पड़ोसी चाची की खुजली मिटाई-1 (Padosi chachi ki khujli mitayi-1)

चूत और लंड के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम। मैं रोहित एक बार फिर से आप सब के बीच में एक नई कहानी लेकर हाज़िर हूं। मैं 19 साल का नौजवान लोंडा हूं। मेरा लंड 6 इंच लंबा है, जो किसी भी चूत में खलबली मचाने की ताकत रखता है। मेरे मोटे तगड़े लंड के नीचे आने वाली चूत बुरी तरह से रगड़ जाती है।

जवान होने के बाद मेरा लंड चूत मांगने लगा था। फिर मैंने हमारे पड़ोस में रहने वाली चाची को सेट कर लिया। अब मेरे लंड के लिए चूत का जुगाड़ हो चुका था। फिर कल मैंने मनीषा चाची को चोद मेरे लंड की प्यास बुझा ली थी।

चाची को चोद कर मेरा लंड बहुत ज्यादा खुश था। चाची भी मेरे लंड से बहुत ज्यादा खुश थी। अब रातभर मैं चाची के मस्त हसीन पलों को याद कर सोता रहा। अब मेरा लंड फिर से चाची की चूत मांग रहा था।

मनीषा चाची लगभग 37 साल की है। वो दिखने में एक अच्छी-खासी मस्त बिंदास माल है। चाची बहुत ही शानदार माल है। चाची के बड़े-बड़े चूचे, मस्त सेक्सी गांड, रसीली चूत, किसी भी लंड को भरपूर मज़ा देने के लिए काफी है।

चाची के मस्त शानदार रसीले चूचे 34″ साइज के है।उनके बोबे बहुत ही शानदार है। चाची हमेशा अपने बोबो को अच्छी तरह से ढककर रखती है, लेकिन फिर भी बलाऊज में से चाची के बोबो का उभार साफ-साफ दिखता है। मेने चाची के बोबो को जमकर चूसा था।

चाची की चिकनी कमर लगभग 32″ साइज की है। चाची का चिकना गौरा पेट किसी के भी लंड की हालत खराब कर सकता है। चाची की मस्त सेक्सी बिंदास गांड लगभग 34″ साइज की है। उनके चूतड़ बहुत ही ज्यादा कसे हुए है। मैंने चाची की गांड की सील तोड़ उनका खूब मज़ा लिया था।

फिर सुबह होने के बाद मैं फिर से चाची के घर पहुँच गया। मेरा लंड चाची को बजाने के लिए उतावला हो रहा था, लेकिन आज चाची के साथ उनकी पड़ोसने साथ में बैठी थी।

अब मैं भी उनके साथ ही जम गया और इधर-उधर की बात-चीत करने लगा। मेरा लंड मनीषा चाची को देख कर बार-बार उछल रहा था। चाची मेरी हवस भरी नज़रों को पढ़ रही थी, लेकिन वो कुछ कह नहीं पा रही थी।

मैं बार-बार मेरे लंड को एडजस्ट कर रहा था। चाची भी चोरी-चोरी नज़रों से मेरे लंड के उभार को देख रही थी। अब मैं चाची की पड़ोसनों के जाने का इंतज़ार करने लगा लेकिन उनकी पड़ोसनें हिल नहीं रही थी।

फिर मुझे मजबूर होकर वापस आना पड़ा। आज मेरा लंड प्यासा ही रह गया था। फिर बड़ी मुश्किल से रात निकली और सुबह हुई।

अब आज मैं फिर से चाची के घर पहुँच गया। आज चाची के अलावा और कोई घर पर नहीं था। चाची बरामदे के बाहर कपड़े धो रही थी। अब मेरा लंड चाची की फाड़ने के लिए कुलबुला रहा था। तभी मैं चाची के पास खड़ा हो गया।

“चाची यार अंदर चलो ना।”

तभी चाची मुस्कुराती हुई कहने लगी, “क्यों? ऐसा क्या काम है?”

