पिछला भाग पढ़े:- पड़ोसी चाची की खुजली मिटाई-1
घोड़ी बन कर बजवाने के बाद चाची का हाल बेहाल हो चुका था। अब मैं पलंग पर बैठ गया, और फिर चाची के हाथ में लंड पकड़ा दिया। तभी चाची समझ गई थी कि उन्हें क्या करना था?
अब चाची झट से नीचे बैठ गई, और फिर मेरे लंड के साथ खेलने लगी।
“ओह कमीने, बहुत मस्त है तेरा लंड।”
“अब मेरा लंड तेरा ही है मेरी रानी।”
“हाँ अब ये मेरा ही है। बहुत पसंद आया मुझे तेरा लंड।”
चाची मेरे लंड को मसल-मसल कर लाल कर रही थी। वो कस कर मेरे लंड को मसल रही थी। चाची को मेरा लंड मसलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“ये तो एक-दम घोड़े जैसा लग रहा है यार। तूने इसको इतना खतरनाक कैसे बना लिया?”
“बस ऐसे ही बन गया चाची।”
तभी चाची ने मेरे लंड को मसल-मसल कर बुरी तरह से लाल कर दिया। अब चाची ने मेरे लंड को मुंह में लिया और उसे चूसने लग गई।
“ओह साली भेन की लौड़ी, आह्ह बहुत अच्छा लग रहा है, आह्ह।”
चाची सकासक मेरे लंड को चूस रही थी। वो एक-दम भूखी शेरनी बन कर मेरे लंड पर टूट पड़ी थी। चाची ज़ोर-ज़ोर से झटके मार रही थी। अब तो चाची को समभालना ही मुश्किल हो रहा था।
“ओह साली कुत्ती आह्ह चूस ऐसे ही आहा। बहुत अच्छे से चूसती है तू।”
ऐसा लग रहा था कि जैसे चाची मोटे तगड़े लंड की बरसो से प्यासी हो। वो झमाझम मेरे लंड को लॉलीपॉप बना रही थी। चाची मेरे लंड को चूसने में मगन हो रही थी। मैं भी चाची को उनकी इच्छा पूरी करने के लिए खुला छोड़ चुका था।
“ओह साली आहाह चूस ले जितनी तेरी मर्ज़ी हो आह सिससस्स।”
चाची मेरे लंड के साथ बहुत ही गज़ब तरीके से खेल रही थी। फिर चाची ने चूस-चूस कर मेरे लंड की ऐसी तैसी कर दी। अब मैं खड़ा हो गया और फिर चाची के मुंह में लंड सेट कर उनकी चोटी खोल दी। चाची के घने लंबे बाल बिखर चुके थे। अब मैं चाची के सिर को पकड़ कर उनके मुंह में झमाझम लंड पेलने लगा।
“ओह साली मां की लौड़ी आह्ह, बहुत मज़ा आ रहा है आह्ह।”
मेरा लंड सकासक चाची के मुँह में अंदर बाहर हो रहा था। चाची के मुंह को चोदने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची भी जम कर मुँह में लंड ठुकवा रही थी।
“ओह साली आह्ह बहुत आराम मिल रहा है मेरे लंड को आह्ह, सिससस्स।”
मैंने चाची के गले तक मेरे लंड को उतार दिया। तभी चाची की गांड फट गई। वो लंड बाहर निकालने के लिए बुरी तरह से फड़फड़ाने लगी। मैं चाची को कस कर पकड़े हुआ था। चाची की जान हलक में आ चुकी थी। फिर मैंने थोड़ी देर बाद लंड बाहर खींचा, तब जाकर चाची की जान में जान आई।
“कुत्ते मेरी जान ही निकल जाती। बहुत बड़ा लंड है तेरा।”
“अरे मेरी इच्छा हो रही थी पूरा लंड मुँह में डालने की, तो डाल दिया।”
अब मैं फिर से चाची के मुंह को चोदने लगा। फिर थोड़ी देर के घमासान के बाद मेरा माल निकलने वाला था। तभी मैंने ज़ोर से चाची के सिर को पकड़ा, और फिर सारा माल चाची के मुंह में भर दिया। तभी चाची मेरे लंड को बाहर निकालने की कोशिश करने लगी, लेकिन मेने उन्हें ऐसा मौका ही नहीं दिया। फिर चाची को मेरा सारा माल पीना ही पड़ा।
“ओह्ह्ह् चाची आह्हा उन्ह।”
अब मेरा लंड ढिला पड़ चुका था। फिर मैंने थोड़ी देर लंड को चाची के मुँह मे ही दबाये रखा। अब मैंने चाची को खड़ा किया और इन्हें पलंग पर लाकर पटक दिया। फिर मैं चाची से लिपट गया। फिर थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे।
