पिछला भाग पढ़े:- जैसा बाप वैसा बेटा-3
हैलो दोस्तों, मैं आसिफ आपका स्वागत करता हूं सेक्स कहानी के अगले भाग में। इससे पहले पार्ट्स जरूर पढ़ें।
शनिवार की शाम थी। सलीम संगीता को चोद कर निकल गया था। मैं संगीता के कमरे में जाता हूं। वो बिस्तर पर नंगी लेटी हुई थी। उसकी साड़ी और ब्लाउस इधर-उधर बिखरे हुए थे रूम में।
रॉनित: मुझे आपसे कुछ बात करनी है।
संगीता: हां बोल, क्या हुआ?
रॉनित: मुझे नई बाइक चाहिए।
संगीता: तो अपने बाप से बोल।
रॉनित: कौन से वाले?
संगीता: साले गांडू, ज्यादा बोल रहा है तू।
रॉनित: ओके सॉरी।
संगीता: जिसकी तू औलाद है गांडू, उस गांडू को बोल।
रॉनित: कभी वो दिला देते, तो मैं आपके पास क्यूं आता मांगने।
संगीता: यह बात भी ठीक बोला तू। उससे कुछ मांग भी नहीं सकते।
रॉनित: इसलिए तो आपके पास आया हूं मांगने। आप दिलवा सकती है।
संगीता: मैं कैसे दिलवा दूं? मैं कमाने थोड़ी जाती हूं।
रॉनित: हामिद या सलीम अंकल से बोल कर दिलवा सकती हो आप।
संगीता: और तेरे गांडू बाप को क्या बोलेंगे, कैसे आई बाइक?
रॉनित: आपको पता है उनको कैसे शांत करते है।
संगीता: साले समझदार हो गया है तू। पर उन दोनों से नहीं मांग सकती मैं। यह जो घर का सामान है इतना सारा, देख रहा है? ये उन दोनों की मेहरबानी है। और तेरी बहन की पढ़ाई का आधा खर्चा वो दोनों ही देते है।
मैं फिर अपने कालेज में अमीर लड़कों से दोस्ती करने लगता हूं। फिर मेरी दोस्ती दो अमीर-ज़ादों से होती है। वो दोनों मेरे सीनियर होते है, आसिफ और असलम। वो दोनों 23 साल के जवान लड़के थे। वो दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे, और मैं भी उनसे दोस्ती करने लगता हूं। दोनों के बाप बहुत अमीर थे, और वो दोनों भी बिगड़े हुए थे।
थोड़े दिनों में उनसे अच्छी दोस्ती कर ली थी मैंने। मैं उनके काम कर दिया करता था। यह बात मैंने संगीता को भी बता दी। पहले उसने थोड़ा नाटक किया, पर फिर मान गई उनके साथ करने के लिए।
मैंने फिर उनसे पैसे ले लिए और नई बाइक लेली। फिर थोड़े दिनों बाद उनको घर पर डिनर के लिए बुला लिया और बोला पैसे भी मिल जाएंगे। उस रात को मैं और संगीता ही घर पर अकेले थे। संगीता बहुत अच्छे से तैयार हो जाती है। वो लाल कलर की सारी ब्लाउस पहनती है, और ब्रा पेन्टी नहीं पहनती है। उसको देख कर किसी का भी खड़ा हो जाए।
वो दोनों 8 बजे घर आ जाते है। मैं उन दोनों को वेलकम करता हूं। वो दोनों हाल में सोफ़े पर बैठे थे, और संगीता पानी लेकर उनके पास जाती है। उसने साड़ी थोड़ी नीचे पहनी थी, जिस कारण उसकी नाभी और कमर पूरी दिख रही थी। वो क्लीवेज भी दिखा रही थी उन दोनों को।
जैसे ही उन दोनों ने संगीता को देखा, उनके मुंह से पानी आने लगा। वो देखते ही रह गए थे संगीता को।
असलम: हैलो आंटी, कैसे हो?
संगीता: मैं ठीक हूं। आप दोनों कैसे हो?
आसिफ: हम भी ठीक है आंटी।
संगीता दोनों को पानी पिलाती है, और अपनी गांड हिलाती हुई अंदर चली जाती है। वो दोनों उसे घूरे जा रहे थे। उनके लंड ने भी हरकते करना चालू कर दिया था। थोड़ी देर हम बाते करते है। संगीता चाय लेकर आती है, और टेबल पर रख कर सामने सोफ़े पर बैठ जाती है।
संगीता: आप दोनों का शुक्रिया आपने हमारी बाइक लेने में मदद की।
आसिफ: अरे कोई बात नहीं आंटी। रॉनित दोस्त है हमारा।
असलम: हां आंटी, और दोस्तों के लिए इतना तो बनता है।
संगीता: पर फिर भी आप दोनों बहुत अच्छे हो।
असलम: जी आंटी।
वो दोनों संगीता के जिस्म को घूर रहे थे, और वो भी उनको दिखा कर पूरे मजे ले रही थी। थोड़ी देर एसे ही नॉर्मल बाते करते है।
संगीता: तो बताओ आप दोनों क्या खाना पसंद करोगे? मैं आपके लिए बना दूंगी।
आसिफ: अरे आंटी, खाना तो ऑर्डर कर लेंगे। आप क्यूं परेशान होंगे?
