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कमसिन कली की मस्त चुदाई-1

पल्लवी ने मुझे धक्का देकर बेड पर गिरा दिया। आज वो मानो मुझ पर अपनी हुकमत जमाना चाहती हो। फिर वो आगे बढ़ी और उसने मेरी बेल्ट खोलने लगी।

उसकी हवश से भरी नज़रे मेरी नज़रों पर ही थी, उसने फिर पैंट का बटन और जिप खोली मैंने अपने कुल्हे ऊपर उठाये और पल्लवी ने एक ही झटके में मेरी पैंट और अंडरवियर नीचे सरका दी।

उसने मेरे जूते और जुराबें उतार दिये। और फिर पैंट और अंडरवियर को मुझसे अलग कर दिया।

मैं एकटक उसे ही देख रहा था। पल्लवी 21 साल की कमसिन लड़की थी। उसका जिस्म सही अनुपात में ढला था। कद उसका 5 फ़ीट 2 इंच के आसपास था।

उसने सफेद टॉप और ब्लू टाइट निकर पहना हुआ था। जांघो से लेकर पाँव तक वो एकदम चिकनी थी। इस उम्र में भी उसकी अदा पुरषों की आह निकालने के लिए काफी थी।

उसके काले घुंघराले बाल उसकी खूबसूरती में और चार चांद लगा रहे थे। होंठो पर हल्की गुलाबी लिपस्टिक उसके गालों की रंगत से मेल खा रही थी। आँखों पर काजल उसकी नज़र उतार रही थी।

इसके अलावा उसने कोई मेकअप नहीं किया हुआ था। फिर वो 3 कदम पीछे गई और उसने अपना टॉप उतार दिया। उसने एक सफेद रंग की ब्रा पहनी थी जो आधी पारदर्शी थी।

उसको ऐसे देखकर मुझे वो दिन याद आ गया, जब मैंने उसे पहली बार देखा था तब मैंने सपने में भी यह नहीं सोचा था कि मैं कभी पल्लवी को चोदूंगा ।

दोस्तो मैं नीरज दिल्ली से , आपने मेरी पिछली कहानियों को खूब सहारा उसके लिये शुक्रिया। अगर आपने मेरी पूजा की चुदाई की कहानी पढ़ी है तो आपको पता होगा कि मुझे वो घर किसी वजह से बदलना पड़ा था।

जब मैं और मेरा दोस्त नए घर कमरा किराया में लिया तो , मकान मालिक के दो बेटे थे दोनों की शादी हो गई थी। छोटे बेटे की बड़ी बेटी थी पल्लवी जो उस समय 12-13 साल की थी। वो मुझे अंकल कहती थी तब मैं 25 साल का था।

हम उस घर मे तीन साल रहे। उसके बाद मेरे दोस्त की शादी हो गई वो नोएडा शिफ्ट हो गया। और मेरा कोलकता ट्रांसफर हो गया था छः महीने के लिए।

कोलकता से आने के बाद मेरी भी शादी हो गई । मैंने द्वारका में फ्लैट किराये पर ले लिया। फिर मैं एक दो बार पुराने मकान मालिक के घर गया वो मेरी शादी में भी आये थे।

2017 में पल्लवी ने मुझे फेसबुक में फ्रेंड रिक्वेस्ट सेंड करी। मैने भी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली। पर हमारी कोई चैट नहीं होती थी। बस कभी कभी हम एक दूसरे की पोस्ट लाइक कर देते थे।

सच कहूँ उस समय मेरे मन में पल्लवी के लिए कोई सेक्सुअल भावनायें नहीं थी। अभी भी वो मेरे लिये बच्ची जैसी थी जबकि वो 19 साल की हो गई थी।

फेसबुक से पता चला कि वो पढ़ाई के लिये बंगलोर चली गई थी। 2019 में मैने ओली की जबरदस्त चुदाई की जो आपने पिछली कहानी में पढ़ा। फिर अक्टूबर में मुझे आफिस के काम के लिए बैंगलोर जाना पड़ा।

जब मैं बैंगलोर पहुँचा तो रात के आठ बज गए थे होटल पहुँचते पँहुचते 9.30 pm हो गए, आदतन मैंने फेसबुक पर चेक इन किया। फिर मैंने वाइफ को कॉल किया और बताया कि मैं पहुँच गया।

लगभग साढ़े दस बजे रात में मैसेंजर पर पल्लवी का मैसेज आया।

पल्लवी- हाई अंकल!

