हेल्लो रीडर्स, मैं एक बहुत ही मज़ेदार और कामुक कहानी लेकर आया हूं, कि कैसे मैंने अपनी ही बहन को ब्लैकमेल किया। मैं अपने बारे में आपको बता दूँ कि मेरा नाम तक्रिम है और मेरी उम्र 28 साल है।
मेरी बहन का नाम सलमा है और उसकी उम्र 22 साल है। उसका Size 36″30″32″ है।
एक रात की बात है ठंडी आसमन छू रही थी और जनवरी का महीना चल रहा था। मैं अपने रूम में कंबल ओढ़ कर चुदाई वाली वीडियो देख रहा था।
तभी मुझे आहट मिली किसी के आने की,
तो फिर मैं सोने का नाटक करने लगा।
तभी मेरी बहन सलमा ने मुझे आवाज़ दी: भैया सो गए क्या?
दो से तीन बार मुझे आवाज दी उसने: भैया सो गए क्या? भैया सो गए क्या ?
मैं सोने का नाटक करता रहा। फिर मेरी बहन सलमा मुझे सोया हुआ समझ कर अपने बिस्तर पर चली गई।थोड़ी देर बाद किसी के गुनगुनाने की मुझे आवाज़ आई।
थोड़ी देर बाद फिर से वही आवाज़ मुझे आई। मैं अपने बिस्तर से उठा और उठ कर सलमा के बेड के तरफ चला गया। मैंने दिखा कि सलमा कंबल के अंदर घुस कर, किसी लौंडे से बातें कर रही थी और वह लौंडा मेरी बहन सलमा से किसी चीज़ की मांग कर रहा था, जो मेरी बहन सलमा देने से मना कर रही थी। लेकिन फिर भी वह बार-बार मांग रहा था।
उसके बार-बार मांगने से सलमा ने चुप करके अपने फोन को स्विच ऑफ कर दिया और सो गई। फिर मैं भी अपने बिस्तर की तरफ चला गया और सोच रहा था, कि आखिर वह लौंडा मेरी बहन सलमा से क्या एक ही चीज़ बार-बार मांग रहा था,जो मेरी बहन सलमा उसे देने से मना कर रही थी।
यहीं सोचते-सोचते मैं सो गया और सुबह उठा। नाश्ता करके मैं अपने ऑफिस को चला गया। फिर मैं शाम को आया और मैं उसी वक्त का इंतजार करने लगा, जब सलमा मेरी बहन उस लौंडे से बातें करती है।
तो फिर मैं सलमा से छिप करके, उसकी बातें सुनने लगा। मैंने सुना कि सलमा ही बातें कर रही थी। फिर मुझे समझ में आया, कि मेरी बहन सलमा अपने बॉयफ्रेंड से ही बातें कर रही है। इसकी पुश्टी के बाद, मेरा ऐसा ही चलता रहा।
1 दिन की बात है गर्मी आ चुकी थी। गर्मी के दिनों में, मैं अपने कमरे में सो रहा था। ज्यादा गर्मी हुई, तो मेरी आंखें खुली और मैंने देखा, कि बिजली चली गई थी। तो मैंने अपना बिस्तर लिया और छत के ऊपर चला गया। थोड़ी देर के बाद, मैंने क्या देखा, कि मेरी बहन सलमा भी अपना बिस्तर ले करके चली आ रही थी।
फिर मैंने अपनी आंखें बंद कर ली और सोने का नाटक शुरू कर दिया। थोड़ी देरी के बाद मैंने सलमा को देखा, तो उसने अपना बिस्तर लगा करके मुझे आवाज़ दी-
सलमा: भैया जाग रहे हो क्या? भैया जाग रहे हो क्या?
