पिछला भाग पढ़े:- क्रिसमस के दिन छोटी बहन को आर्मी वालों ने चोदा-1
पार्टी खत्म होने के बाद सपना भी घर जाने लगी तो अफजल ने सपना को पकड़ कर किस किया, और उसे कुछ देर में ही सपना को गर्म कर दिया और अब सपना भी चुदने को तैयार थी। और फिर साजिया को इशारे में ही सपना को बेसमेंट में ले जाने को बोला।
तो सपना साजिया से बोली: अफजल को बोल देना कि कंडोम ले लेगा।
फिर जैसे ही सपना बेसमेंट में गयी, अफजल ने तुरन्त अपना सेन्टाक्लाज का कपड़ा अपने भाई को पहनने को दिया, और शारिक ने तुरन्त कपड़े पहन लिए।फिर अफजल ने शारिक को बेसमेंट वाले रूम में भेज दिया।
इधर सपना के अन्दर भी चुदाई के लिए सुलगती आग अब तक भड़क चुकी थी, और अब तक शारिक भी रूम में दाखिल हो चुका था। सेन्टाक्लाज के कपड़े में दाढ़ी और मूंछ लगने की वजह से शारिक का चेहरा पहचान नहीं आ रहा था, तो सपना भी तैयार थी। पर उसे नहीं पता था कि आज अफजल की जगह उसके भाई ने ले रखी थी। दोनों अंकल भी रूम के बाहर से सपना और शारिक की चुदाई देखने के लिए खड़े थे।
इधर शारिक बिना देर किए तुरन्त सपना पर टूट पड़ा, और जल्दी से सपना ने जो साड़ी पहन रखी थी, उसके पल्लू को पकड़ लिया। फिर सपना को खींच कर अपने सीने से चिपका लिया। सपना के बूब्स जो ब्लाऊज के अन्दर से ही झांक रहे थे वो सपना के जोर-जोर से सांस लेने की वजह से ऊपर-नीचे हो रहे थे, जो देख शारिक और पागल हो रहा था।
फिर जब शारिक ने सपना की गांड पर हाथ रखा, तभी सपना को एहसास हो गया कि ये अफजल नहीं था। क्यूंकि वो इतने दिन में ही अफजल के स्पर्श को महसूस कर चुकी थी। तो वो छूटने का प्रयास करने लगी और बोली-
सपना: कौन हो तुम?
तभी शारिक ने सेन्टाक्लाज की दाढ़ी और मूंछ निकाल दी। शारिक को देख सपना छूट कर भागने की कोशिश करने लगी। शारिक ने पल्लू पकड़ कर खींच लिया, तो पूरी साड़ी धीरे-धीरे करके निकल गयी। पर अभी भी सपना ब्लाउज और जींस में थी, क्यूंकि सपना ने पेटीकोट की जगह जींस पहन रखी थी।
सपना छूटने की नाकाम कोशिश कर रही थी, पर शारिक की पकड़ इतनी मजबूत थी कि वो हिल भी नहीं पा रही थी, और हिल भी कैसे पाती? आखिर आर्मी के जवान की जकड़ में जो थी। कोई कितना भी जिम कर ले, पर आर्मी के जवान का शरीर फौलाद जैसे हो जाता है। फिर तुरन्त शारिक ने सपना की जीन्स का बटन खोल कर नीचे सरका दिया, और झट से अपने सेन्टाक्लाज वाले पैन्ट को नीचे सरका दिया।
फिर अंडरवियर से झट से लंड निकाल कर सपना की गांड के बीच की दरार में रगड़ने लगा। इससे शारिक का लंड सपना की गांड के दरारों से होता हुआ सपना की चूत को स्पर्श कर रहा था। चूंकि सपना के चूतड़ बड़े-बड़े थे, तो शारिक को बहुत मजा आ रहा था ऐसा करने में। वो ऐसा करते-करते अपने दोनों हाथों को आगे करके सपना के ब्लाउज के बटन खोलने लगा।
तभी शारिक को कुछ अपने लंड पर चिपचिपाहट महसूस हुई, तो वो समझ गया कि लड़की अब गर्म हो चुकी थी, क्यूंकि सपना की चूत गीली हो चुकी थी। तो शारिक ने बिना देर किए सपना की पैन्टी को थोड़ा बगल करके अपने 8 इंच लम्बे तगड़े लंड पर स्ट्राबेरी फ्लेवर का ड्यूरेक्स कंडोम, जो कि एक्सट्रा डाटेड था, उसे पहन लिया। फिर लंड को सपना की चूत की फांको के बीच मे सेट करके एक जोर का धक्का दिया, तो शारिक का आधा लंड सनसनाते हुए सपना की चूत की दीवारों को रगड़ते हुए चीरता हुआ गच्च से अन्दर घुस गया।
ये सब देख अंकल लोग अपने लंड को पकड़ कर हिलाने लगे, और ये सब अफजल और साजिया देख रहे थे।
