पिछला भाग पढ़े:- अजनबी प्यासी औरत की चुदाई
हैलो दोस्तों, मैं हेरी आ गया हूं अपनी कहानी अगले भाग के साथ। पिछली कहानी में हमने देखा कि कैसे मैंने रिया की चुदाई की और फिर वो शादी के बाद अपने पति के साथ दूर रहने चली गई।
रिया की चुदाई के कुछ दिन बाद ही मुझे एक अनजान नंबर से कॉल आता है।
हेरी: नमस्ते।
फोन पर एक मधुर सी कानों में रस घोल देने वाली मीठी मधुर आवाज गूंजी-
अंजान: नमस्ते।
हेरी: कौन बोल रही हैं आप?
अजान: मैं जो भी हूं तुम्हें क्या?
हेरी: तो आपके पास मेरा ये नंबर कैसे आया? किसने दिया ये नंबर आपको?
अंजान: मैं जो भी हूं मुझे जानना पहचानना है तो कल दोपहर 1 बजे स्टेशन के पास वाले गार्डन में आ जाना।
हेरी: ऐसे-कैसे आ जाऊं मिलने? मैं नहीं आ रहा।
अंजान: तुम्हें आना तो पड़ेगा ही क्योंकि मेरे पास कुछ तस्वीरें है तुम्हारे और रिया के प्यारे लम्हों की। तुम कहो तो उसके पति को दिखा दूं क्या?
अंजान: अच्छा मैं आ जाऊंगा।
अब अगले दिन का मैं इंतजार कर रहा था, और बार-बार दिमाग में ये ख्याल आ रहा था कि आखिर कौन सी औरत थी जिसे ये सब के बारे में पता था? कौन थी? और क्या चाहती थी? ये सब ख्यालों में था।
फिर अगले दिन दोपहर को मैं तैयार हो कर गार्डन में चला गया। वहां कोई दिखायी नहीं दे रहा था, तो मैंने उस औरत को कॉल किया।
हेरी: नमस्ते।
अंजन: नमस्ते।
हेरी: कहां हो आप? मैं यहां गेट पर आ गया हूं।
अंजान: अब वहां से लेफ्ट लेके सीधे आते रहो। आगे तालाब के किनारे में खड़ी हूं।
हेरी: ठीक है मैं आ रहा हूं।
जैसे में तालाब के पास पहुंचा तो देखा कि पूरा तालाब पेड़ों से घिरा हुआ था, और सुनसान था। और वहां एक औरत तालाब की और मुंह कर के खड़ी थी। उसने नीले रंग की साड़ी पहनी थी, और पीछे से वो पूरी कामुक गदराई हुई औरत लग रही थी। उसकी गांड काफी चौड़ी और बड़ी थी। उसके हवा में लहराते हुए बाल उसके कामुक बदन को और भी हसीन बना रहे थे।
फिर मैंने पास जाकर उसके कंधे पर हाथ रखा। उसने मुझे पलट कर देखा। मैंने भी उसे देखा। मैं उसे देख कर चौंक गया, क्योंकि वो हमारे पी.जी. की बिल्डिंग के सामने वाले घर की कामिनी आंटी थी।
कामिनी सिंह के बारे में बता दूं। तो वो एक काफी गोरी दूध की रसमलाई जैसी चिकनी औरत है। उनके चूचे तरबूज़ की तरह बड़े-बड़े 36D साइज़ के, और कमर 30″ की, और गांड का साइज़ 38″ था। तो आप खुद सोच सकते हैं कि कैसी औरत होगी।
वो यहां अकेली ही रहती थी, और काफी हॉट या सेक्सी महिला थी। वो अपने दोस्तों के साथ अक्सर पार्टियां करती थी, और हफ्ते में 10 दिन घूमने जाती थी। काफी खुले विचारों वाली महिला थी।
हेरी: आप आंटी?
कामिनी: हां मैं, क्यों मुझे देख कर अच्छा नहीं लगा? क्या मैं सुन्दर नहीं हूं?
हेरी: आप तो एक डैम हॉट पटाखा माल लग रही हो।
कामिनी: कैसा लगा सरप्राइज़?
