हेलो दोस्तों ये सेक्स कहानी एक काल्पनिक है। इसका वास्तविकता से कोई सम्बन्ध नहीं हैं। ज्यादा समय खराब ना करते हुए कहानी पे आता हूं।
ये कहानी है 1 साल पहले की, जब मैं एग्जाम के लिए गुजरात जा रहा था। मैं जयपुर का रहने वाला हूं, और मैंने एक स्लीपर बस की टिकट बुक कर ली। सिंगल स्लीपर में मिल नहीं रही थी, इसलिए मैंने डबल वाली कर ली।
मैं 10 बजे बस में बैठा, और मेरी सीट ऊपर वाली थी जिसमें में बैठ गया। अंदर जाते ही मैं शॉक हो गया, क्योंकि वहां एक औरत लेटी हुई थी, और फोन चला रही थी।
मैंने उनसे पूछा: ये आपकी सीट है?
तो उन्होंने कहा: हां मेरी ही है, और दूसरी शायद आपकी है।
फिर मैं भी अंदर चला गया। मैं घर से लोवर टी-शर्ट में ही आया था। रात का सफर था। और वो आंटी ने भी गाउन जैसा कुछ पहन रखा था। बस चलने के 1 घंटे बाद मैं सो गया। फिर थोड़ी देर बाद मेरी आंख खुली तो आंटी की गांड मेरी तरफ थी, और मुझसे टच हो रही थी। इससे मेरा लंड एक-दम खड़ा हो गया। मैं भी थोड़ी हिम्मत करके लंड आंटी की तरफ दबाने लगा, और उनकी कमर पर हाथ रख के सो गया।
थोड़ी देर बाद आंटी ने मेरा हाथ पकड़ लिया, और मेरे हाथ को पकड़ कर सो गई। मेरी और हिम्मत बढ़ गई, तो मैं उनके निप्पल को एक उंगली से हिलाने लगा। फिर कुछ रिस्पॉन्स नहीं आया, तो मैं पूरे हाथ से आंटी की चूची दबाने लगा। अब मैं भूल ही गया कि वो सो रही थी, और जोश में आ गया, और जोर से दबा दिया, जिससे आंटी की नींद खुल गई। फिर वो अचानक से दूर हट गई।
उन्होंने मुझे गुस्से से देखा और मैं डर के मारे उनसे माफी मांगने लगा। थोड़ा इमोशनल और ड्रामा करने के बाद वो शांत हुई, और लेट गई। फिर बाते करने लगी। मैंने और इमोशनल किया और उन्हें चिपक कर सोने के लिए मना लिया। उसके बाद आंटी मेरी तरफ मुंह करके सो गई, और मैं उनसे चिपक कर सो गया।
थोड़ी देर बाद मैंने उन्हें कहा: आप दूसरी तरफ मुंह करके सो जाओ ना प्लीज।
तो आंटी ने कहा: क्यों तुम्हें तो चिपक कर सोना है ना?
मैं: हां आंटी, लेकिन आप उधर मुंह करके सो जाओ ना। मैं अच्छे से चिपक के सो जाएगा फिर।
आंटी थोड़ा मुस्कुराई और बोली: सो जाउंगी, लेकिन तुम बताओ पहले कि उधर क्यों मुंह करके सोऊं? और झूठ बोला तो में टच भी नहीं करने दू़ंगी।
मैं: आंटी आप गुस्सा हो जाओगी। प्लीज आप उधर मुंह करके सो जाओ।
आंटी गुस्से से बोली: अब टच भी मत करना। मैं तो तुम्हे अच्छे से चिपक के सोने देती, और शायद मैं भी चिपक जाती।
इतना सुनते ही मैंने कहा कि: मैं बताता हूं ना। आप उधर मुंह करके सो जाओगी, तो मैं आपकी कमर पर हाथ रख के सो जाऊंगा।
आंटी: मेरी कमर पर हाथ रखना है, या मेरी चूचियों को मसलना चाहते हो?
ये सुन के मैं सोचा कि आंटी का भी मूड बन रहा था, यही मौका था।
फिर मैंने भी बोल दिया: आंटी जब मैं सो रहा था, तब आपने ब्रा पहनी। तब मैंने आपकी चूचियां देखी, और तब से पागल हो रहा हूं।
आंटी: बेटा तुम आए इसीलिए मैंने ब्रा पहनी, वरना मैं सिर्फ गाउन में ही सोती।
मैं: तो क्या आपने नीचे भी कुछ नहीं पहना?
आंटी: नहीं।
मैं: आंटी मैं आपको कुछ नहीं बोलूंगा। आप मुझे अपनी पैंटी देदो, मैं उसे लेके सो जाऊंगा।
आंटी: ठीक है ये लो, और अब चुप-चाप सो जाना अच्छे बच्चे की तरह। तुम मेरे बेटे जैसे हो। बेटे ही हो, और जैसे बेटा अपनी मां के पास सोता है वैसे सो जाओ।
आंटी की पैंटी लेके मैं उसे सूंघा, और यार क्या नशीली खुशबू थी वो। मैं पागल हो गया। आंटी मुझे देख के मुस्कुराई और अपनी ब्रा भी निकाल के बोली-
आंटी: तुम इतने खुश हो रहे हो, तो ये लो मेरी ब्रा, और ये लो दूसरी पैंटी, जो मैंने आज पूरे दिन पहन रखी थी। इसमें तुम्हें ज्यादा खुशबू आएगी।
थोड़ी देर बाद आंटी अपनी गांड मेरी तरफ करके सो गई, और मैं उनकी कमर पर हाथ रखा, तो आंटी ने मेरा हाथ पकड़ा, और अपनी चूचियों पर रख दी। फिर मैंने चूची दबाई, तो मेरे हाथ पर चांटा मारा। तो मैंने और जोर से दबाया।
तब आंटी चीखी: आह! क्या के रहे हो?