मैं थोड़ा चौका आज की जेनरेशन सीधा हाई , कोई नमस्ते नहीं।

मैं- हाई पल्लवी

पल्लवी – अंकल आप बेंगलौर में है ना।

मैं- हाँ अभी थोड़ी देर पहले पहुँचा।

पल्लवी- हाँ मैंने फेसबुक पर देखा आपका स्टेटस। मैं भी बैंगलोर में हूँ। आप अपना नंबर दो।

मैंने उसे अपना नंबर दे दिया, तुरन्त उसका कॉल आ गया।

पल्लवी – अंकल आप वाइट फील्ड में हैं।

मैं- हाँ,

पल्लवी – मैं भी व्हाइट फील्ड में हूँ। आप कब तक हैं यहाँ।

मैं- एक हफ्ता।

पल्लवी- ओके हम कल शाम मिले?

मैं- ओके

मैं इन ख्यालों में डूबा था तब तक पल्लवी अपनी ब्रा और अपनी निक्कर उतार चुकी थी, अब वो हल्के पिंक रंग की पेंटी में थी, और उसने मेरा लन्ड चाटना शुरू कर दिया था।

मेरा ध्यान ख्यालों से निकलकर पल्लवी पर आ गया। मेरा लन्ड जो अभी तक सोया था वो पल्लवी के गुलाब की पंखड़ियों जैसे होंठो के स्पर्श से उत्तेजित होने लगा। वो मेरे लन्ड को जड़ से मुँह तक चाट रही थी।

मेरा लन्ड पूरी तरह से तन गया। पल्लवी लन्ड को चाटने में ऐसे मसगूल हो गई जैसे कोई बच्चा अपनी मनपसंद आइस क्रीम चाट चाट के खाता है।

मैं- पल्लवी तू तो बहुत ज़बरदस्त चाट रही है लन्ड को , कहाँ से सीखा तूने।

पल्लवी – पोर्न वीडियो से और अपने एक्स बॉयफ्रेंड के साथ अनुभव किया है।

मैं- तू बहुत मस्त है आह आह

मैंने अपनी शर्ट और बनियान भी उतार दी, मैं पूरा नंगा हो गया।

फिर पल्लवी मेरे लन्ड को छोड़ के मेरे सर के पीछे घुटनों पर बैठ गई। उसने अपना एक निप्पल मेरे मुंह मे डाल दिया। मैं उसके निप्पल को चूसने लगा।

पल्लवी ने थोड़ी पोजीशन चेंज की और वो मेरे निप्पल पर जीभ फिराने लगी। मेरे बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ गई। हम दोनों एक दूसरे के निप्पल चूसने लगे।

पल्लवी के बूब्स एकदम गोल टाइट थे। अभी वो लटके नहीं थे। उसके निप्पल एकदम नुकीले से थे।

उसके निप्पल चूसने से मैं बहुत उत्तेजित हो गया। मेरा लन्ड बहुत सख्त हो गया। पल्लवी भी गर्म हो गई। फिर वो मेरे साइड में बैठी । फिर वो अपने पैर के अंघूठे को मेरे बदन पर फिराने लगी।

उसने अपने होठों को दांतों से दबाया हुआ था और उसकी नज़रें मेरी नज़रो पर थी। फिर वो अपने अंघूठे को मेरे होंठो पर लाई । मैं उसके गोरे पैर के अंघूठे को चूसने लगा।

पल्लवी सिसकियां लेनी लगी। फिर मैं उसके अंगूठे से उसके पैर को चाटते हुए आगे बढ़ने लगा। पल्लवी अभी बैठी हुई थी उसके दोनों हाथ पीछे को टिके हुए थे।

