पिछला भाग पढ़े:- ककोल्ड दोस्त की मां को दोस्त की मदद से चोदा-2
हैलो दोस्तों, मैं आसिफ आपका स्वागत करता हूं अगली चुदाई की कहानी में। यह कहानी मेरे दोस्त की मां और मेरी चुदाई की है, मेरे दोस्त की मदद से। मेरे दोस्त का नाम बंटी है। वो मेरी उम्र का है, और उसकी मां सुनीता सुंदर सेक्सी माल है, और फिगर भी कमाल का है। आपने पिछली कहानी जरूर पढ़ी होगी। यह अगला भाग है।
हम दोनों एक-दूसरे के होंठ चूसने लगते है। मैं उनका गदराया हुआ जिस्म दबाने लगता हूं, और मेरा लंड उनकी गांड में चुभाने लगता हूं। मैं भी उनके साथ खो गया था। मैं भूल गया था उनका बेटा हमको देख रहा था।
बंटी सीढ़ियों के पीछे छुप कर सब देख रहा था, और अपनी मां की सिसकियां सुन कर मजे ले रहा था।
“अहह उम्म आसिफ कितने कड़क हाथ है तेरे। ऐसे ही दबा, मजा आ रहा है।”
वो गोद में से उठी और अपनी साड़ी निकाल फेंकी। फिर मुझे सोफ़े पर धक्का दे कर लिटाया, और मेरे ऊपर आ गई। अब वो मेरी शर्ट के बटन खोल कर मेरा सीना चूमने लगी। मैंने उनके बाल खोल दिए, और उनकी गांड को प्यार से मसलने लगा। मेरा ध्यान बंटी की तरफ गया। उसके मुंह से पानी आ रहा था अपनी मां को देख कर। आंटी मेरे ऊपर चढ़ कर मेरे साथ मजे करने लगी। फिर धीरे से कान में बोली-
आंटी: मेरा बेडरूम तेरा इंतज़ार कर रहा है। चले वहां?
मैं: हां, बिस्तर पर ज्यादा मजा आएगा।
उनकी साड़ी और मेरी शर्ट निकाल कर हम रूम में चले गए। आंटी दरवाजा बंद करने लगी।
मैं: दरवाजा खुला रखो। आज ऐसे ही करूंगा तुम्हारे साथ।
आंटी: कोई आ गया तो?
मैं: कुछ नहीं होगा यार।
बंटी गेट के पीछे से छुप कर देखने लगा। मैं आंटी को बेड पर फेंक उनकी क्लीवेज पर जीभ फेरने लगा। ब्लाउस के हुक खोल कर उनके ब्लाउस को जिस्म से अलग कर दिया। फिर ब्रा के ऊपर से बूब्स में मुंह दबा दिया। उनके पूरे बदन से महक आ रही थी।
धीरे-धीरे मैं नीचे आया और उनका पेट चाटने लगा। मैंने पेट लाल कर दिया चाट कर। फिर उनकी नाभी चूसने लगा। ऐसे ही उनके जिस्म के साथ खेलने लगा, और मैंने जिस्म को चाट कर लाल कर दिया। फिर मैंने उनके पेटीकोट के अंदर हाथ डाला। उनकी चूत गीली होने लगी थी। उनकी मोटी जांघों को मैंने दबाया, और पेन्टी के ऊपर से चूत पर हाथ फेरने लगा। वो बहुत उत्तेजित होने लगी। उनकी गर्मी बढ़ने लगी थी।
थोड़ी देर हम ऐसे ही एक-दूसरे के जिस्म के साथ खेलते रहे, और दोनों नंगे हो गए। मेरे दोस्त की मां मेरे सामने नंगी हो गई थी, और उनका बेटा उन्हें देख रहा था। मैं उनके नंगे बूब्स दबाने लगा, और दोनों बूब्स चूसने लगा। आंटी की सिसकियां पूरे रूम में गूंज रही थी। उनके चूचे लाल कर दिए चूस-चूस कर मैंने।
फिर मैं उनका मुंह अपने लंड के सामने लाया। वो भी एक अनुभवी औरत थी, और मेरे लंड को चाटने लगी। उनकी जीभ के छूने से मेरे शरीर में करंट दौड़ गया। मेरा लंड पूरा खड़ा था। वो अपना अनुभव दिखा रही थी, और मेरे लंड के टोपे को चाटने लगी। फिर धीरे-धीरे पूरा अपने मुंह के अंदर डाल लिया। मेरी आँखें बंद होने लगी थी, वो इतने प्यार से लंड चूस रही थी।
मैं: अहह मेरी आंटी, क्या लंड चूस रही हो आप। उम्म, ऐसे ही चूसती रहो, मजा आ रहा है।
उन्होंने पूरा लंड गले तक ले लिया, और एक रंडी की तरह लंड चूसने लगी। मैंने उनके बाल पकड़े और जोर-जोर से मुंह में झटके देने लगा। उनका मुंह चोदने में मजा आ रहा था। मैं पूरे जोश में मुंह चोदने लगा, और वो भी मजे से चूस रही थी। ऐसे ही चूसते-चूसते वो थक गई, और बगल में लेट गई।
