हेल्लो दोस्तो, जैसा कि आप जानते है कि मैंने पिछली स्टोरी में बोल था कि मेरी अगली स्टोरी होगी कि कैसे मैंने अपनी एक्स गर्लफ्रैंड चोदा.
तो दोस्तो अब ये वही कहानी मैं आपको बता रहा हु कहानी थोड़ी लंबी है. क्योंकि इसमें में आपको बताऊंगा की कैसे वो मेरी गर्लफ्रैंड बनी और फिर कैसे मैंने उसको उसके हस्बैंड के सामने चोदा तो अब मैं अपनी कहानी पर आता हूं.
ये कहानी आज से 5 साल पुरानी है मैं अपनी बहन के घर रहकर पढ़ाई कर रहा था उनका एक स्कूल था नीचे स्कूल था और ऊपर घर जुलाई का महीना था स्कूल खुला खुला ही था.
मैं सुबह को सो कर उठा और खिड़की पर आकर खड़ा हो गया. वंहा मेरी नजर एक लड़की पर पड़ी जिसने स्कूल की सफेद शर्ट और ग्रे कलर की शार्ट स्कर्ट पहन रखी थी. ये हमारे जीजा की स्कूल ड्रेस थी मैं पहली नजर में ही उसको देखता ही रह गया.
उसकी हिरण की तरह आंखे और उसके गुलाबी होठ लाल लाल गाल और मोटे मोटे बूब्स, जब वो हास् है कर अपनी सहेलियो से बात कर रह थी तो उसके गालो में जो डिंपल पड़ रहे थे, उनसे वो और ज्यादा खूबसूरत लग रही थी. पहली नजर में ही मेरा दिल उस पर आ गया.
अब मैंने उसके बारे में जानकारी की तो पता चला वो इंटर क्लास में थी और उसका नाम नेहा था. अब मैं ये सोचने लगा कि कैसे उससे अपने दिल की बात कहु.
इसी सोच में कई महीने गुजर गए पर मैं उससे अपने दिल की बात नही कह पाया. जब हाफ इयरली एग्जाम चल रहे थे और मेरे जीजा और बहन सिटी से बाहर गए हुए थे तब मैं स्कूल के आफिस में आकर बैठ गया और स्कूल के एक टीचर को मेरी ये बात पता थी.
मैंने उससे बोला की क्लास से नेहा को बुला कर ले आओ वो गया और नेहा को बुला कर ले आया. जब वो मेरे पास आई मेरे दिल की धड़कन बढ़ गयी मैने हिम्मत करते हुए कहा कि नेहा बैठो तुमसे कुछ बात करनी है.
तो वो बोली कि हां बोलिये क्या बात करनी है? मैंने हिम्मत करते हुए कहा कि मैंने जबसे तुमको देखा है मैं तुम्हारा दीवाना हो गया हूं न मेंरा मन खाने में लगता है और न किसी काम मे मैं तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करता हु और तुम्हारे बिना नही जी सकता.
मैंने ये सारी बात बोल कर कहा कि तुम्हारा जो भी फैसला हो मुझको बात देना. मेरी ये बात सुनकर वो वंहा से चली गयी. जब पेपर हो गया तब वो मेरे आफिस में आई और बोली कि मुझको पहले से पता था कि आप मुझसे प्यार करते हो और मैं भी आपसे प्यार करती हूं.
उसके मुंह से इतना सुनकर मैंने झट से उसका हाथ पकड़ लिया और उसको अपने गले लगा लिया. वो भी मेरे से कसकर लिपट गयी. अब मैंने उसको अपना नंबर दे दिया और हमारी फ़ोन पर बात होने लगी और स्कूल टाइम में हम मिलने लगे. यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है!
