गांव में चुदाई का खेल-2 (Gaon mein chudai ka khel-2)

पिछला भाग पढ़े:- गांव में चुदाई का खेल-1

हैलो दोस्तों, उम्मीद है कि आपने मेरी पिछली कहानी पढ़ी होगी, और आपको मेरी ममता भाभी की चुदाई का खेल पसंद आएगा। अब आगे-

अब मैं और ममता भाभी जब भी मन करता चुदाई के खेल में डूब जाते। तभी एक दिन करीब दोपहर के 2 बजे जब मैं ममता भाभी को उनके ही बेडरूम में चोद रहा था, तब हम अपनी हवस में इतने डूब गए कि बेडरूम का दरवाजा लॉक करना ही भूल गए, और मैं दनादन भाभी को जोर-जोर से चोद रहा था।

फिर अचानक से मेरी नज़र दरवाजे पर खड़ी एक जवान लड़की पर गई। वो लड़की और कोई नहीं ममता भाभी की बेटी सोनम थी, जो अपनी मां को मेरे लंड के नीचे चुदते हुए देख रही थी। लेकिन जैसे ही मैंने सोनम को देखा, तो मेरे अंदर हवस का ज्वालामुखी फट पड़ा, और मैं ममता भाभी को और जोर से चोदने लगा। फिर अचानक से मेरी बड़ी स्पीड से भाभी भी और जोश में आकर कराहने लगी, जो पूरे बेडरूम में गूंज गई।‌

मैंने सोनम को देखते ही भाभी को चोद रहा था, और ये बात सोनम भी समझ गई कि मैंने उसे देख लिया‌ था।‌ अब उसकी चुदाई की आग भी धीरे-धीरे बढ़ने लगी। उसकी ये आग देख कर मैंने अपना लंड भाभी की चूत से निकाला, और सोनम की तरफ से थोड़ा सा हिला कर भाभी के मुंह में दे दिया और उनका मुंह चोदने लगा।

भाभी भी पूरे जोश के साथ मेरा लंड चूसने लगी, और ये सब देख कर सोनम भी गरम होने लगी। वो अपने कपड़ो के ऊपर से ही अपने स्तन और चूत सहलाने लगी।

और दोस्तों आपने तो पढ़ा ही होगा कि मुझे सोनम को चोदने की कितनी इच्छा थी। जैसे ही‌ सोनम को खुद को सहलाते हुए देखा, तो मुझे या जोश आ गया।

मैंने अपना लंड वापस से भाभी की चूत में डाल दिया, और भाभी के बूब्स भी जोर-जोर से मसल रहा था जिससे भाभी भी अपने चरम पर पहुंच गई, और जोर-जोर से आहें भरने लगी। उनकी चूत से फवारा छूट गया और उसके कुछ देर बाद मैंने भी अपना माल भाभी की चूत में डाल दिया।

फिर मैं निढाल होकर भाभी के ऊपर लेट गया। थोड़ी देर के बाद मैंने दरवाजे की तरफ देखा, तो वहां सोनम नहीं थी। फिर मैंने भाभी को वॉशरूम जाने का बोल नंगा ही बाहर आ गया, और सोनम के कमरे की तरफ गया। वहां जाकर देखा तो सोनम अपनी वर्जिन चूत में अपनी एक उंगली डाली हुई थी। ये देख मेरे शांत पड़े लौड़े में फिर से जान आने लगी, और मैं नंगा ही सोनम के पास चला गया।

मुझे आते देख सोनम थोड़ा सा झेंप सी गई। लेकिन मुझे चूत तैयार दिख रही थी, तो मैं नंगा ही उसकी बगल में खड़ा हो गया, और उसको देखा तो उसकी नज़र बार-बार मेरे 7 इंच के खड़े लंड पर जा रही थी। फिर मैंने उसकी तरफ से एक मुस्कुराहट देते और अपना लंड उसकी तरफ हिलाते हुए कहा-

मैं: पागल तेरी उंगली से क्या होगा? तू मुझे बोलती, मैं तेरी चूत और तेरे इस मुलायम जिस्म का ख्याल रखता।

