हेलो दोस्तों हाजिर हूं आपके सामने एक नई सेक्स कहानी के साथ। ये कहानी है मेरे पड़ोस में रहने वाली एक देसी साधारण साड़ी पहनने वाली आंटी की। आंटी दिखने में सिंपल और साड़ी पहनती है। लेकिन ब्लाउज के अंदर ब्रा नहीं पहनती है, सिर्फ पैंटी पहनती है।
आंटी के बूब्स छोटे है, एक हाथ में पूरा एक बूब्स आ जाये बस इतने ही है, और चूत बालों से भरी हुई है। आंटी की उम्र लगभग 40 के आस-पास है। आंटी के परिवार में उसका पति, उसकी एक बेटी, बेटा, सास, और ससुर है। आंटी का और मेरा परिवार हम काफी अच्छे पड़ोसी है, और हमारा एक-दूसरे के घर आना-जाना लगा रहता है।
जब कभी मेरे परिवार वाले कहीं बाहर जाते है, या मैं घर पर अकेला होता हूं, तो कभी-कभी आंटी के घर पर ही खाना खा लेता हूं, या फिर कभी आंटी मेरे घर पर आके खाना बना देती है। तब तक मेरे मन में आंटी को चोदने का कोई खयाल नहीं था। मुझे लड़कियों से ज्यादा बड़ी उम्र की औरतों को चोदने में ज्यादा मजा आता है।
एक दिन घर पर कोई नहीं था। उस दिन मेरी दूर की रंडी बुआ है जिसे मैं काफी टाइम से चोदता हूं, वो मेरे घर आयी थी। आयी तो वो मेरी मम्मी से मिलने थी, लेकिन उस दिन मैं घर पर अकेला था। बुआ आते ही बोली-
बुआ: बेटा सब कहा है?
तो मैंने कहा: बुआ सब बाहर गए है।
तो बुआ मुस्कराने लगी। मैं समझ गया, तो मैंने जल्दी से घर का मैंने गेट बन्द कर दिया (मैंने बुआ को पहली बार कैसे चोदा, वो किसी और कहानी में बताऊंगा ), और बुआ के बूब्स पकड़ लिए, और ब्लाउज के ऊपर से बूब्स मसलने लगा। मैं बुआ के होठ चूसने लगा, जिससे बुआ भी तुरंत गरम हो गयी, और मेरा साथ देने लगी।
मैंने बुआ को हॉल में ही सोफे पर लिटा कर, उनका ब्लाउज खोल कर, बूब्स बाहर निकाल कर चूसने लगा, और साड़ी में हाथ डाल कर बुआ के भोंसड़े में उंगली करने लगा। इससे बुआ के मुंह से सिसकारियां निकलने लगी। फिर बुआ अपने हाथों से मेरी पैंट खोल कर मेरा लंड बाहर निकाल कर चूसने लगी। अब मैं और बुआ दोनों 69 में थे। बुआ मेरा लंड चूस रही थी, और मै़ बुआ का भोंसड़ा चाट रहा था।
फिर बुआ बोली: बेटा अब चोद डाल अपनी बुआ का भोंसड़ा। अब रहा नहीं जाता है।
फिर मैंने बुआ की दोनों टांगे चौड़ी करके अपना लंड एक झटके में बुआ के भोंसड़े में डाल दिया, जिससे बुआ चीख पड़ी। मैं डर गया, और बुआ के मुंह को अपने मुंह में किस करते हुए बुआ को चोदने लगा। जब मेरा माल निकलने को हुआ, तो मैंने लंड बुआ के भोंसड़े से निकाल कर बुआ के मुंह में दे दिया, और सारा माल बुआ को पिला दिया।
इतने में मेरी नज़र खिड़की पर पड़ी, जहां आंटी मेरी और बुआ की चुदाई देख रही थी। ये देखते ही मेरी गांड फट गई। मुझे लगा अब आंटी सब को बता देंगी। मैं डर गया ।लेकिन फिर आंटी ने मुझे रिलैक्स होने का इशारा किया, तो मेरी जान में जान आयी। फिर बुआ थोड़ी देर बाद चली गयी, और मैं भी आंटी के बारे में सोचते हुए सो गया।
फिर जब शाम को बेल बजी तो मेरी नींद खुली। मैं उठ कर गेट खोलने गया। गेट खोलते सामने देखा तो सामने आंटी खड़ी थी। मैं डर गया, तो देखा आंटी मुझे डरा हुआ देख कर हसने लगी।
तो मैं बोला: क्या हुआ, आप हस क्यों रही है?
