हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम रवी हे. मे रांची का रहाणेवाला हु. मेरे पापा डिफेन्स मे नोकरी करते हे. मेरे परिवार मे कुल पाच लोग हे यानेके मे. मेरे दो बडी बहने और मेरे मम्मी पापा. मेरा सची हिन्दी सेक्स स्टोरी हिन्दी चुदाई कहानी आप लोगोसे शेयर करने से पहले मैं आपको मेरी परिवार बारे मे कुछ बाते बताना चाहुगा.
मेरी उमर अभी 15 साल हो चुकी हे. मेरी बड़ी बहन सीता दीदी की उमर अभी 19 साल और गीता दीदी की उमर अभी 18 साल हो चुकी हे. मेरे मम्मी की उमर अभी 38 साल हे और पापा की 39 साल हे. मेरा. मेरी मम्मी का और मेरे बहनों का रंग गोरा हे. मेरे पापा का रंग थोडा सावला हे. मेरे मम्मी और बहनों के फिगर के बारे मे मैं नहीं बता सकता क्यूँ की मुझे खुदकोभी नहीं पता के उनकी फिगर का साइज़ क्या हे.
मेरे मम्मी पापा ने लव मेरिज की थी. इंटर-कास्ट मेरिज होने के कारन मेरे दादाजी ने पापा को घर से निकल दिया और नानाजी ने मम्मी से रिश्ता तोड़ दिया. मेरे दादाजी का पोलिटिकल बेकग्राउंड हे. उन्होंने ये शादी रोखने की बहुत कोशिश की पर नहीं रोख पाए. दादाजी ने परिवार वालोसे साफ कह दिया के जो भी मेरे पापा के साथ रिश्ता रखेगा या उनसे मिलने की कोशिश करेगा उससे दादाजी रिश्ता तोड़ देंगे.
बहुत साल पहले जब सीता दीदी का जनम हुवा था तब पापा की बड़ी बहन (कमला बुआ) पापा से मिलने आईथी. जब ये बात दादाजी को पता चली उन्होंने कमला बुवा से बात करना छोड़ दिया. हमारे कोई भी रिश्तेदार हमसे मिलने नहीं आते. इसलिए हम पाच लोग एक दुसरे के बहुत करीब हे. हम एक दुसरे से बहुत प्यार. आदर करते और खयाल रखते हे.
मैं घरमें सबसे छोटा हु. इसलिए सभी मुझसे बहुत प्यार करते हे. मेरे पापा की नोकरी कुछ ऐसी हे की उनका हर एक दो साल मैं ट्रांसफर हो जाता हे. मेरे पापा की ट्रासफर जहा होती वहा हमें पापा के साथ जाना पड़ता. मैं और मेरी बहने डिफेन्स स्कूल मैं पड़ते हे. मुझे बचपनसे स्किन का प्रॉब्लम रहा हे. जब मुझे बहुत पसीना आता हे और जब वो सुख जाता हे तब मेरे स्किन पर रशेस पड़ते हे और मुझे बहुत खुजली भी होती हे.
डॉक्टर ने मेरे मम्मी से कहा हे की मुझे रोज़ तीन बार नहाना पड़ेगा और स्किन पर जहा जहा रेषेस और खुजली होती हे वहा पर क्रीम लगनी पड़ेगी. मेरी मम्मी मुझे रोज़ तीन बार नहलाती थी और बाद मैं क्रीम भी लगाती थी. यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
जब मम्मी घर कमोमे बहुत व्यस्त रहती हे तब मेरी बहन सीता दीदी और कभी कभी गीता दीदी मुझे नहलाती हे और क्रीम लगाया करती हे. बचपनमें मैं जब घर पर होता था तब मेरी मम्मी मुझे कपडे नहीं पहनती थी क्यूँ की पसीने से शायद मुझे इन्फेक्शन होजाए इससे वो डरती थी. मुझे अब घरमे नंगा घुमने की आदत पड़ चुकी हे और घरवालो को मुझे नंगा देखने की आदत पड़ चुकी थी.