मैं: आपने ही तो कहा कि तुम मेरे बेटे ही हो, और बच्चा तो अपनी मां की चूचियां मसलता हुआ ही सोता है।
आंटी: वो छोटा बच्चा करता है। तुम बड़े हो गए हो। तुम नहीं भी कर सकते।
मैं: आपका तो अभी बना हूं ना बच्चा। आपके लिए तो अभी एक दिन का ही हुआ हूं, तो मैं तो करूंगा ही ना ऐसे।
फिर आंटी मेरी तरफ घूमी और बोली: बदमाश अब क्या दूध पियेगा?
इतना सुनते ही मैंने एक चूची बाहर निकली, और मुंह में भर ली। आंटी ने कुछ नहीं बोला, और मेरे बाल पकड़ लिए। फिर धीरे से बोली-
आंटी: बेटा सिर्फ दूध ही पीना अपनी मां का।
इतनी ही देर में बस रुक गई, और अब लोग उतरने लगे। पहले आंटी उतरी, उसके बाद सबसे लास्ट में मैं उतरा। जब मैं बस से उतरा, तो एक लड़की जो बस के आखिर से आ रही थी, ने मुझे रोका, और कहा कि, “तुम उस आंटी को जानते हो क्या?”
मैं: हां जनता हूं, लेकिन आप कौन?
लड़की: कैसे जानते हो?
मैं: मम्मी है मेरी।
लड़की: अच्छा (तो उसने मेरी बर्थ से आंटी की पेंटी उठाई और बोली) ये क्या है? तुम अपनी मम्मी की पैंटी लेके सोते हो?
मैं एक-दम डर गया। मेरी गांड फट के चार हो गई। मुझे पसीने आने लगे।
तब लड़की बोली: मुझे सब पता हैं तुम उस औरत के साथ क्या कर रहे थे। मैंने देखा कि वो औरत तुम्हे अपना दूध पिला रही थी। लेकिन ये सब गलत है।
फिर वो लड़की नीचे वाली बर्थ ओपन की ओर किसी को देखने लगी। फिर उसने फोन किया और बोली-
लड़की: मम्मी कहां हो आप? बाहर हो क्या?
तो मैं समझ गया कि नीचे वाली बर्थ में उसकी मम्मी होगी। उसके बाद मैं बाथरूम होके वापस उपर वाली बर्थ मैं चला गया। थोड़ी देर बाद आंटी आई और पूछी-
आंटी: क्या हुआ, इतनी टेंशन मैं क्यों हो?
फिर मैं कुछ नहीं बोला और नीचे गया उस लड़की को देखने। लेकिन वो मुझे कही नहीं दिखी। जब मैं वापस बस में आ रहा था, तब वो दिखी और बोली-
लड़की: ये अच्छी बात नहीं है। तुम्हे ऐसा नहीं करना चाहिए।
और इसे वो मुझे समझाने लगी। लेकिन मैं भी सुन के आ गया। उसने थोड़ा डराने की भी कोशिश की, लेकिन मैंने इग्नोर किया। उसके बाद वो मुझे घूरने लगी। फिर मैं बस में चला गया। थोड़ी देर बाद वो आई और अपनी मम्मी वाली बर्थ के पास रुकी। लेकिन उसने बात नहीं की अपनी मम्मी से, और अपनी बर्थ पे जाके लेट गई।
मैं वापस बर्थ में गया, और अंदर आंटी अपना गाउन सही कर रही थी। उनकी कमर एक-दम मदमस्त जो बहुत सेक्सी लग रही थी। मैंने अपनी बर्थ को पूरी तरह बंद नही किया। मैं चाहता था कि वो लड़की और देखे कि मैं कैसे आंटी को चोदता हूं।
फिर आंटी बोली: अब सो जाना, मुझे नींद आ रही है।
मैं: लेकिन आप मुझे दूध पिलाने वाली थी।
आंटी: नहीं, अब सो जाओ और कुछ नहीं।
मैं: आप अभी क्या कर रही थी, जब मैं अंदर आया?
आंटी ने अपना गाउन थोड़ा हटाया, और बोली: देख लो ब्रा पहनी हूं।
फिर मैंने साइड में देखा तो पैंटी भी नहीं थी, मतलब उन्होंने पैंटी भी पहन ली। फिर आंटी सोने लगी और मैं भी लेट गया।
इसके बाद क्या हुआ, वो आपको आने वाले पार्ट्स में पता चलेगा। यहां तक कि सेक्स कहानी फीडबैक जरूर दें।
अगला भाग पढ़े:- बस में मां के साथ बेटी फ्री-2