This story is part of the जीजू से पहली चुदाई series
फिर हम दोनों कार में बैठ कर निकले तो जीजू ने मुझे पहले ग्रोसरी स्टोर पर छोड़ा और वो जिम चले गये। दीदी ने जो लिस्ट दी थी, उस लिस्ट का सामान खरीद के मैं जीजू के ऑफिस आ गई। ऑफिस में मैं जीजू के केबिन में जा कर बैठ गई। वहाँ tv थी तो मैं tv देखने लगी, और जीजू का वेट करने लगी।
कुछ ही देर बाद जीजू अंदर आये, और केबिन का दरवाजा बंद कर दिया। उनका बदन पसीने से भीगा हुआ था। उन्हें देख कर मेरी चूत मचल उठी, लेकिन मैंने फिर अपनी नज़र tv पर घुमा ली। जीजू ने अपनी टी-शर्ट उतार दी, क्यूंकि वो पसीने में भीग चुकी थी। अब जीजू सिर्फ एक निक्कर में थे।
तब मैंने जीजू से कहा: निक्कर भी तो पसीने में पूरी तरह गीली है, उसे भी उतार कर सुखा लीजिये।
जीजू ने कहा: तुम बहुत बदमाश हो गई हो। मेरे पास कोई दूसरे कपड़े नहीं है। इसे भी उतार दूंगा तो फिर क्या पहनूँगा?
मैंने कहा: अंडरवियर तो पहना ही होगा? जीजू आप उतार ही दो निक्कर को, 10-15 मिनट में सूख जाएगी।
जीजू ने कहा: तुम्हारे सामने सिर्फ अंडरवियर में कैसे रहूँगा?
तो मैंने कहा: इसमें इतना शर्मा क्यूं रहे हो जीजू आप? मेरे अलावा यहाँ है ही कौन? और मैं तो साली हूँ आपकी, और साली आधी घरवाली ही होती है। इतना मत शर्माओ।
तो फिर जीजू ने अपनी निक्कर भी उतार दी। अब जीजू मेरे सामने सिर्फ फ्रेंची कट की अंडरवियर में थे। जब मैंने उन्हें देखा तो मेरी चूत में फिर से आग लग गई। जीजू की बॉडी एक दम कसी हुई थी, और इस फ्रेंची कट की अंडरवियर में तो उनका लंड मुझे साफ दिखाई दे रहा था।
मैं चोर नज़रो से कभी जीजू को देखती, तो कभी tv में देखती। फिर जीजू कंप्यूटर ऑन करके कुछ काम करने लगे। 5 मिनट के बाद मैंने उनके हाथ अपने कन्धों पे महसूस किये। मेरा बदन सिहार उठा, और मैं बिल्कुल सीधी बैठी रही।
उनके हाथ धीरे-धीरे मेरे कन्धों से गर्दन को सहलाते हुए मेरे बूब्स की तरफ आ रहे थे। क्या बताऊँ दोस्तों, एक अलग ही एहसास था वो। धीरे धीरे जीजू मेरे बूब्स मसलने लगे, और मैं मदहोश हो रही थी। आखिर मैं भी तो यही चाहती थी। फिर मैंने जीजू की गरम साँसे अपनी गर्दन पे महसूस की।
कोई मर्द आज पहली बार मेरे इतने करीब था। फिर मैंने जीजू को धक्का देकर कहा: ये क्या कर रहे है आप जीजू? ये गलत है।
तब जीजू बोले: कुछ गलत नहीं है रोमा। और तुमने ही अभी कहा है कि साली आधी घरवाली होती है।
इतना कहते हुए जीजू मुझे बेतहाशा चूमने लगे। फिर जीजू ने मुझे अपनी बाहों में उठाया, और नीचे कारपेट पे लिटा दिया और बोले-
