पिछला भाग पढ़े:- बदचलन बीवी-5
सेक्स कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मेरी बीवी ने संजय के लंड का पानी पिया, और फिर वो दोबारा उसके लंड को चुदाई के लिए तैयार करने लगी। अब आगे-
संजय: मैडम जी घोड़ा तैयार है, घोड़ी की सवारी करने के लिए।
ज्योति: ना जी सवारी तो आज पहले घोड़ी करेगी। आ जाओ नीचे।
इतना कहते ही ज्योति ने धक्का देकर संजय को बेड पर लिटा दिया, और उस पर चढ़ गई।
संजय: लौड़े की सवारी तो कर लेना, पर पहले एक बार अपने चूचे तो पिला दे। करीब 3 साल बाद तेरे को नंगा देख रहा हूं।
ज्योति: ले पी ले, चूस-चूस के मेरी चूची लटका दिया है।
संजय: बहनचोद कौन सा सिर्फ मैंने तेरी चूची चूसी है। दूध पिलाने का तो शौंक है ना तुझे? इतने लोगों को पिलाओगी तो थोड़ा तो लटकेगा ही।
ज्योति: मेरी चूची पर तेरी कॉपी राइट थोड़ी ना था। मुझे जो भी मिला उसे पिलाया। लेकिन अब लटकने के साथ ही बड़ा भी हो गया है।
संजय: याद है 18 साल पहले भी तेरी चूची बहुत छोटी तो थी नहीं, 34″ साइज की थी। लेकिन तेरे निप्पल बहुत जबरदस्त है 1 इंच के, डाल मेरे मुंह में।
ज्योति: चूस ले पर प्लीज काटना मत।
संजय मुंह मैं पूरा दूध भर कर चूसने लगा। दोनों चूचों को बारी-बारी चूसने के बाद अब चुदाई शुरू होने वाली थी। ज्योति ने लगभग 30 सेकेंड चूस कर संजय के लंड की अपनी थूक से गीला किया। फिर चूत पर लंड को सेट करते हुए धीरे-धीरे ज्योति लंड पर बैठने लगी। जैसे-जैसे संजय का लंड ज्योति की चूत में अंदर जा रहा था, दोनों के मुंह से आह आह की हल्की आवाज़ आ रही थी।
बैलेंस के लिए ज्योति और संजय एक-दूसरे के उंगलियों को फसा कर मुट्ठी बना रखे थे। लंड पर ज्योति बैठ गयी। पूरा 7 इंच का लंड ज्योति के चूत में था, और अब ज्योति धीरे-धीरे अपनी कमर को लंड पर घुमाने लगी। आंखे बंद थी जैसे चूत में संजय के लंड को महसूस कर रही हो।
करीब 2 मिनट तक कमर हिलाने के बाद ज्योति अब धीरे-धीरे लंड पर ऊपर-नीचे होने लगी। रफ्तार के साथ ज्योति की चुदाई शुरू। अब ज्योति तेजी से संजय के लंड पर कूदने लगी, और ज्योति के चूचे भी कूदने लगे। जबरदस्त नज़ारा था। ज्योति संजय के लंड पर जोर-जोर से कूद रही थी, साथ ही सिसकियां ले रहे थी। अपने दोनों हाथों से बीच-बीच मैं संजय ज्योति के उछलते कूदते चूचों को दबाता, पकड़ता।
सीसीटीवी में देख कर लग रहा था कि कोई पोर्न मूवी देख रहा था मैं। आज तक कभी ज्योति मेरे लंड पर नहीं बैठी थी। ज्योति के कूदने की रफ्तार कम होती तो नीचे से संजय जोरदार धक्के मारता। दोनों चुदाई में आहे भी भरते और बात भी करते।
ज्योति: उई उफ्फ उफ्फ आह आह हहहहहहहह।
संजय: आह आह सीसीस…. धीरे मेरी जान।
ज्योति: जानू मज़ा आ रहा है ना? उई उई उफ्फ उफ्फ उफ्फ।
संजय: जब इतने जबरदस्त तरीके से लंड पर कूदोगी, तो मज़ा किसको नहीं आएगा। पर धीरे कूद, निशाना गलत पड़ा तो मेरा लौड़ा टूट जाएगा।
ज्योति: मेरी चूत तेरे लंड की दीवानी है। इसे तोड़ेगी तो कैसे जियेगी? तेरा लौड़ा मेरी ज़िंदगी है मेरी जान।
संजय: फिर जोर से कूद, बहुत मज़ा आ रहा है। आह आह आह उफ्फ आआआआआ।
ज्योति: उफ्फ उफ्फ्फ उफ़्फ़फ़ तू भी नीचे से मार धक्के मार, जोर से मार।
करीब 2 मिनट बाद संजय बैठ गया। ज्योति संजय की गोद में, और लंड चूत में। ज्योति ने दोनों हाथी से संजय के गले मैं घेरा बना रखा था, और दोनों एक-दूसरे के होंठों को चूस रहे थे। ज्योति ने दोनों पैरों से संजय के कमर को लपेट रखा था। संजय दोनों हाथों से चूचियों को दबाने और मसलने में लगा था।
ज्योति: यार धीरे-धीरे दबा, दर्द हो रहा है।
