सासू मां की चुदाई-5 (Sasu maa ki chudai-5)

पिछला भाग पढ़े:- सासू मां की चुदाई-4

तभी मेरी सासू मां ने झिझकते हुए अपने हाथों से अपने पेटीकोट का नाड़ा निकाल कर पेटिकोट को कमर से निकाल कर मेरे चेहरे पर ढक दिया, और कहां-

सासू मां: अब क्या निकालने को बाकी है?

तब मैंने उन्हें हंसते हुए जवाब दिया: अब आएगा चुदाई का असली मजा।

जैसे मैंने कहा कि रात को ठीक से मैं उन्हें देख नहीं पाया था, तो अभी देख रहा था। मैंने उन्हें बिस्तर पर ही खड़ा कर दिया, और मैं घुटनों के बल आकर उन्हें और उनके शरीर को निहार रहा था। 5 फुट हाइट, मोटा शरीर, जिसमें उनके पेट की तोंद बाहर निकली हुई थी, दोनों जांघें काफी मोटी थी। उनकी जांघों के बीच में और पेट के तोंद की वजह से उनकी चूत छिप गई थी।

मैंने उनसे कहा: अब थोड़ा सा घूम जाइए।

वह जब घूमी तब उनके दो बड़े-बड़े चूतड़ों के दर्शन मुझे मिले, जो सही में काफी बड़े-बड़े थे। मैंने उनकी गांड को मसलते हुए उनकी गांड पर अपनी जुबान फेर रहा था।

तब मेरी सासू मां बोली: यह क्या कर रहे हैं? यह भी कोई चाटने वाली चीज है?

तब मैंने उनसे कहा: मुझे क्या चाटना है, क्या चटवाना है, इसका फैसला मैं करता हूं।

यह कह कर मैं उनको घुमा कर उनकी चूत की साइड को अपने मुंह के सामने ले आया। उनकी चूत के दर्शन बड़े मुश्किल से हो रहे थे।

तब मैंने उनसे कहा: मेरी जान, तुम अपनी एक टांग इस खटिया के कोने में ऊपर करके खड़ी हो जाओ, तांकि दोनों टांगों के बीच गैप आ जाएगा तो मुझे आपकी चूत दिखाई देगी।

मेरी बात सुन के मेरी सासू मां ने वैसा ही किया। अब मुझे सीधा उनकी चूत के दर्शन होने लगे‌।

तब मैंने उनसे कहा: रात को तो मैंने कहा था ना कि अपने झांट के बाल निकाल लेना, तो निकाले क्यों नहीं?

सासू मां बोली: बेटा वक्त ही मिला नहीं। और दूसरी बात यह है कि मेरे पास शेविंग किट नहीं है। मुझे क्या पता था कि मेरा दामाद रात को आएगा, मेरी दोनों टांगें उठाएगा, और मेरी चूत में लंड डाल कर मुझे जन्नत की सैर करवाएगा‌। लेकिन इस राउंड के बाद आप मेरे लिए शेविंग किट ले आना। तब मैं अपने और आपके दोनों की झांट के बाल साफ़ कर दूंगी।

मैंने कहा: ठीक है, जैसा आप कहे।

और यह बोल कर मैं अपनी जुबान को झांटो के बीच में से उनकी चूत की फाकों पर फेरने लग गया। उनकी चूत को दोनों उंगलियों से फैला कर जुबान को और अंदर तक ले जाकर चाट रहा था। कभी उनकी चूत के दानों को चाटता तो कभी उनकी चूत पर ऊपर से लेकर नीचे तक अपनी जुबान घुमा लेता।

मेरी सासू मां जोर-जोर से सिसकियां लेने लग गई, और अपने दोनों हाथों से मेरे सर को अपनी चूत के अंदर दबाने लगी, और मुझसे कहने लगी-

सासू मां: बेटा बस कर, मेरी जान ही निकाल देगा तू। इस बुढ़िया पर थोड़ा सा रहम खाले। कहीं मेरी जान ना निकल जाए।

यह कहते हुए आहे भर रही थी। तब उन्होंने मुझसे कहा: बेटा पैरों में काफी दर्द हो रहा है, मैं लेट जाती हूं।

तब मैंने उनसे कहा: कल रात को जैसे चुदाई की थी, अब वैसे नहीं करते है। नए तरीके से चुदाई करेंगे‌।

तब मेरी सासू मां ने कहा: नया तरीका, कौन सा नया तरीका?

मैंने कहा: तुझे घोड़ी बनना है।

तब उन्होंने डरते हुए कहा: ना बाबा ना, मुझे अपनी गांड नहीं मरवानी है। उसमें काफी दर्द होता है।

तब मैंने उनसे कहा: देखो मुझे आपकी गांड मारनी तो है। लेकिन वह फिर कभी। आज तो सिर्फ घोड़ी बना कर तेरी चूत के मजे लेने है।

जब मैंने उन्हें पूरे तरीके से यकीन दिलाया कि मैं उनकी गांड नहीं मारूंगा, सिर्फ घोड़ी बना कर उनकी चूत चोदूंगा, तब जा कर वह मानी।‌ तब मैंने बेड के किनारे पर मेरी सासू मां को घोड़ी बनने को कहा, और मैं खुद नीचे उतर कर उनके पीछे आ गया। वाह क्या सीन था। उनकी बड़ी गांड मेरे लवड़े के सामने थी, और वो गांड का काला छेद काफी टाइट मालूम हो रहा था।

