दोस्तों अपने आप को तैयार कीजिए, और चलते है एक बहुत ही मजेदार सफर पर, जहां आपको जन्नत के दरवाजे खुले मिलते हैं। मैं किसी और चीज की बात नहीं कर रहा हूं। बात है चुदाई की, और वो भी मेरी मलंग मां की।
दोस्तों सुनीता का बदन बेहद खूबसूरत है, जिसे हर मर्द छूना चाहेगा, और काफी लोग उसके साथ इश्क करना चाहते है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि 34″ की चूचियां, 30″ की चिकनी कमर, 36″ के मस्त चूतड़, और भरी जांघें लेकर जब वो चलती है, तो देखने वालों का लंड पूरा तन जाता है।
ऐसा ही एक किस्सा आज आपको बताने जा रहा हूं। करीब 7-8 महीने पहले हमारे मोहल्ले में एक नया मर्द रहने आया था, और उसका हमारे घर अच्छा आना-जाना लग गया। उसका नाम रमेश है, और उसका फिट शरीर है। थोड़ा-थोड़ा काला रंग है, लेकिन पूरी तरह से वासना से भरा हुआ आदमी है, जिसका 6 इंच का मस्त काला लंड है।
मैंने जब उन्हें शुरू-शुरू में देखा था, तो उसी वक्त मेरी ये तमन्ना बन गई, कि काश ये मेरा बाप होता, और सुनीता को एक मस्त चुदक्कड़ औरत बना कर रखता। मेरे सामने रोज सुनीता को चोदता, और मैं रमेश का लंड पकड़ कर सुनीता के मुंह में डालता, और सुनीता की चूत और गांड चाट कर उसका लौड़ा सुनीता की चूत में डालता।
कुछ समय बीतने के बाद जब एक दिन रमेश ने मुझसे मेरी मां का नंबर मांगा, तो मैंने भी तुरंत सुनीता का नंबर दे दिया। लेकिन साथ में उन्होंने मुझसे मेरा भी नंबर मांगा। तो मैंने भी मेरा नंबर दे दिया, और फिर मैं घर आ गया। घर आते मैंने देखा कि मेरा घटिया बाप सुनीता से लड़ रहा था।
मैं अपने कमरे में जाकर सोचने लगा कि रमेश ने नंबर क्यों मांगा। फिर रात में खाना खाकर जैसे ही मैं अपने कमरे में जाने लगा, तभी मेरा बाप फिर से सुनीता से लड़ने लगा। कमरे में जाते ही रमेश का फोन मेरे पास आया, और उन्होंने मुझसे पूछा-
रमेश: बेटा ये पीछे से आवाज क्या आ रही है? जैसे कि कोई चिल्ला रहा है।
मैंने भी बोल दिया: मेरा बाप मेरी मां से लड़ रहा है।
फिर रमेश ने मुझसे खुल कर बात की और रमेश ने मुझसे कहा: बेटा क्या तेरा बाप ऐसे ही तुम्हारी मां से लड़ता है?
मैंने कहा: हां अंकल, पता नहीं क्यों।
रमेश: अच्छा, लेकिन तुम्हारी मां तो इतनी अच्छी है, संस्कारी और सुंदर है।
मैंने कहा: हां अंकल, इतनी खूबसूरत बीवी से कौन लड़ता है?
रमेश: बिल्कुल बेटा, प्यार करने का मन करता है बस। अगर मेरी इतनी खूबसूरत बीवी होती, तो उसे बहुत मजे देता, और खुश रखता।
मैंने कहा: लेकिन मेरा बाप ये समझता ही नहीं।
रमेश: अच्छा बेटा तुम ये बताओ, कि तुम्हारा बाप कब घर आता है? और कब घर से जाता है?
मैंने कहा: सुबह 9 बजे चला जाता है, और रात को 7 बजे आता है। कभी-कभी देर भी हो जाती है।
रमेश: अच्छा, चलो ठीक है तुम्हारी मां को खुश देखना चाहते हो?
मैंने कहा: हां अंकल, अगर सच बताऊं तो कभी-कभी मन करता कोई नया बाप मिल जाए, जो मेरी मां को खुश रखे।
रमेश: अच्छा बेटा, वैसे अब तुम बड़े हो गए हो, सब समझते हो, औरत मर्द तभी साथ में तभी खुश रह सकते है, जब उनके बीच में सारी इच्छाएं अच्छे से पूरी हो। मानसिक और शारीरिक दोनों तरीके से।
मैंने कहा: हां अंकल, ये बात तो है। मुझे तो नहीं लगता मेरी मम्मी की इच्छाएं पूरी होती होंगी।
रमेश: वैसे बुरा ना मानो तो एक बात बोलूं?