ये कहते हुए मैं उसकी बगल में बैठ गया, और उसे अपनी आगोश में ले लिया। फिर उसकी एक चूची को सहलाने लगा।  उसने कोई विरोध नहीं किया। फिर मैंने उससे पूछा कि मेरी और उसकी मां की चुदाई उसे कैसी लगी। इस पर वो कुछ नहीं बोली, बस अपनी गोरी और सेक्सी नंगी टांगो को चिपकाये शांत सी बैठी रही।

उसकी आधी नंगी देख कर मेरी हवस की सीमा पार हो गई, तो मैंने उसके सूट से उसके 30″ साइज बूब्स बाहर निकाले और दबाने और चूसने लगा। इससे उसके शरीर में आग लगने लगी, और फिर उसके बाकी बचे हुए कपड़े भी निकल दिए, और उसके छोटे-छोटे गोरे मुलायम बूब्स पर नारंगी रंग के निप्पल बहुत ही मदहोश लग रहे थे।

मेरे अंदर की आग भड़की। फिर मैंने उसका हाथ पकड़ के अपने लंड पर रख दिया, जिसे उसने बड़े प्यार से पकड़ लिया। फिर मैंने उसे देखा और उसके होंठ चूसने लगा, जिसमें वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी।  मैं अपना एक हाथ उसकी टांगो के बीच उसकी गीली चूत पर रख कर उसे सहलाने लगा। फिर उसके बाद मुझे याद आया कि ममता भाभी भी अपने कमरे में मेरे लंड का इंतजार कर रही थी।

फिर मैंने सोनम को छोड़ा तो उसने पूछा: क्या हुआ, रुक क्यों गए?

तो इस पर मैंने उसे बताया कि अभी उसकी मां मेरा और मेरे लंड का इंतज़ार कर रही थी। इस पर वो थोड़ा नाराज़ होने लगी। फिर मैंने उसकी चूत पर किस किया ओर जाने लगा। फिर सोनम झटके से उठी और मुझे पीछे से गले लगा कर मेरे लंड को सहलाने लगी।

मैंने उसे समझाया: अभी समय नहीं है,‌ ममता भाभी ने अगर देख लिया तो प्रॉब्लम हो जाएगी। पर तू चिंता ना कर, तेरी चूत की आग में कल शांत करूंगा। फिर तेरी मां के सामने ही तुझे चोदूंगा।

फिर मैं मेरी भाभी के पास लौट आया। जैसे ही भाभी ने मुझे देखा तो वॉशरूम में इतना टाइम क्यों लगा पूछने लगी। इस पर मैंने उन्हें कुछ नहीं बोला और उन्हें किस करने लगा। और फिर से हमारी चुदाई का खेल शुरू हुआ। उनकी चुदाई के करीब 20 मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए, और दोनों साथ में निढाल हो गए।

उसके बाद मैंने अपने कपड़े पहने और भाभी को उसी तरह नंगा छोड़ के बाहर निकला। तो मुझे सोनम मिल गई और उसने मुझे किस किया, और मेरे लंड को मेरी पैंट से बाहर निकाल कर सहलाना शुरू कर दिया। इससे मुझे पता चला कि वो चुदने को कितना मचल रही थी। फिर जैसे-तैसे मैंने उसे शांत किया, और दूसरे दिन उसे कॉलेज ना जाने को बोल कर वहां से चला आया।

फिर दूसरे दिन दोपहर को जब मेरे घर पर सब सो गए (गांव में ज्यादातर गर्मी में सब सो जाते हैं), तब मैंने सोनम को अपने कमरे में बुलाया। तो वो जल्दी ही मेरे पास आ गई। जैसे ही वो मेरे सामने आई, तो मैं देखता ही रह गया। उसने एक टाइट टॉप या लेगिंग पहना था, जिसमें उसके 30″ के सेक्सी बूब्स बहुत ही उभर के आ रहे थे। उसकी गांड हिलते हुए बड़ी मस्त लग रही थी। उसे ऐसे देखते हुए मेरे लंड का बुरा हाल होने लगा।

