पिछला भाग पढ़े:- बदचलन बीवी-3
रंडी बीवी की चुदाई कहानी को अब आगे बढ़ाते है। मेरी नज़र सीसीटीवी और ज्योति की हरकतों पर थी। संजय के लौड़े को निहारने के बाद सुपाड़े पर ज्योति जीभ फिराने लगी। सिर्फ सुपाड़े ही नहीं पूरे लौड़े पर जीभ फिराने लगी, चाटने लगी। तभी संजय ने अपना मोबाइल उठाया, और वीडियो ऑन की।
ज्योति: मुझे ठीक से लौड़ा चूसने भी नहीं दोगे तुम? हो गए शुरू फिर से।
संजय: मेरी जान वीडियो बनाना मेरा काम और लौड़ा चूसना तुम्हारा। वैसे भी एक बार मुंह में ले लोगी तो फिर कहा याद रहता है कुछ तुम्हें।
ज्योति: मुझे बस तेरा लौड़ा याद रहता है।
संजय: कैसा लग रहा है इस लौड़े को देख कर, और ये क्यों खास है?
ज्योति: ये मेरा सोना बाबू है। ये मेरी जान इसलिए है क्योंकि झड़ने के तुरंत बाद भी 1 घंटे चोदता है मुझे।
संजय: कितने लौड़े तो ले चुकी हो मेरी जान। फिर मेरा लौड़ा ही क्यों पसंद है?
ज्योति: लौड़ा नहीं कई लंड ले चुकी हूं। लौड़ा तो सिर्फ तेरा है। लेकिन चुदाई के कई दिन बाद भी जिस लौड़े को चूत महसूस करे, वहीं याद रहता है। और वो लौड़ा तुम्हारा है। इंटरव्यू हो गया हो तो रख दो मोबाइल प्लीज। मज़ा मत खराब करो।
संजय: बहनचोद नाटक बंद करो, और लौड़ा चूसना शुरू करो। वीडियो हर बार बनाता हूं, इस बार भी बनाऊंगा।
ज्योति: तुम्हें जो करना है करो। मैं अब और नहीं रुक सकती।
इतना कहते ही ज्योति ने गप से लौड़ा मुंह में ले लिया, और जोर से चूसना शुरू कर दिया। ज्योति लौड़े को ऐसे चूस रही थी जैसे लॉलीपॉप या आइसक्रीम चूसते है। संजय की आंखों में आंखे डाल कर करीब 3 से 4 मिनट पूरा लौड़ा मुंह में लेकर चूसती रही ज्योति। लौड़े पर थूकती और फिर उसे चाटने लगती।
ज्योति की थूक से गीला संजय का लौड़ा चमक रहा था, और संजय लगातार अलग-अलग एंगल से वीडियो बना रहा था। ज्योति रंडी की तरह अपनी धुन में लौड़ा चूसे जा रही थी। लेकिन आधा लंड ही ज्योति मुंह में ले पा रही थी।
संजय ने कहा: कितनी लड़कियों ने मेरा लौड़ा चूसा है लेकिन तेरे जैसा मज़ा किसी ने नहीं दिया।
ज्योति ने लंड को मुंह से बाहर निकाला, और उसका पूरा मुंह संजय के लंड के प्रीकम और थूक से भरा हुआ था।
ज्योति ने थूक पीकर कहा: लंड तो मैंने भी बहुत चूसे है, लेकिन जो स्वाद और कड़कपन तेरे लौड़े में है, वो किसी और में नहीं। सच ये है कि जब कोई लड़की लंड चूसती है, तो असली मज़ा लड़के को आता है लड़की को नहीं। लेकिन तेरे लंड को चूसने में मुझे भी जबरदस्त मज़ा आता है।
सीसीटीवी में ज्योति को ये बोलते सुन और उसके चेहरे के एक्सप्रेशन से लग रहा था कि इस रांड मादरचोद के लिए लंड ही पूरी दुनिया है। ज्योति ने अब दाहिने हाथ से लंड सहला रही थी, और फिर दोनों बॉल्स को एक साथ मुंह में लेकर चूसने लगी ज्योति। संजय के मुंह से सिर्फ आह-आह सी-सी की आवाज़ निकल रही थी। संजय बाए हाथ से वीडियो बना रहा था, और ज्योति पूरी शिद्दत से संजय की दोनों बॉल्स चूसे जा रही थी।
बॉल्स से लेकर लौड़े के गुलाबी सुपाड़े तक ज्योति जीभ से चाटती। संजय की दोनों बॉल्स, लौड़ा और सुपाड़ा सब ज्योति जीभ और होंठों के कब्जे में था। तभी संजय ने दाहिना हाथ ज्योति के सर पर रख कर सहलाने लगा, तो ज्योति ने ऊपर देखा।
संजय ने कहा: लौड़ा चूसती हुई बहुत मस्त लगती हो, बहुत प्यार से चूसती हो।
