हेलो दोस्तों, मैं नामित यादव इंदौर से, कैसे ही आप सब, जैसा की आपने मेरी पिछली कहानी कौमार्य भंग हुआ यार के साथ-में पढ़ा की दीपेश मुझे कली से फूल तो कर चुका था लेकिन उसे अभी भी संतुष्टि नही हुई थी, वो मेरी चुदाई और घमासान करना चाहता था..
आगे की कहानी..
उस दिन की चुदाई के बाद मेरी हालत थोड़ी ख़राब हो गयी और चूत सूज के ब्रेड जैसी हो गयी फूली-फूली सी, ये देखके उसके चेहरे पर शैतानी हँसी आयी और मुझसे बोला की ओपनिंग में ही तेरी बुर ने हथीयार डाल दिए तो आगे इसका क्या होगा.
मैंने भी अपने प्यार की खातिर बोल दिया की जो भी होगा देखा जायेगा, पर मुझे पता नहीं था कि मेरे साथ अब जो होने वाला है उससे में दीपेश की हमेशा के लिए रखैल बनके रह जाउंगी.
उस दिन घर पहुचने के बाद मुझे दर्द का एहसास हुआ और ये एहसास मुझे कुछ दिन सताते रहा, कुछ दिनों बाद मेरी चूत में खुजली होने शुरू हो गयी मैंने दीपेश को बताया तो वो बोला की क्या बात है मेरी रानी की मुनिया लण्ड मांग रही अब तो.
मैंने कहा कि जो भी हो मुझे इससे आराम चाहिए मेरे राजा अब मैं क्या करूँ तो वो बोला की कुछ जामाता हूँ, फिर मैंने पहली बार अपनी चूत में ऊँगली की और असंतुष्ट रह गयी.
2 दिन बाद उसका फोन आया और बोला की कॉलेज मे एक्सिबिशन स्टार्ट हो रहे है तो तू फ्री रहेगी तो चल कल माहि चलते है, मेरी खुजली की वजह से मैं उसे मना नही कर पाई और चल दी उसके साथ, रस्ते में उसने मेडिकल पे गाड़ी रोकी और कुछ दवाई लेकर आ गया और एक डेरी पे भी रुका और 1 लीटर दूध ले लिया मैंने पूछा इसकी क्या ज़रूरत है तो बोला पता चल जायेगा.
फिर हम उसी फ्लैट पर पहुँचे जहा मेरी पलँग-तोड़ चुदाई हुई थी, उसने मुझसे कहा कि ये दूध गर्म कर दे और खुद बाथरूम चला गया.
वापस आके उसने एक टेबलेट निकाली और मुझे देके बोला ये खा ले और खुद ने भी एक पिंक कलर की टेबलेट दूध से लेली, फिर उसने ऊपर से मेरी चूचिओ पर हाथ लगाना, दबाना और सहलाना चालू कर दिया और इन सब के बीच कब मेरे कपड़े उतर गए मुझे पता ही नहीं चला, मैं सिर्फ ब्रा-पेन्टी में खड़ी थी और उसने भी कपडे उतार के बस अंडरवियर में था, जिसमे उसका हब्शी लण्ड अलग ही झलक रहा था.
अब उसने मेरी ब्रा-पेन्टी भी उतार के अलग फेक दी मैं पूरी नँगी मेरे यार दीपेश के सामने खड़ी थी और वो मुझे भूखे शेर की निगाहों से देख रहा था, उसने अपना अंडरवियर भी निकाल दिया अब उसका हब्शी लण्ड मेरे सामने था और मैं उसे देखती ही रह गयी पहले के मुकाबले आज दीपेश का लण्ड काफी बड़ा दिख रहा था करीब 7.5 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा.
मैं देख के डर गई तो उसने मेरे बाल पकड़ के नीचे बिठाया और अपना मूसल मेरे मुंह में ठूस दिया जिससे मेरी आवाज ही बंद हो गयी और आँख में आंसू आ गए, मुझे उसका लण्ड अपने गले ने जाता हुआ महसूस हो रहा था जिससे मेरी आवाज गूगऊऊ गूऊऊ करके निकल रही थी फिर वो ताबड़तोड़ मेरे मुंह की चुदाई करने लगा जिससे मुझे साँस लेने में तकलीफ होने लगी, कभी एकदम रुक जाता तो कभी पूरी ताकत से मेरे हलक तक लण्ड उतार देता और मैं इधर-उधर हाथ-पैर मारती छटपटाती हुई.
लगभग 30 मिनट के बाद उसको मुझपे रहम आया और उसने अपना हब्शी लण्ड मेरे मुंह से बाहर खिंचा, मैं तो जैसे पूरी रंडी बन गयी थी उसकी, अब वो मेरी चूचिया मसलने लगा और चूत सहलाने लगा तो मैं सीत्कार उठी उइईईईईई मा यय्ये क्या कर रहे हो आआआआह बाप रे बाप, उसे बड़ा मजा आ रहा था मुझे तड़पते हुए देख के..
फिर वो नीचे आया और मेरी चूत पर अपने होंठ रख दिए मैं तो जैसे दीवानी हो गयी और उछल पड़ी ऐसा करते ही उईईईईईई आआआहह ऊऊऊऊऊ मर गयी रे व्व्व्व्वाआऊ ऐसे ही मेरे राजा बस ऐसे ही करते रह क्या जादू क्र रहे हो आज दीपेश मेरे स्वामी मेरे खसम, आज क्या ही गया तुम्हें, वो तो बस चुपचाप अपने काम में लगा था.