“अब काम का मतलब तो आप अच्छे से समझ ही रही हो ना।”

“नहीं यार रोहित, आज नहीं। कल जो हुआ वो ही काफी है। मुझे लंड की ज़रूरत थी और वो काम परसो हो गया। और वैसे भी रोज़-रोज़ करने से लोगो को शक होने लग जायेगा।”

“अरे चाची, अब आप लोगो के बारे में मत सोचों और जल्दी से अंदर चलो। मैं कब से आपको चोदने के लिए तड़प रहा हूं?”

“यार मैंने कल तेरे लंड की प्यास बुझा दी ना, अब क्या है?”

“आज फिर से मुझे आपकी लेनी है।”

“यार रोहित, रोज़-रोज़ लेना अच्छी बात नहीं है। लोगों को पता चल जायेगा।”

“अरे किसी को कुछ पता नहीं चलेगा चाची। आप तो अंदर चलो बस।”

मैं चाची को चोदने के लिए मना रहा था, लेकिन चाची मान नहीं रही थी। वो नखरे दिखा रही थी। इधर मेरे लंड से सब्र नहीं हो रहा था। चाची के नखरे बढ़ते जा रहे थे।

“चाची यार अब मत तड़पाओ ना इतना। दे दो ना जल्दी से आपकी।”

“मैं नहीं दूँगी यार। सॉरी।”

“चाची आपको देनी तो पड़ेगी। अब आप चाहे जो समझो। मेरा लंड बहुत तड़प रहा है।”

तभी मैं चाची के बोबो पर हाथ फेरने लगा।

“रोहित क्या करना है ये? कपड़े धोने दे ना।”

“जब आप मेरा काम नहीं कर रही हो तो मैं भी आपको काम नहीं करने दूंगा।”

” यार क्या ज़िद है ये?”

“आपको बजाने की ज़िद है चाची।”

अब मैं बार-बार चाची के बोबो पर हाथ फेंर रहा था। फिर बीच-बीच में चाची की गांड पर चपेड़ मार रहा था। चाची फिर भी कपडे धोने में लगी हुई थी।

“रोहित यार परेशान मत कर ना।”

“मैं भी तो परेशान हो रहा हूं चाची। आप मेरी भी तो परेशानी समझो ना।”

अब यार, अब मैं बार-बार चाची को छेड़ रहा था। चाची अब परेशान सी हो रही थी।मैं उनकी साड़ी के पल्लू को नीचे खींच चूका था। तभी चाची ने कहा

“चल अब अंदर नहीं तो तू मुझे काम ही नहीं करने देगा।”

तभी मेरा लंड ख़ुशी से झूम उठा।

“ये हुई ना बात चाची।”

अब चाची ने हाथ धो लिए और फिर कपड़े सुखाने लगी। मैं चाची के साथ खड़े होकर उनके कमरे में चलने का इंतज़ार कर रहा था। मैं तो चाची को बजाने के लिए बेचैन हो रहा था।

“चाची जल्दी सुखाओ यार।”

“सुखा रही हूं यार, थोड़ा सब्र कर।”

“सब्र ही तो नहीं हो रहा है चाची।”

फिर चाची ने कपड़े सुखा दिए। अब चाची कमरे में चल दी। तभी कमरे में घुसते ही मैंने चाची को लपक लिया।

मैंने तुरंत चाची को बाहों में कस लिया, और चाची के गुलाबी होठों पर हमला कर दिया। अब मैं ताबड़-तोड चाची के होठों का रस चूसने लगा। चाची को तो मौका ही नहीं मिल रहा था। किस करते हुए मैं चाची के बोबो को दबा रहा था। चाची आज भी खुद को मुझे सौप चुकी थी।

अब मैंने चाची को आगे सरकाते हुए दीवार से चिपका दिया। मैं भूखे शेर की तरह चाची के होंठो को चूस रहा था। तभी आउच पुच्च ऑउच्च पुच्च की ज़ोरदार आवाज़े कमरे में गूंजने लगी। अब बेचारी चाची क्या करती! धुआंधार होठ चुसाई से चाची की चूत में आग लग चुकी थी। तभी चाची ने आतुर होकर मुझे बाहों में कस लिया।

