मैं रूपा मेरी कहानी का दूसरा भाग ले कर उपस्थित हूँ पहले भाग में आपने देखा कि कैसे मेरे मकान मालिक श्याम और उसकी पत्नी सुनीता मुझे अपने साथ चंडीगढ़ ले गई और और मुझे अपने मित्र प्रवीन के साथ होटल रूम में एक साथ रहने को मजबूर किया..
और प्रवीन ने रूम में स्कॉच पिला कर अकेलेपन का लाभ उठाया और मेरे गले में मंगलसूत्र डाल कर मुझे उस रात की दुल्हन बना कर सुहाग रात मनाई और खूब सेक्स किया मैं भी अकेली इस हालत में ज्यादा विरोध न कर सकी और हथियार डाल दिया और उसने मुझे रात भर खूब भोगा।
उसने कहा कि आज रात रूपा तुम मेरी दुल्हन हो और हम दोनों को सिर्फ आज की रात को यादगार बनाना चाहिए और एक दुसरे की बाहों में खो जाना चाहिए प्रवीन ने उस रात मुझे वास्तविक सेक्स से परिचित कराया और मैंने भी अपने आप को उसे सौंप दिया और हम दोनों वासना के समंदर में गोते लगाने लगे उसने मुझे महसूस कराया कि सेक्स क्या होता है और मैं बिना कुछ आगे पीछे सोचे प्रवीन के साथ खो गयी।
सुबह प्रवीन पुनः मेरे जिस्म से खेलने लगा और हम फिर से उसी खेल में लिप्त हो गए तब तक श्याम और सुनीता रूम खुला देख कर अन्दर आ गए और श्याम ने मुझे नंगी देख कर अपने होश खो बैठा और मेरे बूब्स के साथ खेलने लगा।
मैंने प्रवीन से जब कहा कि प्रवीन तुमने तो मुझे अपनी दुल्हन बनाया है मैं श्याम के साथ ये सब नहीं कर सकती तो उसने कहा की कल रात तुम मेरी दुल्हन बनी और हमने सुहाग रात मनाया आज श्याम तुम्हें मंगलसूत्र पहनायेगा और तुम आज उसकी बीवी बन कर सुहाग दिन मना लो मैं तो डर गयी मैं अपने आप को सार्वजनिक नहीं करना चाहती थी।
मैंने इसका विरोध किया तो श्याम ने कहा कि रूपा रात भर तुमनें अपने पति प्रतीक को छोड़ कर प्रवीन के साथ मजे लिए तो मेरे साथ क्या हो गया हम तो एक ही मकान में रहते हैं मैं तुम्हें ढेर सारा प्यार दूंगा। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
ये कह कर श्याम ने मुझे बाहों में भर लिया मैं तो नंगी थी ही उसने मेरी चुचियों को सहलाने लगा और मेरे मक्खन के सामान चिकने गांड पर हाँथ फेरने लगा और मेरे गांड की दरार में ऊँगली डालने लगा।
मैं मना करने लगी पर श्याम न माना और मेरे लबों को चूमने लगा मैंने सुनीता से कह की सुनीता रोको श्याम को वरना ये मुझे कहीं का नही छोडेगा सुनीता बोली की मैं कुछ नहीं बोलूंगी तुम मना कर दो ये तुम्हारे और श्याम के बिच की बात है तभी मेरे मोबाइल पर फोन आया मैंने चेक किया ये मेरे पति प्रतीक का था।
मैंने उससे बातें की प्रतीक कुछ ही घंटों में अपनी ट्रिप से वापस आने वाला था मैंने सुनीता से कहा कि सुनीता मेरा घर पहुंचना जरुरी है नहीं तो प्रतीक को शक हो जायेगा सभी एग्रीड हुए और हम रूम खाली कर के वापस दिल्ली की ओर चल पड़े श्याम का तो बुरा हाल था इतनी अच्छी चिड़िया उसके हाँथ से जो उड़ने वाली थी।
वापस जाते समय जब मैं गाडी के आगे का गेट खोल कर प्रवीन जो ड्राइविंग सीट पर था के पास बैठने ही वाली थी की श्याम ने पकड़ कर मुझे पीछे बैठा लिया और सुनीता को आगे बैठना पड़ा गाड़ी के शहर से बाहर निकलते ही श्याम मेरे साथ छेड़ छाड़ करने लगा और एक हाँथ मेरी जाँघों पर रख दिया मैंने उसके हांथों को हटा दिया।
लेकिन उसने फिर से वैसा किया मेरे मना करने के बावजूद उसने मुझे अपनी ओर खिंचा और किस करने लगा और मेरे चुचियों पर हाँथ रख दिया मैंने उसे धक्का दिया और मना करना चाहा पर उसने मुझे जबरदस्ती पकड़ कर अपनी गोद में बैठा दिया..