अब मैं अपनी हवस में डूबने लगा, और उसे अपने पास खींच कर उसे चूमने लगा।  साथ ही उसकी गांड भी सहला रहा था। इससे उसकी चुदने की आग और बढ़ने लगी, और वो मेरा लंड बाहर निकाल कर सहलाने लगी। फिर मैंने उसका टॉप और लेगिंग झट से निकाल दिए।‌ उसने ब्रा नहीं पहनी थी, और वो काली पैंटी में मेरे सामने नंगी खड़ी थी।

उफ्फ यार क्या नजारा था! उसका दूध सा गोरे बदन और उसके मादक बूब्स पर ऑरेंज कलर के उसके निप्पल मुझे पागल बन रहे थे। फिर एक-दम से ही मैं उसके बूब्स को चूमने पर टूट पड़ा, और पैंटी से उसकी चूत सहलाने लगा जो पहले ही पूरी गीली हो चुकी थी। थोड़ी देर उसकी चूत सहलाने के बाद मैंने उसकी गोरी चूत पर अपनी एक उंगली डाली, जिससे वो थोड़ी चिहुंक गई। क्योंकि उसकी चूत अभी बहुत टाइट थी। और उसकी अभी तक सील भी ना खुली थी।

अब मैंने उसे अपने लंड को पास बिठा कर अपना लंड चूसने को बोला, जिसे वो थोड़ा मना करने लगी। फिर मैंने बोला कि एक बार ट्राई करो अगर अच्छा ना लगे तो छोड़ देना।‌ इस पर वो मान गई। पहले तो वो हल्का-हल्का चाटने लगी। फिर थोड़ी देर बाद लंड अपने मुंह लेके चुसने लगी। करीब 2 मिनट ऐसा करने पर उसको भी मजा आने लगा। वो मजे लेते हुए पूरा लंड चूसने लगी।

अब मैं भी पूरा मदहोशी में डूबने लगा और इसी मदहोशी में उसके बाल पकड़ कर उसका मुंह और जोर से चोदने लगा। करीब 10 मिनट उसने मुझे मेरा लंड चूस कर मजा दिया। फिर थोड़ा रुक कर बोली कि आज मार ही डालोगे क्या? थोड़ी सांस तो लेने दो। इस पर मैंने मुस्कुरा दिया और उसे पकड़ कर बेड पर डाल दिया।

फिर उसकी पैंटी निकाल दी, जिससे उसकी गोरी चूत उसकी मलाई छोड़ते हुए मेरे सामने आई। मैं देखते ही उसकी चूत चूसने के लिए टूट पड़ा, और जैसे ही मेरी जीभ ने उसकी चूत को टच किया, तो वो एक-दम सिहार उठी। वो अपनी आंखें बंद करके हल्की सिसकारियों के साथ अपनी चूत की चुसाई का मजा लेने लगी।

अब मैं भी उसकी चूत के रस को पी कर उसका पूरा मजा ले रहा था। अब वो भी मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी। करीब थोड़ी देर बाद उसका पूरा शरीर अकड़ने लगा, और वो झड़ने लगी। उसका पूरा पानी मैं पी गया। यार एक कुंवारी लड़की का पहला ऑर्गेज्म क्या मस्त होता है। इससे मेरे लंड में जैसे आग सी जलने लगी,‌ और मैं उसे थोड़ा अलग होकर देखने लगा।

साली क्या माल लग रही थी यार, मैं इसे कितने टाइम से चोदना चाह रहा था। और वो आज मेरे सामने नंगी लेटी थी मेरा लंड लेने के लिए। फिर मैं उसके शरीर को पूरा चूसने उस पर फिर से टूट पर पड़ा। उसके बूब्स चूसने और जोर से दबाने लगा। इस पर उसका शरीर लाल पड़ने लगा और वह फिर से गर्म होने लगी। वो मेरा लंड अपनी चूत में लेने के लिए बोलने लगी। अब मुझे भी नहीं रहा जा रहा था।

