This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series
हेल्लो, अब आगे की हिन्दी सेक्स कहानी पढ़िए और मजे लीजिये!
दूसरे दिन सुबह जब भाई नहीं थे तब आरती ने भाभी से पूछा, “भाभी क्या बात थी? कल भैया से कुछ झगड़ा हुआ था क्या?”
भाभी अपने होँठ दबाकर शरारत भरी हँसी दिखाते हुए अपनी साडी का पल्लू अपनी कमर पर बाँध कर
रसोई में काम करते हुए बोली, “अरे तू रातभर हमारी दिवार से कान लगा कर हमारी सब बातें सुनती रहती है क्या?”
आरती ने सहमे हुए कहा, “नहीं भाभी ऐसी कोई बात नहीं। पर रातको भैया काफी जोर से चिल्ला रहे थे। क्या बात थी भाभी?”
भाभी ने फिर अपना मुंह बनाते हुए कहा, “मर्दों के साथ क्या बात होती है? वही बात। उन्हें तो बस हमारी लेनी होती है। हमारा मन करे या ना करे। यह सारे मर्द ना साले एक ही सरीखे होते हैं। जब तक ना दो तब तक तो वह हमें रानी, सुंदरी, प्यारी बगैरह कह कर खुश करने में लगे रहते हैं। जैसे ही उनका छूट गया, फिर तुम कौन और मैं कौन? फिर वह बिस्तरे में पलट कर सो जाएंगे। चाहे हमारा हुआ हो या ना हो। वही बात हुई।”
भाभी की बात भोली आरती की समझ में नहीं आयी। वह बुद्धू की तरह भाभी की और देखती रही। भाभी ने जब आरती की और देखा की वह उन्हें टकटक कर देख रही थी तो पूछा, “क्या हुआ? कुछ समझी नहीं?” जब आरती कुछ ना बोली तो उसे झकझोरते हुए भाभी ने पूछा, “क्या हुआ? कुछ बोलो भी?”
आरती ने झिझकते हुए सहज अंदाज में भाभी से कहा, “भाभी मैं कैसे समझूँ यह सब? मुझे क्या पता की भैया तुम्हारी क्या लेते हैं? भैया का मतलब पूरा हुआ इस का क्या मतलब? और तुमने कहा मेरा हुआ नहीं? तो आपका क्या हुआ नहीं? मैं कुछ समझी नहीं।”
भाभी ने अपना सर पिट कर कहा, “है राम! यह मेरी ननद कितनी बुद्धू है/ उसे इतनी बड़ी हो गयी फिर भी कुछ नहीं मालुम। अरे तेरी शादी होगी तो तू क्या करेगी? पति को दूध पिलाकर सो जायेगी क्या?” फिर थोड़ी देर आरती की और तरस खा कर बोली, “ठीक है बाबा। आज तुम्हारे भैया बाहर जा रहे हैं। वह रात को नहीं आएंगे। तू रातको मेरे कमरे में मेरे साथ सो जाना। मैं तुम्हें सब खुल कर बताउंगी।”
दूसरी रात जब दोनों ननद भोजाई घर के काम से फारिग हुईं और रात को कमरे में एक ही बिस्तर में सोने लगे तो भाभी ने आरती से पूछा, “तुम मुझे सुबह पूछ रही थी ना की कल रात को क्या हुआ था? तुम्हें पता है रात को पति पत्नी बिस्तरे में क्या करते हैं?”
आरती क्या बोलती? वह भाभी का मुंह देखती हुई एकदम चुप रही तब भाभी खिलखिला कर हँस पड़ी और आरती के बालों को प्यार से सँवारती हुई बोली, “अरे मेरी भोली भाली ननद! क्या बताऊँ तुझे की शादी के बाद क्या करते हैं? तू अपने कमरे में से रातको मेरी सिकारियाँ नहीं सुनती, जब तुम्हारे भाई मेरी लेते हैं?”
जब आरती कुछ ना बोलती हुई भाभी के बोलने का इंतजार करने लगी तब भाभी ने पूछा,”तुम्हें मालुम नहीं लेने का क्या मतलब है?”
