तक़रीबन पांच मिनट के बाद आशु बिलकुल ढीली पड़ चुकी थी और मेरा हाथ पकड़ कर उसने अपने लहंगे के ऊपर से ही अपने चूत से सटा दिया। मैंने भी उसकी अनचुदी नई नवेली चूत ऊपर से ही रगड़ना शुरू कर दिया।
मेरे मज़बूत हाथो से उसकी नाज़ुक चूत मसली जा रही थी और वह पागलो की तरह अपनी चूचियों को रगड़ रही थी। मेरा हाथ पर उसके पानी लगना शुरू हो गया, वह इतनी गरम हो गयी की उसने अपने कपडे उतारने शुरू कर दिए।
पर मैं चाहता था की वह मेरे भी कपडे खुद उतारे, उसने जैसे ही अपनी कपडे उतारे मैं तो दंग रह गया वह नंगी सफ़ेद संगमरमर की मूरत लग रही थी और उसको देखकर मेरा लण्ड तो जैसे एक इंच और बढ़ गया।
मैंने भी झट से उसे उठा कर बेड पर पटक दिया, क्यों की मैं उसकी चूचियों को पीना चाह रहा था, मैंने एक हाथ से उसकी चूची और एक हाथ से उसकी गुलाबी अनचुदी चूत को मसलना शुरू कर दिया, तभी मैंने उसकी दूसरी चूची की घुंडी को जीभ से चाटा..और घुंडी पर जीभ घुमाने लगा।
ऐसे करते ही उसने एक सिसकारी मरी और अपनी गांड को उचका कर मेरे हाथ पर ज़ोर से रगड़ा, फिर मैंने उसकी चूची को चूसना शुरू किया तो उसकी सीत्कार से सारा कमरा गूंजने लगा आह मेरी जानन न न न प्लीज फ़क में नाउ प्लीज फ़क न प्लीज डाल दो अपना लण्ड मेरी कुंवारी चूत में प्लीज डार्लिंग, मुझे नहीं जानना की तुम कौन हो मुझे तो बस अपनी चूत का बैंड बजवाना है तुमसे। प्लीज राजा दिखाओ तुम्हारा लण्ड कहा है प्लीज.. इतना कहते ही वह मेरे लण्ड तो टटोलने लग गयी।
में एक दम से पीछे हट गया और बेड से उतर गया क्यों की में जानता था की आशु ने कभी लण्ड नहीं लिया था और मेरा लण्ड आठ इंच लंबा और साडे तीन इंच मोटा है, कहीं ऐसा न हो की आशु डर जाये और उसकी चूत चुदवाने की चाह कम हो जाये, वह सीत्कार करने लगी कहाँ हो तुम क्यों तड़पा रहे हो जान प्लीज अपना लण्ड मेरे हाथों में दे दो।
मैंने अपने कपडे खुद उतारे और आशु के पैरों की तरफ से जा कर में उसकी सफा चाट गुलाबी चूत के पास बैठ गया, मैंने देखा की उसकी गुलाबी चूत उत्तेजना में मॉल पूए की तरह फूल गयी है और उसकी गुलाबी चूत की पत्तियां भी कभी न चुदने के कारण अभी पूरी तरह फैली नहीं है।
मैंने बिना वक़्त गवाए उसकी गोरी चिकनी टांगो को चाटना शुरू कर दिया और धीरे धीरे ऊपर की तरफ जाने लगा। मेरे ऐसे करते ही उसने ज़ोर ज़ोर से अपनी चूतड़ों को उचकाना शुरू कर दिया।
और मैंने सीधा उसकी चूत की पत्तियो को फैला कर चूत के गुलाबी रास भरे छेद में अपनी जीभ डाल दी और बस फिर क्या था मेरी इस हरकत से उसने एक मिनट में पानी ही पानी छोड़ दिया और उह आह से सारा कमरा गूंजने लगा।
मैने अपना काम बंद न करते हुए उसकी कुंवारी चूत का आखरी पानी पी लिया क्यों आज के बाद उसकी चूत कुंवारी नहीं रहने वाली थी।
मेरे चाटते चाटते वह फिर से गरम होने लग गयी, ओर इस बार उसकी आग और भड़क गयी थी वह अपनी मुंह से मुझे गालियां निकल रही थी और बोल रही थी की अरे गांडू कुंवारी चूत तेरे सामने है और तू हरामी बस इसे चाट रहा है फाड़ डाल इसे हरामी।
मैंने देखा की अब लोहा गरम है और यही टाइम है हथौड़ा मारने का मैंने अपना आसन उसकी गुलाबी चूत के पास लगाया और उसकी टांगो को फैला कर ऊपर उठा दिया।
