मेरी बहन प्रिया दी की चुदाई-7 (Meri behan Priya di ki chudai-7)

पिछला भाग पढ़े:- मेरी बहन प्रिया दी की चुदाई-6

मैं: दी अब आप क्या सोच रही हो? आप असलम के कोठे पर जाओगी या नहीं?

प्रिया दी ( मुस्कुराते हुए ): भाई मुझे तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है, असलम को हां बोलूं या ना।

मैं: कोई बात नहीं दी। आप सोच कर बताना। कोई ज़रुरी थोड़ी है। कल सुबह ही बताना है। जब आपका मन होगा तब आप उसको बता देना।

प्रिया: हां भाई सही बोले। आराम से सोच कर बताउंगी।

फिर हम दोनों खाना खाते है। फिर हाल में बैठ कर बाते करते है। रात को 12:30 बज गए होते है। मुझे नींद आने लगती है।

मैं: दी मुझे अब नींद आ रही है। मैं तो अब सोने जा रहा हूं।

प्रिया दी: हां भाई नींद तो मुझे भी आ रही है। चलो चलते है अब सोने।

मैं: बाय, गुड नाईट दी।

प्रिया दी: गुड‌ नाईट मेरे प्यारे भाई।

हम दोनों अपने अपने रूम आ जाते है। जब मैं अपने रूम में आया सोने के लिए, तभी मुझे याद आया कि असलम के साथ जो लोग आये थे, उसमे एक लड़की स्वेता ने मुझे बताया की तुम अपनी बहन असलम के पास डायरेक्ट ना बेचना। तुम अपनी बहन की नीलामी कराओ अच्छा पैसा कमाओगे। मैं तो ये बात दी को बताना भूल गया।

फिर मैं सोचा चलो अभी तो दी सोच कर बताएगी कि वो रंडी खाने जाना भी चाहती थी या नहीं।‌ जब उसका मन होगा तो मैं उसको ये स्वेता वाली बात जरूर बताऊंगा।

फिर मैं भी सो गया।

सुबह मेरी नींद 8:30 पर खुली। मैं रूम से बाहर आया और देखा प्रिया दी उठ गयी थी, और ब्रश कर रही थी।

मैं: क्या बात है दी, आज आप तो पहले उठ गयी। कही जाना है क्या आपको?

प्रिया दी: हां भाई।

मैं: कहां दी? आज कहां घूमने जा रही हो?

प्रिया दी: अरे भाई कही दूर नहीं, बस आज फ्रेंड लोगों के साथ यही घूमने की प्लानिंग हुई है। शाम तक आ‌ जाऊंगी।

मैं: अच्छा दी शाम को आ जाओगी या किसी के साथ…

प्रिया दी: तू भी ना भाई! नहीं, कही नहीं जाऊंगी। शाम को घर ही आऊंगी।

मैं: ओके दी कोई बात नहीं।

प्रिया दी: अच्छा सुनो भाई, खाना खा लेना टाइम पर, ठीक है?

मैं: ठीक है दी।

आप जाओ एन्जॉय करो‌।

फिर मैं रूम में आया और फ्रेश हुआ। तभी दी की आवाज आयी-

प्रिया दी: भाई मैं जा रही हूं। तुम गेट बंद कर लो।

मैं: हां दी आता हूं।

मैं गया गेट बंद करने। देखा प्रिया दी वाइट कलर की वन पीस ड्रेस पहनी हुई थी। मॉल की देवी लग रही थी। मस्त बड़ी-बड़ी चूचियों की क्लीवेज निकली हुई थी, मस्त मटकती हुई गांड। मैं तो दी को देखता रह गया।

प्रिया दी: क्या हुआ भाई, ऐसा क्या देख रहे हो?

मैं: मैं तो यही सोच रहा हूं आज तो मेरी बहन पक्का शाम को घर पर नहीं आएगी। पता नहीं कौन आज मेरी बहन को अपने बिस्तर पर ले जायेगा।

प्रिया दी (हसने लगी): भाई तुम भी ना!

मैं: सच में दी, बहुत मस्त मॉल लग रही हो।

प्रिया दी: देखते है भाई मैं घर आती हूं या शाम को किसी बिस्तर पर।

मैं: बिलकुल दी।

तभी प्रिया दी का मोबाइल का रिंग बजता है।

प्रिया दी: भाई अब मैं निकलती हूं मेरी फ्रेंड्स का कॉल रहा है। वो सब बाहर आ गयी है।

मैं: बिलकुल दी, जाओ आप।

मैंने गेट खोला। दी की फ्रेंड्स बाहर गाड़ी से पहुंच गयी थी। दी भी जल्दी से उनकी गाड़ी में बैठ कर निकल गयी। मैं दी के बाथरूम में गया। वहां दी की पैंटी को सूंघ कर उसको चाटने लगा। मुंह में डाल कर चूस ली। चूत का रस उस पर लगा हुआ था। मुंह में डालने से वो रस मुंह में आने लगा। बहुत स्वादिष्ट लगा मुझे।

10 मिनट तक दी की पैंटी को मुंह में डाल कर चूसा। फिर मैं दी के पैंटी को वही रख कर नहाने चला गया। नहाने के बाद मैंने नाश्ता किया। फिर टीवी देखने लगा। घर में अकेला था, तो मुझे भी बोरिंग हो रहा था।