और मेरे बदन को बेतहाशा चूमने लगा मैंने अपने को छुड़ाना चाहा पर उसकी मजबूत पकड़ ने मुझे हिलने तक नहीं दिया मैं मिन्नतें करने लगी कि प्लीज मुझे छोड़ दो मैं जितना उसे मना करती उसकी पकड़ और मजबूत होती जा रही थी अब मैंने प्रतिरोध करना छोड़ दिया।
सुनीता ने कहा कि रूपा ये लोग बहुत शैतान हैं नहीं मानेंगे ये जो कर रहे हैं इन्हें करने दो तुमको लाया ही इसलिए गया था की इन दोनों का मेरे से मन भर गया था और मैंने तुम्हें फांसा की घर में ही इतनी सुन्दर माल है तो बाहर क्यों खोजना उस दिन तुम्हारा अधनंगा बदन देख कर।
प्रवीन ने मुझसे कहा कि यदि तुम मुझे रूपा की जवानी का मजा दिलवा दोगी तो मैं तुम्हें १० लाख दूंगा और हम दोनों तैयार हो गये श्याम तो पहले से ही तुम्हें पसंद करता था हम अक्सरहां सेक्स करते समय तुम्हारे सेक्सी बदन की बात किया करते थे और हमें काफी मजा आता था।
अब जब तुम हमारे जाल में फंस ही गयी हो तो हमारी जैसी बन कर रहो और जवानी के मजे लूटो मुझे सुनीता से काफी नफरत हुई कि इसने मुझे फंसाया पर कर ही क्या सकती थी श्याम ने मेरी सलवार खोल डाली और मेरी पैंटी के अन्दर हाँथ डालने लगा और एक हाँथ मेरे टॉप के अन्दर डाल कर मेरी चुचियो को दबाने लगा मैंने विरोध करना बंद कर दिया।
जैसे ही आबादी आती तो श्याम मुझे सीट पर बैठा देता और शहर क्रॉस करते ही पुनः अपनी गोद में बैठा लेता उसने अब मेरी चड्डी खोल डाली थी और प्रवीन को दे दिया कहा की तुम रूपा की चड्डी का मजा लो प्रवीन उसे सुंघने लगा और अपने पैन्ट की जिप खोल कर अपने लंड पर रख दिया उधर श्याम ने भी अपनी पैंट की जिप खोल दी और मेरी नंगी गांड का मजा लेने लगा वो मेरी चुत में अपनी ऊँगली डालने लगा उसने मुझे गोद में बैठाये हुए मेरे पुरे बदन को पूरी तरह से मसलने लगा अब मुझे मजा आने लगा।
प्रवीन हमे मिरर से देख रहा था और मजे ले रहा था और कभी कभी सुनीता को पकड़ लेता श्याम और मैं पुरे उत्तेजित हो गए थे इस बात को सोंच कर हम उत्तेजित हो रहे थे कि हम चलती गाड़ी में सेक्स कर रहे हैं प्रवीन तेजी से गाडी चलाये जा रहा था अब श्याम ने मुझे गोदी से उतार कर सीट पर लिटा दिया।
अब तक हम करनाल पहुँच गए थे और दिल्ली से सिर्फ दो घंटे की दुरी पर थे मुझे सीट पर लिटा कर श्याम ने मेरी चुत पर अपना लंड रख दिया और उसमे रगड़ने लगा मेरी चिकनी चुत देख कर वो ललच गया था और उसका लंड फुफकार रहा था उसने चुत के द्वार पर अपने लंड का सुपाडा लगा दिया और मेरी चुचियों को पिने लगा मेरी चुत पूरी गीली हो गयी थी और श्याम का लंड लेने के लिए खुल गयी थी।
श्याम ने मुझे कन्धों से पकड़ कर हल्का झटका दिया और उसका लंड मेरी बुर को चीरती हुई मेरे बुर के अन्दर घुस गयी मैं श्याम के चौड़े सीने से चिपक गयी थी और श्याम ने अपने चोदने की स्पीड बढ़ा दी थी।
उधर सुनीता भी प्रवीन के लंड से खेलने लगी थी और उसने उसका लंड मुंह में ले कर चुसना शुरू कर दिया था श्याम पूरी तरह से मेरे ऊपर छा गया था और मेरे होठों को बुरी तरह से चूस रहा था और चोदने की स्पीड बढ़ा दिया था मैं मादक आवाज निकालने लगी थी और कहना शुरू कर दिया था की श्याम मेरी बुर को मसल दो न बहुत मजा आ रहा है चलती गाडी में चुदने में कोई देख भी लेगा तो क्या गाडी तो चलते ही जा रही है।
