आँटी की सहेली को सेट किया-2

This story is part of the आँटी की सहेली को सेट किया series

    फिर आँटी की ब्रा को भी खोल फेंका। तभी शीला आँटी के टाइट कसे हुए चूचे बाहर निकल आये।

    आँटी के कसे हुए चूचों को देख कर मेरा लण्ड टनटना उठा, और मैंने आँटी के चूचों को मुट्ठियों के कस लिया। अब आँटी के चूचों को बुरी तरह से कसने लगा।

    “ओह आँटी क्या मस्त चूचे आह्ह मज़ा आ गया। आज तो इन्हें पूरा निचोड़ दूंगा।”

    “आईईईईई सिसस्ससस्स ओह यार धीरे-धीरे मसल। बहुत दर्द हो रहा है।”

    “ओह आँटी आप तो कुछ मत कहो। मसलने दो मुझे।”

    तभी आँटी चुप हो गई। मैं आँटी के चूचों को बुरी तरह से मसल रहा था। आँटी के चूचों को निचोड़ने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। आँटी दर्द से झटपटा रही थी। मैं आँटी के चूचों की जम कर क्लास ले रहा था।

    फिर थोड़ी देर में ही मैंने आँटी के चूचों को बुरी तरह से मरोड़ दिया। फिर मैंने आँटी के चूचों को मुँह में भरा और ताबड़-तोड़ उन्हें चूसने लग गया।

    “ओह आँटी बहुत ही मज़ेदार चूचे है आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है, ओह।”

    “चूस ले रोहित। वैसे भी इन्हें कोई चूसता ही नहीं है।”

    “ओह आँटी अब मैं ही चुसुंगा। ओह आँटी ओह।”

    मैं आँटी के चूचों को सबड़-सबड़ कर चूस रहा था। आँटी के चूचों को चूसने में मुझे अलग ही मज़ा मिल रहा था। आँटी मुझे बाहों के घेरे में फंसा चुकी थी।

    “ओह सिसस्ससस्स आह्ह ओह उँह ओह रोहित।”

    मैं झटके दे देकर आँटी के बोबों को चूस रहा था। मेरे चूसने से आँटी के बोबे लाल हो चुके थे। मैं तो आँटी के बोबों को बुरी तरह से निचोड़ रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक आँटी के चूचों को चुसा।

    मैंने आँटी के चूचों को बुरी तरह से रगड़ डाला था। तभी आँटी उठ गई, और मुझे नीचे पटक कर मेरे ऊपर चढ़ गई। अब उन्होंने मेरे होंठो को भीच लिया, और भूखी शेरनी की तरह मेरे होंठो पर टूट पड़ी।

    मैं आँटी को उनकी हवस मिटाने का पूरा मौका दे रहा था। आँटी झमाझम मेरे होंठो को चूस रही थी। मैं आँटी की मख़मली पीठ को सहला रहा था। फिर मैं आँटी की गांड मसलने लगा।

    आँटी मेरे होंठो को बुरी तरह से खा रही थी। तभी मैं आँटी की साड़ी और पेटिकोट को नीचे खिसकाने की कोशिश करने लगा। लेकिन पेटिकोट का नाड़ा बंधा होने के कारण आँटी का पेटिकोट नहीं खिसक रहा था।

    तभी आँटी ने समझदारी दिखाते हुए पेटिकोट का नाड़ा खोल दिया। अब मैंने आँटी की साड़ी और पेटिकोट को उनकी टांगो तक खिसका दिया।

    अब मैं आँटी के मस्त चूतड़ों को मसल रहा था। आह्ह ! एक दम गोल-गोल और सुडोल चूतड़ लग रहे थे आँटी के। इधर आँटी मेरे होंठो को उनके होठो में फसाये हुई थी।

    फिर आँटी मेरी चेस्ट पर आ गई, और ताबड़-तोड़ तरीके से किस करने लगी। अब तो आँटी भूखी शेरनी बन चुकी थी। वो मेरी चेस्ट पर बुरी तरह से बाईट कर रही थी।

    मैं आँटी के बालों को समभाल रहा था। आँटी की गरमा-गरम सांसों को देख कर लग रहा था कि आँटी बहुत दिनों से चुदी नहीं थी। फिर आँटी ने किस कर करके मेरी चेस्ट को गीला कर डाला।

    अब आँटी नीचे सरकी और उन्होंने डायरेक्ट मेरे मोटे तगड़े लण्ड को पकड़ लिया। अब आँटी मेरे लण्ड को मसलने लगी।

    “ओह रोहित तेरा तो बहुत तगड़ा लण्ड है। काश तेरे अंकल का भी ऐसा होता, तो रोज मेरी चूत फटती।”

    “कोई बात नहीं आँटी। आप जब चाहोगी तब मैं आपकी चूत फाड़ दूंगा।”

    “हां फाड़ देना साले।”

