भाभी ने दिलवाई चाची की चूत-2 (Bhabhi ne dilwayi chachi ki chut-2)

पिछला भाग पढ़े:- भाभी ने दिलवाई चाची की चूत-1

अब मैं फिर से चाची के होंठो को चूसने लगा। भाभी का कमरा फिर से आउच पुच्च पक्छ आउच की आवाज़ों से गूंजने लगा।

फिर मैंने चाची के बोबों पर हमला कर दिया, और उनके मुंह में भर-भर कर चूसने लगा।

“उन्ह आहा ओह चाची, बहुत रसीले बोबे है आपके, उन्ह।”

चाची चुप-चाप अपने खजाने को लुटा रही थी। मैं उनके टाइट चिकने बोबों को निचोड़-निचोड़ कर चूस रहा था। फिर मैंने थोड़ी देर में ही चाची के बोबों को बुरी तरह से चूस डाला।

अब मैं चाची के मखमली पेट पर किस करने लगा। तभी चाची की चूत में सुरसुरी सी होने लगी।

“ओह सिससस्स उन्ह आह्ह सिससस्स।”

मुझे चाची के गौरे चिकने पेट पर किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी। मैं चाची के पेट पर किस करके पूरा मज़ा ले रहा था।

“ओह सिससस्स आह्ह ओह उन्ह ओह रोहित, आहा सिससस्स।”

अब मैं किस करता हुआ चाची की चूत पर आ गया। अब मैंने चाची की गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया, और फिर मैं चाची की टांगो को फ़ैला कर उनकी चूत चाटने लगा।

“आह्ह! चाची की रसीली चुत चाटने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची उनकी चूत पर हमला होने की वजह से सिसकारियां भर रही थी।

“आह्ह ओह सिससस्स आह्ह उन्ह ओह सिससस्स आह्ह ओह आईईईई मम्मी।”

मैं चाची की जांघों को पकड़ कर चाची की चूत का पूरा मज़ा ले रहा था।

“आईईई मम्मी। मर्रर्रर्र गईईई। सिससस्स आहा उँह सिससस्स। उँह सिससस्स।”

अब चाची मेरे बालो को पकड़ कर नोचने लगी थी। मैं चाची के गुलाबी दाने को सहला रहा था। अब चाची से खुद पर कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था। वो बुरी तरह से झला रही थी।

“ओह रोहित मत चाट मेरी चूत को यार। आह्ह सिससस्स उन्ह आहा ओह यारर्रर्र।”

लेकिन चाची की बात नहीं मान रहा रहा था। तभी कुछ ही देर में चाची का पानी निकल आया। अब चाची में ज़ोर से मेरे मुंह को चूत पर दबा दिया।

“आईईईई मम्मी, उन्ह सिससस्स।”

अब मैं चाची के गरमा-गरम पानी को चाटने लगा। चाची का नमकीन पानी पीने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची अब नसते नाबूत होकर अपना पानी पिला रही थी।

“ओह रोहित सिसस्ससस्स बहुत कमीना निकला तू। मेरा पानी ही निकाल दिया। अब अच्छे से चाट मेरी चूत।”

अब मैंने चाची की चूत अच्छे से चाट डाली। अब मेरा लंड चाची को फिर से पेलने के लिए तैयार था।

अब मैंने फिर से चाची की चूत में लंड सेट किया और फिर से चाची को दिन में तारे दिखाना शुरु कर दिया। मेरा लंड फिर से लोहे की रॉड बन कर चाची को चोद रहा था। चाची के मुंह से फिर से दर्द भरी सिस्कारिया निकलने लगी थी।

“आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह आहा आहा आईईईई ओह आह्ह।”

“ओह चाची बहुत रापचिक माल हो आप। बहुत मज़ा आ रहा है मेरे लंड को।”

“तेरा लंड भी बहुत मस्त है। बहुत मज़ा आ रहा है मुझे चुदाने में। आह्ह आह्ह।”

मैं बुरी तरह से चाची की पेलम-पेल ठुकाई कर रहा था। चाची भी अब मस्त होकर चुद रही थी। मेरा लंड फिर से चाची की गहराई नाप रहा था। चाची मस्त होकर चूत में लंड ले रही थी।