तो आंटी बोली: डरो मत बेटा, मैं किसी को कुछ नहीं बताउंगी।
आंटी: अब अंदर भी बुलाओगे या यहीं खड़े-खड़े बातें करोगे?
मैं: ओह सॉरी आंटी, आइये ना
(आंटी सोफे पर बैठते हुए बोली)।
आंटी: जिस औरत के साथ तुम वो सब कर रहे थे, कौन थी वो?
मैं: वो… वो तो मम्मी की सहेली थी।
आंटी: काफी अनुभवी लगते हो।
मैं: वो तो बस मैं तो…
आंटी: शरमाओ मत मुझसे, अब तो कुछ छुपा नहीं है।
और इस तरह हमारी बाते चलती रही, कभी फोन पर, व्हाट्सएप पर, कभी-कभी आंटी को नॉनवेज जोक भेज देता था। तो अब आंटी के साथ धीरे-धीरे बात आगे बढ़ने लगी। आंटी भी अब मुझसे अपनी फीलिंग शेयर करने लगी। तब बातों ही बातों में मुझे पता चला कि वो भी सेक्स के लिए प्यासी थी। लेकिन वो डरती थी।
ये बातो का सिलसिला करीब 1 साल चलता रहा। इस बीच आंटी और मैं पूरे तरीके से खुल चुके थे। हमारी चुदाई की बातें, सब बातें सब होने लगी, सिर्फ चुदाई के अलावा। आंटी तो अब और कहने लगी कि, “मेरी तो चूत में आग लगी हुई है, जिसको सिर्फ तुम बुझा सकते हो।” लेकिन मौका नहीं मिल रहा था।
फिर मेरे एक रिश्तेदार के यह शादी थी, तो सब जाने वाले थे, और मेरे क्योंकि एग्जाम थे, तो मैं नहीं जा सकता था। तो मम्मी ने आंटी को मेरे लिए खाना बनाने के लिए बोल दिया। आंटी ने भी मम्मी को बोला कि, “आप लोग आराम से जाइए, इसका ख्याल में रख लूंगी।” फिर सब निकल गए। आंटी भी अपने घर चली गयी, और मैं घर में पढ़ाई करने लगा, क्योंकि कल मेरा एग्जाम था।
फिर पढ़ाई खत्म करके मैं हॉल में ही TV देख रहा था। तभी आंटी घर आई। मैं चौक गया तो आंटी बोली-
आंटी: मैं मेरे घर पर बोल कर आई हूं, कि तुम्हें रात में डर लगता है। इसलिए कुछ दिन मैं तुम्हारे घर रात में सो जाउंगी।
और फिर हम बाते करने लगे, और बातों-बातों मैं रात के 11 बज गए। मैंने गेट खिड़कियां सब बंद कर दी। तब आंटी किचन में बर्तन साफ कर रही थी। तभी मैंने जा कर आंटी को पीछे से गले लगा लिया, तो आंटी बोली-
आंटी: सबर करो थोड़ा, काम तो पूरा कर लेने दो। पूरी रात पड़ी है।
मैंने कहा: अब रहा नहीं जाता है।
फिर मैं आंटी के पीछे से आंटी के ब्लाउज के ऊपर से बूब्स मसलने लगा, और आंटी के होंठ चूसने लगा। आंटी भी गरम होने लगी। वो पेंट के ऊपर से मेरा लंड मसलने लगी। फिर मैंने आंटी की साड़ी निकाल दी, और आंटी का ब्लाउज खोला। आंटी को ऊपर से पूरी नंगी कर दिया। फिर आंटी के दोनों काले निप्पल वाले बूब्स को पकड़ कर मसलते हुए चूसने लगा।