अब चाची भी अपनी हवस दिखाती हुई मेरे होंठो को खाने लगी। तभी मेरे हाथ चाची की गांड पर पहुँच गए और मैं चाची की गांड मसलने लगा। अब हम दोनों एक दूसरे के जिस्मों को बुरी तरह से रगड़ रहे थे। चाची की गांड मसलने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। अब मैं चाची के चिकने गले पर किस करने लगा। तभी चाची मेरे बालो को सहलाने लगी।

“आह्ह ओह सिससस्स आह्ह उन्ह।”

मैं झमाझम चाची के गले पर किस कर रहा था। इधर मेरा लंड चाची की फाड़ने के लिए बेकरार हो रहा था। मैं उनकी गांड को बुरी तरह से मसल रहा था। चाची गरमा-गरम आहे भर रही थी।

“ओह रोहित आह सिससस्स आह्ह।”

तभी मेने चाची के पेटिकोट में हाथ घुसा दिया और फिर उनकी गरमा गरम चुत को कुरेदने लगा। अब चाची बुरी तरह से मचलने लगी। अब मैं उनकी चूत में आग लगा रहा था।

“सिससस्स आहाहा आईईई उन्ह सिसस्स।”

अब चाची बहुत ज्यादा गर्म हो रही थी। फिर मैं चाची की रसीली चूत को कुरेदते हुए उनके बोबो को ब्लाऊज़ के ऊपर से ही कस कर भींचने लगा।

“ओह मौसी आह्ह बहुत मस्त बोबे है। उन्हह। मज़ा आ गया।”

“आईएईई सिससस्स आईईईई सिसस्स आह।”

” ओह मौसी,‌आह्ह बहुत गर्म है।”

अब मैं एक हाथ से चाची की चूत रगड़ रहा था, और दूसरे हाथ से चाची के बोबे को मसल रहा था। मौसी अब तूफान सी मचाने लगी थी। वो अब लंड के लिए मचलने लगी थी। तभी मैंने चाची की साड़ी निकाल उनका पेटिकोट खोल दिया।

“आह्ह ओह सिसस्ससस्स।”

अब मेंने तुरंत चाची की चड्डी भी नीचे खिसका दी। अब चाची नीचे से पूरी नंगी हो चुकी थी।‌ अब मैं ज़ोर-ज़ोर से चाची की चूत में उंगलियां पेलने लगा। तभी चाची दर्द से तड़पने लगी।

“आह आह्ह सिससस्स आह्ह आईईईईई।”

मैं चाची की चूत का पूरा मज़ा ले रहा था। चाची की गरमा-गरम चूत में उंगलियां पेलने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची दर्द के मारे पागल सी हो रही थी।

“आहा ओह सिससस्स आह्ह आईईईई।”

“ओह चाची बहुत ही मस्त चूत है तेरी। आहा बहुत मज़ा आ रहा है। आहा।”

चाची कुछ नहीं कह रही थी। वो उनकी चूत की खुजली मिटाने में लगी हुई थी। इधर मेरा लंड अब चाची की चूत की धज्जियां उड़ाने के लिए तड़प रहा था। तभी मैंने चाची को उठा कर पलंग पर पटक दिया।

अब मेंने मेरा पाजामा खोल लंड बाहर निकाल लिया। अब मैं चाची की टांगे फैला कर उनकी चूत में लंड सेट करने लगा। चाची मेरी ओर हवस भरी निगाहों से देख रही थी। वो चूत में लंड ठुकवाने के लिए बेताब हो रही थी।

अब मैंने चाची को कस कर दबाया और फिर ज़ोर के झटके से चाची की चूत में लंड पेल दिया। मेरा लंड एक ही बार में चाची की चूत को खोलता हुआ नीचे जा बैठा। तभी चाची दर्द से पनपना गई।

“आईईईई मम्मी मर्रर्रर्रर्र गईईई आईईईईई।”

तभी एक शॉट के बाद मैं चाची की चूत में ज़ोर-ज़ोर से लंड पेलने लगा। मैं चाची को बुरी तरह से चोद रहा था। चाची की चूत में मेरा लंड फूल स्पीड में अंदर-बाहर हो रहा था। चाची टांगो को हवा में लहरा कर मेरा लंड ले रही थी। मेरा लंड चाची जी की चूत में तगड़ा घमासान मचा रहा था।