हमारा घर 1BHK का हे. मेरे मम्मी पापा एक कमरे मैं सोते हे और हम भाई बहनों को दुसरे कमरे मैं सोना पड़ता. बचपनमे मैं जब जल्दी सोजाता था तब मम्मी मुझे बहनों वाले कमरेमे सुलाती थी पर जब मैं देरसे सोता था तब मैं मम्मी पापा के पास सोता था.
मेरे मम्मी पापा सोते समय पुरे कपडे उतर कर सोते हे. मुझे लगता था मम्मी ने मुझे दूध पिलाने के लिए कपडे उतर दिये ये सोच कर मैं मम्मी का बूब्स मुहमे लेकर चूसते चूसते सोजाता और पापा मम्मी के पिचले साइड (पीठ पर) से मम्मी को चोदते चोदते नंगे सोजाते. जब मम्मी मुझे सुबह नहलाती थी तब वो भी आपने पुरे कपडे उतर कर नहाती थी. तब मैं मम्मी से उनका बूब्स चुसके दूध पिने के लिए जिध करता था तब मम्मी मुझे कहती थी अभी नहीं बेटा रात को पिलेना.
एक दिन नहाते समय मेने मम्मी से पूछ लिया के उनके बगलमे और चूत पर इतने बाल क्यूँ हे ? तब मम्मी ने मुझे कहा की यहा पे जंगली जानवरो के रहने की गुफा (चूत) हे. तब मैं जंगली जानवरो से बहुत डरता था. ये कह कर मम्मी मुझे कहती थी के क्या तुमे जंगली जानवरो को देखना हे ? तब मैं डर जाता था और आखे बंद करके चुप चाप नाहा लेता था.
जब भी मैं कोई जिध करता था या खाना नहीं खाता था तब मम्मी मुझे जंगली जानवरो का डर दिखाया करती थी. मेने बचपन से लेकर अभी तक कभी भी अंडर-विअर नहीं पहनी हे. मैं रात को बिस्तर पर सुसु किया करता था. इसलिए मम्मी मुझे सोने से पहले सुसु करवाती थी अगर मैं बिना सुसु करके सोगया तो मे रात को बिस्तर मैं सुसु करता था. तब मम्मी मुझे निंद से जगाती थी और मेरी नुन्नी पकड़कर मुझे सुसु करवाती थी.
मेरे पापा बहुत चुदक्कड हे. वो दिनमें कमसे कम एक बार मम्मी को चोदे बिना नहीं रह सकते थे. मेरे पापा की बुरी आदत कहो या आछी आदत कहो. मेरे पापा मम्मी को बंद कमरेमे चोदना पसंद नहीं करते थे. पापा मम्मी को दुसरो के सामने चोदना पसंद करते हे. पर बहरवालो के सामने मम्मी को चोदना आसान नहीं था. इससे परिवार की इज़त चले जाती. तो जब हम भाई बहन छोटे थे तब पापा मम्मी को हमारे सामने चोदते. पापा हमेशा light चालू रखके दरवाज़ा खुला छोडके मम्मी को चोदा करते हे. हमने मम्मी पापा को बहुत बार चुदाई करते हमे देखा हे.
जब हम सोफे पर बैठकर टेलीविजन पर कारटून देखते तब पापा मम्मी को सोफे के पीछे चोदते थे. हम तीनो भाई बहन खाना खाने टेबल के ऊपर बैठते थे तब मम्मी पापा के गोद मैं बेठकर हमें खाना खिलाती थी. पापा ने मम्मी को चोदने के चकर मैं घरकी एक भी जगा नहीं छोड़ी थी. वो मम्मी को रसोई मैं. बाथरूम मैं. कभी कभी जब हम घरमे खेलते तो हमारे सामने. हमारे कमरेमें. हमारे बेड के उपर चोदते थे.
