पिछला भाग पढ़े:- भाभी की जम कर ली-1
अब मैं सोनिया भाभी के जिस्म को वापस रगड़ने लगा। मैं भाभी के होंठो को चूस रहा था। भाभी भी बराबर साथ देते हुए मेरे होंठो को खा रही थी। अब कमरे में ऑउच्च पुच्च पुच्च की ज़ोर-ज़ोर से आवाज़े आने लगी थी। मैं भाभी के गले पर किस करते हुए उनके बोबों पर आ गया। अब मैंने बलाऊज के ऊपर से भाभी के बोबों को ज़ोर से मसल दिया। तभी भाभी चीख पड़ी।
“आईईईईई सिसस्ससस्स।”
अब मैंने फिर से भाभी के बोबों को ज़ोर से कस डाला। फिर मैंने भाभी के बलाऊज और ब्रा को खोल भाभी के आमों को बाहर निकाल लिया।
“ओह भाभी। बहुत तड़पा हूं इनको चूसने के लिए लिये। आहा, आज तो पूरा निचोड़ डालूंगा इनको।”
“तो निचोड़ ले साले।”
तभी मैं भाभी के बोबों पर टूट पड़ा, और झमाझम भाभी के बोबों को चूसने लगा। आह्ह! भाभी के बोबों को चूसने में मुझे बहुत ज्यादा सुकून मिल रहा था।
“ओह भाभी, आहा, बहुत मीठे आम है।”
“ओह साले ज़ोर-ज़ोर से चूस। आह्ह बहुत रस भरा है इनमें।”
“हां मेरी रानी, आज सारा रस पी जाऊंगा।”
मैं ज़ोर-ज़ोर के झटके दे देकर भाभी के बोबे चूस रहा था। भाभी को बोबे चूसने में बहुत आराम मिल रहा था।
“ओह कमीने। आह्ह बहुत अच्छा लग रहा है।”
फिर मैंने थोड़ी देर में ही भाभी के बोबों को बुरी तरह से चूस डाला। तभी भाभी ने धक्का देकर मुझे पटक दिया और भाभी झट से मेरे ऊपर चढ़ गई। अब भाभी भूखी शेरनी बन चुकी थी। वो पागल सी होकर मेरे होंठो को खा रही थी। अब मैं क्या करता? मैंने भाभी को खुला छोड़ दिया। भाभी ताबड़-तोड़ मेरे होंठो को खा रही थी।
“उन्ह ओह सिसस्ससस्स साले कुत्ते।”
फिर भाभी मेरी चेस्ट पर आ गई और क़यामत सी ढाने लगी। आज तो भाभी को संभालना मुश्किल हो रहा था। उनके बाल बुरी तरह से बिखर रहे थे।
वो मेरी चेस्ट को बुरी तरह से बाईट कर रही थी।
“आह्ह सिससस्स ओह भाभी आह्ह।”
अब मैं भाभी की गदराई पीठ को सहला रहा था। भाभी को मेरी चेस्ट पर किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर भाभी तुरंत मेरे लंड पर पहुंच गई, और फिर सेक्सी स्टाइल में मेरे लंड के अंडों को चाटने लगी।
“ओह भाभी, बहुत सेक्सी हो तुम आहा।”
अब मैं भाभी के बालों को एक तरफ हटा रहा था। भाभी मेरे लंड के अंडों को मज़ा लेकर चाट रही थी। भाभी आज अपनी कलाकारी दिखा रही थी।
“ओह भाभी, बहुत बड़ी खिलाड़ी है तू आह।”
अब भाभी बैठ गई, और मेरे मोटे तगड़े लंड को मसलने लगी।
“ओह कुत्ते बहुत ही शानदार हथियार है तेरा। आह, आज तो रस निकाल डालूंगी इसका।”
“हां तो निकाल दे मेरी जान।”
तभी भाभी ने मसल-मसल कर मेरे लंड को बुरी तरह से लाल कर डाला। अब भाभी ने मेरे लंड को मुंह में ले लिया उसे झमाझम चूसने लगी।
“ओह साली आहा सिससस्स आहा बहुत अच्छा लग रहा है।”
भाभी पागल सी होकर ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को झटके दे रही थी। मैं भाभी के सिर को पकड़े हुआ था। भाभी घोड़ी बन कर मेरे लंड को बुरी तरह से चूस रही थी।
“ओह साली हरामज़ादी आह्ह, खा जा मेरे लंड को आह ओह।”
भाभी आज उनकी प्यास अच्छी तरह से बुझा लेना चाहती थी। वो लपक कर मेरा लंड चूस रही थी। मैं भी भाभी को पूरा मौका दे रहा था।
“ओह भाभी आह्ह और ज़ोर-ज़ोर से चूसो आह्ह। बुझा लो आपकी प्यास।”
अब मैनें भाभी के कंधों पर टांगे रख कर उनको फंसा लिया। अब मैंने भाभी को फ्री छोड़ दिया। अब भाभी मस्ती से मेरा लंड चूसती रही। फिर बहुत देर बाद भाभी उठी और उन्होंने अब मेरे लंड को चूत में सेट कर लिया। अब भाभी चूत में लंड लेकर चुदने लगी।
“आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आहा सिससस्स आह्ह ओह रोहित बहुत मज़ा आ रहा है।”
“हां भाभी बस ऐसे ही झटके मारो।”
अब भाभी ज़ोर-ज़ोर से झटके मार-मार कर चुद रही थी। वो ज़ोर-ज़ोर से गांड हिला कर चूत में लंड ले रही थी। मैं भाभी की कमर को पकड़े हुआ था।
“ओह भाभी आप तो बहुत मस्त चुदती हो। आह्ह मज़ा आ रहा है।”
“आह्ह ओह सिससस्स आहा आहा सिससस्स ओह आह्ह।”
भाभी को चुदाने में बहुत मज़ा आ रहा था। वो धुआंधार तरीके से चूत में लंड ले रही थी। भाभी के ज़ोरदार झटकों से उनके बोबे बुरी तरह से हिल रहे थे। भाभी लंड के नशे में पागल सी हो रही थी।