मैं धीरे धीरे उसकी चूत तक पहुँच गया। उसकी गुलाबी कच्छी में गीलापन साफ दिखाई दे रहा था। मैं उसकी चूत को कच्छी के ऊपर से ही सूंघने लगा। उसके चूत से मादक खुश्बू आ रही थी।

मैं कच्छी के ऊपर से ही उसकी चूत को चाटने लगा।

पल्लवी- अंकल मेरी चूत को चाटो, अपने अनुभव से मुझे तृप्त कर दो। मैं कब से इस दिन का इंतजार कर रही थी।

मैं- मैं तुझे ऐसा मज़ा दूँगा पल्लवी की तू रोज़ मुझ से ही चुद वायेगी ।

पल्लवी- हाँ अंकल मैं तो तैयार बैठी हूँ।

फिर मैंने बिना उसकी कच्छी को उतारे उसको एक साइड किया, उसकी छोटी सी चूत मेरे सामने आ गई। उसकी चूत बिल्कुल चिकनी तो नहीं थी उस पर बाल थे। जैसे 10 -15 दिन पहले साफ किये हो।

अब मैं उसकी चूत में जीभ फिराने लगा। फिर मैंने उससे दाने को चाटा, पल्लवी की सिसकी निकल गई।

पल्लवी- यस अंकल चाटो मेरी चूत। जोर जोर से चाटो।

पल्लवी की आँखे बंद हो गई।

मैंने अपनी बीच की उंगली उसकी चूत में डाली और अंदर बाहर करने लगा, और ऊपर से उसकी चूत को भी चाट रहा था। कमरे में पल्लवी की सिसकारी गूँजने लगी।

पल्लवी– आह आह अंकल खूब मजा आ रहा है, और करो, हाँ अंकल करो।

मैं और जोर से उँगली अंदर बाहर करने लगा, और जीभ से चाट रहा था। पांच मिनट बाद पल्लवी का बदन काँपने लगा। और वो झड़ गई, उसका कामरस उसकी चूत से निकलकर मेरी जीभ तक आ गया। मै तो मदहोश ही हो गया।

पल्लवी के चेहरे पर एक सन्तोष दिख रहा था। मेरा लन्ड अभी भी खड़ा था। मैं बेड पर लेट गया। पल्लवी ने मुझे देखा। उसने एक स्माइल दी।

फिर वो अपने पैर के तलवे को मेरे लन्ड पर फिराने लगी।

फिर वो दोनों पैर के तलवों से मेरे लन्ड को रगड़ने लगी।

पल्लवी- अंकल मैं आपके लन्ड को ऐसे ही रगड़ रगड़ के झाड़ दूँगी।

मैं – हाँ झाड़ दे तू तो बहुत एक्सपर्ट है, आदमी को खुश करना जानती है।

पल्लवी- अंकल आपने भी जिस तरह से मेरी चूत को अपनी उंगली और जीभ से चोदा है, मज़ा आ गया। ऐसा तो आकाश ने भी कभी नहीं किया।

मैं- आकाश कौन?

पल्लवी- मेरा एक्स बॉयफ्रेंड।

मैं- ओके।

पल्लवी जोर जोर से मेरे लन्ड को तलवो से रगड़ने लगी।

मैं- आह बेबी आह यस आह रगड़ो रगड़ो ।

मैं पहली बार ये अनुभव कर रहा था और फिर थोड़ी देर में मेरे लन्ड से पिचकारी निकली, मेरा माल चादर पर फैल गया।

मेरी भी आँखे आनंद से बंद हो गई।

पल्लवी मेरे बगल में आकर लेट गई। हम दोनों कुछ देर शांत रहे।

आज ही शाम मैं कई साल बाद पल्लवी से मिला और आज ही मैं उसकी चूत में अपना लन्ड डालने वाला था।

जब पल्लवी ने मुझे मिलने के लिये कहा मैंने हाँ कर दी। अगले दिन मैं अपने ऑफिस का काम खत्म करके। शाम 7 बजे उसे एक मॉल में मिला।