जीजू: रोमा उस दिन जब मैंने तुम्हे पूरी नंगी देखा था, तब से मेरा लंड तुम्हारे लिए तड़प रहा है। और तभी मैंने फैसला कर लिया था, कि तुमको एक बार चोदूंगा। और देखो आज ये मौका आ गया। हम दोनों ऑफिस में अकेले है। जब तुमने सामान लेने की बात कही थी, तो मैंने इस लिए तुम्हें लेने के लिए हां कहा था, ताकि मैं यहां लाके चोद सकूँ तुम्हे। यहाँ सिर्फ और सिर्फ चुदाई करने के इरादे से ही लेकर आया था।
तब मैंने भी जीजू को बताया: मैंने भी आप को एक दिन ड्रेसिंग टेबल के सामने एक-दम नंगा देखा था, जब आप अपना लंड सहला रहे थे। मैं भी तब से आपके लंड की दीवानी हो गई हूँ।
फिर जीजू धीरे-धीरे मेरे कपड़े उतारने लगे। मेरे निप्पल एक-दम खड़े हो गए थे। आज पहली बार मेरी चुदाई होने वाली थी। मुझे डर भी लग रहा था, और मज़ा भी आ रहा था। जीजू मेरा कमसिन बदन चूमने-चाटने लगे। जैसे ही मेरे निप्पल उनके मुँह में गए, मैं कराहने लगी-
मैं: अह्ह्ह्ह्ह्ह् जीजू आआह्ह्ह्ह्ह्ह्, चोद दो जीजू मुझे। आज आप अपनी रंडी बना लो दीदी की तरह।
ये सुन के जीजू मस्त हो गये, और बोलने लगे: साली रंडी कहीं की, अपनी दीदी की तरह तुझे भी रंडी बनना है। बड़ी खुजली है ना तेरी चूत में? ठहर जा, ऐसा चोदूंगा तुझे कि फिर कभी सिवाए मेरे किसी से कभी तुझे मज़ा नहीं आएगा। आज के बाद तू एक चुदक्कड़ रंडी बन जाएगी।
ये कह कर जीजू ने मेरे कपड़े उतार दिए और अपनी अंडरवियर भी उतार दी। जीजू का लंड इतने पास से देख कर तो आँखें फटी की फटी रह गयी, और मेरी चीख निकल गई।
मैं: इतना लम्बा और मोटा लंड! कभी सोचा भी नहीं था।
जीजू हँसने लगे और कहा: क्या हुआ, सारी ठरक निकल गयी?
मैंने कहा: जीजू आपका लंड इतना मोटा और लम्बा है। ये मेरी छोटी सी चूत में कैसे जायेगा?
जीजू बोले: साली रंडी, आज तुझे इतना चोदूंगा कि आज के बाद बाकी सभी लंड तेरे लिए हमेशा छोटे पड़ेंगे।
फिर जीजू ने मुझे घुटनों पे बिठाया और अपना लंड मेरे मुंह में गाल पे करके कहा: चल रंडी, अब मेरे लंड को चूस।
मैंने कहा: मुझे नहीं आता।
तो उन्होंने एक जोरदार चपाट मेरे गाल पर दिया और कहा: रंडी तुझसे पूछ नहीं रहा हूं, जैसा कहा वैसा कर।
तो मैंने उनका लंड पकड़ा और उसे चाटने लगी। धीरे-धीरे मैंने उसे अपने मुँह मैं लेने की कोशिश की। काफी कोशिश के बाद मैं जीजू के लंड को अच्छी तरह से चूसने लगी। जीजू मुँह से भी आआआआह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ् की आवाजें निकाल रहे थे।
जीजू को बहुत अच्छा लग रहा था। मुझे भी बेहद मज़ा आ रहा था। मेरी चूत फिर मचल रही थी, लेकिन जैसे ही मैंने अपनी ऊँगली अपनी चूत के करीब की, जीजू ने अपना लंड मेरे मुँह से खींच लिया, और एक चांटा मारा।
मैंने जीजू से पूछा: क्या किया मैंने?
