चूत और लंड के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम। मैं रोहित एक बार फिर से आप सबके बीच में एक नई कहानी लेकर हाज़िर हूं। मैं 20 साल का नौजवान लौंडा हूं। मेरा लंड 6 इंच लंबा है, जो किसी भी चूत में खलबली मचाने की ताकत रखता है। मेरे मोटे तगड़े लंड के नीचे आने वाली चूत बुरी तरह से रगड़ जाती है।
मेरे लंड को अक्सर फूली हुई चूत यानि कि शादीशुदा औरतें बहुत ज्यादा पसंद है। अक्सर ऐसी औरतों को चोदने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आता है। ऐसी औरतों को मेरा लंड बहुत ज्यादा बजाता है।
मैं मेरे मोहल्ले में रहने वाली मनीषा चाची को चोद चूका था। जिसके बारे में मैंने दूसरी कहानी में बताया था। अब एक दिन मैं चाची को चोदने के लिए उनके घर गया। लेकिन उनके घर पर ताला लगा हुआ था। अब मैं वापस आने लगा। तभी मनीषा चाची के पड़ोस में रहने वाली सोनिया भाभी ने मुझे बुला लिया।
“अरे रोहित कहाँ जा रहा है? इधर आजा।”
तभी मैं भाभी के घर चला गया। भाभी उनकी सहेली यानि नीलम चाची के साथ बलाऊज़ सिल रही थी। अब मैं भी जाकर उनके साथ चारपाई पर बैठ गया। नीलम चाची और भाभी दोनों आमने-सामने में बैठी हुई थी।
“तू जिसे ढूंढने आया है, वो तो आज उसके मायके गई है।”
“तभी घर पर ताला लगा हुआ है।”
“हां, और सब बढ़िया चल रहा है ना?”
“हां भाभी, सब एक-दम मस्त। और आपके हाल-चाल बताओ।”
“मेरे भी अच्छे हाल-चाल हैं। और तू सुना?”
“आज का मजा खराब हो गया भाभी।”
तभी भाभी मुस्कुराने लगी “अच्छा?”
“हां भाभी।”
भाभी मशीन चलाती हुई सिलाई कर रही थी। तभी मेरी नज़र भाभी के चूचों पर पड़ी। उनके चूचे बलाऊज में से झलक रहे थे। तभी मेरा लंड भाभी के चूचों को देख कर तन गया। अब भाभी मुझे छेड़ने लगी। सोनिया भाभी मेरे और मनीषा चाची के बारे में सब जानती थी।
“तो फिर आज कैसे काम चलेगा? चाची जी तो यहाँ है नहीं।”
“हाँ यार भाभी। बहुत मुश्किल है। कैसे मेरी आग ठंडी करूँ? कोई मिल भी नहीं रही है।”
“कोई बात नहीं है। दो चार दिन का इंतज़ार कर ले। आ जायेगी वो।”
“आ तो जायेगी लेकिन फिलहाल तो मुझे चाहिए ना। अब कहाँ से लाऊ?”
“अब यार इसका तो मैं क्या बताऊँ?”
तभी मैंने सोचा क्यों नहीं भाभी पर ही तीर छोड़ा जाये। क्या पता ये पट जाये और मेरे लंड का काम बन जाये?
“भाभी एक काम करो ना। आज आप ही मेरा काम चला दो।”
“मतलब, मैं समझी नहीं?”
“अब आप इतनी सीधी बनने की भी कोशिश मत करो। सब समझ रही हो आप।”
“अच्छा, तो तू वो कहने की कोशिश कर रहा है?”
