दोस्तों एक बार मैं और मेरी पत्नी रिया उसकी चचेरी भाभी से मिलने हॉस्पिटल गए। उनकी डिलीवरी होने वाली थी। रिया के चाचा-चाची और उनके बेटा-बहु बैंगलोर में ही रहते थे। उनकी बहू की डिलीवरी होने वाली थी, तो उनका बेटा, मैं, और रिया उन्हे हॉस्पिटल लेकर गए। चाचा-चाची बुजुर्ग होने की वजह से घर पर ही रह गये। उन्होंने ये जिम्मेदारी मेरी और रिया की लगा दी।
हम भाभी को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। तो वहां एक अंजली नाम की नर्स हमें मिली, जो बहुत ही सुन्दर है। वो हमारी सोसाइटी में अपनी कुछ फ्रेंड्स के साथ रहती थी। उसने मुझे और रिया को पहचान लिया और बोली-
अंजली: सर आप यहां कैसे?
हम उसे नहीं जानते थे, क्योंकि कभी मुलाकात नहीं हुई।
वो बोली: सर मैं आपकी ही सोसाइटी में रहती हूं। आपने मुझे नहीं पहचाना, लेकिन मैं आपको जानती हूं।
हमने भाभी को एडमिट करने के लिए बोला। उसने फटाफट सारा प्रोसेस करा दिया, और काफी केयर की। भाभी को लेबर पेन हो रहे थे। थोड़ी देर में अंजली लेबर रूम से बाहर आ कर हमे बोली-
अंजली: आपके यहां बेटा हुआ है। सब ठीक है। तीन दिन में आप घर जा सकते है।
मैं वहां से ऑफिस चला गया। शाम को वापस हॉस्पिटल आया तो अंजली अपने घर के कपड़ो में बाहर खड़ी थी।
मैं बोला: कहां जा रही है आप?
वो बोली: मेरी शिफ्ट खतम हो गई है। अब घर जा रही हूं।
मैं बोला: पांच मिनट ठहरे, साथ में चलते है। रिया तो रात में यहीं रुकेंगी।
मैं रिया और भाभी से मिल कर आया। फिर अंजली के साथ वहां से घर के लिए निकल गए। रास्ते में हमने कुछ खाया और जूस पिया, और बातें करते रहे। उसने बताया वो चंडीगढ़ की रहने वाली थी। और पिछले दो साल से इसी हॉस्पिटल में थी। वो अपनी दो सहेलियों के साथ एक फ्लैट किराए पर लेकर रहती थी। वो दोनों भी नर्स थी। उनकी रात की ड्यूटी थी, तो भाभी और रिया को वो उन दोनों से मिलवा कर आई थी।
उसका फिगर एक-दम मस्त था। अच्छी हाइट, गोरा रंग, और शायद 30″ साइज के बूब्स होंगे। अब उसने जींस और टॉप डाल रखा था, तो और भी गजब लग रही थी।
उसने बताया: जब आप लोग रोज पार्क में घूमते है, तो मैं आपको देखती हूं। आपकी पर्सनेलिटी पर काफी सारी लड़कियां सोसाइटी में फिदा है।
मैं बोला: तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है क्या?
वो बोली: सर इन सब के लिए मेरे पास टाइम कहां है।
मैं बोला: मुझे अपना बॉयफ्रेंड बना लो।
वो बोली: सर आप जैसा बॉयफ्रेंड कोन नहीं बनाना चाहेगा। पर मेरी किस्मत में आप कहा है।
मैंने कहा: मैं सच बोल रहा हूं। बनोगी मेरी गर्लफ्रेंड?
वो मान गई। मैं उसे अपने घर ले गया, और चेंज करके उसके साथ में बैठ गया।
मैं बोला: तो ठीक है अंजली, आज से हम बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड है। आज हम साथ में ही डिनर करेंगे।
मैंने खाने का ऑनलाइन ऑर्डर कर दिया। मैंने उसको रिया की एक नाइटी दे दी, और बोला-
मैं: तुम आज रात को यहीं रुक रही हो। इसे पहन कर कंफर्ट हो जाओ। मैं सुबह तुमको हॉस्पिटल छोड़ दूंगा।
उसने बाथरूम में जा कर चेंज कर लिया और नाइटी पहन कर बाहर आ गई। वो गजब की एक फूल की तरह लग रही थी। मैंने उसे अपने पास में बिठाया, और उसका हाथ पकड़ कर चूमने लगा। वो भी कुछ नही बोली। वो बड़ी प्यार से मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी और बोली।
अंजली: क्या बात है, अभी गर्लफ्रेंड बनाया और अभी से प्यार मोहब्बत शुरू कर दी आपने।
मैं बोला: शुभ काम में क्या देरी?
