था कि वो पीछे से कितनी फिट दिख रही थी। उन्हें देख कर अंदर ही अंदर खुश हो रहा था। खुद से सोच रहा था कि अगर मम्मी की एक बार मिल जाए तो जन्नत देखने जैसा होगा।

फिर मेरी बहन आई, जो शॉर्ट्स और एक टॉप पहनी हुई थी। बहुत आकर्षक लग रही थी। उसने मुझे याद दिलाया कि आज कॉलेज का पहला दिन था, और हमें देर से नहीं पहुंचना चाहिए। जब मेरी मम्मी ने बताया कि मेरे पिता जी जल्दी काम के लिए लंदन जा रहे थे, और 2 या 3 महीने में वापस आएंगे, मैंने ठीक है कहा, और फिर हम दोनों ने नाश्ता किया और कॉलेज के लिए चले गए।

कॉलेज पहुंचने के बाद मैं अपनी क्लास में गया, और रश्मि अपनी क्लास में गई। मेरी क्लास में मैं एक नए दोस्त रमेश (उमर 22 साल) से मिला। कॉलेज के बाद मैंने रमेश को मेरी बहन से परिचय करवाया। रमेश ने जब उसे देखा तो उसकी नजर मेरी बहन से हट नहीं सकी। उन्होंने हाथ मिलाए और मेरी बहन ने बोला-

रश्मि: हाय, मेरा नाम रश्मि है।

रमेश: हाय, मेरा नाम रमेश है।

रमेश: हम दोनों का नाम बहुत समान है।

फिर थोड़ी-बहुत उन दोनों ने इधर-उधर की बातें की, और फिर रश्मि बोली-

रश्मि: अच्छा रमेश, मैं घर जा रही हूं, बाय।

वह चली गई। फिर मैंने रमेश की तरफ देखा। उसका इरादा मुझे ठीक नहीं लगा। रमेश ने मुझसे बोला, “भाई, हमारे ग्रुप के दोस्त मेरे घर पर एक पार्टी रख रहे हैं, तू और तेरी बहन आज रात इन्वाइटेड है। आ जाना आज रात 8 बजे।”

मैं भी पार्टी के नाम से खुश हुआ और बोला, “ठीक है।” घर पहुंच कर मैंने अपनी बहन रश्मि से कहा कि, “आज रमेश के घर पार्टी है, और हमें जाना है”। उसने कहा ठीक है और मैं वहां से अपने रूम मैं चला गया और गेम्स खेलने लगा।

8 बजने में सिर्फ 30 मिनट रह गए थे, तो मैं अपनी बहन को जाकर तैयार होने को बोल के आ गया, और मैं भी तैयार हो गया। जब मैं तैयार होके नीचे आया, तो मेरी बहन ने सुबह वाले कपड़े पहने थे। बस थोड़ा मेकअप किया हुआ था। फिर हम बस पकड़ कर निकल गए।

अब हमने उसके घर पहुंच कर दरवाजे की घंटी बजाई। रमेश ने दरवाजा खोल कर हमारा स्वागत किया। जैसे ही मैं अंदर गया, वहां सिर्फ दो लोग थे, एक लड़की और एक लड़का। लड़की का नाम वस्नवी और लड़का का नाम अजय था।

मैंने रमेश से बोला, “बाकी सब कहां हैं”? तो उसने बोला, “ये सिर्फ हमारे ग्रुप की पार्टी है, और रमेश ने बीयर और वाइन निकाली”। तब रश्मि ने बोला, “मैं ये सब नहीं पीती”। तो रमेश उसे मनाने लग गया, “एक बार से क्या होता है”? फिर वस्नवी बोली-

वस्नवी: पी लो रश्मि, मजा आएगा।

फिर रश्मि ने मुझे देखा और मैंने भी बोल दिया पी लो। हमने एक एक बीयर पी। फिर रमेश ने कहा, “चलो ट्रूथ एंड डेयर खेलते हैं”। सब तैयार हो गए। रमेश ने बीयर की खाली बोतल घुमा दी और बोतल वस्नवी की तरफ रूक गई।

रमेश: ट्रूथ और डेयर?

