अगर मुझसे मोहब्बत है-11 (Agar mujhse mohobbat hai-11)

This story is part of the अगर मुझसे मोहब्बत है series

    करूंगा ख्वाहिशें तेरी पूरी मैं तुझ को पाने को।

    नहीं छोडूंगा मैं तुझ को भले छोडूं जमाने को।

    रहेगी होके तू मेरी चुदायेगी तू जब मुझसे

    चुदेग़ी ऐसे तगड़ी के ना होगी दूर तब मुझ से।

    रीता मेरी बात सुन कर कुछ परेशान हो कर बोली, “ठीक है। मैं भी जानती हूं कि ऐसी पार्टियों में ऐसा कुछ तो चलता रहता है। मैं मानती हूं की वह अच्छे दोस्त हैं। अच्छे दोस्त मुश्किल से मिलते हैं। किरण और सूरज अच्छे लोग है, हालांकि थोड़े पागल जरूर हैं। मैं भी इनसे बिगाड़ना थोड़े ही चाहती हूं? इसीलिए किरण और उसके पति सूरज के इस तरह के पागलपन को झेल रही हूं ना?

    मैं कोई शिकायत नहीं कर रही। पर अगर हम बर्थडे मनाएंगे तो उनको अच्छा खाना खिलाना पड़ेगा। फिर तो मेरी तो रसोई में ही ड्यूटी लग जायेगी। मैं फिर आप लोगों के साथ बैठ नहीं पाउंगी।”

    जब मैंने सूरज को यह कहा तो सूरज बोला, “ऐसा नहीं होगा। रीता को हमारे साथ ही बैठना होगा। रीता खाना बनाने के चक्कर में रसोई में ना फसी रहे इसका इंतजाम मैंने पहले से ही कर रखा है। रीता का बर्थडे शनिवार को है और उस दिन उनके स्कूल में छुट्टी है।

    मैंने रीता के बर्थडे की पार्टी शनिवार दोपहर को नजदीक के ही एक आलिशान रिसोर्ट में रखी है। वह रिसोर्ट हमारी फैमिली की प्रॉपर्टी है। मेरे पास उसका कम्प्लीमेंटरी कार्ड है, जिसमें पचास लोगों तक का लंच और दो कमरों का दो रात तक का कोई चार्ज नहीं लगेगा। हम रिसोर्ट में केक कटिंग, पार्टी और लंच करके हमारे फ़ार्म हाउस पर पिकनिक के लिए जाएंगे।

    फार्म हाउस में भी फाइव स्टार होटल की तरह सारा इंतजाम है। वहां कुछ घूमेंगे, फिरेंगे और स्विंमिंगपूल में नहाएंगे। रात रिसोर्ट में एक बडा इम्पोर्टेन्ट प्रोग्राम रखा है। उसके बाद एक मीटिंग है जिसमें मैं और किरण और आप दोनों हमारे दोस्तों के साथ रीता का जन्म दिवस मनाएंगे।

    आप और रीता का होना जरुरी है। हम रात रेसोर्ट में ही बिताएंगे। सुबह हम सब अपने अपने घर चले जाएंगे। बस मैं यही चाहता हूं कि आप दोनों कुछ वक्त हमारे साथ में ही रहें और हम सब मिल कर साथ में एन्जॉय करें। सारा इंतजाम मैंने कर लिया है। इसमें कोई खर्च तुम्हें नहीं करना है। सब कुछ फ्री है। बस तुम दोनों की हां का इंतजार है।”

    मेरी बीवी रीता यह सुन कर बड़ी खुश हुई। अगर उसे रसोई नहीं बनानी पड़ी तो फिर तो वह अच्छे तरीके से सज-धज कर तैयार हो कर हमारे साथ बैठ सकती थी। रीता के जन्म दिवस भी आलिशान तरीके से मनाया जाएगा और बाहर पिकनिक, एक बड़े अच्छे होटल में रुकना, खाना और पार्टी भी हो जायेगी।