संजय: तू किस काम में धीरे कर रही है बता ना? और पहले तो कहा करती थी और जोर से दबाओ, निप्पल खींचो।
ज्योति: आज दर्द हो रहा है, तो आज ही बोलूंगी ना। मत दबा यार।
संजय: लगता है आज कल चूची दबाने वाला कोई नहीं है। कोई नहीं अब चूची पीने का जुगाड़ करता हूं चुदाई के साथ। अपनी पकड़ मजबूत कर लो।
इतना बोलते ही संजय ने ज्योति के चूतड़ों को पकड़ कर उठाया और खड़ा हो गया। ज्योति ने दोनों हाथों से संजय के कंधे पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी, और पैरों से कमर को लपेट रखा था। ज्योति की चूची संजय के मुंह जे पास थी। पर मुझे दिख रहा था कि लंड चूत से बाहर निकल गया था, और संजय ने ज्योति के निप्पल मुंह में लेकर चूसने लगा।
ज्योति: तुमने तो निप्पल मुंह में ले लिया। लेकिन तेरा लौड़ा बाहर निकल गया। उसे भी तो चूत में डाल दे। इस पोजीशन में मैं कुछ नहीं कर पाऊंगी।
संजय: साली 2 मिनट का सब्र नहीं है। 24 घंटे चूत में लंड चाहिए तेरे को।
ज्योति: जब लंड है, चूत है, तो बाहर नहीं अंदर ही चाहिए लंड। ये पता है ना तेरे को?
संजय: तभी तो तीन चार लंड की जरूरत पड़ी थी एक साथ।
ज्योति: अब उन दिनों की याद मत दिला। पहले लंड डाल, फिर जो करना है कर।
ये सुनते ही मेरा माथा सुन्न पड़ गया। साली एक साथ तीन चार लंड से चुदी थी मेरी बीवी। बाजारू रंडी शब्द भी ज्योति के लिए छोटा पड़ जाएगा। मुझे अपने कानों पर भरोसा ही नहीं हो रहा था। लेकिन मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था। क्योंकि सिर्फ सुनी हुई नहीं बल्कि आंखों के सामने दिख भी रहा था।
घर से लेकर आफिस तक हर जगह एक अलग ही इमेज थी ज्योति की। सब कहते थे ज्योति जैसे घरेलू, सज्जन, सीधी और क्या-क्या। लेकिन ज्योति का दूसरा चरित्र ये है कि वो एक रंडी को फेल कर दे। ये 20 साल की उम्र से ही बदचलन और चरित्रहीन थी।
उधर संजय ने ज्योति के चूतड़ को उठा कर चूत में लंड डाल दिया, और ज्योति के निप्पल चूसने लगा। मुझे गुस्सा भी आ रहा था, लेकिन इंग्लिश पोर्न फिल्म वाली पोजिशन में ज्योति और संजय की रासलीला देख के मज़ा भी आ रहा था। धीरे-धीरे संजय ने चुदाई की स्पीड बढ़ाई, और फिर अपने हाथों पर ज्योति की जांघो को रख कर जोरदार धक्के लगाने लगा।
रूम से सिर्फ फच फच फच फच की आवाज और उफ़्फ़फ़ उफ़्फ़फ़ उफ़्फ़फ़ आह आह आह आह उई उई उई सी सी सी की आवाज आ रही थी। करीब 7 से 8 मिनट तक खड़े-खड़े चोदने के बाद संजय ने ज्योति को बिस्तर पर पटक दिया, और बोला-
संजय: अब तेरी सवारी करूंगा, आजा घुटने पर, बन जा मेरी कुतिया।
ज्योति हांफते हुए घुटने पर आ गई। संजय ने कमर पकड़ कर उसे बिस्तर के कोने में खींचा जहां संजय खड़ा था। संजय ने चूत पर थूक लगाया, और अपने लंड से चूत को रगड़ने लगा। फिर एक जोर के धक्के के साथ लंड को चूत में पल दिया। ज्योति के बालों को बाए हाथ से पकड़ कर अपनी तरफ खींच रखा था संजय ने, और दाहिने हाथ से चूतड़ पर चपेट मार रहा था। साथ ही चूत मारे जा रहा था।
कुत्ते की तरह चोद रहा था संजय। बीच-बीच में ज्योति के लटके हुए चूचों को पकड़ता और चोदता। संजय इतने जोर के झटके मार रहा था, कि हर झटके पर ज्योति के मुंह से आह की आवाज निकल रही थी।
जैसे-जैसे झटके तेज हो रहे थे, ज्योति की सिसकियां और आहें तेज हो रही थी। अचानक ज्योति चिल्लाई-
ज्योति: और तेज, और तेज, फाड़ दे मेरी चूत, और तेज चोदो। मेरा निकलने वाला है। मैं गई उई उई मां।
ज्योति का शरीर अकड़ने लगा। पांच-सात धक्के के बाद ज्योति के मुंह से निकला: गईईईई!