“हाँ भाभी।”
“नहीं यार, मैं तेरा काम नहीं चला सकती। ये चाची जी अगर तेरा काम चला सकती है तो इनसे पूंछ ले।”
तभी नीलम चाची की गांड फटने लगी।
“नहीं-नहीं, मैं नहीं चला सकती काम। मैंने ऐसे काम कभी किये भी नहीं है।”
अब मैंने नीलम चाची को ताड़ कर देखा तो वो भी एक नंबर की बिंदास माल थी। अब मैंने सोचा सोनिया भाभी ना ही सही आज नीलम चाची को ही पेल लेता हूं। वैसे भी नीलम चाची पुरानी अनुभवी खिलाड़ी है। खूब मज़ा देगी ये।
नीलम चाची लगभग 38 साल की मस्त बिंदास औरत है। वो गोरे चिकने जिस्म की मालकिन है। वो पके हुए अमरुद की तरह एक-दम से गदराई हुई सी है। उनकी गोरी चिकनी पीठ मेरे लंड में आग लगने लगी थी।
अब मैंने चाची के बोबों पर नजर ड़ाली तो इधर भी शानदार मामला था। चाची के बोबे लगभग 32 साइज के है। वो अपने बोबों को अच्छी तरह से ढक कर बैठी थी। उनके बोबों की कसावट बलाऊज में से अच्छी तरह से झलक रही थी। अब मैं चाची के बोबे चूसने के लिए तड़पने लगा।
चाची का गौरा चिकना पेट बहुत ही सेक्सी है। पेट के नीचे चाची की चिकनी कमर लगभग 32″ साइज की है। कमर के नीचे चाची की सेक्सी गांड लगभग 34″ साइज की है। चाची की गांड भी उनके बोबों की तरह बहुत ज्यादा कसी हुई है। अब चाची की गांड के उभार को देख कर मैं लंड मसलने लगा।
तभी सोनिया भाभी चाची को समझाने लगी। “अरे चाची जी, बेचारे रोहित का काम चला दो ना। सिर्फ आज की ही तो बात है। वैसे भी आपको एक दम फ्रेश लंड देगा ये।”
तभी चाची शर्म से पानी-पानी होने लगी।
“ये कैसी बाते कर रही हैं तू? कुछ लाज शर्म तो कर।”
“अब इसमें लाज शर्म करने वाली क्या बात है चाची जी। मैं तो आपको सीधा-सीधा समझा रही हूं।”
“लेकिन यार फिर भी”
“अरे चाची जी ले लो। मैं कह रही हूं मज़ा आ जायेगा आपको।”
“तू मुझसे कह रही है तो तू ही क्यों नहीं ले लेती?”
“मैं तो ले लू लेकिन फिर ये आपका बलाऊज रह जायेगा और आपको कल शादी में जाना है।”
“हां ये तो तू सही कह रही है लेकिन सोनिया मैं नहीं ले सकती यार। मैंने ऐसे काम कभी किये ही नहीं है।”
“अरे चाची जी, किसी भी काम की हम पहली बार तो शुरुआत करते ही है ना। तो आप आज शुरुआत करके देख ही लो। क्या पता आपको मज़ा आ जाये।”
“नहीं-नहीं यार। मरवायेगी क्या तू मुझे? किसी को पता चल गया तो बड़ी बदनामी होगी।”
“अरे यहाँ किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। आप चिंता मत करो।”
“नहीं यार सोनिया। मैं नहीं करुँगी ऐसा काम।”
भाभी चाची जी को पटाने की बहुत कोशिश कर रही थी, लेकिन चाची जी पट नहीं रही थी। इधर मेरा लंड अब चाची को ताड़ रहा था। उनकी नज़रें मेरे लंड के तम्बू से टकरा चुकी थी। चाची मुस्कुरा रही थी। तभी मैंने चाची से कहा-
“चाची चलो ना अंदर। मस्त कर दूंगा आपको। वैसे भी आपको चुदाने की सख्त ज़रूरत है।”
“नहीं यार रोहित, तू सोनिया को ही ले जा।”