वस्नवी: डेयर।

रमेश: अपनी पैंटी उतार के रख दो।

वस्नवी: बस इतना सा ही, ठीक है।

मैं और रश्मि ये सुन के शॉक हो गए। लेकिन वस्नवी ने अपनी पैंटी उतार दी। उसकी पैंटी हरै रंग की थी। फिर बोतल घूमी और बोतल मुझ पर आकर रूक गई।

मेने बोला: ट्रूथ।

रमेश: कभी तुने अपनी मम्मी को चोदने के बारे मैं सोचा है?

मैं: ये कैसा सवाल है?

रमेश: वस्नवी ने अपनी पैंटी उतार दी, फिर भी ये तो सवाल है।

मैं (शर्माते हुए): हां, एक बार।

रश्मि को ये सुन कर शॉक लगा और मेरी तरफ देखने लगी। एक बार फिर बोतल घुमाई और बोतल रश्मि पर रुक गई।

रश्मि (सोचते हुए): अगर ट्रुथ लिया तो ये अजीब सा सवाल पूछ के मुझे शर्मिंदा करेगा। डेयर।

अजय: रमेश को होंठों पर एक किस करो।

मुझे अब ऐसा लग रहा था, कि इस सभी मामले को रमेश ही सोचा होगा, तांकि वह मेरी बहन पर लाइन मार सके। लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी।

रश्मि रमेश के सामने आकर अपने गुलाबी होंठ उसके होंठों को मिलने लगी। वो दोनों एक-दूसरे के होंठों को चूम रहे थे, और एक-दूसरे की जीभ के साथ खेल रहे थे। यह नजारा देख कर सबके चेहरे पर खुले के खुले रह गए, जैसे कि प्यार की एक नई कहानी शुरू होने वाली थी।

मैं: हो गया बस, एक किस करना था।

अब गेम बहुत दूर तक चला था, और हम सब के ऊपर के कपड़े उतर चुके थे। अब फिर बोतल घूमी, और अजय पे रुकी और अजय ने डेयर चुना। वस्नवी ने अजय से कहा, “रश्मी के शॉर्ट्स उतार कर उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत चाटो”।

रमेश को यह सुनके बुरा लगा, लेकिन अजय खुश था, और मानो खुशी से पागल हो रहा था। रश्मि के पास जाके उसने उसके शॉर्ट्स उतार दिए। रश्मि ने ट्रांसपेरेंट पैंटी पहनी थी, जिससे उसकी चूत साफ दिख रही थी। फिर अजय अपना मुंह रश्मि की पैंटी के पास ले जाके अपनी ज़ुबान चलने लगा। रश्मि का चेहरा देख के लग रहा था कि उसे भी मज़ा आ रहा है।

रश्मि की आवाज़: ऑफ़ आहहह म्म्म ओहोहो।

अजय ने रश्मि की पूरी पैंटी गीली कर दी थी चाट-चाट के। तब रमेश ने बोला, “अब गेम खत्म करते हैं। और सब ने अपने कपड़े पहन लिए। रश्मि वॉशरूम में चली गई। तभी रमेश के पापा वहां आ गए, वो बहुत मोटे और गन्दे दिख रहे थे, और वो शायद दारू भी पीकर आए थे।

उनकी उमर शायद 42 साल होगी। उनमें से बहुत गंदी बदबू भी आ रही थी, और वो अपने रूम में चले गए बिना कुछ बोले। रमेश ने बोला, “मैं पापा को देख के आता हूं।”

वस्नवी, अजय, और मैं फिर इधर-उधर की बातें करने लगे और हमे पता ही नहीं चला कि कब 9 बज गए। लेकिन रमेश और मेरी बहन अभी तक नहीं आए तो मैंने सोचा देख के आता हूं। फिर मैं बहाना बना के वहां से निकल गया।