“ओह्ह्ह्ह रोहित, बहुत ही मस्त तरीके से बजाता है तू। आह मज़ा आ गया। ”
“ये सब आपकी ही कृपा है चाची। जो आप मेरे लंड को चूत दे रही हो। ”
“तु भी तो मेरी चूत को मस्त लंड दे रहा है।”
“बहुत मज़ा आ रहा है चाची।”
“हाँ रोहित।”
अब मैंने चाची का बलाऊज खोल दिया और फिर उनकी ब्रा को भी चाची के जिस्म से अलग कर दिया। अब चाची के आम आज़ाद हो चुके थे। चाची के बोबों को देखते ही मेरा लंड फिर से कड़क होने लगा। अब मैं चाची के बोबों को मुट्ठियों में भर कर ज़ोर से मसलने लगा। चाची के आम मेरी मुट्ठी में भी नहीं आ रहे थे। मुझे चाची के बोबे मसलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची दर्द से तड़प रही थी।
“आह्ह सिसस्स आह्ह उन्ह।”
“ओह साली कुत्ती, आह्ह बहुत ही शानदार माल है तेरा। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह।”
“ओह कमीने धीरे-धीरे मसल साले। दर्द हो रहा है।”
“दर्द में ही तो मज़ा आता है मेरी जान।”
मैं चाची के बोबे मसलने का खूब मज़ा ले रहा था। दर्द के मारे चाची की गांड फट रही थी। फिर मेने चाची के बोबों को बुरी तरह से मसल डाला। अब मैंने चाची के बोबों को मुंह में लिया और चाची के बोबों पर टूट पड़ा और जम कर चाची के रसदार बोबों को चूसने लगा। चाची मेरे बालों में हाथ घुमा रही थी।
“ओह साले कमीने आहा सिससस्स उन्ह निचोड़ दे इन्हें आह्ह।”
“हां निचोड़ रहा हूँ साली।”
“आह्ह बहुत अच्छा लग रहा है साले। आह्ह सिससस्स। कोई नहीं चूसता इन्हें। बहुत रस भरा है मेरे आमों में। आह्ह अच्छे से चूस मेरे राजा।”
अब मैं झांझोड़-झंझोड़ कर चाची के बोबों को चूस रहा था। चाची भावनाओं में बह रही थी। चाची के टाइट बोबे चूसने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची पागल हुए जा रही थी।
“ओह आह सिससस्स आह्ह उन्ह सिसस्ससस्स।”
“बहुत ही मस्त बोबे है तेरे मेरी जान।”
“पूरा रस चूस ले आज इनका। बहुत परेशान करते है ये मुझे।”
“हां साली पूरा रस चूस डालूंगा आज तेरे बोबों का।”
मैं चाची के बोबों को रगड़ कर चूस रहा था। चाची के रसीले बोबे चूसने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची उनके बगीचे को मुझे लुटा रही थी। मैं चाची के बोबों को बुरी तरह से निचोड़ रहा था।
“ओह आह्ह सिसस्स आह्ह आह्ह।”
फिर मैंने चाची के बोबों को बुरी तरह से चूस डाला। अब मैं चाची के बोबे चूस कर उनकी चूत की ओर आ गया। अब मैंने चाची की टाँगे उठाई और फिर उनकी चूत में लंड पेल दिया। अब मैं चाची की टांगे उठा कर उन्हें फिर से बजाने लगा। मेरा लंड फिर से चाची की चूत के पड़खचे उड़ा रहा था।
“ओह उन्ह ओह सिसस्ससस्स ओह साले कुत्ते आह्ह।”
“ओह साली भेन की लौड़ी।”
मैं झमाझम चाची को बजा रहा था। चाची की चूत में आज मेरा लंड तर-बतर हो चूका था। मेरे लंड की ठुकाई से चाची के बोबे बुरी तरह से उछल रहे थे। मैं चाची को धुआंधार तरीके से बजा रहा था। आज तो लंड ठुकवा-ठुकवा कर चाची की हालात पतली हो रही थी।
“आह्ह ओह सिससस्स आह्ह ओह मम्मी।”
“साली कुत्ती बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह।”
मैं चाची को बजाये जा रहा था। तभी चाची का एक बार फिर से निकल गया। चाची बहुत बुरी तरह से पानी-पानी हो चुकी थी। मैं अभी भी चाची की जम कर ले रहा था।
