दोस्त के साथ मिल कर होली पर बहन को चोदा-2 (Dost ke sath mil kar holi par behan ko choda-2)

पिछला भाग पढ़े:- दोस्त के साथ मिल कर होली पर बहन को चोदा-1

हमारा खेत घर से कुछ 1 km दूर था, तो हम जैसे ही बाईक से निकले, तभी मुझे मां ने बोला-

मां: बेटा स्टेशन चला जा, तेरी बुआ आ रही हैं। कल मुझे और तेरी बुआ को कुछ काम से तेरे पापा के पास जाना है। तेरे पापा ने शहर में बुलाया है।

तो मुझे ना चाहते हुए भी बोलना पड़ा: विनय तू सपना के साथ चला जा भाई खेत घूम आ, मुझे स्टेशन जाना पड़ेगा।

और यहीं पर विनय को मौका मिल गया। मेरे जाने के बाद वहां क्या हुआ था, ये बात मुझे सपना ने मेरे स्टेशन से लौट कर आने के बाद बताई कि कैसे विनय ने सपना के साथ चुदाई करने का प्रयास किया। और मैं सपना के बताने के बाद ये कहानी लिख रहा हूं।

मैं जब बुआ को लेने जा रहा था, और आधे रास्ते में पहुंचा था, तो बुआ का फोन आया कि मैं टैक्सी लेली हूं, तुम मत आना। और वहां से जब मैं लौट कर आया तो विनय और सपना घर नहीं पहुंचे थे। तो मैं खेत की तरफ गया। जब खेत की पगडंडी पर पहुंचा,‌ वहां पर खेत के अन्दर जाने का रास्ता बन गया था।

क्योंकि सरसो के पेड़ बहुत नाजुक होते है। वो जल्दी टूट जाते है। और चूंकि विनय सपना को खेत में लेकर गया था, तो मैं जब खेत में अन्दर थोड़ा ही गया तो मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी जो कि एक लड़का और लड़की की थी और लड़की के आहें भरने की हल्की-हल्की आवाज़ आ रही थी।

पर जब मैं खेत में उनसे 10 मीटर की दूरी पर रहा हूंगा, तो मुझे पता चला ये कोई और नहीं सपना और विनय की आवाज़ थी। मैंने जो देखा वो मैं आपको कैसे बताऊं, सपना के सारे कपड़े विनय ने निकाल दिये थे। सपना एक-दम नंगी थी, और विनय अंडरवियर में था। वो अपना लंड सपना के मुंह में डाल कर सपना को चुसवा रहा था। सपना भी विनय के लंड को चूस रही थी।

अगर मैं तुरन्त ना जाता, तो फिर कुछ मिनट में ही विनय सपना की बुर में अपना लंड पेल देता। क्योंकि मैंने देखा विनय ने तुरन्त सपना को कुतिया बनाया, और अपने लंड को थोड़ा सहला कर उस पर थोड़ा सा थूक गिरा कर उसे मसलने लगा। फिर कुछ थूक सपना की बुर में लगाने लगा और लंड को बुर की फांकों में सेट करके धक्का मारने ही वाला था।

पर ये चीज मुझसे देखी नहीं गयी, और मैं तुरन्त उनके पास पहुंच गया, और तुरन्त विनय को पकड़ कर जोर का धक्का मारा। विनय दूसरी तरफ गिरा। सपना मुझे देख कर मेरे पास दौड़ कर आई और मुझसे लिपट गई और फिर बताई कि क्या हुआ।

सपना ने बताया: तुम्हारे जाने के बाद जब मैं विनय को खेत दिखा रही थी तो विनय मेरे बदन को देख रहा था, और अपने लंड पर हाथ फेर रहा था। फिर अचानक से उसने मेरे बारे में पूछा कि क्या करती हो तो मैं बताई कि ग्रेजुएशन कर रही हूं।

