मामी की शादी-शुदा बहन की चुदाई (Mami Ki Shaadi Shuda Behan Ki Chudai)

दोस्तों अपनी अगली सेक्स कहानी शुरू करता हूं। एक बार मुझे मेरे मामा जी के साथ उनके ससुराल के एक फंक्शन में जाने का मौका मिला।

मैं दिल्ली में हॉस्टल में रह कर पढ़ता था। मेरे मामा जी भी दिल्ली में ही रहते है। उनको कार चलानी नहीं आती, तो वो ड्राइविंग के लिए मुझे साथ ले गए। साथ में मामी जी और उनकी छोटी बेटी पिंकी भी थी। हमे बरेली जाना था।

पिंकी के साथ तो मैं पहले ही कई बार सेक्स कर चुका था। हम जब बरेली पहुंचे, तो मेरी निगाहें मामी जी के चाचा की बेटी अंकिता पर पड़ी। उसकी पिछले साल ही शादी हुई थी।

अंकिता थी गजब की सुंदर और सेक्सी। मेरा तो मन ही किसी भी लड़की को देख कर चोदने का करने लगता है। वहां मेरी निगाहे अंकिता से हट ही नहीं रही थी। अंकिता भी कभी-कभी चुपके से मुझे देख रही थी। वो भी मेरी पर्सनेलिटी पर फिदा हो गई थी, और बार-बार मुझसे बात करने की कोशिश करती थी। पिंकी को मेरी इस हरकत के बारे में पता चल गया था।

पिंकी मुझ से बोली: तुम्हारी निगाहे जहां है, मुझे पता है। वो शादी-शुदा है।

मैं बोला: शादी-शुदा है तो क्या हुआ? लड़की तो है ना।

वो बोली: वो तो ठीक है लेकिन क्या शादी-शुदा पर लाइन मारना ठीक रहेगा?

मैं बोला: मेरा मन इसे चोदने का है। अगर तू कुछ मदद कर सकती है तो बोल?

वो बोली: ठीक है, मैं बात करके देखती हूं। मैंने देखा है निगाहे तो उसकी भी तुम पर टिकी है।

वो कुछ खाली समय में अंकिता के पास चली गई, और उससे बाते करने लगी।

पिंकी मुझसे आकर बोली: यार कमाल है, वो खुद भी तुम पर फिदा है। आज शाम को मैं उन्हीं के घर पर तुम्हारी मुलाकात करा दूंगी। उनके घर के सभी लोग तो यहां फंक्शन में रहेंगे तब।

वो फिर बोली: देखो मैं तुम दोनों के साथ रहूंगी। तुम दोनों सेक्स करोगे तब भी, और अगर मेरा मूड बन गया तो तुम्हे मुझे भी चोदना पड़ेगा।

मैं बोला: ठीक है चुद लियो मेरी रंडी। पहले उसकी तो दिला।

कुछ देर में मैं बाजार गया और एक पैकेट कंडोम का ले आया। शाम को पिंकी और मैं बाते कर रहे थे। तो उनके सभी लोग फंक्शन में आए हुए थे। लेकिन अंकिता नहीं आई थी। हम समझ गए कि वो अब हमारा इंतजार कर रही होगी।

पिंकी उसकी मम्मी के पास गई और बोली: नानी जी, अंकिता कहां है?

वो बोली: अरे मैं बताना भूल गई। वो रेडी होने के लिए तुम्हे बुला रही थी। तुम चली जाओ, और उसे भी तैयार करके ले आना।

उनका घर पिंकी की नानी के घर से करीब तीन किलोमीटर पर था। तो मैं और पिंकी कार से उसके घर पहुंच गए। अंकिता घर पर अकेली ही थी। हम घर पर गए तो उसने एक नाइटी ही पहन रखी थी। हम तीनों पहले सोफे पर बैठ गए। वो हमें पानी वगैरह ऑफर करने लगी।

तभी पिंकी बोली: पहले जिस काम के लिए आएं है, वो कर ले। नहीं तो फंक्शन में बुलाने के लिए सभी के फोन आने लगेंगे।

हम तीनों बेडरूम में चले गए। अंकिता और मैं बेड पर बैठ गए। पिंकी वहां खड़ी रही।

तभी अंकिता बोली: तू तो बाहर जा, तभी तो कुछ करेंगे।

पिंकी बोली: मैं अरुण की बोल कर लाई हूं, कि जो करोगे मेरे सामने ही करोगे।

अंकिता बोली: पागल है, मुझे शर्म आएगी।

पिंकी बिना शर्माए बोली: खुद तो चुदाने के लिए तड़प रही है। शर्म की बातें कर रही है।