    रीता ने ख़ुशी-ख़ुशी थैंक्स कहते हुए सूरज की बात फ़ौरन मान ली। पर साथ में रीता ने एक और हिदायत भी दी। रीता ने शरारत भरी नज़रों से मेरी और देख कर हसते हुए कहा, “तुम सूरज को बोल देना की इस बार थोड़ा ख्याल रखे। थोड़ा कंट्रोल करे अपने आप को। मेरी और से थैंक्स भी बोल देना वह तोहफे के लिए।

    तुम भुलक्क़ड हो। सूरज को थैंक्स कहना भूलना मत। और उसे बोल देना की इस बार यह रूल होगा कि वह अपनी पत्नी के साथ ही रहे और मुझे परेशान ना करे। इस बार अपनी बीवी को ही छेड़े, दूसरे की बीवी को नहीं। ओके?”

    मैंने कहा, “वह तो मैं कह दूंगा, पर तुम तो सूरज को अब अच्छी तरह से जान चुकी हो। सूरज आये और तुम्हें छेड़े नहीं यह तो हो नहीं सकता। पता नहीं तुमने उस पर क्या जादू चला दिया है? तुम्हें देखते ही वह पागल हो जाता है। तो अगर वह छेड़े भी तो उसमें तुम्हारा क्या जाता है? तुम उसे क्यों रोकना चाहती हो?

    अगर खुबसूरत स्त्री हैंडसम मर्द के साथ अगर एन्जॉय ना करे तो यह जवानी और खूबसूरती का क्या फायदा? करके क्या कर लेगा सूरज? बूब्स मसलेगा? चुम्माचाटी करेगा? लंड पकड़ा देगा? वह तो वैसे भी कर चुका है। फिर क्या नया करेगा? अरे जाने मन मौक़ा मिलता है तो मौज करो।

    जवानी की यह घड़ियां वापस नहीं आएंगी। ऐसे जिगरी और सेक्सी दोस्त बार-बार नहीं मिलते। इसलिए यह सब बेकार की शर्म, झिझक, और नखरे छोड़ कर जुड़ जाओ हमारे साथ। फिर भी मैं सूरज को कहूंगा कि थोड़ा संयम रखे, ठीक है?”

    रीता कुछ उलझन में वह ड्रेस के बारे में सोच रही थी। वह बोली, “ठीक है, ठीक है, ज्यादा लेक्चर मत झाड़ो। पर राज, अगर मेरी बर्थडे पार्टी सूरज ने दी तो जो ड्रेस सूरज ने दिया था वह सेक्सी ड्रेस मुझे पहनने के लिए तो नहीं बोलेगा?

    मैं तुम्हारे लिए तो पहन सकती हूं पर किसी और के लिए नहीं। अगर उस ड्रेस को मैंने पहन लिया और अगर सूरज ने मुझे उसमें देख लिया तो मुझ पर पागल तो वह वैसे ही है, और वह ड्रेस इतना सेक्सी है कि उसमें देख कर तो पता नहीं सूरज का दिमाग कहीं छटक ना जाये।”

    मैंने अपनी पत्नी को ढाढस देते हुए कहा, “नहीं, ऐसा कुछ नहीं होगा। वह सब डांस के लिए बनाये गए ड्रेस हैं। सेक्सी ड्रेस भी कोई ख़ास बुरा नहीं है। इससे छोटे ड्रेस तो तुमने पहले भी पहने हैं। तुम डांसर हो तो तुम्हें उसे भी कभी ना कभी तो पहनना ही पड़ेगा। मेरे लिए ही सही पर तुम्हारे जन्मदिवस पर तुम्हें उसे जरूर पहनना होगा। मैं चाहता हूं कि सूरज और किरण देखें की तुम सेक्सी ड्रेस में कितनी ज्यादा सेक्सी लगती हो।”

    रीता ने गहरी सांस लेते हुए कहा, “चलो ठीक है, मैं देखूंगी। मतलब तुम चाहते हो की सूरज और किरण मुझे नंगी देखे?” रीता ने गहरी सांस लेते हुए पूछा।

    मैंने कहा, “नहीं बिल्कुल नंगी होने की बात नहीं कर रहा हूं मैं। पर छोटे सेक्सी कपड़ों में अगर वह तुम्हें देखें तो तुम्हें क्या दिक्क्त है? क्या बड़ी-बड़ी हीरोइन नहीं दिखती छोटे-छोटे ड्रेस में?”