तभी मुझे याद आया कि स्वेता जो असलम के साथ आयी थी, वो मुझे 10 कोठे के मालिकों का नम्बर दी थी। और वो बताई थी कि तुम इन लोगों से बात करके अपनी बहन की नीलामी कराना।

मैं सोचा घर पर बैठा बोर हो रहा हूं, आज यही काम कर लेता हूं। लेकिन मुझे इन सभी के बारे में कोई आईडिया नहीं था। मैं सोचा क्यूं ना स्वेता से हेल्प लेलूं। वो तो इन लोगों का जानती भी थी, और कोठे पर धंधा भी करती थी।

मैं स्वेता को कॉल किया। लेकिन स्वेता फोन रिसीव नहीं करती है। फिर मैं दो तीन-बार और किया, लेकिन स्वेता फोन रिसीव नहीं करती है। 20 मिनट बाद स्वेता का फोन आता है

स्वेता: हैलो कौन?

मैं: रोहन बोल रहा हूं।

स्वेता: कौन रोहन?

मैं: आप कल असलम के साथ आयी थी मेरे घर पर मेरी बहन को खरीदने के लिए।

स्वेता: अच्छा हां रोहन, बोलो क्या बात है? कोई जरुरी काम है?

मैं: नहीं जरुरी तो नहीं है क्यूं तुम बिजी हो?

स्वेता: हां रोहन अभी मैं कस्टमर लोगों के साथ हूं। मैं तुम्हे 1 घंटे बाद कॉल करती हूं।

मैं: ठीक है स्वेता।

मैं मोबइल में गेम खेलने लगता हूं।

1:30 घंटे बाद स्वेता का कॉल आता है।

स्वेता: हां बोलो रोहन क्या बात है?

मैं: स्वेता तुम जिन कोठे मालिकों का नंबर दी हो मेरी बहन की नीलामी कराने के लिए, मैं उनसे कैसे बात करूं? तुम मेरी मदद कर दो।

स्वेता: इसमें मदद क्या करनी है? तुम बात कर लो उनसे।

मैं: वो बात नहीं है। मुझे इसके बारे में कोई आईडिया नहीं है स्वेता,‌ कि‌ क्या बात करनी है। कैसे करनी है। तुम मेरे साथ चलोगी प्लीज स्वेता प्लीज?

मेरी बार-बार रिक्वेस्ट से स्वेता मान जाती है।

स्वेता: ठीक है रोहन। तुम आओ यही पर। मैं रेडी होकर तुम्हारे साथ चलती हूं।

मैं भी तुरंत वहां से निकल गया। असलम के कोठे के सामने वाली मार्केट में पहुंचा। 5 मिनट बाद स्वेता जीन्स टी-शर्ट पहन कर आयी। टी-शर्ट में से उसकी टाइट-टाइट चूचियां। जीन्स के बाहर निकली हुई गांड। एक नम्बर की सस्ती रंडी लग रही थी।

मैं: हेय स्वेता।

स्वेता: हेय रोहन कैसे हो?

मैं: मस्त हूं, तुम बताओ कैसी हो स्वेता?

स्वेता: मैं भी अच्छी हूं।

मैं: मस्त मॉल लग रही हो यॉर तुम तो। क्या मस्त फिगर है। तुम्हारी बुकिंग तो बहुत होती होगी स्वेता?

स्वेता: थैंक्स रोहन। हां मेरी बुकिंग तो होती है। लेकिन तुम्हारी बहन तो मुझसे भी मस्त मॉल है। मैं उसके सामने कुछ नहीं हूं।

तुम्हारी बहन प्रिया अगर कोठे पर आ गयी, तो उसके लिए कस्टमर लोग लाइन लगा लेंगे।

मैं: वो तो है स्वेता।

फिर हम दोनों साथ में हसने लगे।

मैं: अच्छा अब चले स्वेता?

स्वेता: बिलकुल।

मैं स्वेता को लेकर निकल गया रंडी खाने के मालिकों के पास अपनी बहन की नीलामी का न्योता देने। स्वेता मुझे रास्ता बता रही थी। पहले तो कुछ दूर जाने के बाद पहला रंडीखाना आया।

स्वेता: रुको रोहन, यहीं पर ये मीरा दी का कोठा है। आओ यहां पर भी बात कर लेते है।

मैं गाड़ी को साइड लगाया। फिर हम दोनों अंदर जाने लगे। एक लड़का खड़ा था।

स्वेता उससे पूछी: मीरा दी कहां है?

लड़का: तुम कौन हो? उनसे क्या काम है?

स्वेता: तुम बस मीरा दी से मेरा नाम बता दो। वो खुद ही बुलाएंगी।

लड़का: ठीक है, तुम दोनों यहीं रुको, मैं अभी बात करके आता हूं।

लड़का चला जाता है और कुछ देर बाद आता है।

लड़का: स्वेता जी आप लोग जाओ। दी बुला रही है।

इसके आगे क्या होता है, ये आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। अपनी फीडबैक के लिए [email protected] पर मेल करें।

धन्यवाद

अगला भाग पढ़े:- मेरी बहन प्रिया दी की चुदाई-8