“अरे चाची, आप मेरी बात तो मानो। आप खुश हो जाओगी।”
“नहीं यार, मैं तो ऐसे ही खुश हूं।”
“अरे यार भाभी, ये तो नहीं मान रही हैं। भाभी आप ही मेरा काम चला दो ना। आज मनीषा चाची यहाँ होती तो मुझे आपसे नहीं कहना पड़ता।”
“यार मैं चाची जी का ज़रूरी काम कर रही हूं। मुझे तो बिल्कुल भी टाइम नहीं है।”
“थोड़ा सा टाइम निकाल लो ना।”
“नहीं है यार मेरे पास टाइम।”
अब भाभी भी अपनी चूत देने के लिए तैयार नहीं हो रही थी। मेरा लंड चूत के लिए तिलमिला रहा था। तभी भाभी फिर से चाची जी से कहने लगी।
“जाओ-जाओ चाची जी। बेचारे लड़के का काम चला दो। मैं आपका काम कर ही रही हूं।”
“नहीं, यार। मैं नहीं करना चाहती।”
“अरे आप एक बार करो तो सही चाची जी। कसम से रोहित आपको खूब मज़ा देगा। बढ़िया सर्विस करेगा आपकी।”
तभी चाची चुप हो गई। वो अब कोई जवाब नहीं दे रही थी। तभी भाभी ने फिर से कहा।
“ज्यादा मत सोचों चाची जी। अंदर चल जाओ।”
तभी चाची जी मुस्कुराने लगी “यार सोनिया तू मुझे मारवाओगी।”
“अरे कुछ नहीं होगा। आप चिंता मत करो।”
तभी मैंने चाची का हाथ पकड़ लिया और उन्हें खड़ी करने लगा।
“नहीं यार मैं नहीं”
“अरे चाची जी अब ज्यादा शरमाओ मत।”
तभी चाची खड़ी हो गई।अब वो चूत देने के लिए तैयार थी। अब मैंने चाची की गांड पर हाथ फेर दिया।
“बहुत मस्त गांड है चाची। आज तो मज़ा आ जायेगा।”
“अब चल अंदर ज्यादा इतरा मत। ये तो मैं सोनिया की वजह से तेरा काम चला रही हूं।”
तभी चाची मुस्कुराती हुई मेरे साथ कमरे में चलने लगी। अब कमरे में आते ही मैंने चाची को लपक लिया, और चाची के बोबों को मसलते हुए उनके होंठो को चूसने लगा।
आह चाची के मस्त टाइट बोबे दबाने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं चाची के बोबों को कस कर दबा रहा था। चाची कसमसा रही थी। मैं चाची के रसीले होंठों को बुरी तरह से चूस रहा था।
अब मैंने चाची की साड़ी का पल्लू खींच ड़ाला और उनके बोबों को बुरी तरह से निचोड़ने लगा।इधर मैं चाची के होंठों की लिपस्टिक को चूस रहा था। चाची धीरे-धीरे गर्म हो रही थी।
अब मैं चाची के होंठों को रगड़ते हुए उनकी गांड मसलने लगा।
आह्ह बहुत ही मस्त गांड थी चाची की।आहा आज तो मेरे लंड को शानदार गांड मिलने वाली थी। मैं चाची के मस्त सेक्सी चूतड़ों को अच्छी तरह से सहला रहा था।
इधर मेरा लंड चाची की चूत नापने के लिए बुरी तरह से झल्ला रहा था। वो चाची की गांड फाड़ने के लिए उतावला हो रहा था। तभी मैंने चाची को उठा कर पलंग पर पटक दिया।
अब मैं झट से चाची के ऊपर चढ़ गया, और फिर से उनके होंठो की चुसाई करने लगा। अब कमरे में पुच्च पुच्च ऑउच्च की आवाज़े ज़ोर-ज़ोर से गूंज रही थी। फिर चाची कहां तक खुद को कंट्रोल करती? वो भी मेरे होठों को बुरी तरह से चूसने लगी।
“आउच्च पुच्छ आउच आउच।”