रविवार के दिन पापा को छुटी रहती थी और मेरी बहने सुबह से लेकर शाम तक मम्मी के दोस्त की यहाँ डांस क्लास के लिए जाती थी. जब मेरी बहने घरसे बाहर निकले तबसे वो वापस आने तक मम्मी पापा घरमे पुरे कपडे उतर कर नंगे घूमते. रविवार के दिन पापा मम्मी को तीन चार बार मेरे सामने ही चोदते थे. जब मैं उनसे पूछता था की वो क्या कर रहे हे तो मेरी मम्मी कहती के मेरे गुफा (चूत) मैं जंगली जानवर शोर कर रहे हे तो पापा उन्हें चुप करा रहे हे. जंगली जानवरो का नाम सुनके मैं चुप हो जाता और उनकी तरफ द्यान नहीं देता था.
सीता दीदी अब बड़ी हो रही थी. उसे मम्मी पापा क्या करते हे वो समजमें आने लगा था पर वो जानबुचकर ना समाज आने का नाटक करती थी. सीता दीदी और गीता दीदी हमेश स्लीवलेस फरोक और निक्कर पहनती थी. सीता दीदी के बूब्स अभी थोड़े बड रहे थे और उनकी चूत कभी कभी गिली हो जाती थी. जब मैं बहनों के साथ उनके कमरे मैं सोता तब सीता दीदी मुझे बिलगकर सोजाती.
मैं जब उनसे पूछता था तो वो कहती थी के तुम रात मैं डर जाते हो तो मम्मी ने कहा हे तुमसे बिलगकर सोनेको. वो मेरे पुरे नंगे बदन पर उनका हात फिराती थी. मेरे छाती पर. मेरे पीठ पर. तो कभी मेरे गांड पर और तो कभी कभी मेरे लंड पर भी वो उनका हात फिराती थी.
जब मैं उनसे पूछता तो वो कहती थी के मैं देख रहि हु के तुम्हारे स्किन पर कही रशेस और कही पर खुजली तो नहीं हो रही हे. तब मुझे लगता था के सीता दीदी मेरा कितना खयाल रखती हे. सीता दीदी मुझसे बहुत प्यार करती थी. वो मुझे चोकलेट. केक . आइस-क्रीम खाने के लिए लाती थी. तो मैं उनका बहुत आदर करता था. वो मेरे साथ जोभी करे मैं उनको ना नहीं बोलता था.
मैं अभी भी जब सोने से पहले सुसु नहीं करता हु तब मैं बिस्तर मैं सुसु कर देता हु. उस दिन मेने सोते समय सुसु नहीं किया था. तो मम्मी ने सीता दीदी से कहा की रवि ने सुसु नहीं किया हे. तो जब तुम सोने जावोगी तो उसे जगा देना और बथरूम लेजाकर सुसु करवा देना. ये कह कर मम्मी पापा के साथ सोने चलीगई. यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
मैं और गीता दीदी सोगये थे और सीता दीदी आपना होम वर्क पूरा कर रही थी. सीता दीदी आपना होम वर्क पूरा कर के जब सोने जा रही थी तब उन्हें मम्मी की कही बात याद आगई. वो मेरे पास आई तब मैं चदर वोढ़कर सो रहा था. जेसे ही उन्होंने मेरी चदर हटाई उनका द्यान मेरे छोटे लंड पर गया. मेरा लंड अभी ठीक से खड़ा भी नहीं हो पाता था.
मेरा छोटा लंड देख उसे पापा के बड़े लंड की याद आई और उसके बारे मैं सोचते ही उनकी चूत गिली होगई. तो उन्होंने मनमे ठान लिया की जो पापा मम्मी के साथ करते हे वो सब कुछ वो मेरे साथ करेंगी. सीता दीदी को याद आया की पापा उनके हात से मम्मी के बूब्स दबाया करते हे. तो सीता दीदी ने मेरा हात उनके हात मैं लिया और उनके बूब्स के ऊपर रख दिया.