मैंने देर ना करते हुए अंकिता का हाथ पकड़ा, और उसके गालों और होठों पर किस्स कर लिया। उसने भी मुझे पकड़ कर किस्स किया। मैंने उसकी नाइटी ऊपर जांघों तक कर ली। अब उसकी गोरी जांघों मेरे सामने एक-दम नंगी थी। मेरा लंड खड़ा हो चुका था। मैंने अपनी पेंट उतार कर एक साइड रख दी। तभी मेरा अंडरवियर पिंकी ने पकड़ कर उतार दिया।

मैं बोला: पिंकी तू थोड़ा सबर कर। पहले मैं अंकिता को ही चोदूंगा।

वो बोली: ठीक है, चोद लेना चोदू।

पिंकी ने मेरा लंड अंकिता को पकड़ा दिया। और बोली: ले चूस कर इस महाराज का मजा लेले।

मैंने अंकिता की नाइटी उतार दी। उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी, बस एक ब्ल्यू कलर की पैंटी पहनी थी। मैंने उसे बेड पर लिटा लिया, और उसके ऊपर चढ़ गया। फिर उसे किस्स करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा। वो एक-दम मस्त हो गई और मेरे लंड को पकड़ कर हिलाए जा रही थी। मैंने उसके नीचे आकर पैंटी को निकाल दिया। उसकी चूत एक-दम चिकनी और बिना बालों के थी। बिल्कुल गुलाबी रंग की।

मैं बोला: तुम्हारा पति तुम्हे चोदता नहीं क्या? ये तुम्हारी चूत तो कुंवारी लड़की की जैसी लग रही है।

वो बोली: कहां! एक साल से अभी तक एक-दो बार चोद पाया है। उसका खड़ा ही नहीं होता। आज तुम्हारा देख कर लगा है किसी मर्द के सामने हूं।

मैंने बिना देर किए उसकी टांगें अपने कंधों पर रख ली, और लंड पर कंडोम पहना कर उसकी चूत पर सेट करके एक जोरदार धक्का मार दिया। वो पहले से चिकनी हो चुकी थी, तो पूरा मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया।

उसको बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन उसने अपने पर काबू रखा। मैंने उसे चोदना चालू किया। वो दो मिनट के बाद मस्ती से चुद रही थी। उसे बड़ा मजा आ रहा था। पिंकी इन सब का मजा ले रही थी। वो एक साइड खड़ी हो कर हमें देख रही थी, और अपनी स्कर्ट उठा कर अपनी चूत को सहलाते हुए मुस्कुरा रही थी। दस मिनट बाद मेरा वीर्य निकल गया, और पूरा कंडोम वीर्य से भर गया। वो मुझे पकड़ कर स्मूच करने लगी।

वो बोली: आज किसी मर्द ने मुझे चोदा है। मजा आ गया।

मैंने कंडोम निकाल कर एक पेपर में डाला। इतनी देर में पिंकी ने मुझे दबोच लिया। मैंने उससे किए वादे के मुताबिक उसे भी चोद दिया। पिंकी की चुदाई हुई, तब तक अंकिता रेडी होने चली गई थी। पिंकी को चोदने के बाद उसने थोड़ी हेल्प उसके तैयार होने में की। अंकिता बहुत खुश थी। वो बार-बार पिंकी को थैंक्स कह रही थी।

वहां से निकलते टाइम अंकिता ने मुझे एक बार चूम लिया और बोली: अरुण कल एक बार और अच्छे से मुझे चुदना है। मैं कल रात में अपने घर पर ही तुम्हारे रुकने का इंतजाम करती हूं।

मैं बोला: ठीक है, मुझे और क्या चाहिए।

दूसरे दिन रात में उसने अपने घरवालों को बोल कर मेरा और पिंकी का रहने का इंतजाम अपने घर पर कर लिया। उस रात हम तीनों ने रात भर खूब सेक्स किया। अंकिता का तो मन ही नहीं भर रहा था। वो मुझे चूमती ही रही।

बाद में दूसरे दिन हम दिल्ली के लिए निकल लिये। अंकिता हमारे वहां से आने के टाइम रोने लगी। पिंकी ने उसे चुप कराया। हम वहां से निकल कर दिल्ली आ गए। अब मैं और पिंकी तो जब चाहे सेक्स कर लेते थे। उसका जब मन होता वो मुझे अपने घर बुला लेती थी और चुद लेती थी। तो दोस्तों मेरी ये हिंदी चुदाई कहानी आपको कैसी लगी बताना।

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