अब मेरा लंड चाची की चूत नापने के लिए उतावला हो रहा था। तभी मैं सीधा चाची की टांगो में आया, और उनके पेटिकोट साड़ी को ऊपर सरका कर चाची की चड्डी खोलने लगा। तभी चाची ने शर्म के मारे आँखे बंद कर ली।
“ओह सिसस्ससस्स।”
मैंने झट से चाची की चड्डी खोल फेंकी। उनकी चड्डी से शानदार महक आ रही थी। अब मैंने चाची के मुंह पर चड्डी फेंक दी।
“लो चाची, अब इसे आपकी गांड में रख लो।”
अब मैंने मेरा पाजामा खोल फेंका और मेरा लंड दहाड़ मारता हुआ बाहर आ गया। अब मैं चाची की टांगो को फैला कर उनकी चूत में लंड सेट करने लगा। चाची अभी भी सही तरीके से टाँगे नहीं खोल रही थी।
“चाची अब सही से लंड तो सेट करने दो।”
तब जाकर चाची ने सही तरीके से टाँगे खोली। चाची की चूत घनी काली झांटो से ढकी हुई थी।
“चाची, फसल तो टाइम से काट लिया करो।”
लेकिन चाची ने कुछ नहीं कहा। तभी मैंने ज़ोर से झटका दिया और मेरा लंड एक ही झटके में चाची की चूत की गहराई में उतर गया। चूत में लंड की खनक होते ही चाची बहुत बुरी तरह से झल्ला गई और वो ज़ोर से चीख़ पड़ी।
“आईईईई मम्मी। मर्रर्रर्रर्र गईईई। आईईईई।'”
तभी मैंने लंड बाहर निकाला और फिर से चाची की चूत में लंड ठोक दिया। दर्द के मारे चाची की फिर से गांड फट गई। वो फिर से चिल्ला पड़ी। अब मैं चाची की ताबड़-तोड़ ठुकाई करने लगा। मेरा लंड चाची की चूत में सका-सक घुस रहा था। चाची दर्द से तड़प रही थी। उनके मुंह से सिस्कारिया फूट रही थी।
“आहहह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह आईएईई अआईईई ओह आह्ह आह्ह ओह धीरेरे आह्ह धीरेरेरे।”
“ओह चाची बहुत मस्त हो आप। आह्ह मज़ा आ गया आज तो मेरे लंड को। जम कर चोदने दो, आह्ह”
“बहुत दर्द हो रहा है यार। आईईईईई मम्मी। बहुत मोटा लंड है तेरा। आह्ह मर्रर्रर्र गाईईई।”
“बससस्स दर्द तो थोड़ी देर होगा चाची। फिर बहुत मज़ा आएगा।”
मैं चाची की चूत में जम कर लंड पेल रहा था। मुझे चाची की चूत में लंड पेलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची एक-दम रापचिक माल थी। मेरा मोटा तगड़ा लंड चाची की हालात खराब कर रहा था। मैं चाची की टाँगे उठा कर उन्हें चोदे जा रहा था।
“अआह आहाहा आहाहा सिससस्स ओह उँह ओह सिससस्स।”
“ओह चाची, आहा बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह।”
मैं गांड हिला-हिला कर चाची की चूत में जम कर लंड ठोक रहा था। मेरे लंड को चाची की चूत में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। तभी कुछ देर बाद चाची की चूत में उबाल आ गया और उनकी चूत से गरमा गरम पानी बाहर निकलने लगा।
“आह्ह आहा सिससस्स ओह मम्मी सिससस्स आह्ह।”
“पहले क्यों नहीं पटी आप? अब तक तो मेरा लंड आपको बहुत मज़ा दे चुका होता।”
“ओह आहा सिसस्ससस्स आईईईईई आह्ह। फाड़ दी तूने तो मेरी चूत।”
“फटने दो चाची। वैसे भी आपकी चूत पहले कभी नहीं फटी होगी?”