आरती ने अपना सर हिला कर “ना” कहा। भाभी आरती की प्रक्रिया देख कर कुछ झुंझलाती हुई बोली, “हे भगवान यह कैसी औरत है? देख हर रोज रातको तुम्हारे भाई मुझे चोदते हैं। चोदना किसे कहते हैं, मालुम है?” फिर अपना सर पकड़ कर बोली, “ठीक है बाबा। मुझे पता है तुझे कुछ नहीं पता।“
आरती बिना कुछ बोले भाभी के पूछे हुए सवाल का खुद ही जवाब दे उसके इंतजार में चुप रही। भाभी ने कहा, “रुक मैं तुझे कुछ दिखाती हूँ।”
भाभी खड़ी हुई और अपना वीडियो प्लेयर चालु किया। वीडियो चालु करते हुए भाभी बोली, “तुम्हारे भाई कुछ ज्यादा ही रंगीले हैं। वह चुदाई के बड़े शौक़ीन हैं। रोज मेरी चुदाई करते हैं। अब मैं तुम्हें दिखाती हूँ चुदाई क्या होती है, चोदना किसे कहते हैं?
आरती के पाँव से जमीन खिसक गयी जब उसने देखा की एक सुन्दर गोरी औरत एक लम्बे तगड़े मर्द का मोटा और लंबा लण्ड अपने मुँह में ले कर चूस रही थी। आरती को जैसे कोई बिजली का झटका लगा हो ऐसे यह देख कर काँप उठी। आरती ने एकाद बार नंगे घूम रहे बच्चों का छोटा सा लण्ड देखा था पर उसके अलावा उसने कोई मर्द का लण्ड देखा नहीं था।
उसके बारे में सूना जरूर था। पर वीडियो में दिखाए गए उस आदमी का लण्ड तो जैसे घोड़े का लण्ड हो ऐसा लंबा और मोटा! आरती ने यह तो सूना था की मर्द लोग औरत की चूत में अपना लण्ड डालते हैं। पर भाभी ने तो आरती को चुदाई की दुनिया के एक नए पहलु से वाकिफ करा दिया। आरती को नहीं पता था की औरतें मर्द का लण्ड चुसती भी हैं।
भाभी ने उसके बाद आरती को कई तरह के अजीबो गरीब वीडियो दिखाए जिसमें मर्द खूबसूरत लड़कियों को कई अलग अलग तरीके से चोदते थे। कभी बाजुओं में ऊपर उठाकर तो कभी उलटा सुलाकर तो कभी एक पाँव अपने बदन के दोनों तरफ रख कर तो कभी स्विमिंग पूल में।
कभी दो मर्द एक औरत को एक साथ चोदते हैं तो कभी कई मर्द एक औरत को चोदते हैं। कभी एक ही पलंग पर दो कपल्स बारी बारी से दोनों औरतों को चोदते हैं तो कभी कोई मर्द औरत की गाँड़ मारता है।
यह सब देख कर आरती का बुरा हाल हो रहा था। आरती यह सब देख कर इतनी स्तब्ध और निशब्द हो गयी की वह भाभी के सामने कुछ भी ना बोले भाभी से लिपट गयी। भाभी ने देखा तो आरती की आँख में आंसू थे।
भाभी ने आरती को रोती हुए देख कर उसे अपनी बाँहों में लिया और बोली, “अरे, यह सब होता है बेटा। इसमें कोई घबड़ाने की या बुरा मानने की या दुखी होने की कोई बात नहीं है। यह सब एन्जॉय करने के लिए है। तुम भी खूब एन्जॉय करोगी। मर्द औरत के सामने कई बार शेर बन जाता है तो कई बार मेमना बन जाता है…
जब औरत की जरुरत होती है तो मर्द गिड़गिड़ाने लगता है और औरत को सर पर बिठा देता है। जब मतलब ख़तम तो औरत के सामने शेर बन जाता है। जिंदगी औरत मर्द को कैसे हैंडल करती है उस पर आधारित है। तुम्हें कभी मर्द की बात माननी है तो कभी अड़ जाना है। यह सब जैसे जैसे तुम्हें अनुभव होते जाएंगे वैसे वैसे तुम समझोगी। तुम भी अपनी जिंदगी में ऐसी अजीबोगरीब बातें अनुभव करोगी।”
भाभी जी ने वीडियो प्लेयर बंद कर दिया। फिर कमरे की बत्ती बुझा कर भाभी ने आरती से कहा, “बेबी, अब तुम बड़ी हो गयी हो। तुम्हें यह सब तरह तरह के प्रयोगों को समझना पडेगा। यह बेहतर है की शादी से पहले तुम सब जानो और समझो। तुम अगर इस तरह एकदम बुद्धू रहोगी तो जिंदगी में बड़ी प्रॉब्लम हो जायेगी। तुम्हें चुदाई में पूरा इंटरेस्ट लेना पड़ेगा। चुदाई मजेदार चीझ है। उससे डरना नहीं, एन्जॉय करना। खुद खुश रहना और पति को खुश रखना। तुम्हारी जिंदगी एकदम चिकनी चलेगी। तुतो वैसे ही बड़ी खुबसूरत है री! तेरा पति तो वैसे ही तेरे आगे पीछे घूमता रहेगा।”
भाभीजी की बातें सुनकर आरती ने कुछ हिम्मत दिखाते हुए पूछा, “भाभी पर तुमने कहा था की तुम्हारा हुआ नहीं और भाई का छूट गया। इसका क्या मतलब है?”