मैं उसके हाथ को लेकर चूमे जा रहा था। तभी मैंने उसे गले लगा लिया, और उसकी गर्दन पर और कान के पास चूमने लगा। जब तक वो गरम हो गई, और उसने मुझे कड़ा पकड़ लिया और बोली-
अंजली: ये क्या कर रहे है आप? मैं बेकाबू हो रही हूं।
मैं बोला: तुम बेकाबू हो जाओ, मैं संभाल लूंगा।
मैंने उसकी नाइटी धीरे-धीरे उपर उठाई, और उसकी नरम मुलायम पीठ और कूल्हों पर हाथ फेरने लगा। मैं उसकी पैंटी में भी हाथ डाल कर उसके कूल्हों को सहलाता रहा। वो एक दम गरम हो चुकी थी। उसके बूब्स मेरे सीने से चिपके हुए थे। मैंने झट से उसकी नाइटी उतार दी। वो शर्मा गई, और अपने हाथों से मुंह ढक लिया। मैंने उसके हाथ पकड़े और उसके लिप्स पर एक किस कर दिया।
वो बोली: मुझे शर्म आ रही है।
मैं बोला: इसमें शर्म कैसी है?
मैंने अपनी शॉर्ट्स नीचे की, तो लंड बाहर आ गया। मैंने उसके हाथ नीचे करके लंड उसके हाथ में दे दिया। उसने लंड तो पकड़ लिया, लेकिन आंखे नही खोली। मैंने उसके मुंह को पकड़ कर उसके लिप्स चूसने शुरू कर दिए। वो लंड को सहलाने लगी। मैंने उसके बूब्स दबा दिए। वो एक-दम आह आह करने लगी, और अपनी आंखे खोल दी। मैं उसके सामने बिल्कुल नंगा था। उसने ब्रा और पैन्टी पहन रखी थी।
मैंने उसे लंड को चूसने बोला, और वो तैयार हो गई। उसने लंड को पकड़ कर झुक कर मुंह में ले लिया। मैंने उसे मेरे सामने पड़ी कुर्सी पर बैठाया, और उसके बाल पीछे से पकड़ कर मुंह को चोदने लगा। मैं साथ-साथ उसके बूब्स भी भींच रहा था।
वो मेरा लंड चूसती रही। करीब पंद्रह मिनट बाद मैंने उसे जोर-जोर से चोदना शुरू किया, और उसके मुंह में झड़ गया। वो मेरा वीर्य पूरा पी गई। मैंने उसकी पैंटी पर हाथ लगा कर देखा तो उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी। मतलब वो पूरी तरह चुदने को तैयार थी। फिर मैंने उसे उठा कर खड़ा किया और उसकी पैंटी निकाल दी। उसकी चूत गजब की थी। एक दम लाल रंग की, बिलकुल गोरी, एक भी बाल नहीं था चूत पर।
चूत को देखने के बाद लंड फिर से खड़ा हो गया। मैंने उसे पकड़ लिया और उठा कर कुर्सी पर बैठ कर सामने से उसे अपने लंड पर बिठा लिया। वो चूत को लंड पर रगड़ने लगी। गजब का एहसास था। मजा आ गया। उसकी ब्रा भी उतार कर हम लिपट कर ऐसे ही खेलते रहे। उसका पानी छूट गया था, और मेरी जांघें गीली हो गई थी।
मैं खड़ा हुआ, और सामने से ऐसे ही उसे उठा लिया, और उसकी चूत मेरे लंड के पास थी। मैंने ऐसे ही उसको गोद में उठाए हुए ही लंड चूत में डालने की कोशिश की। लेकिन उसकी चूत टाइट थी, तो लंड अन्दर ना जा सका। मैं उसे ऐसे ही बेडरूम में ले गया, और बेड पर पटक कर उसकी टांगे चौड़ी कर ली। अब मुझे उसकी चूत का गुलाबी छेद साफ दिखाई दे रहा था।
