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दोस्त की मां की चुदाई उनके ही घर पर-2 (Dost ki maa ki chudai unke hi ghar par-2)

पिछला भाग पढ़े:- दोस्त की मां की चुदाई उनके ही घर पर-1

हैलो दोस्तों मेरा नाम आसिफ खान है, और मैं भोपाल शहर में रहता हूं। यह कहानी मेरी मेरे दोस्त की मां के साथ संभोग की कहानी है। मेरे दोस्त का नाम राजवीर शर्मा है, और मेरे दोस्त की मां का नाम सुनीता शर्मा है। यह कहानी पढ़ने से पहले इसका पहला भाग जरूर पढ़ें।

मैं फिर ब्लाउस के हुक खोलने लगा, पर इतने में कोई घर का दरवाजा ठोकने लगा। आंटी और मैं डर गए। आंटी अपने कपड़े सही करने लगी। वो कपड़े ठीक करती-करती बाहर आई। उनके बाल अभी भी बिखरे हुए थे, और मैं भी उनके पीछे-पीछे बाहर आ गया। इतने में उनका फोन बजा। राजवीर का काल आया था।

राजवीर: हैलो मम्मी, दरवाजा खोलो।

हम दोनों ने थोड़े आराम की सास ली। मैं सोफ़े पर बैठ गया, और फिर आंटी ने दरवाजा खोला।

आंटी: राजवीर तू आ गया। तूने तो बोला था देर हो जाएगी आते-आते।

राजवीर: आपका काल आया तो मुझे लगा कुछ काम होगा आपका। इसलिए मैं आ गया थोड़ा जल्दी।

आंटी: हां काम तो था। चल अंदर आ तुझसे मिलने कोई आया है।

राजवीर अंदर आया।

मैं: हैलो राजवीर, कितना इंतज़ार करना पड़ा तेरा।

राजवीर: आसिफ तू कब आया? और ना काल, ना टेक्स्ट, कुछ भी नहीं।

मैं: तुझसे मिलने आ गया मेरे भाई। तेरी और आंटी की याद आ रही थी बहुत (आंटी की तरफ देखा)।

आंटी: तुम दोनों बैठो, मैं तुम्हारे लिए कुछ लाती हूं।

राजवीर: हां मम्मी, ठीक है, पर आपके कपड़े और बालों को क्या हुआ? इतने बिखरे-बिखरे है।

आंटी: हां वो अभी सो कर उठी, और इतने में आसिफ आ गया, तो समय ही नहीं मिला कुछ करने का।

राजवीर: ठीक है मम्मी।

मैं: चल राजवीर, मैं निकलता हूं। मुझे थोड़ा काम है। तुझे काल करता हूं शाम को।

राजवीर: चल ठीक है, शाम को मिलते है।

मैं घर से निकल गया, और आंटी की तरफ एक स्माइल दी। उनका चेहरा थोड़ा उदास लग रहा था। हमारी चुदाई बीच में ही रुक गई। मैं घर आ गया और सो गया। फिर रात को मैंने आंटी के पास टेक्स्ट किया-

आंटी: हैलो आंटी, सो गए क्या?

थोड़ी देर बाद रिप्लाई आता है-

आंटी: तू मुझे गरम करके छोड़ गया। तो नींद कैसे आएगी?

मैं: तेरा बेटा आ गया ना। तो मैं क्या करूं?

आंटी: गलत समय पर ही आता है वो।

मैं: मेरी बस कल शाम को है, और राजवीर भी सुबह से जॉब पर चले जाता है, तो कल दिन में आता हूं, और अधूरा काम पूरा कर दूंगा।

आंटी: हां ठीक है, मैं काल करूंगी जब ही आना, और मुझे तेरे हथियार की फोटो तो भेज। पेंट के ऊपर से तो बहुत बड़ा लग रहा था।

मैं: फोटो नहीं मेरी जान, कल सामने से ही दिखाऊंगा तुझे‌।

आंटी: ओके कल मिलते है मेरे आसिफ राजा।

रात को मैं भी सो गया बिना मुठ मारे, और नीचे की शेविंग करके नींद पूरी करने लग गया। 11 बजे मेरा फोन बजा तो मैं उठा। उधर से आंटी की आवाज आई।