    रीता ने मेरी और ध्यान से देखा। मैं भोली सी सूरत बना कर उसे जवाब में देखने लगा। कुछ देर रुक कर रीता बोली, “चलो ठीक है अगर किरण भी ऐसा ड्रेस पहन लेगी तो मैं भी पहन लूंगी। और हां, मैं सोच रही हूं कि सूरज को पिछली बार के बारे में कहने से कोई फायदा नहीं। वह नहीं बदलने वाला। ठीक है, वह आगे क्या करता है हम देख लेंगे।

    उसे खास बोलना की पिछली बार उसने जो कुछ किया था वह मैं भूल चुकी हूं। मेरे मुंह से कुछ कड़वे शब्द जो निकल गए थे उसके लिए मुझे माफ़ कर दे। बस यह सूरज से कहना कि उसे जो भी मस्ती करनी जितनी भी करनी है अपनी बीवी से ही करे। ओके?”

    मुझे यह समझ नहीं आया कि रीता वास्तव में चाहती थी कि सूरज उसे ना छेड़े, या वह सूरज को यह सब याद दिला कर उसे और उकसाने की कोशिश कर रही थी कि वह उसे छेड़े? मैंने हसते हुए कहा, “ठीक है मैं उसे बोल दूंगा पर तुम भी समझती हो सब। तुम्ही सम्हाल लेना उसे।”

    मैंने जब सूरज को यह सन्देश दिया तो वह सुन कर काफी खुश हुआ। सूरज ने मुझसे कहा, “राज मैं एक बात तुमसे कहना चाहता हून। मैंने देखा है कि तुम एक खुले दिमाग के आदमी हो। पिछली बार उस पार्टी में मैंने रीता के साथ कुछ ज्यादा ही छूट ली थी। हालांकि रीता थोड़ी रिजर्व्ड है और मैं जानता हूं कि वह विवाहोतर शारीरिक सम्बन्ध पसंद नहीं करती, पर फिर भी शायद तुम्हारे कहने पर उसने मेरी हरकतें बर्दाश्त की। तुमने भी मुझे इसके बारे में कोई शिकायत नहीं की।

    किरण कह रही थी कि तुम मुझे ठीक से समझते हो। देखो, मैं भी तुम्हारी तरह खुले दिल का आदमी हूं। मैं आज तुम से हमारे बारे में एक गंभीर रहस्य सांझा करना चाहता हूं।” इसके बाद सूरज ने मुझे करीब आधे घंटे तक ऐसी ऐसी बातें कहीं जिसे सुन कर मेरा सर चकरा गया। पर साथ साथ में मेरे मन में किरण और सूरज के लिए सम्मान सौ गुना बढ़ गया।

    अंत में सूरज ने कहा, “जैसा की मैंने कहा मेरे और किरण के बीच में पक्की अंडरस्टैंडिंग है। हम दोनों एक-दूसरे को बहुत अच्छी तरह जानते हैं समझते हैं। मैं चाहता हूं कि हर कपल में ऐसी समझ हो।

    ख़ास कर तुम और रीता में ऐसी समझ और एक-दूसरे के प्रति विश्वास हो यह जरुरी है। मैं हर किसी के साथ घुलता मिलता नहीं। मुझे तुम दोनों का साथ अच्छा लगता है। मैं तुम्हें और रीता को बहुत पसंद करता हूं। मैं चाहता हूं कि हम दोनों कपल्स एक-दूसरे के बहुत घने तरीके से काफी ज्यादा करीब आएं और हम चारों मिल कर अच्छे से ड्रिंक भी करें और सब तरह की मौज मस्ती करें।

    हम सब कुछ करें, किसी तरह की पाबंदी ना रखें और हम चारों एक द-सरे को एन्जॉय करें। मेरी अपील है कि आप लोग हम से जुड़ जाएं। क्या तुम मेरी बात समझ रहे हो?”