कंडोम एक्सट्रा डाटेड होने की वजह से सपना की चूत जैसे अन्दर से छिल गयी हो, ऐसा दर्द सपना को महसूस हुआ, और वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी और उह आह उह आह अईईई मरररर गइइइइइई की आवाज निकल गई। पर शारिक ने सपना को जकड़ रखा था, तो सपना हिल भी नहीं पा रही थी।
सपना भले ही पहले चुद चुकी थी पर शारिक के लंड ने तो दर्द ऐसा दिया जैसे कि कोई कच्ची कली पहली दफा चुद रही हो। सपना की आंखो से आंसू की धार निकल रही थी। पर शारिक ने चूत में अपने लंड को सटा-सट पेल रखा था, और तीन चार झटके में ही चूत मे पूरा अन्दर पेल दिया।
अब सीन ऐसा था कि शारिक का लंड सपना की चूत में घुसते ही गायब हो जा रहा था, और लंड के नीचे के टट्टे सपना की गांड में लग रहे थे। कुछ देर में ही शारिक ने सपना की चूचियों को ब्रा से आजाद कर दिया, और आजाद होते ही सपना की 34″ की चूचियां हवा में झूमने लगी, और अब जितनी बार शारिक सपना को झटके मारता, सपना की चूचियां उतनी बार ऊपर-नीचे बाउंस करते और हिलोरे खा रहे थे।
शारिक फटाफट लंड पेले जा रहा था, और सपना की चूत गटागट लंड को खाते जा रही थी। अब सपना की चूत से कुछ गीला-गीला निकल रहा था, तथा शारिक के लंड से स्पर्म निकलने के पहले वाली लार निकल रहा थी, जिससे चूत और लंड दोनों के पानी आपस में मिल कर कुछ सफेद रंग का चिपचिपा द्रव बन चुका था, जो सपना की चूत के दीवारों पर लग चुका था, और कुछ लंड पर सन चुका था, और जो ल्यूब्रिकेशन का काम कर रहा था और जिससे लंड फिसल-फिसल कर अंदर जा रहा था।
हर झटका सपना की बच्चेदानी को छू रहा था, और पूरे कमरे फच फच फट पट पट पट चट चट चटर चटर फटर फटर की आवाज आ रही थी। सपना मदहोश तो हो रही थी, पर दर्द के मारे छटपटा भी रही थी, और छूटने का प्रयास कर रही थी। पर कुछ भी हो, लंड तगड़ा था। आखिर हो भी क्यूं ना, आर्मी वाले जवान का जो था, और ऊपर से साल भर का भूखा भी तो था।
इधर झटके मारने के साथ-साथ शारिक ने सपना की चूचियों को भी ब्रा के ऊपर से ही जोर-जोर से मसलना शुरू कर दिया। पर सच बोलूं तो अभी भी शारिक सपना की खूबसूरती को अच्छे से देख नहीं पाया था। क्यूंकि सपना की खूबसूरती आगे से देखने पर पता चलता था, और उसने अभी तक सपना की गोरी-गोरी पपीते जैसी चूचियां और उस पर उठे निप्पल को नहीं देखा था।
कुछ ही देर में शारिक ने सपना को बिस्तर पर पटक दिया, और जोर के झटके के साथ अपना पूरे शरीर का भार रखते हुए सपना पर कूद गया। इससे शारिक का पूरा लंड सपना की चूत में एक बार फिर से एक झटके में घुस गया, और सपना के ऊपर शारिक लेट कर झटके मारने लगा। पर शायद उसी वक्त ही जोर से झटके की वजह से कंडोम फट गया था। पर ये बात ना सपना को पता थी और ना ही शारिक को।
8-10 झटके मारने के बाद, सपना को गाली देते हुए, “मादरचोद क्या माल है रे तू, मजा बांध दी” करते हुए, अपना पूरा गाढ़ा गाढ़ा गर्म वीर्य सपना की चूत की हलक यानी बच्चेदानी में छोड़ दिया।
जब सपना को गर्म-गर्म एहसास हुआ तो वो हटने को बोली। पर शारिक तुरन्त नहीं हटा, क्यूंकि शायद वो समझ गया था कि कंडोम फट गया था, और सपना को कस कर पकड़ लिया। उसने अपने लंड को सपना की चूत में जोर से दबा दिया, और कुछ देर तक नहीं निकाला। तांकि हर एक बूंद सपना की चूत में समाहित हो जाए।
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा।
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