आंटी: हैलो, मेरे आसिफ जान।

मैं: ओह हो जान! लगता है राजवीर चला गया ऑफिस।

आंटी: हां वो तो गया, और तू भी आजा 12 बजे। तब तक गली में कोई नहीं होता है।

मैं: ठीक है आंटी आता हूं आपके समय पर।

मैंने 12 बजे आंटी को काल किया, और बोला: दरवाजा खोलो, मैं आने ही वाला हूं।

आंटी ने दरवाजा खोला, और मैं सीधे घर में घुस गया। फिर आंटी ने दरवाजा बंद कर दिया‌। वो मेरी ओर घूमी। मैंने उनको दरवाजे से टिकाया, और उनको किस करने लगा। वो भी पूरे मूड में थी। वो मेरे होंठ चूसने लगी। उनकी लिपस्टिक का टेस्ट भी मस्त था। उन्होंने धक्का दिया, और मुझे थोड़ा दूर किया और बोली-

आंटी: तू तो आते ही शुरू हो गया। इतनी हवस चढ़ी है क्या तुझ पर?

मैं: इतनी सेक्सी औरत को देख कर अपने आप हवस चढ़ जाती है मेरी आंटी।

मैं सोफ़े पे बैठा और आंटी को गोद में बिठा लिया। उनकी गांड बहुत मखमली थी, जैसे ही मेरी गोद में बैठी, मेरा खड़ा लंड उनको चुभने लगा।

आंटी: लगता है तू तो रेडी है मुझे चोदने के लिए।

मैं: हां आंटी, कब से रेडी हूं तुझे चोदने के लिए।

मैं उनकी कमर पर हाथ घुमाने, उनकी पीठ पर किस करने लगा पीछे से। उनकी हल्की-हल्की सिसकियां निकल रही थी। फिर उनके बूब्स पर हाथ रखा, और दबाने लगा। मुझे लग गया उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी।

मैं: साली बिना ब्रा के इंतज़ार कर रही है मेरा!

आंटी: हां, और पेन्टी भी नहीं पहनी है मेरे राजा तेरे लिए आज।

मैंने उनको अपनी तरफ घुमाया, और लिप टू लिप किस करने लगा, उनके होंठ चूसने लगा। मेरी जीभ उनके मुंह में डाल दी, और चुसाने लगा। हाथों से उनकी कमर और बूब्स को मालिश देने लगा। उनका पूरा बदन गरम हो गया था, और गोरा होने के कारण लाल भी हो गया था। अब वो खड़ी हो कर अपनी साड़ी निकल फेंकी और बोली-

आंटी: सब यही कर लेगा? चल बेडरूम में।

मैं: मन तो सब यही करने का है मेरी हॉट आंटी।

मैंने उनको उठाया और रूम में बेड पर फेक दिया। फिर अपनी शर्ट निकाल फेंकी, और उनके ऊपर टूट पड़ा। उनके बूब्स ब्लाउस के ऊपर से चूसने लगा। बूब्स की दरार के बीच जीभ घुमाने लगा।

आंटी: उम्म अहह हां साले, ऐसे ही कर, मजा आ रहा है।

धीरे-धीरे नीचे पेट पर जीभ फेर कर उनका मुलायम पेट चाटने लगा। अपनी जीभ नाभि में डाल कर चूसने लगा।

आंटी: हम्म सस अहह ऐसा किसी ने पहली बार मेरे साथ किया है। बहुत मजा आ रहा है मेरे राजा आसिफ।

मैंने उनके पेटीकोट के अंदर हाथ डाला, और उनकी जांघे को छूने लगा। फिर उनकी चूत पर हाथ फेरा। वो थोड़ी सहम गई। उनकी चूत गीली हो गई थी। मैं फिर ऊपर आया, और एक बार में ब्लाउज फाड़ दिया, और हुक तोड़ दिए। अब आंटी के बड़े-बड़े बूब्स मेरे सामने आजाद थे।

आंटी: कुत्ते ब्लाउज ही फाड़ दिया! इतनी हवस है?