मैं उनकी गांड के काले छेद पर अपने अंगूठे से सहलाते हुए उनकी गांड के मजे ले रहा था। तभी मुझे उनकी बड़ी गांड के बीच में उनकी चूत झांट के बीच में से उभर कर बाहर नजर आ रही थी, और इससे भी उनकी चूत का जो दाना था, वह चमड़े के साथ थोड़ा बाहर लटकते हुए मुझे नज़र आया। उस पर पानी के बूंद टपक रही थी। यह देखते हुए मैं और भी पागल हो गया।

मैंने अपने सासू मां से कहा: अपने दोनों घुटने थोड़े से और फैला दो। मुझे आपकी चूत और एक बार चाटने का दिल कर रहा है।

तभी मेरी सास ने कहा: अब बस भी करो, मत तड़पाओ, और अपना लंड मेरी चूत में डाल दो और मुझे तगड़े झटके मारो। प्लीज और मत तरसाओ मेरी जान।

तब मैंने उनसे कहा: तुझे चोद भी दूंगा, लेकिन अभी तेरा रस पीना है मुझे।

यह कह कर उसे घोड़ी स्टाइल में ही रखते हुए मैं उनके घुटनों के बीच में आकर, अपने सर को उनकी चूत पर ले जाकर, पहले तो उनके चमड़े सी लटकी हुई चूत के दाने को अपने दोनों होंठो के बीच में रख कर चाटने लगा। उनकी चूत घोड़ी बनने की वजह से काफी फैल गई थी, और इसी वजह से मेरी जुबान उनकी चूत के बहुत अंदर तक जा रही थी।

अब तो सासू मां ने भी मजे लेना शुरू कर दिया। पहले धीरे-धीरे वह अपनी चूत को मेरे मुंह पर रगड़ने लगी, और उसके बाद वह मेरे मुंह पर अपनी चूत को रख कर मेरे मुंह को चोदने लगी। उनका पानी निकलना शुरू हो रहा था। वह हांफ रही थी, लेकिन रुकने का नाम नहीं ले रहीं थी। धीरे-धीरे मेरे मुंह पर उनकी चूत की रफ्तार बढ़ने लगी।

हांफते हुए उन्होंने मुझसे कहां: बेटा अपनी जुबान को रोकना नहीं, तुझे मेरी कसम। जिंदगी में पहली बार ऐसा सुख मिला है। तेरे ससुर ने तो मुझे चोदना क्या होता है कभी नहीं बताया।

अचानक से मेरी सासू मां जोर-जोर से हांफते हुए और उतने ही जोर से मेरे मुंह पर अपनी चूत रगड़ते हुए बोली-

सासू मां: मेरी जान, और जुबान डालो अंदर तक। मेरी चूत को खा जाओ। लेकिन छोड़ो मत अब मुझे।

मैं अपने दोनों हाथों से उसके बॉल दबा रहा था, और थोड़ा सा मुंह बाजू में करके कहा-

मैं: सासू मां आपके लिए तो जान हाजिर है, यह जुबान क्या चीज है!

यह सुनते ही वह काफी जोश में आ गई और अपनी चूत को और जोर से रगड़ के दबाने लग गई।‌ फिर एक पल ऐसा आया कि उनकी चूत से पानी का फवारा निकल गया, जो मेरे मुंह में जाकर पूरे चेहरे पर भी फैल गया। मेरी सासू मां यह भूल गई कि उनकी चूत मेरे मुंह के ऊपर थी, और पानी निकलते ही उन्होंने पूरी ताकत से अपनी चूत को मेरे मुंह में ठूंस दिया। शायद वह चाहती थी कि उनके पानी का कतरा-कतरा मैं पी जाऊं। लेकिन उनकी चूत मेरे मुंह पे दबाने की वजह से मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।

वह अपनी चूत को ऊपर से नीचे तक मेरे मुंह पर ऐसे रगड़ रही थी, कि जैसे वह चाहती थी कि मैं उनका पूरा पानी चाट जाऊं। उसके बाद वह 15-20 सेकंड तक चुप-चाप अपनी चूत को मेरे मुंह पर रख कर हाफ रही थी। मैं नीचे से बाहर आया और उनको पलट कर देखने लगा। उनका चेहरा पूरी तरीके से लाल दिख रहा था।

आंखों में एक अजब नशा दिख रहा था। उनकी झांटो पर हर जगह चिपचिपा सा पानी दिख रहा था, और उनकी चूत का दाना अपने चमड़े के साथ बाहर नजर आ रहा था। यह सब देख कर मुझसे रहा नहीं गया।

मैंने उनसे कहा: सासू मां जल्दी से अपनी टांगे खोल लीजिए। मुझे सच में आपकी चुदाई करनी है।

तब मेरी सासू मां ने कहा: बेटा मैं थक गई, थोड़ी देर बाद आ जाना।

लेकिन मैंने उनसे कहा: ऐसा तो होगा नहीं।

और यह कह कर मैंने अपने खड़े लंड को घुटनों के बल बैठ कर उनकी चूत से सटा दिया, और उनकी दोनों टांगों को दोनों हाथों से पकड़ कर फैलाते हुए अपने लंड को उनके चूत की गहराइयों अंदर डाल दिया।

इसके आगे क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। तब तक के लिए गुड बाय अगर आपको यह स्टोरी पसंद आई है तो आप मुझे मेल भी कर सकते हैं मेरी ईमेल आईडी [email protected]

अगला भाग पढ़े:- सासू मां की चुदाई-6

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