एक दिन मैंने उससे बोला की छुट्टी के बाद तुम यंही पर रुक जाना. उस दिन भी घर पर कोई नही था और मैंने सोच की आज नेहा के साथ सेक्स करूँगा. मैं उसको ऊपर अपने रूम में ले गया और उसको गले लगा कर उसके हिप्प्स दवाने लगा.
मैं आपको बता दु नेहा का साइज उस टीम 34-28-34 था जो काफी सेक्सी था, मैंने नेहा से कहा कि आज हम दोनों प्यार करेंगे पहले. तो उसने मन कर दिया पर मेरे बार बार कहने पर वो तैयार हो गयी, मैं अब उसको लिप् किस करने लगा और उसकी हिप्प्स अपने अपने हाथ फिरने लगा.
लगभग मैंने 15 मीन्स तक उसको लिप्किस की उसके बाद मैंने नेहा को गोद मे उठाया और बीएड पर लेट दिया और मैं उसके पैरों की तरफ बैठ कर उसकी टैंगो को किस करने लगा, जिससे नेहा भी गर्म होने लगी और आहे भरने लगी.
अब मैंने नेहा की थाई पर किस किया और उसकी स्कर्ट ऊपर कर दी उसने लाल रंग की पेंटी पहनी थी और उसकी चुत का उभार पेंटी के ऊपर से बिल्कुल साफ दिख रहा था.
मैंने उसकी पैंटी नीचे की और उस पर किस करने लगा और उसके बूब्स को अपने हाथ से सहलाने लगा जिस कारण उसको और मजा आने लगा. मैंने भी अपनी पेंट उत्तरी और उसकी गुलाबी चुत.
पर जैसे ही अपना लंड रखा तभी मेरा फ़ोन बोल पड़ा. फ़ोन मेरे जीजा का था, उन्होंने बताया कि कुछ लोग घर पर आ रहे है 5 मिन्ट्स में तुम उनको आफिस में बैठा लो मैं भी आ रहा हु.
इतना सुनकर मेरा लंड डाउन हो गया. मैंने नेहा से कहा कि सॉरी तुम अभी घर जाओ और हम फिर कभी प्यार करेंगे. तो वो मुझ पर गुस्सा हो गयी उसका भी गुस्सा होना सही था किसी गर्म चुत को न चोदो तो लड़की को गुस्सा तो आयगा ही.
खैर मैंने उसको समझाया और वो चली गयी और मुझको भी गुस्सा आ रहा था सोच रहा था कि 10 मिन्ट्स बाद ही फ़ोन आ जाता तो आज काम हो जाता. खैर उस दिन मैंने खुद पर कंट्रोल किया और फिर मौके की तलाश में लग गया.
नेहा के घर पर उसकी मम्मी उसकी एक बड़ी बहन और नेहा ही रहते थे. नेहा के पापा बाहर रहते थे नेहा की बड़ी बहन शिल्पी को हमारे बारे में पता था और शिल्पी का जिसके साथ चक्कर चल रहा था वो लड़का मेरा दोस्त था, तो हम लोगो मे कोई बात छुपी हुई थी.
एक दिन नेहा ने बताया कि उसकी मम्मी 3 दिन के लिए गाव जा रही है, मैं तो खुशी के मारे उछल पड़ा और उस दिन का इंतजार करने लगा. खैर वो दिन भी आया नेहा ने मुझको शाम को घर बुलाया था और पूरी रात मैं वंही रुकने वाला था.
तो मैं शाम को 8 बजे नेहा के घर आ गया. नेहा ने उस टीम पिंक कलर का टॉप और सफेद रंग की केपरी पहन रखी थी और उसकी टंगे एक दम चिकनी थी ऐसा लग रहा था जैसे उसने आज ही वैक्स करवाया है.
मैंने नेहा से कहा कि सफेद रंग की केपरी को क्यों लाल करना चाहे हो. वो कुछ समझी नही हम लोगो ने साथ बॉथ कर खाना खाया फिर थोड़ी देर बाते की और उसके बाद नेहा मुझको अपने रूम में ले गयी.