उनके बूब्स पर पहले थप्पड़ मारे, और लाल कर दिए दोनों बूब्स। आंटी गाली दे रही थी, और थप्पड़ के दर्द से चिल्ला रही थी। मुझे चीखें सुन कर मजा आ रहा था।

आंटी: साले मादरचोद, मार क्यूं रहा है। आराम से कर ना कुत्ते।

मैं: रंडी ऐसे ही तो मजा आएगा।

फिर मैं एक चूचा मुंह में लेकर चूसने लगा, और दूसरा हाथ से दबाने लगा। आंटी पूरे जोश में सिसकियां ले रही थी।

आंटी: आह‌ साले आसिफ, इतने दिनों बाद किसी ने मजा दिया उम्म उफ्फ हां ऐसे ही करते रहो।

मैंने उनका पेटीकोट भी निकाल दिया। आंटी अब पूरी नंगी मेरे सामने लेटी हुई थी। वो मेरे ऊपर चढ़ गई, और किस करने लगी। मेरे ऊपर बैठ कर मुझे मजा दे रही थी। उनके नंगे बूब्स मेरे सीने से चिपक गए। उन्होंने मेरी पेंट और चड्डी निकाल नंगा कर दिया‌।

मेरा काला लंड उनके सामने था। उन्होंने हाथ में लिया और धीरे-धीरे हिलाने लगी। मेरा लंड पूरा तन गया, लोहे की रोड की तरह।

मैं: चल कुतिया, अब मुंह में ले इसको।

आंटी: नहीं मैंने आज तक ऐसे कभी नहीं किया।

आंटी: साली रंडी, तो आज करेगी।

मैंने उनके मुंह में लंड डाला। लंड उनके गले तक जा रहा था। उनकी सांसे अटकने लगी, पर मैंने लंड बाहर नहीं निकाला, और उनको पूरा लंड चुसाने, और उनका मुंह चोदने लगा। मुंह में झटके देने लगा। उनकी आंखों से आंसू आने लगे।

फिर मैंने उनको छोड़ दिया, और उन्होंने थोड़ी सांस ली।

आंटी: मादरचोद, रंडी समझा है क्या तूने?

मैं: आज से तू मेरी रंडी ही है साली कुतिया।

अब मैं उनकी चूत पर आया, और एक उंगली अंदर डाली। आंटी के चेहरे पर खुशी दिख रही थी। बहुत दिनों बाद किसी ने कुछ उनके अंदर डाला था। मैं अपनी जीभ उनकी चूत के आस-पास घुमाने लगा। उन्होंने मेरा सर उनकी चूत में दबा दिया, और मैं उनकी चूत के अंदर जीभ डाल कर चाटने लगा।

आंटी: हां मेरे राजा, ऐसे ही कर। आज तक किसी ने मेरी चूत नहीं चाटी। तू पहला मर्द है। उम्म हम्म अहह।

वो पूरे मजे ले रही थी चूत चटवाने के, और इतने में उनका पानी मेरे मुंह पर निकाल दिया, और ढीली पढ़ गई।

आंटी: साले किसी ने पहली बार ऐसे मेरा पानी निकाला है।

मैं: अब मेरी बारी है छिनाल पानी निकालने की।

आंटी: हां तो निकाल ना। अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा। तेरा काला लंड डाल दे मेरे अंदर। बुझा दे इस आंटी की प्यास।

मैंने उनको बेड के किनारे लाया, और उनकी चूत पर लंड फेरने लगा। मेरा लंड उनकी चूत में जाने के लिए रेडी था। चूत पर लंड सेट किया, और धीरे-धीरे उनकी चूत के अंदर लंड डालने लगा। ऐसा लग रहा था बहुत दिनों से चूत प्यासी थी, तो बहुत टाइट हो गई थी।

मैंने एक झटके में आधा लंड डाल दिया। आंटी की चीखें निकल गई, और वो जोर-जोर से गाली देने

लगी। मैं उनके होंठो को किस करने लगा, और उनकी चीखें अंदर ही दब गई। दूसरे झटके में पूरा लंड डाल दिया मैंने। दर्द के कारण वो मुझे पीठ पर नाखून चुभाने लगी। मैं थोड़ा रुका, और उनके होंठ आजाद कर दिए।

आंटी: इतना बड़ा और मोटा पहली बार लिया है, और तूने एक ही बार में घुसा दिया!

