दोस्तों मेरी चुदाई की कहानी शुरू करने लगी हूं।
एक दिन मेरी मौसी की लड़की रेखा का फोन मुझे आया। हम दोनों ने पहले तो नॉर्मल बात की। फिर रेखा मुझे बोलने लगी-
रेखा: पुजा मेरा एक काम तुझे करना पड़ेगा। यह काम मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
मैं रेखा को बोली: काम तो बता।
तो रेखा बोली: पुजा यह काम मैं खुद ही करने वाली थी, पर मेरे पीरियडस आ गए हैं।
मैं बोली: ऐसा क्या काम है, जो तू पीरियडस में नहीं कर सकती है?
तो रेखा बोली: पुजा मेरी नौकरी का सवाल है। मुझे अपने बॉस को खुश करना है। पर यह पीरियडस आ गए। और अब बॉस मान नहीं रहा है, और अगर उसको खुश नहीं किया, तो मेरी नौकरी चली जाएगी (रेखा रोते हुए बोल रही थी)।
मैं बोली: रेखा घर में क्या बोल कर तेरे बॉस के पास जाऊं?
तो रेखा बोली: मैं मौसी को फोन करके बोल देती हूं, कि तू मेरे पास आ रही है। तब कोई चिन्ता नहीं होगी तेरे घर में।
मैं बोली: ठीक है, तुम मां से बात करके मुझे फोन करो।
कुछ देर बाद रेखा का फोन फिर से आ गया, और वो मुझे बोली: जल्दी तैयार हो जा, मैं आ रही हूं तुझे लेने। और सुन, अच्छे से तैयार होना।
यह बोल कर रेखा ने फोन कट कर दिया। मैं उठी, बाथरूम गई, और अच्छे से अपनी चूत साफ की। फिर नहा कर एक सूट पहन कर तैयार हो गई। तब तक रेखा भी आ गई थी। मैं और रेखा घर से निकल गई। कार में बैठ कर रेखा मुझे अपने कमरे में ले आई। फिर उसने मुझे एक लाल रंग का गाउन पहनने को दिया, और साथ में एक लाल रंग की पेंटी भी पहनने को दी। मैं रेखा के सामने ही नंगी हो गई। फिर पेंटी पहनने लगी, तो रेखा मेरी चिकनी चूत देख बोली-
रेखा: पुजा तेरी चूत क्या हर समय लंड लेने के लिए तैयार रहती है?
मैं बोली: तो और क्या लेगी?
फिर गाउन पहन कर मैं तैयार हो गई। गाउन का गला बहुत खुला था जिससे मेरे बूब्स बाहर निकल रहे थे। बूब्स के दाने को बहुत ही मुश्किल से अंदर किया मैंने। फिर रेखा ने मेरा मेकअप किया। मैं पूरी तैयार हो गई, तब रेखा ने अपने बॉस को फोन किया।
रेखा बोली: बॉस आपका माल तैयार है। कहां आना है?
तो बॉस ने एक होटल का पता दिया और बोला वहां लेकर आजा। रेखा मुझे एक होटल में ले आई। होटल 5 स्टार था, पर वहां पर सब की नजर मेरे आधे बाहर निकल रहे बूब्स पर ही जा रही थी। फिर रेखा और मैं एक कमरे मैं आ गई। रेखा का बॉस मुझे देख कर पागल सा हो गया। उसका लंड पूरा खड़ा हो गया था मुझे देख कर। मैंने रेखा को इशारा करके बॉस का लंड देखने को कहा।
रेखा अपने बॉस के पास गई और बॉस को बोलने लगी: सर क्या हो गया आपको? क्या देख रहे हो मेरी बहन पुजा को?