अब सीता दीदी मेरे हात से उनके बूब्स दबाने लगी. जेसे ही सीता दीदी ने आपने बूब्स दबाये उनकी चूत गिली होने लगी. उनकी चूत से पानी निकल रहा था उसे उनकी निक्कर गिली होने लगी थी. सीता दीदी को ये एहसास बहुत आछी लगने लगी तो वो और गरम होगई. फिर उन्हें याद आया की पापा उनके हात से मम्मी की चूत खुजाते थे.
तो सीता दीदी ने आपने एक हात से फ्रॉक उपर उठा लिया और आपनी निक्कर की तरफ देखा. उनकी निक्कर गिली हो चुकी थी. उन्होंने मेरा हात उठा कर उनके निक्कर पे रख दिया. तब तो वो और गरम होगई. बहुत दिनो के बाद किसी ने उनकी निक्कर को हात लगाया था.
सीता दीदी की चूत और भी गिली होगी और बूब्स और टाइट हो गये. सीता दीदी उनके एक हात से उनके बूब्स दबाने लगी और मेरा एक हात पकड़ कर उनके निक्कर पर फिरने लगी. उनकी निक्कर अब पूरी गिली हो चुकी थी और मेरा हात भी गिला हो चुका था. फिर वो और जोरसे मेरा हात उनकी निक्कर पर फिराने लगी और उनके बूब्स दबाने लगी इससे सीता दीदी को बहुत मजा आ रहा था.
तभी मम्मी पापा के कमरेमे से कुछ आवाजे आने लगी तो सीता दीदी डरगई और उन्होंने झटसे मेरा हात छोड़ दिया और पीछे हट गई. जब सीता दीदी ने वो आवाज गोर से सुनी तो वो आवाजे मम्मी की थी कुछ ह्म्म्मम्म अह्ह्ह्ह य्म्म्मम्म येःह्ह्ह्ह जेसी आ रही थी. तो सीता दीदी जानगई के मम्मी को पापा चोद रहे हे.
तो वो खुश होगई क्यूँ की अभ कुछ देर तक मम्मी पापा इस कमरे मैं नहीं आयेगे. तो सीता दीदी फिर से मेरा हात पकड़ के आपनी फ्रॉक ऊपर करके निक्कर पर फिरा रही थी. वो जानती थी मम्मी पापा थोड़ी देर तक इस कमरे मैं नहीं आयेगे तो उनकी हिमत बड चुकी थी. आब वो मेरा हात पकड़ कर उनके कमर के ऊपर फिरने लगी. उसके बाद उन्होंने मेरा हात पकड़ कर निक्कर के पिछे से डाल दिया.
पहली बार किसीका हात उनकी नंगी गांड के ऊपर पड़ रहा था वो तो अभी जंनत मैं थी. वेसेही मेरा हात पकड़ कर वो उनके गांड के ऊपर फिरा रही थी. पर सीता दीदी की निक्कर टाइट होने के कारन मेरा हात उनके गांड के ऊपर ठीक से नहीं पोहंच पा रहा था. तब सीता दीदी ने एक हात से फ्रॉक को ऊपर पकड़ा और दुसरे हात से वो निक्कर निकलने लगी. उनकी चूत गुलाबी रंग की थी और उसपर एक भी बल नहीं था.
उन्होंने पूरी निक्कर उतार कर जमीन पर फेकदी. अभी सीता दीदी सिर्फ फ्रॉक मैं मेरे सामने खडी थी. उधर मम्मी की आवाजे जोर जोर से आरही थी. सीता दीदी को लगा अब मम्मी झड़ने वाली हे तो उन्होंने जल्दीसे मेरा हात पकड़ कर उनके चिकने. थोड़े मोटे पर मुलायम गांड के ऊपर फिरने लगी.