“सिसस्ससस्स आह्ह आह्ह ओह सिसस्स।”
फिर मैंने बहुत देर तक चाची को बजाया।
मैं चाची को बुरी तरह से चोद चूका था। अब मैंने चाची की टाँगे ऊपर कर दी, और फिर उनकी गांड के नीचे तकिया लगा दिया। अब मैं चाची की चूत में उंगलिया पेलने लगा। चाची की चूत भट्टी की तरह जल रही थी। अब मैं चाची की चूत में आग लगाने लगा। तभी चाची दर्द से कसमसाने लगी।
“उन्ह ओह सिसस्सस सिसस्ससस्स ऊँह ओह कुत्ते।”
ओह साली, बहुत खुजली मची है, तेरी चूत की आज सारी खुजली मिटा दूंगा।”
“अब तू और मत भड़का मेरी आग को साले। पहले ही बहुत आग लगी है।आह्ह आह्ह सिससस्स।”
“तेरी आग भड़काने में तो बहुत मज़ा आ रहा है साली कुत्ती आह्ह।”
मैं ज़ोर-जोर से चाची की चूत में उंगलिया पेल रहा था। चाची बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी। वो बिस्तर को मुट्ठियों में भीच रही थी। मैं चाची की चूत की बखिया उधेड़ रहा था।
“उन्ह ओह सिसस्ससस्स आह्ह ओह उन्ह धीरे-धीरे कुत्ते।”
“ओह साली करने दे आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”
मैं चाची की चूत में ज़ोर-ज़ोर से उंगलिया पेल रहा था। चाची दर्द से तड़प रही थी। मैं चाची की चूत में बुरी तरह से खलबली मचा रहा था। तभी चाची खुद को नहीं रोक पाई पाई और उसका पानी निकल गया।
“ओह कमीने। मरर्रर्र गैईईईई।”
तभी मेने चाची की चूत पर मुँह रख दिया और चाची के गरमा गरम माल को चाटने लगा। चाची अब मेरे बालों को सहला रही थी।
“सिसस्ससस्स उन्ह ओह कुत्ते। अब पी ले मेरे पानी को। ओह सिसस्ससस्स।”
मैं चाची की चूत को चाट-चाट कर पूरा मज़ा ले रहा था। चाची तो बुरी तरह से नसते-नाबूत हो चुकी थी। फिर मैंने बहुत देर तक चाची की चूत चाटी।
अब मैं फिरसे चाची के ऊपर चढ़ गया और उनके रसीले बोबों को फिर से चूसने लगा। चाची के बोबे चुसने में मुझे गज़ब का मज़ा आ रहा था।
“ओह सिससस्स आह्ह ओह कमीने।”
चाची गरमा गर्म आहे भर रही थी। मैं चाची के बोबों को फूल मज़े लेकर चूस रहा था।
“ओह साले हारामी। आह्ह सिसस्स।”
तभी चाची ने झटका देकर मुझे पलट दिया और अब चाची मेरे ऊपर चढ़ बैठी। अब चाची मेरे ऊपर बरस पड़ी और ज़ोरदार चुदासी होकर मेरे होंठो का रस पीने लगी।
चाची पागल सी हो उठी थी। वो मेरे होंठो पर ज़ोरदार हमला कर रही थी। फिर चाची मेरी चेस्ट पर टूट कर बरस पड़ी और मेरी चेस्ट पर बाईट करने लगी।
“ओह साली आह्ह सिससस्स।”
मैं चाची को समभालने की कोशिश कर रहा था लेकिन चाची को कंट्रोल में करना मुश्किल लग रहा था। वो मेरी चेस्ट पर जम कर किस कर रही थी। फिर चाची मेरे लंड पर पहुँच गई और मेरे लंड के अंडों को चाटने लगी।
“ओह साली आह्ह बहुत प्यासी है तू तो आहा, और किस कर आह्ह अच्छा लग रहा है।”
फिर चाची ने मेरे लंड के अंडों को बुरी तरह से चाट डाला। अब चाची ने मेरे लंड को मुंह में भरा और झमाझम चाची लंड चूसने लग गई।
“ओह भेन की लौड़ी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है आह्ह।”
चाची सकासक मेरे लंड को चूस रही थी।उनके लंबे घने बाल बार-बार चाची की राह में रोड़ा बन रहे थे। चाची बार-बार उनके बालो को एडजस्ट कर रही थी।
“आह्ह सिससस्स ओह चाची बहुत सेक्सी माल लग रही हो आहा।”
फिर चाची ने मेरे लंड को बुरी तरह से चूस डाला।
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