कार की डिक्की में अपनी सील तुड़वायी

हैलो दोस्तों, कैसे हो आप सब? आशा है कि सब ठीक ही होंगे। मेरा नाम दीपिका है और मैं 22 साल की हूं और मैं अन्तर्वासना की फ्री सेक्स कहानियां नियमित रूप से पढ़ती हूं। मैं चुदी तो बहुत बार हूँ, पर आज की कहानी आज से 3 साल पहले की है। जब मैं 19 साल की थी, तब पहली बार मेरी सील तोड़ी गई थी। और किसी और ने नहीं बल्कि मेरे चचेरे भाई ने ही मेरी ली थी।

कहते हैं ना, कि लंड को अगर छेद पसंद आ जाए, तो चूत लाख रोक ले, चुदाई तो उसकी होके ही रहती है। बस वही हुआ मेरी कुवारी चूत के साथ। मैं एक साधारण लड़की जरूर हूँ, लेकिन बहुत ही खूबसूरत हूँ। क्योंकि अगर खूबसूरत ना होती, तो कोई भी भाई अपनी ही बहन की लेता नहीं।

लेकिन फिर भी अगर आपको मेरा फिगर जानना है, तो मैं बता दू कि मेरी ब्रा उस समय 32बी की थी। कमर 30″ की थी और गांड 32″ की थी। अजय, मतलब मेरे चचेरे भाई का लंड 6 इंच का होगा ही। मैंने ना कभी नापा और ना ही उसने कभी बताया कि उसके लंड का साईज़ क्या था। चलिए अब कहानी पर आते हैं-

23 मई 2018 दोपहर साढ़े तीन बजे का समय था। मैं, अजय और निखिल, यानी मेरा सग्गा भाई सोए हुए थे। तभी मुझे मेरे स्तनों पर कुछ दबाव महसूस हुआ, तो मैंने आंख खोली और देखा, कि अजय मेरे स्तन दबा रहा था और निखिल देख रहा था। मैं तुरन्त ज़ोर से बोली-

मैं: अजय! ये क्या कर रहे हो?

मेरे जागते ही निखिल तो तुरन्त वहाँ से भाग गया। मुझे लगा अजय भी भाग जाएगा, पर वो वहीं बैठा हुआ था। फिर वो बोला-

अजय: स्तन मस्त है तेरे, इसलिए दबा रहा था।

मैं: ये क्या हरकत थी? मैं तुम्हारी बहन हूं। तुम ऐसे छू नहीं सकते मुझे।

अजय: बहन बाद में हो, लड़की पहले हो। मुझे मस्त माल लगी तू। मैं दबाऊंगा भी और चुदाई भी करूँगा।

मैं: मामी को बताऊं, कि क्या बोल रहा है तू?

अजय: बुआ को बताऊं, कि तेरा ब्वॉयफ्रेंड है?

अब मैं डर गई थी, क्योंकि मम्मी-पापा ब्वॉयफ्रेंड के सख्त खिलाफ थे । उन्होंने कहा था, कि “कॉलेज में पढ़ने गयी हो बॉयफ्रेंड बनाने नही। अगर ऐसा कुछ करना हो तो हम तुम्हारे हाथ पीले कर देंगे” ।

फिर मैंने अजय से पूछा: तुम्हें कैसे पता?

तो उसने बताया, कि उसने मेरी किस करते वक्त की फोटो लेली थी। फिर मैंने कहा-

मैं: मैंने उसके साथ कुछ किया ही नहीं है।

वो बोला: मेरे पास है फोटो तुम्हारी।

तो मैंने उससे कहा: दिखाओ ज़रा।

फिर उसने मुझे फोटो दिखाई। उस फोटो में मैं उसके हाथ पर किस कर रही थी। फिर मैंने कहा-

मैं: ये किस थोड़ी होता है।

अजय: तो क्या होता है? मुझे करके दिखाओ।

मैंने कहा: तुम पागल हो क्या? अपने भाई को थोड़ा करूँगी।

अजय बोला: हाँ, कैफ़े में दूसरे लड़को को ही तो करोगी। सही है, अभी बुआ को बताता हूं।

अब मेरे पास कोई चारा भी नहीं था। किस करने के अलावा कुछ ऑप्शन था भी नहीं। लेकिन मैंने कभी किसी को किस किया भी नही था। तो मैंने उससे कहा-

मैं: मैंने कभी किसी को किस नहीं किया है। तो मुझे मालूम नहीं है, कि कैसे करते है।

अजय बोला: सुन, कहानी किसी और को बना कर सुनाना। मेरे को तेरी चूत मारनी है।

मैं बोली: अभी तो किस की बात हुई थी?