आज मैं उसे लगभग 7 साल बाद मिला था अब वो पूरी तरह खिल गई थी। उसने सफेद टॉप और ब्लू टाइट निकर पहनी हुई थी।

पल्लवी- हाई अंकल

मैं – हाई पल्लवी।

फिर हम वही एक कॉफी शॉप में बैठ गए।

मैं- मैंने फ़ेसबुक पर देखा था कि तू बेंगलौर में स्टडी कर रही है।

पल्लवी- हाँ अंकल पढ़ाई तो पूरी हो गई अब एक कंपनी में इंटरशिप कर रही हूँ।

मैं- ओके गुड।

पल्लवी– आप यहॉं कैसे।

मैं- ऑफिस के काम से यहां मेरा हेड ऑफिस है।

फिर हम इधर उधर की बात करने लगे।

पल्लवी बहुत खुश नज़र आ रही थी। वो बात बात पर मुझे टच कर रही थी। अपने अनुभव से मुझे समझ आ रहा था कि उसकी फीलिंग मेरे बारे में कुछ और है।

मैं- पल्लवी तू बहुत खुश नजर आ रही है।

पल्लवी – आप खुश नहीं हो क्या? (हँसते हुए)

मैं- मैं भी खुश हूँ।

पल्लवी- अच्छा अंकल मैं सीधे सीधे बात करती हूँ।

मैंने जब आपको पहली बार देखा था तो आप मेरे पहले क्रश थे। तब ये टीनएज का प्यार था।

फिर जब आपकी फेसबुक प्रोफाइल मेरे सामने आई तो मैंने आपको रिक्वेस्ट सेंड कर दी। तब से आपको फॉलो कर रही हूँ।

इस बात से मैं ज्यादा हैरान नहीं हुआ। टीनएज में ऐसा क्रश होना नार्मल है।

मैं- हाँ ठीक है लेकिन अब तू टीनएजर नही है, मेरी भी शादी हो गई है। तो अब इस बात का कोई पॉइंट नहीं है।

पल्लवी- हाँ मालूम है। पर दिल नहीं मानता।

मैं- मतलब।

पल्लवी- चलो हम रिलेशनशिप में तो नहीं रह सकते लेकिन हम सेक्स तो कर सकते हैं।

उसने ये बात इतनी आसानी से बोल दी कि अब मैं चौक गया।

अगर कोई उसकी जैसी लड़की मुझे ऐसा आफर करती तो मैं तुरन्त हाँ कर देता। लेकिन वो एक फैमिली जैसी थी।

मैं- अरे ये क्या बोल रही हो तुम तो मेरी भतीजी जैसी हो।

पल्लवी- जैसी हूँ , हूँ तो नहीं। और आप मुझ से 10 -11 साल ही तो बड़े हो। अंकल एक बार करते हैं ना।प्लीज।

फिर उसने मुझे थोड़ी देर में सहमत कर लिया।

मैं- चलो फिर मेरे होटल चलते हैं।

पल्लवी- नहीं होटल नहीं मेरे फ्लैट पर चलते हैं मेरी रूम पार्टनर भी हैदराबाद गई है।

मैं- फ्लैट में कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ना?

पल्लवी- ना कोई प्रॉब्लम नहीं है।

फिर उसी ने कैब बुक करी और हम कैब में बैठ गए

पल्लवी कैब में मेरे पैंट के ऊपर से मेरे लन्ड पर हाथ फिरा रही थी। थोड़ी देर में हम उसके अपार्टमेंट में पहुंच गए। फिर जैसे ही हम उसके फ्लैट के अंदर गए उसने मेरे होंठो को चूमना शुरू कर दिया।

ऐसे ही चूमते हुए हम बैडरूम में आ गए फिर उसने मुझे बेड पर धक्का दे दिया। कहानी आगे जारी रहेगी..

आपको ये कहानी कैसी लगे प्लीज कमेंट करें!

realstory4u@yahoo.com

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