बॉल्स पर जीभ फेरते हुए ज्योति ने कहा: मैं समझ रही हूं इतना प्यार क्यों आ रहा है।
संजय ने कहा: पता ही है तो शुरू करें तेरी मुंह चुदाई? मज़ा तो तुम्हे भी आता है।
ज्योति ने कहा: मुझे तो तुम्हारे साथ हर चीज में मज़ा आता है। लेकिन मुंह चोदते समय बेरहम हो जाते हो।
संजय ने बोला: साली नाटक बंद कर। चल प्यार से मुंह चोदूंगा।
इतना बोलते ही संजय ने सर के पीछे ले जाकर पूरे बालों को हाथों में ले लिया, और एक ही झटके में अपना पूरा लंड ज्योति के मुंह में ठूस दिया, और इसके बाद जोरदार झटके मारने शुरू कर दिए, जैसे चुदाई के समय झटके मरते है। ज्योति के मुंह से फच-फच की आवाज आ रही थी, और तेजी से संजय ज्योति के मुंह में लंड पेले जा रहा था।
सीसीटीवी में मेरी नज़र गड़ी हुई थी संजय ने मोबाइल अपने मुंह में दबाया तांकि नीचे का वीडियो बनता रहे, और दोनों हाथों से ज्योति का सर पकड़ कर जोर-जोर से ज्योति के मुंह में संजय अपना लौड़ा अंदर बाहर करने लगा। करीब 8-10 तगड़े झटकों के बाद पूरा का पूरा लौड़ा ज्योति के मुंह में उतार दिया, और बाल पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया।
ज्योति के मुंह से गूँ-गूँ की आवाज आ रही थी, और वह छटपटाते हुए संजय की कमर को धक्का देकर अपने मुंह से लंड निकालने की कोशिश कर रही थी। लेकिन संजय ने अपनी पकड़ ढीली करने की बजाए ज्योति के सर को और मजबूती से लंड पर दबा दिया।
ये देख मुझे गुस्सा और तरस आ रहा था ज्योति पर। क्योंकि उसके मुंह में 7 इंच का मोटा तगड़ा लंड था। आंखों से आंसू निकल रहे थे। चेहरा लाल हो गया था, और मुंह से थूक लार गिरे जा रहा था। करीब 30 सेकेंड तक ज्योति छटपटाती रही, हाथ मारती रही, और इसके बाद झटके से संजय ने ज्योति के मुंह से लौड़ा बाहर निकाला।
ज्योति जोर-जोर से खांसने लगी, और हांफते हुए तेज-तेज सांसे ले रही थी, जैसे अटकी सांस वापस आ गयी हो। ज्योति तेज-तेज सांसे ले रही थी, और संजय अपने 7 इंच के लौड़े से उसके चेहरे को मार रहा था प्यार से।
ज्योति ने गाली देते हुए कहा: बहनचोद पागल हो गए हो क्या? सांस अटक गई थी।
संजय ने कहा: सांस नहीं गले में लौड़ा अटक गया होगा। चल आजा।
और इतना कहते ही एक बार फिर ज्योति के बाल को पकड़ कर मुंह में लौड़ा डाला, और मुंह को चोदना शुरू कर दिया। ज्योति के मुंह से पचड़-पचड़ की आवाज के साथ लंड अंदर-बाहर जा रहा था, और मुंह से थूक चूची पर गिर रहा था। ज्योति की पूरी ब्रा थूक से गीली हो गई थी। बीच-बीच में पूरा लंड मुंह में डाल कर ज्योति के सिर को संजय पूरा दबा भी रहा था। खांसी भी हो रही थी, लेकिन लंड की चुसाई और मुंह की चुदाई जारी था।
अब तो ज्योति भी पूरे मजे लेकर अपने मुंह को लंड के आखरी छोर तक ले जाती, और 7 इंच का संजय का लंड ज्योति के मुंह में गायब हो जाता।
संजय ने कहा: बहनचोद पहले गाली दे रही थी, और अब पूरा का पूरा लंड खा रही है।
सीसीटीवी में दिख रहा था कि थोड़ी देर पहले लंड चूसना जो ज्योति के लिए सजा थी, वो कैसे मज़े में तब्दील हो गई थी। 4 से 5 तगड़े झटके मारने के बाद लंड को मुंह से निकाल कर संजय ने ज्योति को खड़ा किया, और आईने के सामने लेजा कर बोला-
संजय: देख मेरा लौड़ा चूस कर कैसे लाल हो गई हो।