“आह्ह सिससस्स आहा ओह आईईईईई सिससस्स आह्ह ओह उन्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आहा बससस्स चोद ऐसे ही मुझे।”

“हां चाची।”

तभी लगातार ठुकाई से चाची का फिर से पानी निकल गया। मेरा लंड फिर से चाची के पानी में भीग गया था। फिर मैंने चाची को बहुत देर तक बजाया।

अब मैंने चाची को ऐसे के ऐसे ही उठा लिया। चाची अब मेरी गोद में थी। मैंने चाची से चुदने के लिए कहा तभी चाची को कुछ समझ में नहीं आया।

“कैसे क्या करूँ? मुझे तो समझ में ही नहीं आ रहा है?”

“अरे चाची मुझे पकड़ कर आप गांड हिलाओ तभी तक चूत में लंड अंदर-बाहर होगा।”

तभी चाची मुस्कुराती हुई चूत में लंड लेने की कोशिश करने लगी।

“तेरे चाचा जी ने मुझे कुछ सिखाया ही नहीं। वो बस थोड़ी देर चोदते है, और खुद का पानी निकाल सो जाते है।”

“अब मैं सब सिखा दूंगा चाची आपको।”

तभी चाची धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाने लगी।

“आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आहा सिससस्स आह्ह ओह रोहित बहुत मज़ा आ रहा है।”

“हां चाची बससस्स ऐसे ही झटके मारो।”

अब चाची ज़ोर-ज़ोर से झटके मार-मार कर चुद रही थी। वो ज़ोर-ज़ोर से गांड हिला कर चूत में लंड ले रही थी। मैं चाची की कमर को पकड़े हुआ था।

“ओह चाची आप तो बहुत मस्त चुदती हो। आह्ह मज़ा आ रहा है।”

“आह्ह ओह सिससस्स आहा आहा सिससस्स ओह आह्ह।”

चाची को चुदाने में बहुत मज़ा आ रहा था।वो धुआंधार तरीके से चूत में लंड ले रही थी। तभी मैंने चाची के जिस्म पर अटके हुए बलाउज और ब्रा को खोल फेंका। अब चाची पूरी नंगी हो चुकी थी।

“आह्ह ओह आहा सिससस्स आह्ह ओह रोहित गईईई मैं तो।”

तभी चाची का पानी निकल गया। अब चाची पसीने से लथ-पथ होकर चुप हो गई। अब मैं फिर से चाची के बोबे चूसने लगा।

“उँह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह चाची।”

मैं फिर से चाची के बोबों का स्वाद ले रहा था। चाची भी आराम से उनके बगीचे के आम मुझे खिला रही थी। फिर मैंने थोड़ी देर चाची के आम चूसे। अब मैंने चाची को वापस पलंग पर गिरा दिया, और अब मैंने फिर से चाची के छेद में लंड सेट कर दिया।

अब मैं फिर से चाची के छेद में लंड पेलने लगा।

“आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह उन्ह सिससस ओह आहा।”

“बहुत पेलूंगा चाची आज तो।”

“हां पेल ले रोहित। आज मैं फ्री ही हूं।”

“बस फिर तो मज़ा ही मज़ा है चाची।”

अब मैं चाची की चूत में लंड पेले जा रहा था। चाची बस चुद रही थी। उनके चेहरे पर मेरे लंड से चुदने की ख़ुशी नज़र आ रही थी। मैं चाची को चोद-चोद कर मस्त कर रहा था।

“आह ओह सिससस्स आह्ह ओह रोहित बहुत शानदार चोदता है तू तो। बहुत पक्का खिलाड़ी बन गया है तू।”

“सब आपकी मेहरबानी है चाची।”

फिर मैंने चाची को बहुत देर तक बजाया। अब मैंने चाची को पलट दिया। तभी चाची की मदमस्त गांड और चमचमाती हुई पीठ को देख कर मेरा लंड बुरी तरह से तन तना गया। अब मैंने झट से चाची के ऊपर चढ़ गया और उनके कंधो पर ताबड़-तोड़ किस करने लगा। चाची बुरी तरह से सिकुड़ने लगी।