तो वो बोला: चूत मिलेगी, तो फोटो डिलीट होगी।

फिर मैंने कहा: यार मैं उस टाइप की लड़की नहीं हूँ।

तो वो बोला: मेरा फोकट में टाइम बर्बाद मत कर। आज शाम को मेरे को चूत मारने को नहीं मिली, तो रात में तू बुआ से मार खाएगी।

अब मेरे साथ जो होना था, वो मुझे पता तो नहीं था। लेकिन करना तो था ही। फिर मैंने सोचा, कि आज मैं दोनों भाइयों का शिकार होऊंगी। लेकिन फिर भी मैंने एक बार पूछ लिया, तांकि मेरा मन उस हिसाब से तैयार हो जाए । तो मैंने उससे पूछा-

मैं: क्यों अजय, सिर्फ तुम ही मारोगे ना, या निखिल भी लेगा मेरी?

तो अजय बोला: तुझे जिससे मरवानी है मरवा। मेरी बला से रांड बन जा। बस मुझे आज देदे।

मैं समझ नही पा रही थी, कि उसको मेरी चूत मारने का इतना क्या भूत सवार हो गया था। फिर मैंने कहा-

मैं: अच्छा ये बताओ, निखिल को मेरे ब्वॉयफ्रेंड के बारे में पता है क्या?

तो वो बोला: नहीं, उसे नहीं पता।

फिर मैंने पूछा: तो कहां लोगे?

अजय बोला: चल गराज में। कार की डिक्की में तेरी डिक्की बजाऊंगा।

फिर हम दोनों तय हुई जगह के मुताबिक, सबकी नज़र से बचते हुए गराज में पहुँच गए। वहां जाकर मैंने उससे पूछा-

मैं: अजय ये तो बताओ, कि करना क्या है? मैंने कभी ऐसा कुछ किया नहीं है।

अजय बोला: सच बता, तू कुंवारी है?

मैंने हाँ कहा, तो वो बोला-

अजय: सुन बहन की लोड़ी। अगर सील नहीं टूटी ना, तो बुआ के सामने तेरी चुदाई करूँगा। तांकि उन्हें भी मालूम हो, कि उनकी रांड बेटी ना जाने कितनों का लेके बैठी है।

तो मैंने कहा: यार मैं सच बोल रही हूं। मैंने किस तक नहीं किया है किसी को, सेक्स तो दूर की बात है। तुम जबरदस्ती करना चाह रहे हो और मैं करवा रही हूं।

फिर उतने में वो बोला: कोई जबरदस्ती नहीं है,। तुझे नहीं करना, तो मत कर। बस मुझे नहीं मिली, तो मैं बुआ को सब बता दूंगा।

मैंने कहा: अरे! तो ये तो बताओ, कि करना क्या है?

अजय बोला: कार की डिक्की खोल, फ्रॉक ऊपर कर और पैंटी उतार के अपने मुंह में घुसा , तांकि तेरी चीख ना निकले।

फिर जैसा उसने कहा, पैंटी उतार कर मैंने मुंह में डाल ली और जब तक मैं डिक्की में झुकती, तब तक तो उसने ना जाने कब मेरी चूत पर अपने लंड का सुपाड़ा सेट कर दिया और ज़ोर-ज़ोर से मेरे निप्पल मसलने लगा। मैंने मुँह से पैंटी निकाली और उसको कहा-

मैं: यार थोड़ा धीरे से, आराम से करो।

तो अजय बोला: चल-चल रंडी की बच्ची, मुझे चोदना मत सिखा और टांगे फैला अपनी।

मैंने अजय से कहा: यार ऐसे ” रंडी की बच्ची” जैसे शब्द ना कहो।

तो उतने में उसने अपना आधा लंड मेरे अंदर पेल दिया। उसका लंड अंदर ऐसे गया, मानो मैंने अपने अंदर कोई गर्म सरिया ले लिया हो। इससे मेरी तो चीख ही निकल गयी। फिर तुरन्त ही उसने अपने हाथ से मेरा मुह दबा दिया और धक्का-पेल चुदाई शुरू कर दी।अब जब तक मैं संभल पाती, मेरे मुँह में मेरी पैंटी फिर से घुस चुकी थी और निप्पल फिर से मसले जाने शुरू हो गए थे। थोड़ा वक्त लगा मुझे सहने में, लेकिन फिर उस दर्द का मीठा एहसास अलग ही था।