मेरी तरफ से कोई जवाब जब नहीं मिला, तो सलमा ने उस लौंडे को फोन लगाया और फोन लगा कर उस लौंडे से बातें करने लग गई। थोड़ी देर के बाद मुझे एहसास हुआ, कि मेरी बहन सिसकारियां ले रही थी।
फिर मैं धीरे-धीरे अपने बिस्तर से उठा और सलमा के बिस्तर के तरफ चला गया। मैंने देखा, कि सलमा अपने बिस्तर के अंदर घुस करके, उस लौंडे से बातें कर रही थी और सिसकारियां भर रही थी।
मैं सलमा के पास जाकर, सलमा की बातें सुनने लगा। सलमा सिसकारियां ले रही थी, आहें भर रही थी और वो लौंडा गंदी-गंदी बातें कर रहा था मेरी बहन से और वो पूरे मज़े ले रहा था।
वो मेरी बहन से गंदी-गंदी बातें कर रहा था और उसको गालियां दे रहा था। मेरी बहन सलमा शायद अपनी चूत में उंगलियां डाल रही थी और अपनी मोटी और रसीली चूचियों को मसल रही थी।
यह सब देख कर और सलमा के मुंह से भी गंदी-गंदी बातें सुन करके और गालियां सुन करके, मेरे जिस्म में करंट सा दौड़ गया। मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं अपने लंड को सहलाने लगा। फिर मैं सोच रहा था, कि मेरी बहन सलमा कितना दिखावा करती है। सीधा बनने और शरीफ बनने का नाटक करती है, लेकिन हकीकत में मेरी बहन सलमा चुदक्कड़ है, कामुक है और रंडी है।
फिर मुझे पेशाब आया, तो मैं पेशाब करने चला गया और पेशाब करके आया, तो मुझे नींद भी आ रही थी। फिर मैं सो गया। सुबह उठ कर जब मैं बिस्तर लपेट रहा था, तो मेरा ध्यान सलमा के ऊपर ही था।
बार-बार मेरी नजरें सलमा की मोटी और गदरायी हुई चूचियों पर चली जा रही थी। फिर मैं खुद की नजरें हटा लेता था, जब मुझे ये एहसास होता था, कि मेरी बहन है सलमा। लेकिन मेरी बहन सलमा का पहनावा ऐसा था, कि मेरी नजरें बार-बार चली ही जा रही थी उसपे।
मेरी बहन सलमा ने जो कपड़े पहन रखे थे, वो भड़कीले थे। मेरी बहन सलमा पारदर्शी और चुस्त कपड़े पहने हुए थी, जिसकी वजह से सलमा की मोटी और गदराई हुई चूचियां फूली-फूली दिख रही थी, जैसे कि कोई फूंकना हो।
फिर मैंने अपनी नजरें सलमा की फूली हुई चूचियों और गांड से हटा ली, लेकिन सलमा की पपीते जैसी चूचियों को देखने का दिल कर रहा था। फिर बड़ी मुश्किल से मैंने अपना ध्यान सलमा की चूचियों पर से हटाया, ब्रश किया और तैयार होकर ऑफिस को चला गया l
ऑफिस जाने के बाद भी, मैं सलमा के ही बारे में सोच रहा था, कि कल कैसे मेरी बहन सलमा बातें कर रही थी और मेरी नजरों के सामने, सलमा का गदराया हुआ जिस्म और दो बड़े-बड़े चूचे पपीते की तरह और सलमा की गांड घूम रहे थे।
जब भी अब मैं सलमा के बारे में सोच रहा था, तो मेरा लंड झटका मारना शुरू कर दे रहा था और धीरे-धीरे मैं सलमा की वासना में डूबा चला जा रहा था। अब मेरी सग्गी बहन सलमा मेरी बहन नहीं रही थी, बल्कि अब मैं उसे एक माल, रांड और गस्ती की नजरों से देखने लगा था।
अब ऐसे ही मैं अपनी बहन सलमा के बारे में सोचता रहता था और मन में वासना के बीज लेकर ऑफिस से घर जाता था। छुप-छुप कर मैं अपनी बहन सलमा की गदराई हुई, मोटी पपीते जैसी चूचियों को, गांड को और उसकी रसीली जवानी को घूरता रहता था।