मैंने नेहा से कहा कि तुम स्कूल ड्रेस पहन लो उसमे तुम ज्यादा अच्छी लगती हो, वो ड्रेस पहन कर मेरे सामने आ गयी. मैंने तुरंत उझको गले लगा लिया और उसको किस करने लसग और उसके हिप्प्स को धीरे धीरे दवाने लगा.
फिर मैंने उसको लिप् किस करना शुरू कर दिया. थोड़ी देर लिप् किश कसरने के बाद मैंने उसको दीवार के सहारे खड़ा किया और उसकी पैंटी नीचे कर दी अब उसकी गुलाबी चुत मेरे सामने थी.
मैं झट से उसकी चुत को अपनी जीभ से चाटने लसग और उसकी बिन चुदी चुत ने पानी छोड़ दिया. उसकी चुत का नमकीन पानी मे पूरा पी गया और नेहा मेरे बालो को कस कर खीचने लगी और जोर जोर से आहे भरने लगी.
मैंने उसको बेड पर लिटाया और उसकी टैंगो को किस करते करते धीरे धीरे ऊपर आने लगा और उसकी चुत पर आकर रुक गया और उसकी चुत के दाने को प्यार से सहलाने लगा. अब तो वो चुदने के लिए तड़प रही थी.
फिर मैंने धीरे धीरे उसकी शर्ट के बटन खोल कर उसकी शर्ट को उसके बदन से अलग कर दिया. उसने पिंक कलर की ब्रा पहन रखी थी जिसमे उसके बूब्स बहुत ज्यादा सेक्सी लग रहे थे. मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स सहलाने लगा.
अब उसकी स्कर्ट भी उतर दी और ब्रा भी उतर दी उसके बूब्स के निप्पल एक दम गुलाबी और टाइड थे. जिनको मैं बड़े प्यार से चूसने लगा और फिर नेहा की पूरी बॉडी पर किस किया. अब नेहा को सिधा लेटा कर उसकी दोनों टंगे खोल कर अपना लंड उसकी चुत. पर जैसे ही रखा ओ मचल गयी उर बोलने लगी कि कुछ होगा तो नही.
मैंने कहा डरो मत जान कुछ नही होगा. फिर अपने लंड से एक जोरदार धक्क मार तो मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चुत में गया और वो जोर से चीख पड़ी और बोलने लगी कि इसको बाहर निकालो.
मैंने तुरंत उसको लिप् किश करना शुरू कर दिया जब वो शांत हो गयी. मैंने एक जोरदार धक्का और मारा और अब मेरा आधा लंड उसकी चुत में समा गया और उसकी चुत से ब्लड निकलने लगा.
क्योंकि उसकी चुत की सील टूटी थी जिस कारण उझको दर्द भी हो रहा था. थोड़ी देर बाद एक धक्का और मर और मेरा लंड नेहा की चूत फाड़ते हुए उसकी चुत में समा गया और बच्चेदानी पर चोट करने लगा.
अब नेहा भी चुदाई का मजा लेने लगी और मैं जोर जोर से धक्के मारकर नेहा को चोदने लगा. लगभग 30 मिन्ट्स बाद मेरे लंड ने अपना माल उसकी चुत में छोड़ दिया और उस बीच नेहा की चूत ने दो बार अपना पानी निकाला.
उस रात नेहा को मैंने 4 बार जम कर चोदा. उसके बाद जब भी मौका मिला मैंने नेहा को चौदा. फिर कुछ दिन बाद मुझको वो सिटी छोड़ना पड़ा और हम अलग हो गए.
अब अगले पार्ट में बताऊंगा की कैसे फिर से मैंने नेहा को उसके पति के सामने चोदा और वो कुछ नही कर पाया. तब तक के लिए पढ़ते रहिये और हिलाते रहिये और लड़कियां भी अपनी चूत उंगली गुसाते रहिये!