भाभी ने कहा, “इसका मतलब कैसे समझाऊं। चल तुझे मैं प्रक्टिकल करके दिखाती हूँ।” ऐसा कह कर भाभी ने आरती की नाइटी उठा कर आरती की चूत में अपनी दो उंगलियां घुसेड़ दीं। आरती ने जैसे ही भाभी की उंगलियां अपनी चूत में महसूस कीं तो एकदम फुदक गयी। वह हड़बड़ाहट में बोली, “भाभी यह क्या कर रही हो?”
भाभी ने बोला, “चुप रह और देख मैं क्या करती हूँ।” फिर भाभी ने आरती की चूत में अपनी उंगलियां अंदर बाहर करना शुरू किया। बिच बिच में भाभी ने आरती की चूत के दाने को अपनी उंगलियॉं में पकड़ा और उसे धीरे से दबाने और मसलते हुए आरती को अपनी उँगलियों से चोदना शुरू किया।
आरती भाभी की यह करतूत से एकदम सकते में आ गयी। पर उसे अपनी चूत में एक अजीब सा अनुभव हो रहा था। वह बिस्तर पर भाभी के उंगली चोदन से मचलने लगी और उसके मुंहसे एकदम कराहटें निकल ने लगीं, “ओह…… भाभी….. यह क्या कर रही हो…… आह….. ओह….”
जैसे जैसे आरती का बदन पलंग पर मचलने लगा वैसे वैसे भाभी अपनी उँगलियों से आरती की चूत को और फुर्ती से चोदे जा रही थी। आरती की सिसकियाँ और कराहटें बढ़ती ही जा रहीं थीं। अचानक आरती के दिमाग में एक धमाका हुआ और आरती झड़ गयी। आरती ने अपनी चूत में से पानी का फव्वारा जैसे फुट पड़ा हो ऐसे महसूस किया।
आरती को लगा जैसे उसका बदन पहले एकदम मादकता भरी कामुक उत्तेजना से खिंच गया और फिर एकदम प्रत्यंचा की डोरी टूटने से कैसे धनुष्य ढीला पड़ जाता है ऐसे ढीली पड़ गयी और बिस्तरे पर लेट गयी। आरती का दिमाग एकदम सुन्न सा हो गया था।
उस रात आरती को समझ में आया की भाभी रात को क्यों कराहती थी। आरती को यह भी समझ में आया की छूटना या झड़ना किसे कहते हैं। भाभी ने उसे यह भी समझाया की झड़ ने के समय जैसे औरत को महसूस होता है उससे कहीं ज्यादा जब मर्द झड़ता है तब मर्द के दिमाग में धमाका होता है। और जब मर्द झड़ जाता है और जब उसका छूट जाता है तब मर्द के लण्ड के छिद्र से उसके वीर्य की धार का फव्वारा निकलता है। अगर वह वीर्य औरत की चूत में जाए तो औरत गर्भवती हो सकती है।
अब आरती नहाते हुए अपनी चूँचियों को सहलाने लगी थी। वीडियो में आरती ने देखा था की मर्द कैसे औरतों की चूँचियाँ चूसते हैं, उनको मसलते हैं इत्यादि। यह देख कर रात में आरती सोने के बाद पलंग में अपनी चूँचियों को खींचती और मसलती और अपनी चूत में उंगली डाल कर उँगलियों से चोदते हुए झड़ जाती।
भाभी की बड़ी सुलझी हुई बातें सुन कर आरती काफी उत्तेजित हो गयी थी। हर नयीं कँवारी लड़की जैसे अपनी शादी के बाद के सपने देखती है वैसे ही आरती शादी के बाद क्या क्या होगा, उसको कैसा पति मिलेगा इत्यादि ख्यालों में खो गयी। पर अब उसे सेक्स के बारे में कुछ ज्यादा समझ में आने लगा था। कमल उसके साथ जो हरकतें करने की कोशिश करता रहता था वह आरती समझने लगी थी।
पढ़ते रहिये, कहानी आगे जारी रहेगी!