मैं वाशरूम के पास गया लेकिन वहां मेरी बहन नहीं थी। फिर एक पड़ोस के कमरे से मेरी बहन की आवाज़ आ रही थी। मैंने जो देखा, वहीं देखता रह गया। मेरी बहन बिस्तर पर लेटी थी, और रमेश मेरी बहन की चूत चाट रहा था।

रश्मि: ओहो रमेश, थोड़ा ऊपर, हां जी हां, ठीक वहीं, मेरी चूत को चूस लो।

रमेश: 10 मिनट से तेरी चूत चाट रहा हूं। अब मुझ चोदना है तुझे। देख मेरा लंड कैसे खड़ा हुआ पड़ा है तेरी चूत फाड़ने के लिए।

रमेश शायद बहुत देर से मेरी बहन की चूत चाट रहा था और मैं ये सब खड़ा-खड़ा देख रहा था, और मेरा लंड भी मेरी पैंट में टाइट हो गया। अब मैं भी चाहता था रमेश मेरी बहन की चुदाई करे, और मैं सब देख के मुठ मारूं।

फिर रमेश ने अपनी पैंट उतारी और अंडरवियर भी उतार कर फेंक दिया, और रश्मि की जांघों को चूमते हुए उसकी चूत पर लंड रख दिया। और उसकी चूत के ऊपर लंड रख कर चूत को सहलाने लगा।

रश्मि: उफफफफ आहहहह म्म्मममम रमेश दाल दो।

फिर रमेश ने रश्मि की चूत में अपना थोड़ा सा लंड डाला, लेकिन वह अंदर नहीं जा रहा था।

रमेश: तू वर्जिन है? अब तक किसी के साथ चुदाई नहीं की है?

रश्मि: नहीं तुम पहले हो।

रमेश: अरे वाह मेरी जान, तेरी वर्जिनिटी तो मैं ही लूंगा।

रमेश ने फिरसे रश्मि की चूत में अपना थोड़ा सा लंड घुसाया, और फिर दूसरी बार मैं अपना पूरा लंड डाल दिया।

रश्मि: आहहहहह।

रश्मि की चूत से खून निकल रहा था, और रमेश रश्मि को मिशनरी पोजिशन में जोरदार धक्के देकर चोद रहा था।

रश्मि: आहहहह म्म्म्म होओओओ फ़क्क्क्क्क्क्क।

उस कमरे में सिर्फ रश्मि की आवाज़ और थप-थप की आवाज़ आ रही थी।

30 मिनट बाद जब रमेश छूटने वाला था, तब वो बोला-

रमेश: रश्मि आह, आह तेरी चूत में छूट जाऊ क्या ?

वो दोनों बिना कॉन्डम के सेक्स कर रहे थे।

रश्मि: आई आह, नहीं बाहर निकाल लो।

फिर रमेश ने रश्मि की चूत से अपना लंड निकाल कर रश्मि को बोला, “मुंह में लो और टेस्ट करो मेरा स्पर्म।” रश्मि ने रमेश का लंड मुंह में ले लिया और रमेश छूट गया, और मेरी बहन रश्मि ने उसका स्पर्म पी लिया।

फिर वो दोनों ने अपने कपड़े पहने और-

रश्मि: चलो, कहीं मेरा भाई हमें देख ना ले।

रमेश: ठीक है, लेकिन तुम्हारी पैंटी में रख रहा हूं, मुठ मारने के लिए।

रश्मि: अच्छा, ठीक है।

मैं वहां से भाग कर बाहर आ गया, तांकि वह मुझे देख ना ले। फिर रमेश और रश्मि बाहर आ गए। रश्मि, “चले भाई”? मैं बोला, “अच्छा ठीक है चलते है”।

इस कहानी का अगला हिस्सा भी आएगा, जहां रमेश के भद्दे गन्दे दिखने वाले पापा ने मेरी हॉट और सेक्सी मम्मी को चोद दिया। यह घटना मेरे परिवार को नए मोड़ पर ले जाएगी। आगे की कहानी में नए रोमांचक घटनाएं और ट्विस्ट्स की उम्मीद की जा सकती है।

अगर आपको मुझसे बात करनी है तो ये रहा मेरा मेल आईडी

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