आंटी: साले तू झड़ा नहीं अभी! इतने में मेरा पति तो 3 बार झड़ जाता है।
मैं उनके बूब्स मसलते हुए बोला: अभी तो शुरुवात है मेरी रंडी आंटी।
फिर मैं उनके बूब्स चूसने लगा दोनों बूब्स को मुंह में घुसेड़ कर चूसने लगा, नोचने लगा, लव बाईट देने लगा। बंटी भी पेंट खोल कर लंड हिलाने लगा उसकी मां को देख कर।
आंटी: आसिफ अब चोद ना, रहा नहीं जा रहा।
मैं उठ कर अपना लंड उनकी बालों वाली चूत पर सेट करने लगा। पहले दो उंगली डाल कर थोड़ा चूत को खोला। उनकी चूत थोड़ी टाइट थी। यह देख कर मजा आने लगा। फिर लंड पर थूक लगाया, और उनकी चूत पर सेट करके डालने लगा। चूत के मुंह पर रखा, और एक झटका मारा। लेकिन लंड अंदर गया नहीं।
फिर मैंने उनके दोनों हाथ पकड़े और जकड़ लिये, और एक जोर से झटका मारा। मेरा आधा लंड अंदर चला गया, और आंटी की चीखें जोर से निकली-
आंटी: अहह साले, मादरचोद! आराम से, इतना जोर से नहीं।
चेहरा दर्द से लाल हो गया था उनका, पर मैं रुका नहीं और जोर-जोर से झटके देने लगा। मेरा लंड अंदर जाने से आंटी की चीखें रूम में गूंजने लगी। वो थोड़ा झटपटाई, पर मैंने उनको जकड़ रखा था। फिर मैं थोड़ा रुका, और आंटी भी शांत हो गई। मैं अब धीरे-धीरे उनकी चूत चोदने लगा। लंड अब अपनी जगह बनाने लगा था। मैंने उनके हाथ छोड़ दिए। उन्होंने मेरी पीठ पकड़ी। दोनों बड़े-बड़े बूब्स के बीच उनका मगलसूत्र चमक रहा था।
मैं उनसे पूरा चिपक गया, और उनको चोदने लगा। आंटी का दर्द अब मजे में बदलने लगा था। हम दोनों चुदाई में मदहोश हो गए। प्यार से उनकी चूत को फाड़ने लगा, और बाहर बंटी अपने फोन में सब रिकार्ड कर रहा था। मैं उनके बूब्स पकड़ कर दबाने लगा उनके चेहरे पर अब खुशी का भाव था।
आंटी: अहह मेरे राजा, ऐसे ही चोदता जा। बड़े दिनों बाद इतना मजा आया है।
मैंने चुदाई की स्पीड तेज कर दी। उनके बूब्स हिल रहे थे, और मैं अपने पूरे जोश में चोद रहा था।
मैं: अहह आंटी, क्या चूत है तेरी। मजा आ रहा है चोदने में।
चूत पानी छोड़ चुकी थी। उनके पानी से अब और आसानी से चुदाई हो रही थी। ऐसे ही फुल स्पीड में चोदता रहा। हम दोनों थक गए थे। आंटी तो 2-3 बार झड़ चुकी थी। मैं ऐसे ही मिशनरी में चोदता रहा, और मेरा भी माल निकलने वाला था।
मैं: आंटी मेरा होने वाला है, कहा निकालूं?
आंटी: अंदर ही निकाल दे। बड़े दिनों से चूत प्यासी है मेरी।
मैं चरम पर था अपने, तो जोर-जोर से चोदने लगा, और एसे ही उनकी सूखी चूत को अपने माल से भर दिया। फिर मैं उनके ऊपर लेट गया।
आंटी: आसिफ तूने तो मजा दिला दिया आज। जवानी दिखा दे तूने आज मेरी।
मैं: हां आंटी, मुझे भी मजा आया तुम्हें चोद कर आज।
आंटी मेरे लंड धीरे-धीरे हिलाने लगती है। बंटी सब देख रहा था। उसको उसकी मां की चुदाई देख कर मजा आ गया था। मैं आंटी को फिर गरम करने लगा। मैं उनके बूब्स दबाने लगा। थोड़ी देर में मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। आंटी ने भी गरम हो कर अपने आप को मुझे सौंप दिया था। मैं उनके बदन के साथ खेल रहा था। उनकी चूत गीली होने लगी थी।
मेरी सेक्स कहानी पढ़ने का शुक्रिया। अभी इसके और भाग आएंगे। आप मेरे साथ बने रहिए। आपका अनुभव मेरे साथ जरूर साझा करे। मेरी ईमेल आइडी: khanabdulasif01@gmail.com