प्रवीन अपनी गाडी चला रहा है तुम मेरी गाडी फुल स्पीड में चलाओ बिना ब्रेक लिए हुए चोदो श्याम कस कस के मेरी बुर पर थाप लगा रहा था और मेरी मस्ती बढती जा रही थी मैंने श्याम को जोश में दांत काटना शुरू कर दिया और कहा की श्याम और कस के करो ना देखो प्रवीन ने तो मुझे फाड़ कर रख दिया था रात में श्याम और भी तेज चोदने लगा।
उसने कहा कि रूपा रानी देखती जाओ मैं तुम्हारी इस बुर का क्या हाल करते हैं वो तेजी से मेरी चुत में हलचल मचाने लगा और कुछ ही देर में श्याम का ढेर सारा वीर्य मेरी चुत में गिर गया और ठीक उसी समय मेरे चुत का भी रस निकल गया और मैं अपने श्याम की बाहों में समा गयी श्याम मेरे होठों और गालों को बुरी तरह से चूमने लगा और उसने मेरे निप्प्लेस को मुह में ले लिया और चूची दबाने लगा इस तरीके से श्याम ने भी मेरी बुर का मजा ले लिया।
मैंने श्याम को अपनी ओर खिंच के कहा की श्याम आज तुमने अपनी रूपा का रस बहुत अच्छी तरह से चूसा उसने अब मेरे गांड पर लाइन मारने लगा थोड़ी देर में ही उसने मेरे होंठ से अपने लंड को लगा दिया मैंने उसका लंड चूस कर फिर खड़ा कर दिया और अब मेरे गांड की बारी थी श्याम ने ज्यों ही मेरी गांड में अपना लंड डाला हम दिल्ली बाईपास पहुँच गए थे।
श्याम और मैं बिना लोगों का ध्यान दिए हुए गांड मराई का खेल खेलने लगे जैसे ही हम कश्मीरी गेट क्रॉस कर के नॉएडा ब्रिज पर पहुंचे श्याम का वीर्य मेरी गांड में गिर गया और श्याम ने पीछे से ही मुझे भींच लिया और हम दोनों ने एक दुसरे को प्यार भरा चुम्बन का आदान प्रदान किया प्रवीन और सुनीता भी तृप्त हो चुके थे पुरे चार पांच घंटे गाडी में मेरी खूब चुदाई हुई मैं तो पूरी तृप्त हो गयी थी।
सुनीता ने कहा बहुत मजा आया इस ट्रिप में अब रेगुलर प्रोग्राम बनायेंगे और रूपा के पति प्रतीक को भी शामिल कर लेंगे भले जाते समय एक दुसरे से दूर थे पर अब हम सब के बिच एक रिश्ता बन चूका था और मैंने सुहाग रात के साथ सुहाग दिन भी मना लिया था।
घर पहुँचने से पहले एक जगह गाडी रोक कर प्रवीन ने मुझे अपनी बाहों में लिया और मेरे पुरे बदन पर दबाव बढ़ा दिया और मेरी चूची को एक बार फिर मसल दिया और मेरे होठों पर चुम्बन दिया और कहा की रूपा आज तुमने मुझे जिंदगी का सबसे बड़ा मजा दिया है मुझे तुम्हें छोड़ने का मन नहीं कर रहा है और कहा कि रियली मैं तुम्हें अपनी बीवी मानने लगा हूँ..
और तुमसे मुझे प्यार हो गया है प्रवीन ने मेरी पैंटी को यादगार के तौर पर रख लिया मैंने कहा कि मैं भी ये ट्रिप नहीं भूलूंगी इस ट्रिप में मुझे दो दो पति के सामान दोस्त मिले हम ये ट्रिप अपने दोस्ती के नाम करते हैं जिसने मुझे सुहाग रात का आनंद दिया और जवानी शब्द से भिज्ञ कराया मेरे पति प्रवीन और मैं भावना में आ कर फिर से प्रवीन की बाहों में समा गयी थोड़ी देर में हम घर पर पहुंचे और बड़े भारी मन से विदा लिए।
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