बॉस के मुंह से निकल गया: साली क्या गजब का माल है! बहन की लोड़ी को अभी चोद दूं।
तो रेखा ने पेंट के उपर से ही अपने बॉस के लंड को पकड़ लिया। तब बॉस को थोड़ा होश आया। बॉस सोफे पर बैठ गया। रेखा बॉस के पास नीचे बैठ गई।
बॉस रेखा को बोला: रेखा यह पुजा रंडी मुझे भी चाहिए है। कोई भी कीमत दे सकता हूं साली की मैं।
रेखा बोली: बॉस ठीक है, जैसा आपको ठीक लगे।
फिर बॉस मेरे पास आया, और मेरे एक गाल पर हाथ सहलाते हुए बोलने लगा: बला की खुबसूरत है तू पुजा। पर आज तुझे हमारी कंपनी के एक बॉस को खुश करना है। जो वो बोले सब करना। उसको नाराज मत करना।
मैं बोली: ठीक है, हो जाएगा वो खुश, आप टेंशन मत लो।
फिर रेखा का बॉस मेरा हाथ पकड़ कर मुझे दूसरे कमरे की तरफ लेकर चलने लगा, और कमरा खोल कर मुझे बोला-
बॉस: बॉस आने वाला है। अब सब तुम पर है।
यह बोल कर बॉस कमरे से बाहर चला गया। मैं बाथरूम गई और पेशाब करके बाहर आ गई। कुछ देर बाद दरवाजा खुला। एक काला आदमी कमरे के अंदर आ गया। मैं तो उसको देख कर डर गई।
उसने मुझे देख कर स्माईल की, और हाय कह कर मेरे पास आ गया। पहले हम दोनों ने हाथ मिलाया। हाथ मिला कर वो मेरी कमर में हाथ डाल कर कमर को दबाते हुए मेरे एक चूतड़ को दबाने लगा। फिर उसका दूसरा हाथ भी मेरे दूसरे चूतड़ को दबाने लगा। फिर वो थोड़ा नीचे हुआ, और मुझे फ्रेंच किस करने लगा। मैं भी उसका साथ देने लगी।
कुछ समय बाद हम दोनों अलग हुए। तब वो मुझे बोला: अपने कपड़े उतार।
तो मैंने अपना गाउन खोल दिया। अब मैं उसके सामने पैंटी में आ गई। वो सोफे पर बैठा हुआ था। उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया, और मेरी पेंटी के उपर से ही मेरी चूत को चूमने लगा। फिर उसने मेरी पेंटी को निकाल दिया, और पेंटी को हाथ में लेकर उसकी खुशबू को सूंघने लगा। मैं भी उसके पास बैठ गई। तब उसने मेरा हाथ पकड़ कर पेंट के उपर अपने लंड पर रख दिया।
मैं उसके लंड को दबाने लगी। फिर पेंट को खोल कर उसके अंडरवियर के अंदर हाथ डाल दिया। जब उसका लंड मेरे हाथ में आया, तो उसका लंड सोया हुआ था। आज तक इतने लंड ले चुकी थी मैं, पर उसका सोया हुआ लंड ही ओरों के खड़े लंड के जैसा लग रहा था।
उसका हाथ मेरी चूत को सहलाने लगा। पहले वो दो उंगलियां मेरी चूत में डाल कर अंदर-बाहर करने लगा। मैं भी उसके लंड को सहलाने लग गई। कुछ देर बाद उसने एक उंगली और घुसा दी मेरी चूत के अन्दर। उंगली चूत में जाते ही मैं उछल पड़ी। मेरा हाथ उसके लंड से बाहर आ गया, और मैं सोफे पर गिर गई। वो मेरी चूत में लगातार उंगली अंदर-बाहर करता रहा।
मेरी चूत गिली हो गई थी पूरी। उसकी उंगलियों से मेरी चूत का पानी निकलता हुआ साफ दिखाई दे रहा था। मेरे साथ ऐसा किसी ने पहले नहीं किया था। मुझे दर्द भी बहुत हो रहा था। फिर उसने अपनी उंगलियां बाहर निकाल ली, और मेरी चूत के पानी से गिली हुई उंगलियों को मेरे मुंह में डाल दिया। मैंने आज पहली बार अपनी चूत के पानी का स्वाद लिया।
अब उसने अपने पूरे कपड़े निकाल दिये। मेरी चूत में दर्द हो रहा था, तो मैं सोफे पर ही लेट गई थी। पर तभी उसने मुझे मेरे सर के बालों से पकड़ कर खड़ा किया, और नीचे बिठा दिया अपने लंड के पास। मेरी नज़र के सामने उसका लंड आ गया। मैं उसका लंड देख कर डर गई। उसका लंड घोड़े के लंड के जैसा था।
तब मेरा दिल हुआ मैं नंगी ही उस कमरे से बाहर चली जाऊं, पर उसकी पकड़ से निकलना मुश्किल था। उसने अपना लंड मेरे मुंह में घिसना शुरु कर दिया। फिर दूसरे हाथ से मेरा गला दबा दिया, जिससे मेरा मुंह खुल गया। उसने देर ना करते हुए लंड को मेरे मुंह में डाल दिया। वो मेरे बाल फिर से पकड़ कर लंड को मेरे मुंह में अंदर-बाहर करने लगा।
जैसे-जैसे लंड अंदर जाता, मेरा मुंह पूरा भर जाता। बीच-बीच में वो लंड को इतनी जोर से मुंह के अन्दर करता, कि मेरे गले तक लंड चला जाता, और मैं तड़प उठती। मेरी सांस रुकने लगती। कुछ देर के बाद उसने लंड मुंह से बाहर निकल लिया।
आगे की चुदाई कहानी अगली कहानी में बताऊंगी। कैसी लगी अभी तक की कहानी जरूर बताना [email protected] पर।