इस समय मैं और आंटी दोनों किचन में खड़े-खड़े ये सब कर रहे थे। फिर मैं कभी बूब्स चूसता, कभी होंठ, कभी गर्दन, इससे आंटी और कामुक हो रही थी। फिर आंटी ने मेरी टीशर्ट और बनियान निकाल दी। अब हम दोनों ऊपर से नंगे थे। इसी हालत में मैं आंटी को उठा कर किचन से बेडरूम में ले आया, और आंटी के पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया।
अब आंटी मेरे सामने काले कलर की पैंटी में खड़ी थी। फिर मैं भी अपनी पेंट खोल कर नंगा हो गया, और आंटी पर टूट पड़ा। आंटी को बेड पर लिटा कर बूब्स चूसते हुए पैंटी में हाथ डाला, तो पता चला पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी। आंटी अब पूरी कामवासना में लीन थी। फिर मैंने पैंटी को एक झटके में खीच कर फाड़ दिया, और चूत को जोर-जोर से मसलने लगा, जिससे आंटी और भी गरम हो गयी।
फिर मैंने मेरी अंडरवियर निकल दी, और अपना मोटा लंड आंटी के मुंह के पास ले जाकर आंटी के मुंह में डालने लगा। थोड़ी ना-नुकुर करने के बाद वो मान गयी, और लंड चूसने लगी। मैं मेरे लंड से आंटी का मुंह चोदने लगा। फिर कुछ देर लंड चुसाने के बाद आंटी की दोनों टांगे चौड़ी करके बालों से भरी चूत को अपने मुंह से चूसने लगा। इससे आंटी के मुंह से बस आह बेटा धीरे बस अहह की सिसकारियां निकल रही थी। आंटी अपने दोनों हाथों से मेरा मुंह उसकी चूत में दबा रही थी। फिर चूत चुसाई के बाद आंटी बोली-
आंटी: बेटा अब अपना ये मोटा लंड मेरी चूत में डाल के चोद डाल। अब रहा नहीं जाता।
फिर मैं भी आंटी की दोनों टांगे चौड़ी करके, चूत को दोनों हाथों से खोल कर, अपना मोटा लंड आंटी की चूत में डाल कर, आंटी को चोदने लगा। उस समय मैं और आंटी दोनों चुदाई का असीम आनंद ले रहे थे। आंटी की चूत बहुत टाइट थी। करीब आधे घंटे से मैं आंटी को चोद ही रहा था। इस बीच आंटी करीब 3 बार झड़ गयी।
अब आंटी बोलने लगी: बस करो, मेरी चूत में जलन हो रही है।
लेकिन मैं कहा रुकने वाला था। आंटी के दोनों बूब्स पकड़ के और जोर से चोदने लगा। तो आंटी अब रोने लगी।
वो बोली: प्लीज अब छोड़ दे। तू तो जानवर के जैसे चोदता है।
फिर करीब 40 मिनट की चुदाई के बाद आंटी की चूत को अपने माल से भर दिया, और आंटी के ऊपर ही गिर गया। आंटी काफी खुश दिख रही थी और बोली-
आंटी: आजतक मेरे पति ने भी मुझे इस तरह से कभी नहीं चोदा।
फिर मैंने कहा: कोई बात नहीं आंटी, अब से रोज मैं आपको चोदू़गा, और आपको मेरी रंडी बनना होगा।
तो आंटी बोली’ रंडी तो मैं तुम्हारी बन गयी।
उस रात मैंने आंटी को करीब 4 बार चोदा। फिर सुबह आंटी अपने घर चली गयी।
दोस्तों इस भाग में यही तक। अगले भाग में आपको बताऊंगा के कैसे मैंने आंटी, उसकी सास, और उसकी बेटी को उसके पति और ससुर के सामने रंडी बना कर चोदा।