फिर उसने मेरी चूत पर 2 तमाचे लगाये और मुझे अपनी तरफ खिंचा अपना हब्शी लण्ड सेट किया छेद पर एक जोरदार धक्के के साथ लण्ड पूरा मेरी मुनिया में पेल दिया और धक्का लगते ही में हवा में उछली मछली की तरह जैसे कोई लोहे की मोटी रॉड दाल दी मेरे अंदर गर्म-गर्म उईईईईईई आआहहहह मर गयी रे जालिम निकाल ले इसे बाहर उसने मेरी एक न सुनी और पूरा लण्ड बहार खिंच के एक और धक्का मारा पूरी ताकत से जिससे मेरी बच्चेदानी तक हिल गयी और मेरे आंसू निकल आये रेरेरेरेरेरे मा री आआआआआह ह ह ह हहहहहह मर गयी रे में तो..
अब उसने धकापेल मेरी चुदाई स्टार्ट कर दी जिससे मेरी चीखे और सित्कारे कमरे में गूंजने लगी इस लग रहा था मानो गजब की ताकत हो उसमे और कोई मशीन मेरी चूत की दीवारों को छील रही है अंदर-बाहर दीपेश इतनी तेजी से मुझे छोड़ रहा था जैसे ब्लू फिल्मो में पोर्नस्टार चोदते है पर मुझे आनंद की असीम सीमा प्राप्त हो रही थी मैं एक बार झड़ गयी थी और दूसरी बार झड़ने की कगार पर ही थी तेज चीख के साथ मेरा पानी छूटा उइईईई गयीईईई मैं तो मेरे राजा व्व्व्व्व्व्वूओ आआह आआआहह..
और मेरी टांगें हवा में उठ के धूजने लगी, मेरी चूत अब झड़ के सूख चुकी थी मगर दीपेश अभी भी उसी स्पीड से मुझे पेल रहा था जिससे मुझे बहुत दर्द होने लगा और मैं जोर चीख पड़ी की र्रर्रर्रऊऊऊक जाआआओ जालिम आआआआह हहहह आह ह्म्म्म हिम्मम करके मैं बड़बड़ाई कितना हरामी और जालिम है तू क्या मेरी चूत फाड़ डालेगा क्या आज.
इतना सुनते ही वो बोला हा मेरी रानी आज तेरी चूत का वो हाल करूँगा की तू ठीक से चलफिर भी नहीं पायेगी ना मूत पायेगी सुकून से, उसने अपना लण्ड बाहर खिंचा और एक तगड़ा धक्का दिया जिससे मुझे लगा की मेरी बच्चेदानी चीर दी हो और फिर बाहर खिंचा तो लगा जैसे उसके हब्शी लण्ड के साथ बच्चेदानी भी बहार आ जायेगी अब तो.
मैं फिर से मछली की तरह तड़प के चिल्लाई उइईईईईई माँ री मुझे नहीं चुदना तुझसे छोड़ दे मुझे कमीने पर उसने एक न सुनी धक्के पे धक्के लगाते गया उसका हर धक्का पिछले धक्के से तेज ओर ताकतवर होता जिससे मैं बेहोश सी होने लगी और तीसरी बार झड़ गयी इस बार मुझमे चिल्लाने की ताकत ही नहीं बची थी बस धूजति रही पड़े-पड़े..
अब वो मेरे ऊपर आ गया और लण्ड मेरे मुंह में ठूस दिया जिससे मेरी आवाज और साँस दोनों घुटने लगी और जोर-जोर से मुंह चोदने लगा करीब 15 मिनट बाद वो मेरे मुंह में ही पिचकारी मारता हुआ निढाल हो गया.
थोड़ी देर बाद मैंने उठने की कोशिश की तो मैं बेड पे से हिल भी नही पाई बड़ी मुश्किल से सहारा लेकर उठी और बाथरूम गयी वहाँ कांच में खुद को देखा तो मेरी चूत ऐसी दिख रही थी जैसे किसी ने चाकू से चीर दी हो और सूज के डबल-रोटी जैसी हो गयी, , मैं ठीक से मूत भी नहीं पाई और जोर लगाती तो दर्द होने लगता चूत में, , , ठीक से चल भी नहीं पा रही थी ना बैठ पा रही थी, , अब इतने जालिम लण्ड से चुदाई के बाद तो यही हाल होना थे.
आपको स्टोरी कैसी लगी दोस्तों, आगे मैं बताउंगी की उसने कैसे मेरी गांड मारी और मुझे ठीक से चलने लायक भी न छोड़ा, गांड में दीपेश का हब्शी लण्ड लेने के बाद तो मेरी चाल ही बदल गई और गांड भी सुझा दी उसने मार-मार में.
दोस्तों अपना रिस्पांस जरूर दे मेल करके, आपकी प्यारी रंडी और दीपेश की रखैल नमिता यादव और मेरी मेल आई डी है “dipeshkirakhail@gmail.com”. आप सब इस पर मुझे मेल कर सकते है, , ,
मुझे आपके मेल का इंतज़ार रहेगा दोस्तों.