मैं: साली सारा दर्द एक बार में ही हो गया।

अब मैं धीरे-धीरे लंड आगे-पीछे करने लगा। आंटी को अब सुकून मिला थोड़ा। मैं उनके बूब्स दबाने लगा। आंटी अब रीलैक्स हो गई थी। फिर मैंने अब उनको चोदना, उनकी चूत का भौंसड़ा बनाना शुरू कर दिया। मैं लंड तेजी से अंदर-बाहर करने लगा। आंटी के बूब्स हिल रहे थे। उनके चेहरे पर दर्द और खुशी एक साथ थी, और वो नजारा देखने लायक था। आंटी भी गांड हिला कर चुदने लगी थी। अब उनको भी मजा आ रहा था।

आंटी: हां आसिफ और जोर से कर। बस ऐसे ही चोदता रह, रुकना मत।

मैंने उनके बूब्स पर थप्पड़ मारे और बोला: साली कुतिया, अब मजे से चुद सस्ती रंडी।

मैं पूरी‌ ताकत से चोद रहा था। आंटी पूरा साथ देकर चुदवा रही थी‌। उनका पानी निकल गया तो चूत और चिकनी हो गई। लंड अब और आराम से चूत फाड़ रहा था। आंटी अब निढाल हो गई थी, पर मैं अभी भी उनकी चुदाई कर रहा था।

आंटी: रुक जा आसिफ थोड़ा। तूने तो जान ही निकाल दी मेरी। इतना तो आज तक किसी ने नहीं चोदा। मेरे किसी बॉयफ्रेंड ने नहीं किया मेरे साथ इतना तो।

मैं: साली कुतिया, इतना जल्दी थक गई? मेरा पानी निकलना बाकी है अभी।

मैं बिस्तर पर लेट गया, और आंटी को अपने लंड पर बैठा लिया। अब वो समझ गई थी क्या करना था। आंटी एक रंडी की तरह मेरे लंड पर उछल रही थी। उनके बूब्स हवा में थे। मंगलसूत्र उनकी खूबसूरती बड़ा रहा था। पायल की आवाज कमरे में गूंज रही थी।

10 मिनट ऐसे ही चोदने के बाद मेरा होने वाला था। पर मैं आंटी के मुंह में अपना माल निकालना चाहता था। मैं जल्दी से आंटी के मुंह के सामने खड़ा हो गया, और

अपना लंड उनके मुंह में डाल दिया। फिर झटके देने लगा। 5-6 झटके के बाद मेरा माल उनके मुंह में छोड़ दिया, और थोड़ा बहुत माल उनके बूब्स पर। वो पूरा माल जूस की तरह पी गई, और मैं अब लेट गया। आंटी भी मेरे बगल में लेट गई।

आंटी: मेरे राजा आज तो तूने जन्नत की सैर करवा दी मुझे। इतनी ताकत कहा से लाता है? जितने लंड लिए सब 5-10 मिनट में ठंडे हो जाते। पर तूने तो आधा घंटा मुझे चोदा, वो भी एक रंडी की तरह।

मैं: मुझे भी बहुत माजा आया आंटी तुझे चोद कर। इतने भरे जिस्म की मालकिन है तू। बदन से खेल कर मजा आया आज तो।

उसके बाद आंटी को 2 बार और चोदा। उस दिन उनकी चूत को पूरी तरीके से खोल दिया था। अपने माल से उनकी चूत और मुंह की प्यास बुझा दी।

धन्यवाद आप सभी दोस्तों (महिला और पुरुष दोनों) का आपने मेरी कहानी पढ़ी। अच्छे या बुरे कमेन्ट करके बताए ज़रूर कहानी कैसी लगी। khanabdulasif01@gmail.com

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