वैसलीन का इंतजाम मैंने पहले ही कर रखा था, मैंने दो ऊँगली से वैसलीन निकाली और उसकी चूत के छेद में भर दिया जो की उसकी नाजुक चूत की झिल्ली तक पहुंच गयी।
मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा जो की अंगारे की तरह लाल हो चुका था, उसकी चूत के छेद पर रखा और धीरे से दबाया और मेरा ऐसा करते ही वह बिदक गयी और बोली यह लण्ड है या कुछ और इतना मोटा मैं कुछ न बोला और अपनी काम में लगा रहा और लण्ड को धीरे धीरे चूत पर दबाना शुरू कर दियाऔर वह फिर बिदक गयी।
मुझे लगा की यह अब ऐसे नहीं मैनेगी। मैंने उसकी टांगों को ज़ोर से जकड़ा और एक झटका मर कर आधा लण्ड चूत के अंदर कर दिया, बस फिर क्या था उसकी चूत की झिल्ली फटते ही वह दर्द के मरे इधर उधर हाथ मरने लगी पर और मेरे लण्ड के नीचे से निकलने लगी।
पर अब मेरी बारी थी उसे चोदने की मैंने अपनी ताकतवर पकड़ से उसे कहीं नहीं जाने दिया और वैसे ही कुछ देर रुक रहा। जब मैंने देखा की उसने चिल्लाना बंद कर दिया है तो मैंने एक तगड़ा झटका दे कर उसके ऊपर लेट गया।
पर इस बार वह इतना चिल्लाई नहीं क्यों की झिल्ली तो पहले झटके में ही फट चुकी थी और अब तो चुदाई बाकी थी, मुझे आशु की हिम्मत की दाद देनी होगी क्यों की की उसने एक बार भी लण्ड को निकलने को नहीं कहा और दर्द बर्दाश्त करती रही उसको पता था की लण्ड उसको कितनी मन्नतों के बाद मिला था।
मैं कुछ देर वैसे ही लेटा रहा और मैंने ज़रा सा भी हिलने की कोशिश नहीं की, पर मैंने उसकी चूची को चूसना नहीं छोड़ा मेरा लण्ड उसकी गरम गरम चूत में और भी फूलता जा रहा था मैंने बहुत चुतो को जी भर के चोदा था पर इतनी गर्म चूत मैंने पहले कभी नहीं देखी।
तभी उसने नीचे से चूतड़ हिलना शुरू कर दिया कुझे एहसास हो गया की अब आशु चुदाई के लिए पूरी तैयार है और अब चाहे जो भी हो इसको में अपनी छिनाल बन के रहूँगा।
मैंने पहला झटका धीरे से मारा और फिर दूसरा थोड़ा ज़ोर से मैंने देखना चाह रहा था की कहीं मेरे चोदना शुरू करते ही फिर से यह हाय हाय न करने लग जाये।
पर सब कुछ ठीक रहने पर मैंने ज़ोर से चुदाई शुरू कर दी और मेरे एक एक झटके पर वह मस्त हो कर अपने चूतड़ ऊपर को उछालती ताकि मेरा पूरा लण्ड अंदर तक ले सके. मुझे उसकी इस हिम्मत ने और भी जोश से भर दिया और मैंने भी सोच लिया की आज जब तक यह हाथ जोड़ कर मुझसे यह नहीं कहती की बस करो तब तक मैं इसकी ताबड़ तोड़ ठुकाई करूंगा और झरूँगा नहीं।
फिर मैंने अपने लोहे जैसे लण्ड को सुपाड़े तक खींच कर झटके मारने शुरू किये और और अपनी स्पीड बहुत तेज कर दी ऐसा लग रहा था जैसे तूफ़ान मेल चल रही हो।
फिर उसकी जो टांगे उसने फैलाई हुई थी मैंने वह दोनों टांगे उठा कर छत की तरफ कर दी और अपना लण्ड बहार निकल लिया उसकी चूत से खून बहने लगा था।
मैंने फिर पोजीशन बदल के लण्ड अंदर ठोंक दिया और चुदाई शुरू कर दी मेरी चुदाई लगातार तेज होती जा रही थी और तभी वह झरने लगी।
और बोलते बोलते झर रही थी आह मजा आगया मेरे राजा आज तो तुमने मुझे ज़िंदगी के मजे दे दिए बस अब निकल लो मेरी चूत मैं से अपना लण्ड अब मैं और बर्दाश्त नहीं कर सकती..