मैंने अपना मुंह बेड के पास बैठ कर उसकी चूत के लगा दिया, और उसकी चूत को चाटने लगा। उसके क्लिटरीज को अपनी जीभ से रगड़ने लगा। उसने अपनी चूत पूरी उपर उठा ली, और मेरे सर को पकड़ कर दबा लिया। मैं उसकी चूत में जीभ घुमाए जा रहा था। वो सिसकारियां भर रही थी। अब वो पूरी तरह से पागल हो गई।
फिर मैं उठा, और उसकी टांग अपने कंधे पर रख ली। वो पूरी तरह लंड के लिए तड़पने लगी। मैंने लंड चूत पर सेट किया, और उस पर पूरा लेट गया। फार एक जोरदार झटका मारा। लंड आधे से ज्यादा उसकी चूत में चला गया।
वो चिल्ला उठी, और दर्द के मारे झटपटाने लगी। मैंने लंड को ऐसे ही चूत में घुसाए रखा, और धीरे-धीरे चोदने लगा। दर्द के मारे वो रोने लगी। उस पर तरस खा कर लंड बाहर निकाला, तो देखा लंड पूरी तरह से लाल हो गया था उसके खून से। उसे थोड़ा आराम मिला, और वो लेटी रही। मैं उसे चूमता रहा।
मैं बोला: बस थोड़ा सहन करो। अभी तुम्हें मजा आने लगेगा।
मैंने दुबारा लंड चूत में पेल दिया। इस बार उसे दर्द हुआ लेकिन पहले से काम हुआ। मैं थोड़ी-थोड़ी देर में झटके मारने लगा। अब उसे मजा आने लगा।
वो बोलने लगी: जोर से चोदो ना।
इतना सुनते ही मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब मेरा भरपूर साथ दे रही थी। बीस मिनट बाद मैं झड़ने वाला था, तो मैंने पूछा-
मैं: अंदर डालू या बाहर?
वो बोली: अंदर ही डाल दीजिए, मैं मेडिसिन खा लूंगी।
मैंने आठ-दस झटके और मारे, और पूरा वीर्य उसकी गहराई में छोड़ दिया। उसे अपने अंदर पूरा गरम लावा महसूस हुआ। हम दोनों ऐसे ही कुछ देर लिपटे रहे। फिर हम उठे, और बाथरूम में गए। उससे चला नहीं जा रहा था।
बाथरूम में उसने अपनी चूत को धोया, जो खून से सनी थी, और मेरे लंड को भी उसने पकड़ कर धोया। वो सब जानती थी कि ऐसा होगा, क्योंकि वो मेडिकल लाइन में काम करती थी। वो बहुत खुश थी। वो नंगी ही मुझ से लिपटी रही। हम बाहर आए और कपड़े पहन लिए।
वो बोली: सर मेरी आप जैसे मर्द से चुदाने की इच्छा थी, वो आज आपने पूरी कर दी।
हमारा खाना आ गया था। हमने खाना खाया और बातें की। वो रात में मेरे साथ ही रुक गई थी। रात में भी मैंने उसे दो बार चोदा। सुबह वो अपने फ्लैट पर गई, और हॉस्पिटल के लिए रेडी हो कर आ गई।
हम दोनों हॉस्पिटल गए।
उसने रिया को बोला: मैडम अब आप जाएं, मैं यही हूं।
मैंने रिया को कैब करा दी, और बोल दिया शाम को आ जाना। उस दिन भी अंजली शाम को मेरे साथ घर गई, और रात भर मेरे साथ ही रही। मैंने उस रात भी उसको जम कर चोदा। तीन दिन तक रिया रात में हॉस्पिटल में ही रुकी थी। तीनों रात मैंने उसे खूब चोदा।
उसने एक बार अपने साथ रहने वाली दोनों सहेलियों को भी मुझ से चुदवा दिया। उनको चोदने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। वो मैं आपको मेरी अगली कहानी में बताऊंगा।
तो ये कहानी आपको कैसी लगी बताना जरूर।