ज्योति: लौड़ा चूस कर नहीं, जो मुंह चुदाई किये हो ना, उससे मुंह लाल हुआ है। जान निकाल देते हो यार।
संजय: जान निकलती तो पागलों की तरह लौड़ा नहीं चूसती। बहनचोद खांस भी रही थी, और लौड़ा भी नहीं छोड़ रही थी। अभी भी तेरा हाथ मेरे लौड़े पर ही है।
ज्योति: देखो क्या हाल किये हो। तुम्हारे प्री कम और मेरे थूक से पूरी गीली हो गई हूं। ब्रा पेंटी तक गीला हो गया है।
संजय: थूक से सना तेरा चेहरा मस्त लग रहा है। वैसे लौड़ा चूसते-चूसते तेरी चूत ने भी पानी छोड़ दिया होगा।
ज्योति: इतनी जल्दी पानी नहीं निकलता है मेरा ये तुम जानते हो। बहुत मेहनत करनी पड़ेगी तुम्हे चूत को गीला करने में।
संजय: तुमने मेरा लौड़ा गीला किया हुआ है। चलो तेरी चूत भी गीला करते है। लेकिन मुझे नंगा कर रखा है, अपनी ब्रा पेंटी तो उतारो।
ज्योति: कपड़े उतारना और फिर पहनाना ये सिर्फ तुम्हारा काम है। नंगी होने के लिए ही बुलाया है।
संजय: तो फिर आज कपड़े उतरेंगे नहीं फटेंगे।
इतना कहते ही संजय ने ब्रा फाड़ दी, और एक ही झटके में ब्रा को निकाल फेंका। ब्रा निकालते ही ज्योति की 36″ साइज की चूची करीब 1 इंच के कड़क निप्पल के साथ सामने थी। थूक के गीलेपन से चूची चमक रही थी। इतनी ही देर में संजय ने पेंटी को भी फाड़ के निकाल दिया ज्योति की चिकनी चूत सामने थी। चूत पर किस करके संजय ने चिकनी चूत पर हाथ फेरा और कहा-
संजय: सही कह रही थी मेरी जान। तेरी चूत तो पूरी सुखी हुई है।
ज्योति: मैंने कहा था ना थूक से मेरी चूत का बाहरी हिस्सा ही गीला होगा। अंदर से तो तुम्हे ही गीला करना होगा।
संजय: तुम्हे नंगा करते ही कंफ्यूज हो रहा हूं कि चूत लूं या ये कड़क निप्पल और मस्त भरे हुए दूध पीयू?
ज्योति: तुम रहो कंफ्यूज लेकिन मुझे तो सबसे पहले लौड़ा पीना है तेरा।
संजय: तेरे भी शौक गजब है। पहले मुंह चुदाई के बाद लंड का पानी पीना है। फिर चूत चुदाई।
ज्योति: ये शौक भी तुमने लगाया है।
संजय: अच्छा जी जब शौक मैंने लगवाया है, तो पूरा भी मैं ही करूंगा।
मेरी नज़र लगातार सीसीटीवी पर थी। दोनों बात कर रहे थे लेकिन एक सेकेंड के लिए भी ज्योति ने संजय के लंड से हाथ नहीं हटाया। संजय ने कमर से ज्योति को पकड़ा और एक झटके में 180 डिग्री घुमा दिया, या यूं कहें उल्टा कर दिया। ज्योति जब तक ये कह पाती कि गिराओगे क्या, तब तक ज्योति के चेहरे के सामने संजय का लौड़ा और संजय के चेहरे के सामने ज्योति की चिकनी चूत। खड़े-खड़े 69 पोजीशन में थे वो।
संजय: लो हो गया दोनों का काम। तुम लो मेरा लौड़ा
ज्योति: और तुम चाटो मेरी चिकनी चूत।
संजय: तेरा क्या है, लौड़े का पानी पी कर के फिर तुझे चुदाई भी चाहिए। इसलिए चूत गीली कर लूं।
ज्योति: तेरे लौड़े में जबरदस्त ताकत है झड़ने के तुरंत बाद फिर चोदने को तैयार हो जाता है। तभी तो ये शौक पाला है मैंने।
इतना कहते ही ज्योति ने पूरा लंड मुंह में ले लिया दूसरी तरफ संजय दोनों टांगों को फैला कर ज्योति को Y की तरह टांगे फैला कर अपना मुंह ज्योति की चूत में घुसा दिया। फिर जीभ डाल कर ज्योति की चूत को चाटने लगा। सीसीटीवी में मैं ज्योति का लंड चूसना और चूत चटवाना देख रहा था, और यह सोच रहा था गजब की रांड थी ज्योति। थोड़ी देर पहले जबरदस्ती मुंह में लंड था, तो आंखों से आंसू आ रहे थे, और अब उसी लंड को मजे से चूस रही थी, चाट रही थी।