मैं धीरे से उसके कान मैं कहा की मेरी छमक छल्लो अभी तो मैंने चुदाई शुरू की है और इतना कहते ही मैंने लण्ड को पूरा बहार खींच के धाड़ से उसकी गुलाबो पर दे मारा, मेरा वह घस्सा इतना ज़बरदस्त था की उसकी तो कमर ही टूट चली थी।
वह दर्द के मरे कराह उठी और बोलने लगी साले कुत्ते, मैंने तुझे चूत मारने को क्या दे दी तू तो मुझे ही मारने पर तुला है, प्लीज मुझे जाने दे राजा तुम्हारे लण्ड ने मुझे अंदर तक भर दिया है लण्ड इतना मोटा होता है मुझे तो पता ही नहीं था, इतना लंबा की मुझे लग रहा की मेरा पेट ही फाड़ देगा, बस करो मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ प्लीज..
पर मेरा तो छूटने वाला नहीं था मैंने उसके कान मैं बुदबुदाया को फिर मेरा कैसे छुटाओगी मेरी रानी, तभी उसने चूत के दर्द से बचने के लिए मुझे अपनी गांड मारने का न्योता दे दिया और बोली मैंने सुना है की पीछे से भी करते हैं तुम मेरे पीछे से कर लो जानू पर प्लीज यह गधे के लण्ड जितने लण्ड को बहार निकलो प्लीज।
मैं तो खुश हो गया की आशु ने अपने आप मुझे गांड मारने का न्योता दे दिया मैंने भी देर न करते हुए अपना लण्ड बहार निकल लियाऔर जब मैंने देखा की उसके खून से सारी चादर ही लथपथ होगयी है मेरे तो होश ही उड़ गए और उसकी चूत सूज कर डबल रोटी जैसी फूल गयी थी।
जब मैंने घडी की तरफ देखा तो पाया की मैंने लगातार उसको 40 मिनट तक चोदा था और मेरे लण्ड ने अभी तक पनि नहीं छोड़ा था।
तभी वह बिना कुछ कहे उलटी हो कर लेट गयी, पहले मुझे उस पर तरस आ गया, पर फिर मैंने सोचा की, यही तो चाहती थी ये, किसी का मोटा तगड़ा लण्ड लेना और आज इसे अपने बाइसवे साल में यह लण्ड मिला है तो इसे भी जी भर के चुदना चाहिए और पता नहीं इसे दोबारा यह लण्ड कब मिले।
यह सोच कर मैंने तकिया उठाया और उसके पेट के नीचे रख दिया ता कि उसकी गुलाबी गांड का छेद और भी उभर जाये और मुझे उस छेद में लण्ड डालकर ज़ोर ज़ोर से चोद सकू।
मैंने अपनी बनियान से उसकी गांड से लगा उसका रज और खून पोछा जो कि उसकी सील तोड़ने के बाद उसकी गुलाबी गांड तक बह कर आ गया था।
फिर मैंने उसकी गांड पर भी वैसलीन लगायी और उसकी जांघों पर बैठ गया। उसकी गांड का छेद बिलकुल मेरे लण्ड के टोपे के नीचे था और मेरे लण्ड का टोपा उसकी गुलाबी गांड के टाइट छेद से कहीं बड़ा था।
मैंने अपने लण्ड के टोपे के पीछे से पकड़ कर टोपे को उसकी गांड पर दबाया वैसलीन लगी होने के कारण टोपे ने थोड़ी सी जगह उस गांड के छेद में बना ली थी और उसे दर्द का मीठा मीठा एहसास होने लगा और वह आह आह कर के हिलने लगी।
पर वह मेरे नीचे दबी होने के कारण जियादा हिल नहीं पा रही थी। तभी में आगे झुका और मैंने एक झटके से आधा लण्ड उसकी गांड को चीरता हुआ अंदर कर दिया और वह मारे दर्द के चिल्लाने लगी..