तो जीजू बोले: तुझे छूने की इजाज़त किसने दी? मेरे होते हुए चूत में ऊँगली डालने की सोची कैसे? अभी तेरी प्यास बुझाता हूँ ।
जीजू ने मुझे फिर कारपेट पे लिटा दिया, और मेरी टांगें खोल दी। फिर वो मेरी चूत को गोर से देखने लगे करीब से। मैं अपने बूब्स मसलने लगी। उन्होंने मेरी चूत अपनी उँगलियों से खोली, और देखते रहे।
फिर वो बोले: रोमा तेरी चूत कितनी प्यारी सी है। कितनी टाइट और छोटी सी है।
मैंने कहा: ये कुवारी चूत है जीजू। आप वो पहले हो, जिसे इस चूत को चोदने का हक मिला है।
फिर जीजू मेरी चूत के और करीब आये, और अपनी जीभ से हलके से उसे चाटने लगे। मेरे तो तन बदन में आग सी लग गयी। जीजू धीरे-धीरे चूत को चाटने लगे, और मैं अपने बूब्स जोर-जोर से मसलने लगी। उनकी गीली और नरम जीभ और गर्म सांसें मेरी चूत को पागल कर रही थी।
उन्होंने फिर अपना थूक उंगलियों पे डाला, और मेरी चूत हलके-हलके मसलने लगे। मेरी साँसे बढ़ने लगी थी। फिर जीजू ने हलके से अपनी एक ऊँगली मेरे चूत के छेद में डाल दी, और हलके-हलके अंदर-बाहर की। मेरी चूत भी गीली हो गई थी। फिर उन्होंने एक और ऊँगली अंदर घुसानी चाही, पर मुझे दर्द होने लगा।
मैंने कहा: मत करो जीजू, मुझे दर्द हो रहा है।
उन्होंने मुझे चुप होने को बोला। फिर वह मेरे उपर चढ़ गए, और मुझे चूमने लगे। मैं मदहोश होने लगी। फिर उन्होंने मेरी टाँगे खोली तो मेरी चूत के होंठ खुल गए थे। उनका लंड मेरी चूत को रगड़ रहा था। मैं तो जैसे सातवें आसमान पे पहुंच गयी थी।
एक दम से जीजू ने मुझे कस के चूमा, और एक धक्का देके अपने लंड का टॉप मेरी चूत में डाल दिया। मेरी चीख निकलने लगी, लेकिन वह मुझे चूमते रहे, और 2-3 मिनट बाद एक और धक्का देके पूरा का पूरा लंड मेरी छोटी सी चूत में घुसा दिया। मैं तो दर्द के मारे पागलों की तरह चिल्लाने लगी, लेकिन जीजू नहीं रुके।
उन्होंने धक्के देना शुरू कर दिया घपा-घप घपा-घप और साथ ही बोलने लगे: साली कुतिया, चिल्लाती क्या है? यहाँ कोई सुनने वाला नहीं है। तूने ही इस लंड की प्यास जगाई थी। अब तुझे ही बुझानी पड़ेगी। अब चिल्लाना बंद कर। अभी कुछ ही देर मैं तुझे ऐसा मज़ा आएगा, कि खुद ही चुदने के लिए मुझसे भीख मांगेगी। थोड़ा सब्र कर रंडी।
मेरी आँखों से आंसू निकल रहे थे, और दर्द बहुत हो रहा था। मेरी चूत से ब्लड भी निकला, लेकिन फिर 6-7 मिनट बाद दर्द काम हो गया और मज़ा आने लगा। जीजू ने सही कहा था। ऐसा लग रहा था, कि मैं जन्नत में थी। वह मुझे जोर-जोर से चोद रहे थे, और मैं बोलने लगी-
मैं: और चोदो मुझे। पूरा लंड मेरी इस चूत में घुस दो। इस चूत की खुजली मिटा दो जीजू। मैं तुम्हारी रंडी हूँ, मुझे रंडी बना कर चोदो। और जोर से, और जोर से।आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मजा आ गया। और चोदो आहह आहहह
जीजू ने एक-दम से लंड बाहर निकाला और मुझसे कहा की मैं कुतिया बन जाऊं। मैंने कुतिया बनके अपनी गांड उनके लंड के सामने कर दी। फिर जीजू ने पहले तो मेरी चूत को देखा। वो थोड़ी फूल सी गयी थी, और चूत का छेद थोड़ा खुल गया था। जीजू ने उसे हलके से चूमा, और फिर जीजू ने मेरी गांड पर एक जोरदार चांटा मारा।