“आह्ह ओह आहा सिससस्स आह्ह ओह मम्मी।”
“ओह भाभी, आह्ह बहुत अच्छा लग रहा है। आह्ह और ज़ोर-ज़ोर चुदो भाभी।”
“हां चुद रही हूं साले हरामी।”
भाभी ज़ोरदार झटके मार रही थी। अब भाभी पसीने से लथ-पथ हो रही थी। तभी भाभी का पानी निकल गया।
“ओह सिसस्ससस्स।”
अब भाभी मेरे मुंह पर बैठ गई और चूत को रगड़ने लगी। मैं भाभी की चूत की खुशबू से पागल सा होने लगा। इधर भाभी को चूत रगड़ने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“ओह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स ओह साले कमीने आहा बहुत आराम मिल रहा है आह्ह।”
भाभी उनकी गरमा-गरम गीली चूत को मेरे मुझे पर कस कर रगड़े जा रही थी। मैं भी भाभी की चूत को चाट रहा था। भाभी की गीली चूत चाटने में मुझे अलग ही मज़ा आ रहा था।
“ओह कमीने आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह।”
अब मैंने भाभी को खींच कर नीचे पटक दिया, और झट से भाभी की टांगे खोल दी। अब मैं भाभी की चूत में लंड पेल कर उन्हें फिर से बजाने लगा।
“आह्ह आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह ओह मम्मी आह्ह आह्ह आह्ह।”
“ओह मेरी रानी आह आज तो तेरी चूत की खैर नहीं।”
“ओह मेरे सैया आह्ह पेल ले। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”
मैं भाभी की चूत में ताबड़तोड़ लंड पेल रहा था। मेरा लंड फूल स्पीड में भाभी की चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। भाभी मेरे लंड की ताबड़तोड़ ठुकाई से बुरी तरह से पस्त हो रही थी।
“आईईईई आह्ह आहा आह्ह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स।”
“ओह मेरी रानी।”
अब भाभी ताबड़तोड ठुकाई से बुरी तरह से झल्ला रही थी। मैं भाभी को पटक कर बढ़िया तरीके से पेल रहा था। मेरा लंड आज भाभी को दिन में तारे दिखा रहा था।
“ओह रोहित मरर्रर्र गाईईई मैं तो आह्ह बहुत दर्द हो रहा है।”
“ओह भाभी चोदने दो। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”
मैं दे दना दन भाभी की चूत में लंड पेल रहा था। फिर मैंने भाभी को बहुत देर तक बजाया।
थोड़ी देर में ही मैंने भाभी को बुरी तरह से बजा दिया था। अब मैंने भाभी की टांगे पकड़ कर उन्हें आगे खींच लिया, और फिर भाभी के सिर के नीचे एक तकिया लगा दिया। अब मैं भाभी के ऊपर लेट कर भाभी के मुंह को चोदने लगा।
“आहा ओह सिससस्स आह्ह ओह भाभी। आहा बहुत मज़ा आ रहा है।”
मैं गांड हिला-हिला कर भाभी के मुंह को चोद रहा था। मेरा लंड झमाझम भाभी के मुंह में अदंर-बाहर हो रहा था। मैं भाभी के सिर को नीचे से पकडे हुए थे।
“ओह साली कुत्तिया आह्ह आज तो तेरा खूब मज़ा लूंगा आह्ह।”
मैं भाभी के मुंह में लंड पेले जा रहा था। भाभी चुप-चाप मुंह में लंड ठुकवा रही थी। तभी मैं बीच में भाभी के गले तक लंड ठोक रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक भाभी का मज़ा लिया। अब हम 69 पोजीशन में आ गए। अब मैं आराम से भाभी की चूत चाट रहा था, और भाभी मेरे लंड के साथ खेल रही थी। मैं भाभी की चूत को खा रहा था।
भाभी भी अलग-अलग तरीके से मेरे लंड को चूस रही थी। हम दोनों आनंद के सागर में डूबे हुए थे।
“ओह भाभी आह्ह बहुत चिकनी चूत है तेरी।”
अब मैं भाभी की दोनों टांगो को ऊपर उठा कर उनकी चूत को चाटे जा रहा था। भाभी भी मेरे लंड को खूब चूस रही थी। मैं उठा और भाभी को खींच कर नीचे ले आया। अब मैं फिर से भाभी के गदराये जिस्म को रगड़ने लगा और उनके होंठो को चूसने लगा।
तभी मैं भाभी को किस करता हुआ दीवार के सहारे ले गया। अब मैंने भाभी को दीवार से सटा दिया और मैं भाभी के नंगे गदराये जिस्म के साथ खेलने लगा। मैं भाभी के होंठो को चूसते हुए भाभी के बोबों को मसल रहा था।
भाभी उनके जिस्म को समेटने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैं भाभी के जिस्म को बुरी तरह से रगड़ रहा था। भाभी के नंगे जिस्म को मसलने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। तभी मैंने भाभी की चूत में उंगलिया घुसा दी। अब मेरा एक हाथ भाभी की चूत को खुजा रहा था और दूसरे हाथ में भाभी का बोबा था।
आगे की कहानी अगले पार्ट में।
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