“आईईईई आईईईईई आईईईई सिससस्स आहाहाह आह्ह आह्ह ओह आईईईईई आईईईईई ओह कुत्ते। थोड़ा धीरे-धीरे ”

“अब धीरे-धीरे पेलने का कोई काम नहीं है मनीषा। आज तो जम कर बजाने दे मेरी रानी।”

“आह्ह आह्ह सिससस्स चोद ले मेरे सैया जैसी तेरी इच्छा हो।”

मैं सका-सक चाची की चूत में लंड ठोक रहा था। चाची की चीखे कमरे में गूंज रही थी। मैं गांड हिला-हिला कर चाची को बजा रहा था। चाची भी मस्ती से लंड ठुकवा रही थी। वो मेरी पीठ को रगड़ रही थी।

“आईईईई आईईईईई आईईईईई आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह ओह आईईईईई आईईई।”

“ओह चाची आहा बहुत मज़ा आ रहा है आह्ह। कल भी मैं तो तुझे चोदने के लिए बहुत तड़प रहा था।”

“तड़प तो मैं भी रही थी, लेकिन सब यही थे, तो चुदवा नहीं पाई।”

मैं जम कर चाची की चूत में लंड ठोक रहा था। मुझे चाची को बजाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। ताबड़-तोड़ ठुकाई से चाची की हालात खराब होती दिख रही थी। वो कह नहीं पा रही थी, लेकिन चाची की शक्ल बता रही थी कि मेरा लंड उन्हें कितना भारी पड़ रहा था।

“आहा आह्ह आह्ह सिससस्स आह ओह सिससस्स आहा ओह रोहित।”

“आज साली तेरी चूत के सारे परखच्चे उड़ा दूंगा।”

“उड़ा दे साले कमीने।”

मैं चाची की चूत के परखच्चे उड़ा रहा था। तभी चाची अकड़ने सी लगी, और उनकी चूत में गरमा-गरम लावा फूट पड़ा। चाची पानी-पानी हो गई थी। अब मेरा लंड चाची के गरमा-गरम लावे में भीग गया।

“आह्ह सिससस्स आह्ह ओह आह्ह। ओह कुत्ते मेरा पानी निकल गया।”

” हां भैन की लौड़ी।”

मैं चाची की चूत में लंड ठोके जा रहा था। चाची की धुंआधार ठुकाई करने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। आज मैं कल की सारी कसर पूरी कर लेना चाहता था। चाची भी बड़ी मस्त होकर लंड ले रही थी।

“आईईईई आईईईईई आईएईई सिसस्ससस्स आहाहाह आह्ह आह्ह ज़ोर ज़ोर से मत चोद भैन के लौड़े।”

” हां कुत्ती चोद रहा हूं।”

अब मैं ताबड़-तोड़ झटकों से चाची को बुरी तरह से चोदने लगा। अब मेरा मोटा तगड़ा लंड चाची को दिन में तारे दिखा रहा था। चाची बुरी तरह से हिल रही थी।

“आईईईई आईई सिसस्स अहा आईईईई।”

” बोल साली अब आ रहा है ना ज़ोरदार मज़ा?”

“हां साले हरामी ऐसे हो चोद। आईईईईई बहुत अच्छा लग रहा है। आहा मज़ा आ गया।”

मैं गांड हिला-हिला कर चाची की ज़ोरदार ठुकाई कर रहा था। तभी चाची फिर से पानी-पानी हो गई।

“आहा सिससस्स आह्ह ओह कुत्ते।”

फिर मैंने चाची को बहुत देर तक ऐसे ही बजाया। अब मैंने चाची की चूत में से लंड बाहर निकाल लिया और फिर चाची की टांगो को कंधो पर रख कर फिरसे उनकी चूत में लंड सेट कर दिया।

अब मैं चाची की की टांगे पकड़ कर उन्हें फिर से चोदने लगा।

“आह्ह आह्ह ओह आईएईई सिसस्ससस्स।”