साले संजय का लंड जितना बड़ा और तगड़ा था वैसा ही जीभ भी था लंबा सा। संजय पूरा जीभ ज्योति की चूत में डाल के लपालप चूसे जा रहा था, और अंदर-बाहर कर रहा था। करीब 3 से 4 मिनट तक खड़े-खड़े संजय ज्योति के चूत को चूसे जा रहा था। थूक से पूरी चूत को भर दिया था। ज्योति भी मन लगा कर पूरे लंड को लेकर जोर-जोर से चूस रही थी। पूरे रूम से लंड और चूत चुसाई के साथ संजय और ज्योति की मस्त वाली आवाजें पूरे माहौल को और भी जबरदस्त बना रही थी।
ज्योति: कितनी देर ऐसे करोगे? थक जाओगे, बिस्तर पर आ जाओ।
संजय: तेरे को ऐसे ही खड़े-खड़े 1 घंटे गोद में रख सकता हूं।
ज्योति: अरे बाबा गोद में रखना आसान है। अभी खड़े-खड़े जिस 69 पोजीशन में हो, वो थकने वाला है।
संजय: तुम मेरा लौड़ा चूस रही हो और मैं तुम्हारी चूत, कितना मज़ा आ रहा है।
ज्योति: बहुत मजेदार है। पर ये एडवेंचर वाला 69 पोजिशन है। बिस्तर में लेट कर 69 पोजिशन का असली मज़ा आएगा। वैसे भी पूरी रात है थकने के लिए।
शायद संजय को बात समझ में आ गई। वह ज्योति को कमर से ऐसे ही पकड़े बिस्तर की तरफ आया, और धीरे से बिस्तर में लेट गया। संजय नीचे और ज्योति ऊपर थी। ज्योति कुतिया की तरह घुटने पर थी और थोड़ा रिलेक्स कर रही थी। तो संजय भी पसीना पोंछ रहा था। दोनों 69 की पोजिशन में ही थे। सीसीटीवी में संजय के चेहरे के ऊपर ज्योति की गांड दिख रही थी। ज्योति का चेहरा और लंड दूसरी तरफ था, जो नहीं दिख रहा था। अचानक संजय के मुंह से आह की आवाज के साथ आराम से करो निकला। संजय के एक्सप्रेशन और आवाज से लगा कि ज्योति फिर शुरू हो गई थी।
संजय: साली रंडी की तरह मौका मिलते ही मुंह में लंड ले लेती हो। चूत तेरी मां चटवायेगी।
ज्योति: मां का नाम मत ले बहनचोद। और ये रंडी की तरह क्या होता है? तुमने तो मुझे रंडी बना ही दिया है।
संजय: साली मेरे से पहले से चुद रही थी, और बाद में भी कई लंड ली हो। मेरे कहने पर चुदती तो मैं रंडी बनाता ना।
ज्योति: अरे लंड चूसने की बात पर कह रही थी। जिस बेरहमी से तुमने मुंह चुदाई की है, वो किसी पत्नी, गर्लफ्रैंड, प्रेमिका से कोई नहीं कर सकता। ऐसा बर्ताव किसी रंडी के साथ ही कर सकता है।
संजय: नाटक मत पेलो। तेरे को भी रंडी की तरह चुदने में ही मज़ा आता है, और जो तेरे नखरे है ना वो रंडी से कम भी नहीं। कपड़े उतरते ही रंडी ही हो जाती हो तुम।
ज्योति: फिर रंडी का मज़ा लो और रंडी को मज़ा दो।
संजय: तो फिर अपनी गांड नीचे करो, और मेरे होंठों पर अपनी चूत रखो।
इतना कहते ही संजय ने ज्योति के चूतड़ पर जोर से थप्पड़ मारा, और नीचे की तरफ खींचा। नीचे की तरफ आने से ज्योति की चूत और खुल गयी। संजय अपने धारदार लंबे जीभ से ज्योति की चूत में डाल दिया और चाटने लगा।
ज्योति की ये चुदाई वाला सीन पहले भी देख चुका था। लेकिन ज्योति की भाषा मेरे लिए शॉकिंग थी। अगर मैं ये खुद नहीं देखता-सुनता, तो मैं कभी विश्वास ही नहीं करता कि ज्योति ऐसी भाषा या यूं कहूं कि सड़क टाइप रंडी की तरह गाली-गलौच करती होगी। एक नई बात पता चली जब संजय ने ये कहा कि मुझसे पहले से भी लंड से चुद चुकी हो। जिस साल हमारी शादी हुई उसी साल से संजय ज्योति को चोद रहा था। इसका मतलब शादी से पहले से रंडी थी, और कई लंड ले चुकी थी।
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