हेरी: कभी सोचा नहीं था कि जिसे हम लंड की सवारी करवाना चाहते हैं, वो खुद सामने से चुदने को मचल रही है।
कामिनी आंटी ने मुझे खींच कर अपने रसीले होठों को मेरे होठों पर रख दिया, और चूमने लगे। हम दोनों एक-दूसरे को होठों से, और फिर मैंने उसके गले को किस किया जिससे वो काफी उत्तेजित हो गई। एक-दूसरे से काफी उत्साहित हो कर मैंने उनको एक पेड़ के नीचे लेजा कर उनके चूचों को मसला।
उनके 2 तरबूज़ों को साड़ी के ऊपर से मैंने जोर-जोर से मसला और थप्पड़ मारे जिससे वो आह आह करने लगी, और जिससे उनकी साड़ी के ब्लाउज में से देखने वाले उनके 2 तरबूज़ और क्लीवेज लाल हो गए।
फिर वो मुझसे कहने लगी: यहां कोई भी कभी भी आ सकता है।
और वो मुझे एक तालाब के किनारे गुफा के पास ले गई। वहा जा कर बस वो मुझ पर टूट ही पड़ी, और मेरे शर्ट को निकाल फैंका। और मेरी छाती को अपनी जीभ से चाटने लगी। पूरे शरीर को चूमने लगी। मैंने भी अब उसकी साड़ी का पल्लू गिरा दिया, और पूरी साड़ी खींच दी। अब वो सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में ही थी।
मैं भी काफी जोश में आ चूका था। उनके हुस्न का नशा ही कुछ ऐसा था। फिर मैंने उनके काले रंग की ब्लाउज के बटन खोले। जैसे ही मैंने उनके ब्लाउज के सभी बटन खोले, तो उनके 2 तरबूज़ फुदक कर बाहर आ गए। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, और मैंने उसके मम्मों को ब्रा से भी आज़ाद करवाया।
उसकी गोल-गोल तरबूज जैसी चूचियों के सामने रिया भाभी के भी छोटे लग रहे थे। जिसको पिछली कहानी में बताया गया था। अब उसके खुले मम्मों पर मैं टूट पड़ा और दाएं वाले चूचे को हाथ से दबाने लगा, और बाएं वाले चूचे को मुंह में ले लिया। अब वो पूरी तरह से अपनी वासना का बांध तोड़ चुकी थी। फिर मैंने उनके चूचों को बारी-बारी चूसा, और वो मेरा मुंह अपने चूचे पर दबा कर बोली-
वो: आज मेरा सारा दूध पी ले, और इनको भी चोद दे। आज अपने लंड को रगड़ इन दूध की गर्मी निकाल।
और फिर मैंने उनसे कहा: ये लो मुंह में।
और मैंने अपना लंड मुंह में दे दिया। वो एक प्यासी रांड की तरह चूस रही थी, मानो जन्मों की भूखी हो। फिर लंड टाइट होते ही मैंने उसके दोनों मम्मों के बीच में लंड रखा, और उसकी चूचियों को रगड़ा अपने लंड से, और धीरे-धीरे चूचियों की चुदाई की।
अब वो पेटीकोट में थी। मैंने उनके पेटीकोट को खींचा, और उनकी पैंटी को अपने मुंह से धीरे-धीरे खींचा। अब वो पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी, और काफी तड़प रही थी चुदाई के लिए। मैंने भी अब देर ना करते हुए उसकी गीली चूत को लंड से रगड़ना चालू किया।
वो बोली: अब डाल दे, चूत फाड़ दे, आज अपने मोटे लंड से चोद अपनी इस रांड को।
अब मैंने एक जोर का झटका दिया, और पूरा लंड अंदर था। वो जोर से चीख पड़ी आहहह, और मैंने उसकी चूत की चुदाई शुरू की।
वो चिल्ला रही थी: धीरे-धीरे करो ना।
पर मैंने एक ना सुनी, और अपने लंड को उसकी चूत के अंदर-बाहर करने लगा। फिर वो भी मजा लेने लगी।
वो: आह कम ऑन बेबी आह आह।
फिर मैंने घोड़ी बनने को कहा और वो घोड़ी बनी। मैंने पीछे से चूत को चोद-चोद कर फाड़ दिया था। उसका सारा माल मेरे लंड पर गिरा था, और अब वो खड़ी होने लगी थी।
मैंने उसे कहा: आज तो तेरी गांड भी मारूंगा। आज हाथ आई है तो ऐसे नहीं जाने दूंगा।
वो मना करने लगी और बोली: यार आज नहीं। आज अब बहुत थक चुकी हूं।
पर मैंने उसकी एक ना सुनी और एक झटके में अपना आधा लंड उसकी गांड में डाल दिया। वो चिल्ला उठी और सिसकियां ले रही थी। फिर मैंने पूरा लंड डाल दिया, और थोड़ी देर रुका। फिर उसकी गांड की खूब चुदाई की, खूब पेला। अब वो पूरी तरह थक चुकी थी, और उसकी आंखों में वो खुशी दिख रही थी, जो उसे काफी टाइम के बाद मिली थी। फिर हम दोनों ने कपड़े पहने, और वहां से निकलते समय उसने मुझे होठों पर लंबा सा स्मूच किस किया।
फिर हमने काई बार चुदाई की, कभी होटल में, कभी उसके घर में, या कभी हमारे कमरे में, तो कभी आउटडोर में।
अब आगे के हिस्से में बताऊंगा कि कैसे उसने अपनी सहेलियों की चुदाई करवाई मेरे लंड से, और मुझे काफी गिफ्ट भी दिलाये। अगर कहानी अच्छी लगी हो तो जरूर टिप्पणी में बताएं, और अगला भाग जल्दी ही आएगा। धन्यवाद दोस्तों।