मैं आह करके चिल्लाई। ऐसे ही जीजू ने 4-5 बार मेरी गांड में चांटे मारे। मुझे इसमें भी मज़ा आ रहा था। फिर उन्होंने अपने लंड को पीछे से मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मैं फिर से चीखने लगी, लेकिन जीजू रुकने की बजाए मेरी गांड पर चांटे मारते हुए मुझे चोदने लगे। हर चांटे के साथ उनका लंड थोड़ा और अंदर जाता, और मेरी चीख और जोर से निकलती।
मुझे लगने लगा कि मेरी चूत अब लाल हो गई थी, क्यूंकि वो बहुत ज्यादा गरम महसूस हो रही थी। और चांटे मार-मार के जीजू ने मेरी गांड को भी लाल कर दिया था। जीजू जोर-जोर से मेरी चुदाई कर रहे थे। अब दर्द का नामो-निशान नहीं था, और मैं भी अब अपनी कमर हिला-हिला कर जीजू का साथ देने लगी।
हम दोनों के बदन पसीने से भीग चुके थे। मुझे तो अपनी चूत और जीजू के लंड के अलावा और किसी चीज़ के होने का एहसास ही नहीं हो रहा था। उन्होंने एक हाथ से बूब्स को भी मसलना शुरू कर दिया, और में चिल्लाने लगी-
मैं: चोदो मुझे जीजू, और जोर-जोर से चोदो। अपनी इस रंडी की चूत फाड़ दो। और जोर से चोदो आआह्ह्ह्ह्ह्ह् आााहहहहह ऊऊऊफफ़फ बहुत मज़ा आ रहा है अहहहहह आआह्ह्ह्ह्ह्।
5 मिनट बाद जीजू बोले: मेरा पानी निकलने वाला है मेरी रंडी। ले इसे अपने मुँह में ले।
फिर जीजू लंड को चूत से निकाल कर मेरे मुंह के सामने ले आये, और अपना सारा गरम गाढ़ा माल मेरे पूरे चेहरे पर गिरा दिया, और थक के कारपेट पर ही लेट गए। मैंने अपने चेहरे से जीजू के माल को साफ किया, और जीजू को एक सेक्सी सी किस दी, और उनके पास लेट गयी।
थोड़ी देर बाद मैं बोली: जीजू आपके लंड में जो बात है, मुझे लगता है वह किसी में नहीं हो सकती। मैं बहुत खुश हूँ कि मुझे आप ने चोदा है। मैं चाहती हूँ कि आप मुझे अपनी रंडी बना लो। आप जब जैसे जहाँ चाहोगे, मैं वैसे आपके लंड से चुदने को तैयार रहूंगी।
ये सुन कर जीजू मेरे बदन से लिपट गए और बोले: तुझे नहीं पता कि तेरा बदन कितना मस्त है। तेरी चूत कमाल की है। और जब तू मेरे लंड को चूसती है, तो जी में आता है तू बस इसे चूसती रहे। तेरी बहन तो कुछ भी नहीं है। उसे तो चोदने के लिए भी मनाना पड़ता है। तू टेंशन न ले, तू ही मेरी रांड है और रहेगी। जो आग तुझमे है, उस आग को मैं ही बुझाउंगा। हर बार तू मेरे लंड से ही चुदेगी, और हर बार कुतिया की तरह चुदेगी। ये वादा है मेरा।
उसके बाद जीजू और मैं ऑफिस के बाथरूम में साथ में नहाए और घर आ गये। आज भी में जब भी दीदी के घर जाती हूं, तो जीजू मुझे अपने ऑफिस लेजा कर मेरी जम कर चुदाई करते है। जीजू तो अब मेरे दीवाने हो गए है। उन्हें मेरे बूब्स बहुत पसंद है। हर बार इतना चूसते है, कि लगता है दूध निकाल के ही मानेंगे।
तो दोस्तों ये थी मेरी आज की कहानी। बताना ज़रूर कैसी लगी कहानी पढ़ कर। आप सभी मुझे इस कहानी का फीडबैक जरूर दीजियेगा कि आपको कहानी कैसी लगी। तांकि मैं आगे और अच्छी कहानियां लेकर आउंगी। मैं आप सभी के मेल का इंतज़ार करुँगी।
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