और एक जोर का झटका मार के तेजी से संजय ने ज्योति की चूत से अपना लंड बाहर निकाला। लंड निकलते ही ज्योति की चूत से पानी की धार निकलने लगी। संजय ने फिर ज्योति की कमर पकड़ कर एक जोरदार धक्का लगाया, और लंड पूरा चूत में उतार दिया। दो-चार तगड़े धक्कों के बाद फिर संजय ने चूत से लंड जैसे ही निकाला, चूत पानी छोड़ने लगी। ज्योति झड़े जा रही थी।
ज्योति पेट के बल बिस्तर पर गिरी, और निढाल हो गई। चूत से पानी निकले जा रहा था। पीछे मुड़ कर ज्योति ने संजय को देखा और मुस्कुराई। ऐसे इशारे संजय जानता था। उसने ज्योति को पलटा और उसकी दोनों टांगो को कंधे पर रखा, और लंड चूत में पेल दिया। ज्योति और संजय मस्ती में चुदाई किये जा रहे थे। हर धक्के के साथ दोनों की आह निकल रही थी। पूरे कमरे में फच फच फच की आवाज आ रही थी।
करीब 8 से 10 मिनट तक मिशनरी स्टाइल में चुदाई की संजय ने। बीच-बीच में झुक कर चूचे पीता, तो कभी लिप्स पर किस करता। दोनों पसीने से लथ-पथ लेकिन पूरी मस्ती में। करीब 40 मिनट से संजय और ज्योति की चुदाई चल रही थी। लेकिन कोई भी थकने को तैयार नहीं।
ज्योति: एक बार फिर मैं झड़ने वाली हूं।
संजय: मैं भी अब गया।
ज्योति: साथ ही झड़ेंगे, अंदर ही निकालना।
इसके साथ ही संजय ने अपनी रफ्तार बढ़ाई और जोर-जोर से ज्योति को चोदने लगा। हर धक्के के साथ रफ्तार बढ़ रही थी, और दोनों के मुंह से आने वाली आहों की आवाज भी तेज हो रही थी। करीब 2 मिनट तक उसेन बोल्ट की रफ्तार से चुदाई के बाद दोनों ने जोर से आहें भरते हुए एक-दूसरे को अपनी बाहों में ले लिया, और दोनों साथ झड़ने लगे। दोनों आंखे बंद करके उस पल का आनंद ले रहे थे।
संजय ने ज्योति के माथे पर किस किया, और धीरे से अपने लंड को चूत से बाहर निकाला, और ज्योति के मुंह मैं डाल दिया। ज्योति ने लंड चूस के साफ करने लगी। उधर उसकी चूत से संजय के लंड का पानी बहने लगा। संजय ज्योति के बगल में लेट गया। पहली जबरदस्त चुदाई के बाद दोनों की सांसे तेज थी दिनों हांफ रहे थे। संजय की बांह पर ज्योति का सर था।
ज्योति: मज़ा आया सर आपको?
संजय: मज़ा देने वाली इतना जबरदस्त हो, तो मज़ा कैसे नहीं आएगा। मेरी चुदाई कैसी लगी?
ज्योति: तुम तो मेरे हीरो हो। असली चुदाई का मज़ा तुम ही देते हो।
संजय: साली मुझे पता है तेरी आदत, हर चुदाई के बाद यही बोलती होगी।
और दोनों हसने लगे। मैंने समय देखा 5 बजकर 40 मिनट ही गए थे। मतलब पहले राउंड की चुदाई लगभग 1 घंटे 40 मिनट चली। मैंने फ़ोन उठाया और ज्योति को लगा दिया। इसके आगे क्या हुआ, वो अगले पार्ट में। फीडबैक के लिए [email protected] पर मेल करे।
अगला भाग पढ़े:- बदचलन बीवी-7