तभी चाची ने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया।
अब मैंने चाची की टांगो को छोड़ा और उन्हें कस कर चिपका लिया। अब मैं चाची को चिपका कर उनकी चूत में लंड पेल रहा था। अब चाची की टाँगे हवा में लहरा रही थी। अब चाची मस्ती में चुद रही थी।
“आह्ह आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह ओह सिसस्स उन्ह अआईईई बहुत मज़ा आ रहा है। सालो बाद मेरी इतनी ज़ोरदार ठुकाई हो रही है।”
“हां चाची, आज तो आपके जिस्म की पूरी प्यास बुझा दूंगा।”
“आह्ह आहाहा ओह रोहित आईईईई ओह बससस्स ऐसे ही चोद मुझे। आहाहा, मैं तो तेरे लंड की दिवानी हो गई। आह्ह।”
“हां चाची।”
मैं झमा-झम चाची को बजा रहा था। चाची बहुत बुरी तरह से चुद रही थी। तभी चाची एक बार फिर से पानी-पानी हो गई। फिर मैंने बहुत देर तक चाची को बजाया।
मैं चाची को बहुत बुरी तरह से बजा चुका था। थोड़ी देर में ही मैं चाची का बहुत सारा पानी निकाल चुका था। चाची का बलाऊज पसीने में बुरी तरह से भीग चूका था।
अब मैं चाची के बलाऊज को खोलने लगा तभी चाची मुझे रोकने लगी।
“यार इसे तो मत खोल ना।”
“चाची अगर बलाऊज नहीं खोलूंगा तो फिर आपके चूचे कैसे चुसूंगा।”
“अरे यार, मत चूस ना।”
अब मैंने झट से चाची का बलाऊज खोल उनकी ब्रा को ऊपर सरका दिया। तभी चाची के टाईट चूचे उछल कर बाहर आ गए। चाची के बोबों को देखते ही मेरे मुँह में पानी आ गया।
अब मैं चाची के बोबों को बुरी तरह से मुट्ठियों में भींचने लगा।
“हाय! क्या मस्त चूचे है। आहा! मज़ा आ गया चाची। बहुत टाइट है।”
मैं ज़ोर-ज़ोर से चाची के बोबों को मसल रहा था। इधर दर्द के मारे चाची बुरी तरह से झल्ला रही थी। मैं उनके बोबों को कस कर निचोड़ रहा था।
“ओह आहा सिससस्स आह्ह आईएईई मम्मी, आईएईई सिअस्सस्स्स।”
“ओह चाची बहुत ज्यादा मस्त चूचे है। आह्ह।”
“ओह रोहित यार बहुत दर्द हो रहा है। प्लीज धीरे-धीरे मसल।”
“ओह चाची, ज़ोर-ज़ोर से ही मसलने दो ना। बहुत मज़ा आ रहा है।”
तभी चाची की बोलती बंद हो गई। मैं उनके चूचों की लंका लूट रहा था। चाची दर्द के मारे पलंग पर झटके खा रही थी। फिर मैंने चाची के बोबों को मसल कर उनके बोबों को लाल कर डाला।
अब मैंने चाची के बोबों को मुँह में भर लिया और उनके पागलों की तरह चूसने लगा। चाची के बोबे चूसने में मुझे अलग ही मज़ा आ रहा था।
“उन्ह सिससस्स ओह चाची। बहुत रसदार है आपके बोबे, उन्ह।”
मैं सबड़-सबड़ कर चाची के बोबों का रस पी रहा था। आज तो मुझे थोड़ी सी कोशिश में ही शानदार माल मिल चुकी थी। मैं इस मौके का पूरा फायदा उठा रहा था।
चाची मेरे बालों को सहला रही थी। वो उनके बगीचे को मुझे लुटा रही थी। मैं जम कर उनके बगीचे के आम चूस रहा था।
“ओह चाची, आह्ह ऊँह बहुत मज़ा आ रहा है।”
फिर मैंने चाची के बहुत देर तक बोबे चूसे। उनके टाईट बोबे बुरी तरह से गीले हो चुके थे। अब मैं फिर से चाची की टांगो में आ गया और अब मैंने चाची के पेटिकोट का नाड़ा खोल दिया, और फिर मैं चाची को नंगी करने लगा।
“रोहित यार ऐसे ही कर लेना। सब कुछ खोलने की क्या ज़रूरत है।”
“चाची, मज़ा तो सब कुछ खोलने में ही आता है।”
“अरे यार, आज सोनिया मेरी सारी इज़्ज़त तार-तार करवा कर मानेगी।”