अब तो मैं सलमा को छुप-छुप कर घूरता रहता था और सलमा को महसूस करके लंड का पानी भी निकाला करता था। ऐसे ही काफी दिनों तक ये सब चलता रहा और सलमा के बारे में सोच कर मैं मुठ मारता रहा।
एक दिन मुझे याद आया, कि कब तक ऐसा चलता रहेगा। अब सलमा को लंड की जरूरत है और मुझे सलमा की गदराई हुई जवानी को चूसने की ज़रूरत है। फिर मैंने सलमा को चोदने का एक प्लान सोचा।
फिर मैंने प्लान ये किया, कि सलमा को ब्लैकमेल करूंगा और ब्लैकमेल करके उसकी जवानी को चूस जाऊंगा। अब मैंने अपनी सग्गी बहन सलमा की रसीली जवानी को चूसने का पक्का इरादा कर लिया था और मैं अपने काम में लग गया था।
एक दिन की बात है, कि मेरी बहन सलमा फोन रख कर के सो रही थी, जिसका मैं पासवर्ड जानता था। उसके फोन में मैंने खूफिया ऐप डाल दिए, जिनका सारा नोटिफिकेशन मैंने ब्लॉक कर दिया था और सलमा का ईमेल आईडी को मैंने अपने फोन में डाल लिया।
फिर सलमा की ईमेल आईडी को व्हाट्सएप पर मैंने बैकअप के लिए इस्तेमाल किया। अब मेरी बहन सलमा जिससे जैसी भी बातें करती थी, वो सारी चैट मैं पढ़ता था। फिर मैं मौके की तलाश में था, कि मेरी बहन सलमा का फोन कब मेरे हाथ लगे, तांकि मैं उसकी सारी रिकॉर्डिंग निकाल सकूं।
एक दिन ऐसा आया, जब सलमा का फोन मेरे हाथ लग ही गया और मैंने जल्दी से सलमा की जितनी भी रिकॉर्डिंग थी, सारी निकाल ली। सलमा का सारा डाटा चुरा लेने के बाद, अब मुझे मेरी सग्गी बहन सलमा की जवानी का रस चूसने के लिए, कुछ ज्यादा नहीं करना था।
उसकी कॉल रिकॉर्डिंग और चैट ही मेरे लिए काफी थी, जिस्से मैं अब अपनी सग्गी बहन सलमा को आसानी से चोद सकता था।
अब मैं जब भी घर पर होता था, अपनी सग्गी बहन
सलमा के जिस्म को, चूचियों को और गांड को घूरता रहता था। गंदी नजरों से मैं अपनी सग्गी बहन सलमा को देखता था और देख कर के मजे लेता था।
सलमा भी कभी कभार मुझे देख लिया करती थी, कि उसका भाई उसकी चूचियां और गांड को घूर रहा है। तो सलमा मेरी बहन अपना दुपट्टा अपनी मोटी चूचियों पर रख लेती थी और फिर शर्मा सी जाती थी।
मेरी बहन सलमा को भी अब इस बात का एहसास हो गया था, कि उसका भाई उसे गंदी नज़रों से देखता है।
अब तो मैं सलमा के सामने ही आंखों में आंखें मिला कर उसकी पपीते जैसी रसीली चूचियों को खा जाने वाली नजरों से घूरता रहता था।
एक दिन की बात है। मैं ऑफिस से घर आया और मुझे ज़ोर की भूख लगी थी।
मैंने बोला: सलमा खाना निकालो, मुझे भूख लगी है।
सलमा खाना निकाल कर तेजी से चली आ रही थी और सलमा अपनी चूचियों पर दुपट्टा रखना भूल गई थी। तो मेरी नज़र सलमा की गद्दे जैसी, फूली-फूली रसीली चूचियों पर गयी। मैं उनको देखता ही रह गया, क्यूंकि सलमा की चूचियां चलने से हिल रही थी।
मुझे उसे देख कर, उसकी मोटी-मोटी चूचियों को चूसने और रसीली चूचियों को निचोड़ने का दिल हो रहा था!
आगे की कहानी अगले भाग में, तब तक बताइए आपको अब तक की कहानी कैसी लगी?
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