“ओह सिससस्स आहा उन्ह सिससस्स।”

मैं चाची के जिस्म को बुरी तरह से रगड़ रहा था। चाची के गाजराये जिस्म को रगडने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। इधर मेरा लंड चाची की गांड में घुसने के लिए शोर मचा रहा था। तभी मैं चाची की चमचमाती हुई पीठ पर किस करने लगा। अब चाची बुरी तरह से से मचलने लगी।

“ओह सिससस्स आह्ह उँह सिससस्स।”

चाची पलंग की चादर को अब मुट्ठियों में कसने लगी थी। मैं बुरी तरह से चाची की पीठ पर किस कर रहा था। फिर मैं चाची के रसीले जिस्म को चूमता हुआ जल्दी से चाची की गांड पर आ गया। अब मैं चाची की मदमस्त गांड पर जल्दी-जल्दी किस करने लगा।

मुझे चाची की गांड पर ताबड़-तोड़ किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची बहुत ज्यादा बेचैन हो रही थी। मैं तो चाची की गांड का फुल मज़ा ले रहा था। मैं चाची के गोल गोल मस्त सुढोल चूतड़ो को अच्छी तरह से किस कर रहा था।

“ओह सिससस्स आह्ह ओह रोहित आह्ह सिससस्स।”

फिर कुछ देर में ही मैंने चाची की गांड पर खूब सारे किस कर डाले। अब मैं चाची की गांड के छेद में ऊंगली करने लगा तभी चाची मना करने लगी।

“यार रोहित गांड में ऊंगली मत कर यार।”

“अरे चाची, मैं सिर्फ ऊंगली ही डाल रहा हूं लंड नहीं। अब कम से कम ऊंगली तो डालने दो।”

“अरे यार।”

तभी मेंने चाची की गांड में ऊंगली घुसा दी।तभी चाची दर्द से तड़प उठी।

“आईईईई मम्मी, सिसस्ससस्स।

चाची की गांड बहुत टाईट लग रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे चाची ने कभी गांड में लंड ही नहीं ठोकने दिया हो। अब मैं चाची की गांड में ऊंगली करने लगा।

“आहा सिससस्स ओह आहा ओह रोहित मत डाल यार उंगली। आह्ह सिससस्स।”

“डालने दो यार चाची बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह बहुत टाईट गांड है आपकी। कभी किसी ने लंड नहीं डाला क्या आपकी गांड में?”

“मैंने डालने ही नहीं दिया।”

“तभी तो बहुत टाइट गांड हो रही है। अब तो मैं ही डालूंगा आपकी गांड में लंड।”

“नहीं यार प्लीज लंड मत डालना। बहुत दर्द होता है गांड में। वैसे भी तेरा लंड तो बहुत भारी है। मेरी तो गांड ही फाड़ देगा।”

“अरे आप चिंता मत करो। नहीं फटेगी आपकी गांड।”

“नहीं यार तू तो सिर्फ ऊंगली ही डाल ले।”

“नहीं चाची अब तो लंड ही डालना पड़ेगा।”

फिर मैंने बहुत देर तक चाची की गांड में ऊंगली डाल कर उनकी गांड को कस डाला। अब मैं चाची की गांड के छेद को थूक लगा कर मसलने लगा। तभी चाची समझ गई कि आज तो उनकी गांड की परतें खुलेगी।

“सिससस्स ओह रोहित।”

फिर मैंने चाची की गांड के छेद में बहुत सारा थूक लगा कर उनकी गांड को तैयार कर लिया। अब मैं चाची की गांड में लंड सेट करने लगा तभी चाची मना करने लगी।

“यार प्लीज गांड मत मार। मैं मर जाऊंगी।”

“अरे चाची आप भी क्या बच्चों की तरह कर रही हो। पहले एक बार लंड तो डालने दो।”

“मत डाल यार।”

“डालना तो पड़ेगा चाची।”

चाची बहुत कोशिश कर रही थी कि गांड बच जाए लेकिन आज मेरा लंड चाची की गांड छोड़ने के मूड में नहीं था।

इसके आगे की कहानी अगले भाग में। आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके बताए – [email protected]

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