सपना: फिर विनय ने पूंछा कि कोई बॉयफ्रेंड है तो मैं बोली कि नहीं कोई नहीं। तो विनय बोला,‌  “ऐसी खूबसूरत अप्सरा जैसी लड़की का को बॉयफ्रेंड ना हो, ऐसा हो ही नहीं सकता।” तो मैं अपनी तारीफ सुन कर बोली अच्छा जी मैं सुन्दर लगती हूं? झूठ भी बहुत अच्छा बोल लेते हो आप। तो विनय बोला, “सच में आप खूबसूरत लगती हो।”

सपना: फिर मैंने विनय से पूंछा कि आपकी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? तो विनय ने झूठ बोला कि नहीं है (क्योंकि लड़कियां उन लड़को को चाहती हैं जिनकी गर्लफ्रेन्ड ना हो) विनय के मुंह से वो सुन कर मैं भी वहीं डायलाग बोली, ऐसा हो ही नहीं सकता ऐसे गबरू जवान की कोई गर्लफ्रेन्ड ना हो। तो विनय ने मौके का फायदा उठाते हुए बोला, “आपके जैसी कोई मिली ही नहीं, तो मैंने बनाई ही नहीं। क्योंकि जब तक गर्लफ्रेन्ड मस्त ना, हो तब तक मजा नहीं आता।”

सपना: ऐसा सुन कर मैं बोली क्या, मुझमें ऐसा क्या है जो और किसी में नहीं देखा तुमने? तो विनय बोला कि, “आप में जो है वो आपको खुद नहीं पता। आप एक बार मेरे साथ रहो तो बताऊं कि आप में क्या है।” और विनय ने तुरन्त मेरा हाथ खेत की पगडंडी पर ही पकड़ लिया और बगल में खेत में लहलहाते सरसों का एक फूल तोड़ कर मुझे प्रपोज कर दिया और बोला कि, “क्या मेरी महबूबा बनोगी?”

सपना: मैं कुछ बोल नहीं पाई और कुछ देर सोची। तो विनय ने बोला, “आपके भैया को नहीं पता चलेगा, उसकी चिन्ता मत करो। प्लीज हां बोल दो ना, प्लीज प्लीज।” और ऐसा करके विनय ने मुझे हां बोलने पर मजबूर कर दिया। फिर जैसे ही मैंने हां बोली कि बाद में सोचेंगे तो, विनय ने काम बिगड़ता देख तुरन्त मेरा हाथ पकड़ लिया और खींच कर सरसों के खेत में लेकर चला गया, और तुरन्त मुझे कस कर पकड़ लिया और गले से लगा लिया।

तो मैं बोली: ये क्या कर रहे हो आप? तो विनय बोला, “वहीं जो गर्लफ्रेन्ड और बॉयफ्रेंड करते हैं।” फिर बिना देर किए‌ उसने मेरे होंठ पर अपना होंठ रख दिये। मैं  मना कर रही थी कि ऐसा मत करो, अभी ये ठीक नहीं। पर विनय कहां मानने वाला था। उसे तो मौका दिखा और उसका भरपूर फायदा उठा रहा था।

और अब वो देर ना करते हुए सपना को कस कर जकड़ लिया और पीछे हाथ ले जाकर सपना की पतली कमर पर हाथ फेरने लगा, और कमर पर सहलाने लगा।

सपना ने एक थप्पड़ विनय के गाल पर जड़ दिया और भागने लगी, तो विनय ने सपना को पीछे से पकड़ने का प्रयास किया। तो सपना तुरन्त पेट के बल नीचे गिर गई, और तुरन्त मौके का फायदा उठा कर विनय उसके ऊपर चढ़ गया और जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया।

इसके आगे क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले भाग में पता चलेगा। अगर आपको यह तक की कहानी पढ़ कर मजा आया हो, तो इसको लाइक जरूर करें। अपनी फीडबैक देने के लिए मुझे मेल करे।

अगला भाग पढ़े:- दोस्त के साथ मिल कर होली पर बहन को चोदा-3

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