पिछला भाग पढ़े:- दोस्त की गर्लफ्रेंड को अपने घर पर चोदा-1
खालिद: आसिफ तू अंदर क्यूं आया? और कैसे आया?
मैं: साले मेरा घर है। और मेरे पास दूसरी चाबी है मेरे रूम की। और मैंने सब देख और सुन लिया है
खालिद: आसिफ तू निकल यहां से। अभी हम दोनों की बात चल रही है।
स्वाती: रुक आसिफ, तू नहीं जाएगा।
मैं बेड पर बैठ गया और बोला-
मैं: ले भाई सुन लिया तूने। स्वाती ही रोक रही है मुझे।
स्वाती: तू ही बता आसिफ यह मेरा बंदा 5-7 मिनट में झड़ गया तो क्या करूं मैं अब?
खालिद: अरे भाई अब निकल जाता है मेरा, तो इसमें मेरी क्या गलती?
मैं: अरे भाई इतनी हॉट लड़की है, तो उसके अंदर गर्मी भी तो ज्यादा ही होगी ना।
स्वाती: तो ठीक है, मैं भी निकल रही हूं जल्दी। तू हिला यह अपना मुरझाया लंड।
मैं: अरे स्वाती कहा जा रही है यार? वो नहीं तो क्या हुआ? मैं हूं तो।
खालिद: आसिफ क्या बोल रहा है? यह मेरी गर्लफ्रेंड है।
मैं: तो अपनी गर्लफ्रेंड की इच्छा पूरी कर ना।
खालिद: बोल तो ऐसे रहा है जैसे तू इच्छा पूरी कर देगा उसकी।
मैं: हां, अगर कर दी तो?
स्वाती यह सब सुन रही थी, और मजे ले रही थी। और उसको भी इन्टरेस्ट आ रहा था मेरा लंड लेने के लिए
खालिद: साले तेरा लंड ही मेरे लंड से छोटा होगा। तू क्या चोदेगा स्वाती को।
मैं: चल ठीक है, मेरा लंड बड़ा हुआ तो अभी यही तेरे सामने स्वाती को चोदूंगा, और तू देखेगा।
खालिद: हां ठीक है, मंजूर है।
मैं: ठीक है। (मैं स्वाती की तरफ देखा) चल स्वाती रेडी हो जा मुझसे चुदने के लिए। बाद में नाटक मत करना फिर।
स्वाती: हां ठीक है। बड़ा हुआ मेरे बंदे के सामने, तो तेरा लंड लूंगी।
मैंने अपनी पैन्ट और चड्डी निकाली। फिर अपने लंड को आजाद कर हाथ में लेकर बोला-
मैं: यह देख। अब बता स्वाती किसका बड़ा और मोटा लंड है?
स्वाती: वाह आसिफ! तेरा कितना बड़ा और काला भी है। देख कर ही मुंह में पानी आ गया मेरे तो।
स्वाती मेरे पास आई, और लंड को हाथ लेकर छूने लगी। प्यार से धीरे-धीरे हिलाने लगी।
खालिद: स्वाती यह क्या कर रही है? इधर आ तू।
स्वाती: साले चुप। तूने ही बोला था ऐसा। अब तेरी ही बात मान रही हूं। तू चुप-चाप देख बस।
मैं: बोला था ना खालिद। अब हो गई बोलती बंद?
स्वाती नीचे घुटनों पर बैठी, और लंड के सुपारे को जीभ से चाटने लगी। धीरे-धीरे पूरा लंड मुंह में डाल लिया, और मजे से लंड चूसने लगी। मैंने भी आंखें बंद कर ली, और मजे लेने लगा। मैंने उसके बाल पकड़े, और मुंह को चोदने लगा। हम दोनों एक-दूसरे में खो गए थे। इतने में खालिद उठा, उसने मुझे धक्का दिया, और स्वाती को उठा लिया।
खालिद: साले आसिफ मेरी गर्लफ्रेंड को छुआ कैसे तूने?