तभी मैंने एक साथ चाची के पेटिकोट और साड़ी को खोल फेंका। अब चाची शर्म से पानी-पानी होने लगी। वो नीचे से पूरी नंगी हो चुकी थी।
अब मैंने चाची की टांगो को मेरे कन्धों पर रखा और फिर से चाची की चूत में लंड ठोक कर चाची को बजाने लगा। चाची फिर से मेरे लंड के तूफान में उड़ने लगी।
“आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह मम्मी। आईईईई मर्रर्रर्र गईईई सिससस्स।”
“ओह चाची बहुत अच्छा लग रहा है। आह्ह। बहुत शानदार माल हो आप।”
“आहा आह्ह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स, उन्ह।”
मैं झमा-झम चाची को चोद रहा था।अब मेरे लंड के झटकों से चाची के बोबे बुरी तरह से हिल रहे थे। मैं चाची की चूत में ज़ोर-ज़ोर से झटके मार रहा था। तभी चाची का फिर से पानी निकल गया।
“आहा सिससस्स आह्ह उन्ह सिससस्स आह्ह ओह सिसस्ससस्स।”
मैं चाची की ताबड़-तोड़ ठुकाई कर रहा था। चाची भी अब सारी शर्म को छोड़ कर चूत में खूब लंड ठुकवा रही थी। अब मैंने चाची को फोल्ड कर दिया। अब मैं पलंग पर खड़ा होकर चाची की चूत में लंड पेलने लगा।
“आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह आह्ह मरर्रर्र गईईईई, धीरे-धीरे आह्ह ओह सिससस्स।”
अब मैं कहां चाची की सुनने वाला था। मैं तो ज़ोर-ज़ोर से चाची की चूत का कचूमर बना रहा था। मेरा लंड एक-दम सीधा चाची की चूत की बखियां उधेड़ रहा था। अब चाची को फोल्ड करके बजाने में मुझे अलग ही मज़ा आने लगा।
“अआह आह्ह आह्ह सिससस्स उन्ह आहहह आह्ह आईईईई। ओह सिससस्स।”
“मज़ा आ रहा है ना चाची?”
“हां रोहित, आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह।”
आज मैं चाची की चूत में लगे जंग को अच्छी तरह से साफ करना चाहता था। मेरा लंड इसी काम में लगा हुआ था। तभी चाची की चूत फिर से पानी से लबालब हो गया।
मैं गांड हिला-हिला कर चाची के भोसड़े के लंड ठोक रहा था। चाची को पहली बार ठोकने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“अआईईई सिससस्स आहाहा आहः सिससस्स आह आह्ह। ओह रोहित बहुत शैतान है तू।”
“शैतान बनना पड़ता है चाची।”
फिर मैंने चाची को बहुत देर तक फोल्ड करकर ठोका। धमा-धम चुदाई से चाची बहुत ज्यादा थक चुकी थी। फिर थोड़ी देर बाद चाची का भोसड़ा फिर से पानी-पानी हो गया। अब तो चाची बहुत बुरी तरह से नसते-नाबूत हो चुकी थी।
“ओह आह्ह सिससस्स अब बससस्स कर मेरी कमर दर्द करने लग गई।”
“अभी तो चोदने दो चाची।”
“ओह आह्ह सिससस्स आहा ओह आह्ह आह्ह”
“आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है चाची। आह्ह”
मैं चाची को बुरी तरह से ठोक रहा था। चाची भी जम कर लंड ठुकवा रही थी। फिर बहुत देर की ठुकाई के बाद मेरा लंड थक गया। अब मैंने चाची को मेरी बाहों में कसा और उन्हें धुआंधार तरीके से चोदने लगा।
“आईईईई आईईईई आह्ह आईएईई आह्ह सिससस्स आह्ह आईईईईई बसस्ससस्स।”
तभी कुछ ज़ोरदार झटकों से मेरा पानी निकल गया। अब चाची की चूत मेरे लंड के पानी से भर गई। अब मैं चाची से लिपट गया। तभी चाची में मुझे सीने से चिपका लिया।
फिर थोड़े देर हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे।
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