असलम: आप यही बैठो, और बातें करो। बहुत अच्छा लग रहा है।
संगीता: अच्छा ठीक है।
असलम: वैसे आंटी आप बहुत सुंदर है।
संगीता: अरे अब तो उम्र हो गई है।
आसिफ: अरे आंटी आप तो अब भी 30 की लगती हो।
संगीता: अच्छा?
असलम: जी आंटी, लगता ही नहीं आपका कोई बेटा होगा।
संगीता: अरे इतना झूठ भी मत बोलो तुम दोनों।
आसिफ: सच्ची में आंटी।
वो दोनों अब संगीता को पटाने में लग गए थे, और तीनों ने मुझे अनदेखा ही कर दिया था। संगीता भी अब उनके सामने खुलने लगी थी।
आसिफ: वैसे अंकल नहीं नज़र आ रहे?
संगीता: हां वो बाहर गए है। कल शाम तक आएंगे।
असलम: तो आप दोनों अकेले हो घर पर?
संगीता: हां बेटा।
संगीता उनसे बात करने में व्यस्त हो गई थी। उसने साड़ी का पल्लू थोड़ा हटाया, जिससे उसकी क्लीवेज और चिकना पेट उन दोनों को आराम से दिखे। संगीता को दो जवान लड़कों से बात करने में मजा आ रहा था, और वो दोनों भी उसका हुस्न देख कर मजे ले रहे थे।
असलम: आंटी आपका घर तो बहुत आलीशान और बड़ा है।
संगीता: अरे इतना बड़ा और आलीशान कहा है बेटा?
आसिफ: बहुत अच्छा घर है आपका।
संगीता: तुमको अच्छा लगा?
असलम: हमको घर घुमाओगी नहीं?
संगीता: रॉनित घुमा देगा तुमको घर।
आसिफ: आंटी जो आपके साथ देखने में आएगा, वो रॉनित के साथ नहीं।
रॉनित: इतना बोल रहे है तो आप ही घुमा दो दोनों को घर।
संगीता: अच्छा चलो ठीक है।
संगीता आगे-आगे चलने लगी, और वो दोनों पीछे हो गए, और संगीता की बड़ी गांड देखने लगे। संगीता को अच्छे से पता है कैसे लड़कों को अपनी तरफ आकर्षित करते है।
वो अपनी बड़ी गांड हिला-हिला कर आगे चल रही थी। वो दोनों घर से ज्यादा उसकी गांड देख रहे थे। फिर तीनों संगीता के बेडरूम में पहुंच गए, और उन दोनों का इरादा भी यहीं था कि संगीता को कमरे के अंदर ले आए।
आसिफ: आंटी यह आपका बेडरूम है?
संगीता: हां यही है।
असलम: बहुत ही अच्छा है।
असलम बिस्तर पर बैठ गया और बोला: आंटी बिस्तर तो बहुत मुलायम है आपका। इस पर तो बहुत मजा आता होगा।
संगीता: किसमें मजा आता होगा बेटा?
असलम: अरे आंटी सोने का मजा आता होगा इस मुलायम बिस्तर।
संगीता उसकी बात समझ जाती है और उसको एक स्माइल देती है। अब वो तीनों बिस्तर पर ही बैठ जाते है, और मैं नीचे मैं हाल में ही बैठा रहता हूं। असलम की हिम्मत बढ़ने लगती है। वो संगीता की जांघों पर हाथ फेरने लगता है। संगीता उसको कुछ नहीं बोलती, और मजे लेने लगती है।
आसिफ: आंटी आपका घर तो आपके जैसा सुंदर है।
संगीत: तो बता ज्यादा सुंदर कौन लगा तुमको, घर या मैं?
असलम: ज्यादा सुंदर तो आप ही हो आंटी। कोई शक वाली बात ही नहीं है।
असलम उसकी जांघों पर हाथ घुमाता है, और आसिफ उसकी पीठ पर हाथ रख देता है। अब वो दोनों के बीच बैठी हुई थी बिस्तर पर। मैं ऊपर कमरे में आ जाता हूं, तो वो दोनों हाथ एक-दम से हटा लेते है।
संगीता: अरे क्या हुआ? हाथ क्यूं हटा लिये? मुझे अच्छा लग रहा था दोनों के कड़क हाथ।
वो दोनों कुछ समझते नहीं है, और थोड़ा हिचकिचाते है।
रॉनित: अरे भाई जो करना है कर लो। आज रात तुम दोनों का ही है यह माल।
असलम: तो साले जल्दी बोलना था ना। अब बोल रहा रहा है।
संगीता: जल्दी में मजा नहीं आता है असलम जी।
आगे क्या हुआ, कैसे आसिफ और असलम ने संगीता को चोदा, जानने के लिए बने रहिए। धन्यवाद आप सब का कहानी पढ़ने के लिए। अपना अनुभव मेरे साथ जरूर सांझा करे। मेरी ईमेल आइडी [email protected] है।
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