मुँह में पैंटी की वजह से मेरी आवाज़ तो नही आ रही थी, लेकिन मैं आ.. आह.. ई.. आह.. उई.. की सिसकारियां लेने लगी थी। तभी अजय ने तबियत से बचा हुआ आधा लंड भी मेरी चूत में पेल दिया। चीख तो मेरी फिरसे निकली, लेकिन पैंटी में कहीं दब के रह गई। अब मेरी चुदाई ज़ोरों से हो रही थी। मेरे बाल, चेहरा, स्तन, गांड और जांघ सब अजय के लंड के इशारे पर हिल रहे थे।

मुझसे ज्यादा आवाज़ तो गाड़ी निकाल रही थी और झिक झिक झिक झिक करके पूरी गाड़ी हिल रही थी। ऐसे में पकड़े जाने का भी डर था, तो अजय बोला-

अजय: यार ऐसे तो तेरी ठुकाई हो ही नहीं पाएगी।

फिर मैंने मुँह से पैंटी निकाली और कहा-

मैं: यार बस भी कर दो ना। ब्वॉयफ्रेंड होने की इतनी बड़ी सज़ा तो नही मिलनी चाहिए।

अजय बोला: सुन, मुँह अगर खोलना है तेरे को, तो लंड लेने के लिए खोल।

मैंने कहा: यार अभी कोई आ जाएगा, तो फस जाएंगे। तुम कुछ और बोलो, मैं वो कर लूंगी। लेकिन अभी जाने दो मुझे यहाँ से।

अजय बोला: मुठ पिएगी?

मैं अब फस गयी थी, लेकिन अभी उसके चंगुल से बचने का यही रास्ता था। तो मैंने हाँ कर दी। फिर अजय बोला-

अजय: चल निकल यहाँ से अब रांड की बच्ची।

ये सुन कर मेरे को गुस्सा आ गया, कि वो मेरे को बार-बार गाली क्यों दे रहा था। फिर मैं उससे जैसे ही लड़ने गयी, तो उसने मेरे निप्पल कस कर मरोड़ दिए। उसने निप्पल इतनी कस कर दबाये, कि मेरी चीख निकल गयी। लेकिन किसी को मेरी चीख सुनाई देती, उससे पहले ही उसने अपने होंठ मेरे होंठो के ऊपर रख दिए और मेरी जीभ चूसने लगा।

ये मेरा पहला किस था। मैं उस किस में मदहोश थी और ये भूल गयी थी, कि मेरे स्तन अभी भी मसले जा रहे थे। सांस लेने के लिए जब उसने मुझे हटाया, तब मुझे दर्द वापिस महसूस हुआ। फिर अजय बोला-

अजय: तू बहन की लोड़ी, रांड की बच्ची है। ये बात अच्छी तरह समझ ले। अब मैं समझ गयी थी कि उसकी हाँ में हाँ मिलाऊंगी, तभी सही रहूंगी। फिर मैंने उसकी बात मान ली और पैंटी पहन कर फ्रॉक सही करी। मैंने अपने स्तनों पर हाथ रखा, क्योंकि वहां दर्द ज्यादा हो रहा था और लंगड़ी कुतिया की चाल चल कर जाने लगी और चुप चाप जाके बिस्तर में लेट गई। तभी 10 मिनट बाद निखिल आया और बोला-

निखिल: दीदी, मम्मी बुला रही हैं आपको।

मैंने उससे कहा: मैं नही जा रही, तुमने जो मेरी छाती दबायी है ना, वहाँ दर्द हो रहा है। वो एक दम सुन्न रह गया ये सुन कर।

आशा करती हूं, कि आपको मेरी कहानी पसन्द आयी होगी। अगले भाग में मैं आपको बताउंगी, कि निखिल की प्रतिक्रिया क्या थी इस पर और अजय ने आगे क्या किया और मम्मी को मेरे बॉयफ्रेंड के बारे में पता चला कि नहीं।

मैं आप सब के फीडबैक कर इंतजार करूंगी। इससे मुझे आगे की कहानी बताने में बहुत सहायता मिलेगी।