मेरा लंड फिर से चाची की गहराई में उतर कर घमासान मचा रहा था। मैं चाची को ताबड़-तोड़ तरीके से बजा रहा था। चाची का बलाऊज पसीने से पूरा भीगा हुआ था।

“ओह भैन के लौड़े आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है आह्ह।”

” हां साली। मज़ा तो आना ही है। मैं इतनी मेहनत जो कर रहा हूं।”

” हां कुत्ते करता रहे ऐसी मेहनत”

” हां साली कुत्ती, कर कर रहा हूं।”

अब मेरे लंड के झटकों से चाची बुरी तरह से हिल रही थी। उनके बोबे बलाउज में से ही ज़ोर-ज़ोर से उछल रहे थे। चाची मस्ती से उनकी चुत की खुजली मिटा रही थी।

“आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह।”

” ओह साली एक नंबर की मस्त माल है तू। आह्ह। बहुत मज़ा आ रहा है तुझे पेलने में।”

“तो पेलता रह तेरी माल को। तेरा लंड भी एक नम्बर का मस्त माल है।”

मैं मस्ती से चाची की चूत में लंड पेल रहा था। तभी चाची का चिकना जिस्म फिर से पसीने में भीगने लगा और कुछ ही पलों में चाची का पानी निकल आया।

“आईईईईई मम्मी। आह्ह सिससस्स।”

अब मैंने चाची को टांगे पकड़ कर पलंग से नीचे खींच लिया, और फिर चाची को घोड़ी बना दिया।अब चाची पलंग को पकड़ कर घोड़ी बन गई।

अब मैं चाची की चूत में लंड सेट करने लगा।

“यार अभी गांड में मत डालना है ना?

“हां चाची अभी सिर्फ चूत में ही डालूंगा।”

अब मैंने चाची की कमर पकड़ी और फिर चाची को झमाझम चोदने लग गया। अब चाची फिर से दर्द भरी सिस्कारियां लेने लगी।

“आह आह आहा आईई आहा उन्ह ओह साले हरामी।‌ मर गई, अआईईई अआईईई।”

“आह ओह साली हरामज़ादी आह बहुत मज़ा आ रहा है। आहा बहुत मस्त माल है तू।”

“आह्ह आह्ह आहा अआईईई अआईईई।”

मैं चाची को घोड़ी बना कर बुरी तरह से बजा रहा था। चाची को घोड़ी बना कर बजाने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरा लंड लगातार चाची के छेद को गहरा करता जा रहा था।

“आह आह‌ओह सिससस्स आह्ह ओह साले चाची चोद कहीं के। आह्ह आह।”

” हां साली भतीजे चुड़क्कड। बहुत मस्त है तेरी।”

“जम कर ले तो फिर मेरी साले हरामी।”

” हां ले रहा हूं साली।”

मैं गांड हिला-हिला कर चाची की चूत में लंड पेले जा रहा था। चाची घोड़ी बन कर जम‌ कर लंड ठुकवा रही थी। अब मैंने चाची की कमर छोड़ी और चाची की चोटी पकड़ ली।

अब चाची की चोटी पकड़ कर मैं उनकी जम कर ले रहा था। मैं खच-खच उनकी चूत में लंड पेले जा रहा था।

” आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह सिसस्स।”

फिर थोड़ी देर की झमाझम के बाद चाची फिर से पसीने से लथपथ हो गई, और उनकी चूत से गरमा गर्म रस नीचे बहने लगा। अब तो चाची ताबड़-तोड़ ठुकाई करने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। उनका सारा माल नीचे गिर रहा था।

“आह्ह सिससस्स आह्ह ओह कुत्ते आह्ह।”

“बहुत अच्छा लग रहा है साली हरामज़ादी।”

मैं चाची को घोड़ी बना कर जम कर बजा रहा था। मेरे लंड की ठुकाई से चाची बुरी तरह से पस्त हो रही थी। फिर मैंने मनीषा चाची को बहुत देर तक ऐसे ही बजाया।

कहानी जारी रहेगी…..

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अगला भाग पढ़े:- पड़ोसी चाची की खुजली मिटाई-2

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