तो मैंने वैसलीन ली जो मैंने पहले ही ला कर रख ली थी, और उसकी चूत में भरने लगा। ढेर सारा अपने लंड पर भी लगाया। फिर मैंने अपना लंड उसकी टांगे फैला कर उसकी चूत पर सेट किया, और एक हल्का धक्का लगाया। लंड थोड़ा फिसल गया, क्योंकि उसकी कुंवारी चूत के लिए मेरा लंड ज्यादा मोटा ही था। इस पर फिर मैंने अपना लंड दुबारा सेट किया, और ध्यान से उसकी चूत में डालने लगा।

फिर एक धक्के के साथ मेरे लंड के आगे का हिस्सा उसकी चूत में चला गया, और उसे अपनी चूत में दर्द महसूस हुआ। लेकिन वो खुद पर काबू की हुई थी, इसलिए वो ज्यादा चीखी नहीं। लेकिन उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे। इसे मेहसूस करते हुए मैं थोड़ा रुका और उसके होंठ और चूचे चूसने लगा। थोड़ी देर में जब वो नॉर्मल हुई तो मैंने फिर एक धक्का लगाया, और मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया। उसकी चूत से हल्का खून निकलने लगा, और अब वो थोड़ी झटपटाने लगी।

लेकिन उसने अपनी चूत से लंड बाहर निकालने को एक भी बार नहीं बोला, और सहती रही। इस पर मुझे समझ आया कि इसकी चुदाई की आग कितनी ज्यादा थी। फिर मैंने एक धक्का लगाया, और मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर था। लेकिन इस बार उससे सहा नहीं गया, तो वो चीखने ही वाली थी कि मैंने उसका मुंह अपने हाथ से बंद कर दिया। वो मुझे धक्का लगा के अपनी चूत से लंड निकालने की कोशिश करने लगी।

इस बार मुझे भी मेरे लंड में थोड़ा दर्द हो रहा था,‌ लेकिन मैं कुछ समय रुका रहा। फिर जैसे सोनम नॉर्मल हुई, तो मेरे हल्के से अपना लंड उसकी चूत के अंदर या बाहर करने लगा। ऐसा करने से उसको अच्छा महसूस हुआ, और वो भी इसमें मेरा साथ देने लगी। धीरे-धीरे मैं उसकी चुदाई की स्पीड बढ़ाने लगा, और वो भी इसका पूरा मजा लेने लगी। लेकिन मैंने अपने मुंह से उसका मुंह बंद किया हुआ था, तांकि वो सिसकारियां ना ले सके।

इस पर कमरे में सोनम की पहली चुदाई की आवाज़े गूंजने लगी, और हम दोनों अपनी चुदाई में डूब गए। हम बस अपनी चुदाई का मजा ले रहे थे, और उसकी खून से भरी चूत हल्का सा पानी भी साथ छोड़ रही थी। ऐसे ही हमारी चुदाई का सिलसिला चलता रहा। ऐसे ही चुदाई करते-करते सोनम का शरीर खुलने लगा, और वो झड़ गई। अब मेरा भी निकलने वाला था, तो मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और उसके बूब्स के ऊपर अपना स्पर्म छोड़ दिया। फिर मैं उसके बगल में लेट गया।

अब मैं और सोनम दोनों को थक कर थोड़ा ऐसे ही लेटे रहे। लेकिन फिर मैंने सोनम को देखा कि उसने अपनी चूत पर हाथ फेर कर उसकी हालत जानने की कोशिश की। इस पर मैंने उसे बताया कि आज वह पूरी तरह जवान हो चुकी थी। उसके बाद वह थोड़ा हंसती है। मैंने उसकी हालत समझते हुए उसे अपनी बांहों में उठा लिया और बाथरूम ले जाकर उसकी चूत और स्तन सब अपने हाथों से साफ किए। फिर उसे उठा कर वापस अपने बिस्तर पर लिटा दिया और एक बार फिर से हम चुदाई के खेल में डूब गये।

फिर जब हम झड़ गए तो उसने थोड़ा आराम करने के बाद अपने कपड़े पहने और जाने लगी। अब तो जब भी मेरा मन होता तो सोनम को चोद लेता। बाकी कहानी में आपको अगले भाग में बताऊंगा।

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