स्वाती: साले भड़वे, तुझसे तो कुछ हुआ नहीं, और अब मुझे भी मजे नहीं लेने दे रहा।
खालिद: साली बहुत गर्मी है तेरे अंदर।
मैं: अबे ओ खालिद, अपनी बात हुई अब चुप-चाप बैठ सोफ़े पर। नहीं तो तुम दोनों की विडिओ है मेरे पास, पूरा कॉलेज देखेगा।
खालिद ये सुन कर सोफ़े पर बैठ गया, और हम दोनों का रोमांस देखने लगा। मैंने स्वाती को अपनी तरफ खींचा, और उसको किस करने लगा। वो भी पूरा साथ दे रही थी। मैंने उसकी पतली कमर पकड़ के अपने ऊपर बिठा लिया। फिर उसके होंठ चूसने लगा।
सारी का पल्लू गिरा दिया। गले पर किस करने लगा। उसके बूब्स को ब्लाउस के ऊपर से दबाने लगा। हम दोनों एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे। फिर स्वाती को बेड पर फेंक दिया। मैं उसके ऊपर टूट पढ़ा। उसके शरीर को चाटने लगा। उसका बदन पूरा लाल हो गया। स्वाती ने खालिद की तरफ देखा, और स्माइल करने लगी।
स्वाती: आह आसिफ, इतना अच्छा प्यार कर रहा है तू। बहुत मजा आ रहा है। इस खालिद ने ऐसा कभी नहीं किया।
मैं: अभी तो बहुत मजा आएगा तुझे।
मैंने उसका ब्लाउस निकाल दिया, और ब्रा के ऊपर से बूब्स चूसने लगा। स्वाती ने मुझे घुमाया, और मेरे ऊपर बैठ गई। फिर मेरी टी-शर्ट निकाली, और मेरे सीने पर किस करने लगी, गले पर काटने लगी, जिससे दांत के निशान आ गए। मैंने फिर उसकी ब्रा के हुक खोल दिए। अब ब्रा उसके शरीर से अलग कर दी, और खालिद के मुंह पर फेंक दी।
स्वाती के बूब्स मेरे सामने आजाद थे। मैं उनको दबाने लगा, मुंह में लेकर चूसने लगा। उसके मुंह से अब सिसकियां निकालने लगी। मैं मजे ले रहा था पूरे उसके। ऐसे ही उसके शरीर से खेलते रहा, और थोड़ी देर में ही हम दोनों नंगे हो गए।
मैं: कुतिया तेरा जिस्म तो पूरा चमक रहा है।
स्वाती: तेरा लंड भी तो चमक रहा है।
मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा। वो पहले से ही गीली हो गई थी, और उसकी चूत पूरी साफ थी। एक भी बाल नहीं था। फिर चूत में एक उंगली डाली, और अंदर-बाहर करने लगा। वो धीरे से बोली-
स्वाती: उंगली से कुछ नहीं होगा। तेरा यह कड़क खड़ा लंड डाल ना।
मैं: अच्छा मेरी रानी, मेरे लंड का स्वाद भी दूंगा तुझे।
फिर मैंने उसकी चूत पर मुंह रखा, और जीभ से चूत चाटने लगा।
स्वाती: अहह उफ्फ़ आउच आसिफ मस्त चूत चाट रहा है। तू तो प्लेयर है।
मैंने चूत के अंदर जीभ डाल दी। उसने मेरा सर दबा दिया। उसके हाथों ने मेरे हाथ जकड़ लिए, और बार-बार खालिद की तरफ देख रही थी, और उसको गाली दे रही थी।
स्वाती: देख मादरचोद, ऐसे मजा देते है एक लड़की को। आसिफ अब मत तड़पा, और डाल दे तेरा लंड मेरे अंदर। अब नहीं रहा जाता।
मैं: साली रंडी, अब चोदता हूं तुझे।
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर घुमाया, और उसको और तड़पाने लगा। फिर एक-दम जोरदार झटके से पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया, और उसकी चीखें निकलने लगी।
स्वाती: साले बाहर निकाल इसको, बहुत दर्द हो रहा है। मर जाऊंगी बहनचोद तेरी चुदाई से।
मैं रुका, लंड अंदर ही था। स्वाती कि आंखें बंद थी उसके दर्द के कारण।
मैं: साले खालिद इसके मुंह में तेरा लंड दे, बहुत चिल्ला रही है।
खालिद सोफ़े से उठा, और उसने उसका लंड स्वाती के मुंह में दे दिया अब उसकी आवाज बाहर नहीं आ रही थी। वो खालिद का लंड को चूसने लगी।
उसका दर्द कम हुआ, और मैं अब उसको धीरे-धीरे चोदने लगा। मैंने उसके हाथ जकड़ लिए, और वो हिल भी नहीं पा रही थी। फिर 2-3 और जोर से झटके दिए। उसकी चूत खुल गई थी मेरे लंड के लिए।
स्वाती की आवाज बाहर नहीं आ रही थी। मैंने अपनी स्पीड थोड़ी तेज की, और चोदने लगा। वो भी अब मजे ले रही थी। उसका दर्द अब मजे में बदल गया था।
मैं: साली अब मजा आ रहा है तुझे?