मैं: हां अंकल बिल्कुल। आप से बात करके काफी अच्छा लग रहा है। बोलो खुल कर।
रमेश: कैसे बोलूं, मुझे समझ नहीं आ रहा?
मैं: खुल कर बोलो अंकल, जो भी हो मैं बुरा नहीं मानूंगा, और मैं ये वादा करता हूं।
रमेश: तुम्हें नया बाप चाहिए?
मैं: हां अंकल बिल्कुल, मेरा ये बाप तो बहुत गंदा है, और बस डांटता रहता है मुझे और मेरी मां को।
रमेश: मैं बन जाऊं क्या तुम्हारा नया बाप?, देखो बुरा मत लगाना।
मैं: अंकल बुरा क्या इसमें? सच बताऊं तो आपसे बात करके ऐसा लग रहा है मैं किसी अपने से बात कर रहा हूं।
रमेश: बेटा, तुम्हारी मां बहुत सेक्सी है। उनका फिगर बहुत मस्त है। मुझे बहुत पसंद है इसलिए बोला।
मैं: हां अंकल, देखो ना मेरा बाप ये समझता नहीं कि कितनी हॉट और सेक्सी वाइफ मिली हुई है। उसके साथ मजे करे, साला लड़ता रहता है बस।
रमेश: कोई बात नहीं बेटा, मुझसे शेयर कर सकते हो तुम अब सब कुछ जो भी हो। मुझे अपना बाप समझो।
मैं: चलो अब बताओ आपको कैसी लगती है सुनीता?
रमेश: एक-दम कड़क माल, गांड, चूची, होंठ,सब बेहद कड़क है बेटा। तुमसे क्या छुपाऊं, अब मेरा मन करता है उसे ज़िंदगी भर चोदता रहूं। देखते ही मेरा लंड तन जाता है।
मैं: उफ्फ अंकल, सच बताऊं तो मेरा यहीं मन है कि आप उसे मेरे सामने चोदो, और मैं आपका लंड पकड़ कर उसके मुंह और चूत में डालूं।
रमेश: उफ्फ बेटा क्या मजा आएगा तब तो। तुम्हारा मन नहीं करता इतनी मस्त मां के साथ करने का? बेटा देखो, औरत है, मर्द का मन करता है, बेशक फिर वो मां बहन कोई भी हो।
मैं: करता है अंकल। लेकिन असल मज़ा उसको चुदते हुए देखने में है। मैं सारा दिन सुनीता के भरे बदन की कल्पना करता हूं और अपना लंड सहलाता हूं। आप अब मेरे बाप हो, तो कुछ करो ना सुनीता के साथ।
रमेश: बेटा बहुत मन है उसकी चुदाई करने का। तुम्हे भी मौका दिलवाऊंगा, और उसे एक चुदक्कड़ औरत बना दूंगा। तुम मेरा लंड पकड़ कर सुनीता के बदन का एक-एक इंच नापना।
मैं: रमेश पापा मेरा खड़ा हो गया।
रमेश: मेरा तो कब से खड़ा है। सुनीता की खूबसूरत पिक्स भेजो ना मेरे बेटे। मेरा लंड देखना चाहोगे?
मैं: हां रमेश पापा, भेजो मैं भी सुनीता की पिक्स भेजता हूं।
फिर मैंने रमेश पापा के पास मेरी मां सुनीता की पिक्स भेजी, और उन्होंने अपने लंड की फोटो भेजी। उनका लंड देखते ही मेरा मन था कि इसको पकड़ कर सुनीता की गांड में डाल दूं। बेहद कड़क और खूबसूरत लंड जिसे पा कर सुनीता धन्य हो जाए।
फिर मैंने और रमेश पापा ने साथ में सुनीता के नाम की मुठ लगाई और सो गए। दोस्तों आगे क्या हुआ, बने रहिए मेरे साथ उसे जानने के लिए।
और हां, मैं एक ऐसा ग्रुप बना रहा हूं, जिसमें सिर्फ रियल लोग होंगे, और सिर्फ सेक्स के रिलेटेड बातें। और मैं एक चैनल खोलने जा रह हूं, और देसी मजेदार पोर्न जिसमें मजेदार कहानी हो, जिसे देख कर आपका लंड अपने आप पानी छोड़ दे। तो कंट्रीब्यूट करने के लिए मुझसे बात करें।
यहां तक स्टोरी कैसी लगी जरूर बताए। मेरी मेल आई डी –
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