    मैं तो कभी से इस बात का इंतजार कर रहा था। मैंने सूरज से फ़ौरन कहा, “मैं बहुत अच्छी तरह से समझ रहा हूं सूरज। पिछली बार भी क्लब में मैंने रीता को समझाने की कोशिश की थी। उसे थोड़ा वक्त लगेगा, पर मैं और किरण मिल कर उसे समझा लेंगे।

    तुम भी अपनी तरफ से जो कर रहे हो वह सही है। तुम्हारा दिया हुआ तोहफा उसे बहुत पसंद आया है। वह थैंक्स कह रही थी। रीता थोड़ा प्यार थोड़ी जबरदस्ती करते करते धीरे-धीरे मान जायेगी। वह आसानी से नहीं मानेगी। तुम्हें कुछ मशक्क्त करनी पड़ेगी।

    पिछली बार की चिंता मत करो। मुझे लगता है तुम्हारी जबरदस्ती उसे पसंद है। रीता भी मानती है कि जिंदगी में अच्छे दोस्त बड़ी मुश्किल से मिलते हैं। रीता खुद कहती है कि ऐसी दोस्ती को निभाना चाहिए। पर साथ-साथ वह कह रही थी कि इस बार एक रूल को फॉलो करना है कि हम अपनी-अपनी बीवी से ही छेड़खानी करें, दूसरे की बीवी से नहीं।”

    फिर सूरज कुछ देर तक चुप रहा और फिर बोला, “मुझे समझने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया मेरे दोस्त। राज एक बात कहूं, बुरा तो नहीं मानोगे?”

    मैंने कहा, “यार सूरज, अब हम उस जगह पहुंच गए हैं जहां एक-दूसरे से कोई पर्दा नहीं रखेंगे और किसी भी चीज़ का बुरा नहीं मानेंगे। बिंदास साफ़-साफ़ बोलो, क्या कहना चाहते हो?”

    सूरज कुछ झिझकते हुए बोला, “यार अपनी बीवी से तो हम रोज ही मस्ती करते हैं। आज के दिन मैं रीता से कुछ मस्ती करना चाहता था। पर रीता ने तो पहले ही अपनी-अपनी बीवी वाली शर्त रख दी है। मैं कई बार सोचता हूं कि काश और ज्यादा नहीं तो आज की रात रीता मेरी बीवी होती। मुझे माफ़ करना यार मैं कुछ ज्यादा ही बक गया।”

    मैंने कहा, “यार ऐसा मत कहो। मैं एक बात कहूं? मैं भी कई बार सोचता हूं कि काश आज की रात के लिए किरण मेरी बीवी होती।”

    सूरज मेरी बात सुन कर जोर से हस पड़ा, फिर कुछ सोच में पड़ गया फिर धीरे से बोला, “काश ऐसा हो सकता। खैर छोडो इन बातों को। तुम रीता को कहना कि मेरी दो प्रार्थनाएं हैं। पहली यह है कि जो मैंने अभी तुम्हें फ़ोन पर बताया वह मैं तुम्हें और रीता को आमने-सामने बताना चाहता हूं।

    इसके लिए यह जरुरी है कि हम यह जो औपचारिकता का चोला पहन कर घूम रहे हैं ना, उसे निकाल फेंके और कुछ साफ़-साफ़ सीधी खुल्लम-खुल्ला बातें करें। और दूसरी बात यह है कि अगर हमें अपनी बीवी से ही प्यार करना है तो हम अपनी बीवी को एक-दूसरे के सामने एक दूसरे के देखते हुए ही खुले दिल से पूरा प्यार करेंगे। और प्यार से मेरा मतलब है हर तरह का प्यार। क्या तुम समझे मेरी बात को? फिर रीता उसके ऊपर तो पाबंदी नहीं लगाएगी ना?”

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