खालिद: भाई आराम से चोद, देख दर्द हो रहा है बेचारी को।
मैं: साले चुप रह, और वापिस सोफ़े पर बैठ कर तेरा हिला।
खालिद उठ कर चला गया। स्वाती जोर-जोर से हांफने लगी। फिर थोड़ी आराम की, सांस ली, और बोली-
स्वाती: कुत्ते इतने जोर से कोई डालता है? मेरी जान निकाल दी तूने एक ही झटके में, और इस भड़वे का लंड मेरे मुंह में ठुसवा दिया।
उसके बूब्स चुदाई से हिल रहे थे। मैंने उसके हाथ को छोड़ा, और उसके बूब्स दबाने लगा। मैं तेज स्पीड में उसको लगातार चोदे जा रहा था। वो भी कमर उठा-उठा कर चुदने लगी।
मैं: साली रांड अब तो इतने मजे से चुद रही है।
स्वाती: साले तेरा लंड है ही इतना मस्त, कि मजा आ रहा है अब।
थोड़ी देर उसको मिशनरी में चोदने के बाद उसका सारा पानी निकल गया। वो झड़ गई, और बहुत थक गई थी। पर मैं अभी भी उसको चोदे जा रहा था।
मैं रुका, और लंड बाहर निकाला। उसके अमृत से लंड चमक रहा था।
मैं: चल साली अब कुतिया बन। पीछे से तेरी चूत फाड़ू़ंगा।
स्वाती: आसिफ रुक जा। अब नहीं होगा मुझसे।
मैं उसको कुतिया पोज़िशन में लाया, और गांड पर 2-4 थप्पड़ मारे।
स्वाती: आह मालिक आराम से मारो ना।
मैं: छिनाल थप्पड़ आराम से नहीं मारे जाते।
उसकी गांड मैंने लाल कर दी। उसको भी ऐसे मजे आ रहे थे। पीछे से उसकी चूत में लंड डाला। गीला होने के कारण बहुत आराम से अंदर चला गया। फिर उसके बाल पकड़ के उसकी चुदाई करने लगा। उसके बूब्स हवा में झूल रहे थे। पीछे से नजारा देख कर जोश और बढ़ गया। खालिद भी सोफ़े पर से नजारे के मजे ले रहा था।
मैं अपनी फुल स्पीड में उसको ऐसे ही चोदता रहा। पूरे रूम में उसकी आवाज़े गूंज रही थी। उसकी गांड से मेरी जांघे टकरा रही थी। दोनों पसीने में पूरे गीले हो गए थे, पर मैं अपनी चुदाई जोरों-शोरों से कर रहा था। उसकी चूत अब अच्छे से खुल गई थी। मैंने 15-20 मिनिट उसको कुतिया बना कार चोदा। अब मैं थकने लगा था, और अपनी चरम पर था
मैं: साली कुतिया मेरा होने वाला है। बता कहा लेगी मेरा सारा माल?
स्वाती: कंडोम नहीं पहना है तुमने तो मेरे ऊपर ही निकल देना सारा।
मैं जल्दी से खड़ा हुआ, उसके मुंह में लंड डाल कर उसके मुंह की चुदाई करने लगा। फिर उसके मुंह से लंड निकाला, और 3-4 झटकों में उसके गले और बूब्स पर सारा माल निकाल दिया। फिर मैं जोर-जोर से सांस लेने लगा और बोला-
मैं: छिनाल तुझे चोद कर तो मजा आ गया आज।
स्वाती: हां आसिफ, आज तो तूने थका दिया मुझे भी।
मैं बिस्तर पर सो गया थकान से, और उसने अपनी उंगली से माल लिया और चाटने लगी। उसने लंड फिर से मुंह में लेकर लंड साफ कर दिया।
स्वाती: मस्त स्वाद है तेरे माल का तो, और तेरे लंड का भी।
मैं: तू भी मस्त माल है। तेरी चूत चोदने में मजा आ गया।
वो भी मेरे बगल में सो गई, और खालिद उठ कर जाने लगा। हमने उसको देखा और हस दिए। वो चुप-चाप निकल गया बिना कुछ बोले। हम दोनों को नींद लग गई। इतने में शाम हो गई। उठने के बाद उसको एक बार फिर बाथरूम में चोदा। साथ में नहा लिया, और जाते-जाते अपना लंड उसके मुंह को चोद कर शांत कर लिया।