सीता दीदी को बहुत मजा आ रहा था. सीता दीदी ने मेरे हात के उँगलियाँ उनके दोनों गांड के बिच मैं डाल दिए और मेरा हात थोडा अंदर की और ढकेल दिया. आभी वो आपने गांड से मेरे उंगलियाँ और मेरा हात दबा रही थी. सीता दीदी ने फिर उनके पैर थोड़े फेलाए और मेरी एक ऊँगली उनके गांड के छेड़ के उपर फिरा रही थी. सीता दीदी अब जंनतमें जा चुकी थी.
अभी तो वो और गरम हो रही थी. उनके चूत से निकला हुवा पानी उनके जाघों से लेकर उनके घुटनो तक आ पंहुचा था. थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरा हात उनकी गांड पर से निकल कर उनकी चूत पर रख दिया. पहली बार दीदी ने किसीका हात उनकी गरम चूत पर रख दिया था.
जेसे ही मेरा हात उनके नंगे चूत पर पड़ा वो झड़ने लगी और मेरे हात पर पानी छोड़ने लगी. जिंदगीमे पहली बार सीता दीदी की चूत पानी छोड़ रही थी. उस समय की उनकी feeling कुछ ऐसी थी के दुनियाके सारे सुख एक तरफ और उनका चूत से पानी निकलने का सुख एक तरफ सीता दीदी की चूत 15 सेकंड तक पानी छोड़ रही थी.
उनके चूत का पानी फर्श पर. उनके फ्रॉक पर और मेरे हात पर बिखरा पड़ा था. उनके चूत के पानी की वजहसे मैं बेड पर लेटे लेटे हलचल करने लगा उस बिच मेरा मुह सीता दीदी की तरफ हो गया. तब सीता दीदी थोड़ी डर गयी ये सोचके के शायद मैं जाग चूका हु पर मैं अभी भी सो रहा था.
सीता दीदी फ्रॉक उपर करके चूत का बिखरा हुवा पानी देख रही थी. तभी मेने सोते सोते सीता दीदी के उपर सुसु करना चालू कर दिया. सीता दीदी पहले तो हडबडाई पर मेरे सुसु के गरम पानी ने उनको फिर से गरम कर दिया.
सीता दीदी ने मेरा सुसु का पानी उनके चूत पर लेने के लिए उनका फ्रॉक उपर उठा लिया और एक जगह खड़े होकर वो मेरा सुसु का पानी उनकी चूत पर लेने लगी. जेसे ही मेरा सुसु का पानी उनके गरम चूत पर पड़ा सीता दीदी फिर से झड़ने लगी. उसके बाद 30 सेकंड मैं मेरा सुसु बंद हुवा तब तक दीदी भी झड चुकी थी.
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उधर मम्मी पापा भी झड चुके थे. हमारे घरमे एक ही बाथरूम और टॉयलेट हे. बथरूम बिलकुल हमारे रूम के सामने ही हे. मम्मी पापा को बाथरूम जाने के लिए हमारे रूम के सामने से जाना पड़ता.
सीता दीदी को अब समज मैं नहीं आ रहा था के जो मेने सुसु किया था. सीता दीदी का पानी झडा था उसका और उनकी फ्रॉक गिली हो चुकी थी उसका क्या किया जाये ये सोचते वो एक हात मैं फ्रॉक को पकडे खडी थी. तभी मम्मी बथरूम जाने के लिए हमारे कमरे के पास आ पहुची.
मम्मी पापा से अभी चुदवा कर आ रही थी तो वो पूरी नंगी थी और उनके पेट पर. चूत पे और मुह पर पापा के लंड का पानी था. हमारे कमरे की लाइट चालू देख मम्मी ने हमारे रूम मैं देखा तो देखते ही वो दंग रहगई क्यूँ की सीता दीदी फ्रॉक उपर करके नंगी खडी थी और मम्मी तो पूरी नंगी थी. तभी सीता दीदी ने और मम्मी ने एक दुसरे को देखा
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