ओह माय गॉड..मैंने यह क्या कर दिया तुम्हें अपनी गांड मारने का ऑफर दे कर.. प्लीज मेरी गांड में से अपना लण्ड निकालिये प्लीज मेरी गांड को छोड़ दो प्लीज।
मैं आज के बाद कभी भी गांड नहीं मरवाऊँगी प्लीज आह ह ह ह हह ह ह ह ह प्लीज, मेरी गांड में से उधड़ गयी है, प्लीज।
मैंने उसकी एक न सुनी क्यों कि उसको दर्द से बिलखते हुए देख कर मुझे लगा कि मैं अब जल्दी से झर जाऊं नहीं तो यह किसी काम कि नहीं रहेगी और मैंने एक और झटके से उसकी गांड के अंदर अपना सारा लण्ड उतार दिया, उसे ज़ोर ज़ोर से चोदने लग गया और वह चिल्लाती रही।
मैंने मन में सोचा “माँ की लोड़ी पहले लण्ड लेने के लिए यहाँ वहां मन्नते मांगती है और अब लण्ड लेते वक़्त चीख रही है”।
मैंने करीब दस मिनट उसकी गांड को ज़ालिमो की तरह मसलने के बाद अपना लण्ड निकाल लिया, उसकी गांड भी छील चुकी थी और और उसकी गांड का छेद बंद होने का नाम नहीं ले रहा था, वह इतना सूज चूका था की मुझे लगा की यह तो कई दिन तक बैठ नहीं पाएगी।
में उसे सीधी होने को कहा और मैंने अपने लण्ड उसकी चूचियों में फसा दिया और में उसकी चूचियों को चोदने लगा, वह भी मेरे लण्ड को चाटने लगी और कुछ देर के बाद मैंने अपना माल उसकी चूचियों पर छोड़ दिया।
उसकी चूचियों पर गरम गरम माल गिरते ही वह कांप गयी उसको नहीं पता था की माल इतना गरम होता है, मेरा माल छूटते ही वह निढाल हो कर लेट गयी।
और कुछ देर के बाद वह अपनी चूत चुदाई की ख़ुशी के मारे रोने लग गयी और मेरे पैरो में गिर गयी और कहने लगी की में नहीं जानती की तुम कोन हो पर तुमने आज मेरे औरत होने का जो एहसास दिलाया है वह में उम्र भर नहीं भूलुगी में नहीं जानना चाहती की तुम कौन हो पर जब भी तुम मेरी चूत मरना चाहो में हाज़िर हो जाउंगी.. प्लीज तुम कभी भी मुझे भूलना नहीं।
मैंने उसको खड़ी करके चूमा और और बिना कुछ बोले मैंने अपने कपडे पहनने शुरू करदिए वह फिर बेड पर लेट गयी और मैं उसे वही पर छोड़ कर वापिस पार्टी मैं जाने की बजाये घर चला गया और जाते जाते रिसेप्शन पर बोल कर आया की कोई भी रूम 44 में मैडम को डिस्टर्ब मत करे।
उस पार्टी वाली रात के बाद वह तीन दिन ऑफिस नहीं आई और चौथे दिन आई तो सीधे मेरे केबिन में आ कर बोली सर आपकी बात सच निकली मेरी मन्नत पूरी हो गयी, मैंने भी औरत होने का वह एहसास कैसा होता है यह जाना। मैंने पुछा की कौन है वहतोह वो बोलो की पता नहीं पर वह मुझे फिर मिलेगा।
मैंने आशु को बैठने को कहा तो वह बोली नहीं में बैठ नहीं सकती क्यों की डॉक्टर ने मुझे पीछे इंजेक्शन लगाया है मैं बीमार थी न और मुझे लगता है की में कुछ दिन और भी नहीं बैठ पाऊंगी।
मैंने मन ही मन में सोचा की तुझे डॉक्टर ने नहीं मैंने लण्ड का इंजेक्शन लगाया है वह भी गांड और चूत के छेद में हा हा हा…
इस बात को पांच साल हो गए और मैं आज भी उसे कभी कभी चोद लेता हूँ। वह आज तक नहीं जान पाई कि मैं कौन हूँ और वह आज जब भी मुझसे चुदने के बाद मुझी को अपनी चुदाई कि कहानी सुनती है तोह मैं मन ही मन मन हसता हूँ और सोचता हूँ कि मैंने कितना अच्छा काम किया उसकी चूत मार के।
समाप्त..!
कैसी लगी आपको यह कहानी. और बताईये कि मैंने पुण्य किया न उस अंधी लड़की की चूत मारके अपने विचार मुझसे शेयर करे और मेरी मेल आई डी है “competentdomains@gmail.com” मैं फिर नयी कहानी ले कर हाज़िर होऊंगा, धन्यवाद्..