    तभी आँटी ने मेरे लण्ड को मसल-मसल कर लाल कर डाला। फिर आँटी ने मेरे लण्ड को मुँह में भरा और उसे चूसने लगी। मैं आँटी के बालो को समभाल रहा था। आँटी लबालब मेरे लण्ड को चूस रही थी। वो मेरे लण्ड को पूरा मुंह में ले चुकी थी।

    “आह्ह ओह आँटी आहाहा बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आह्ह और चूसो।”

    आँटी सकासक मेरे लण्ड को चूस रही थी। आँटी को देख कर लग रहा था कि आँटी बहुत बड़ी खिलाडी थी। वो मेरे लण्ड को चूस-चूस कर लॉलीपॉप बना चुकी थी।

    फिर आँटी ने बहुत देर तक मेरे लण्ड को चूस कर अपनी हवस मिटाई।

    अब मैंने आँटी को फटाफट से नीचे पटका, और उनके भोसड़े में लण्ड जा ठोका। अब मैं आँटी को मेरे नीचे दबा कर चोद रहा था, आँटी का जिस्म मुझसे चिपका हुआ था और उनकी टाँगे हवा में लहरा रही थी।

    मेरे लण्ड के झटकों से आँटी का धुआं निकल रहा था।

    “आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स आह्ह उन्ह सिससस्स।”

    मैं आँटी को ताबड़-तोड़ ठोके जा रहा था। अब मेरा लण्ड रुकने सा लगा था। तभी मैंने आँटी की चूत में लंड थाम दिया, और फिर मेरे लण्ड ने आँटी को पानी पिला दिया। अब आँटी ने अपनी बाहों में मुझे जगह दे दी, और उनके जिस्म से चिपका लिया।

    फिर थोड़ी देर बाद अब मैं धीरे-धीरे आँटी के चूचों को फिर से चूसने लगा। आँटी के मस्त बिंदास चूचों को चूसने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। धीरे-धीरे मेरा लण्ड फिर से लोहे की रॉड बन रहा था। फिर मैंने आँटी के चूचों को एक बार फिर से बुरी तरह से चूस कर निचोड़ डाला।

    अब मैंने आँटी को पलट दिया। तभी आँटी की मस्त गांड और उनकी चमचमाती हुई गदराई पीठ को देख कर मेरा लण्ड फनफना उठा। मैं झट से आँटी के ऊपर चढ़ गया।

    अब मैं आँटी के कानों और कंधो पर जम कर किस करने लगा। मैं बुरी तरह से आँटी के ऊपर टूट पड़ा था। मैं झमाझम आँटी के कंधो और कानों को किस कर रहा था।

    “”सिससस्स उन्ह आह्ह आह्ह ओह रोहित।”

    आँटी बेचैन हो रही थी। मैं उनकी आग को लगातार फड़का रहा था। अब मैं आँटी की मखमली पीठ पर किस करने लगा। तभी आँटी आतुर होकर गद्दे को मुट्ठियों में कसने लगी। मुझे आँटी की पीठ पर किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

    फिर किस करता हुआ मैं आँटी की गांड पर आ गया।अब मैं आँटी के मस्त सेक्सी चूतड़ों पर ताबड़-तोड़ किस करने लगा। आँटी के चूतड़ों पर किस करने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।

    “ओह आँटी आह्ह बहुत ही ज़ोरदार मस्त चूतड़ है आपके आह्ह, मज़ा आ गया।”

    मैं आँटी के

    सेक्सी चूतड़ों को ताबड़-तोड़ तरीके से किस कर रहा था। मैं तो पागल सा होने लगा था। आँटी लगातार अपने जिस्म को समेटने की कोशिश कर रही थी। फिर मैंने आँटी के चूतडों को खूब किस किया।

    अब मैंने आँटी को फिर से सीधा किया, और फिर से आँटी की टाँगे चौड़ी कर दी। फिर मैंने फिर से आँटी के भोंसड़े में लण्ड पिरोया, और फिर ज़ोर का झटका देकर लण्ड आँटी के भोंसड़े में डाल दिया।

    अब मैं शीला आँटी को फिर से दिन में तारे दिखाने लगा।

    “आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह आह्ह ओह रोहित तू तो जान ही निकाल देता है यार।”

    “अब मोटे तगड़े लण्ड से चुदोगी, तो दर्द तो झेलना ही पड़ेगा आँटी।”

    “ओह सिससस्स आह्ह हां यार। बहुत जलन हो रही है मेरी चूत में।”

    “हां आँटी वो तो होगी ही।”

    फिर मैंने आँटी को बुरी तरह से बजा कर उनका पानी निकाल दिया।

    अब मैंने आँटी की टाँगे पकड़ कर उन्हें आगे खीच लिया, और फिर मैंने आँटी के ऊपर चढ़ कर उनके मुँह में लण्ड सेट कर दिया।

    अब मैं आगे झुक कर आँटी के मुँह में झमाझम लण्ड पेलने लगा।

    “ओह आँटी आह्ह बहुत अच्छा लग रहा है, आह्ह।”

    मैं गांड‌ हिला-हिला कर आँटी के मुंह को जम कर चोद रहा था। आँटी चुप-चाप मुँह में लण्ड ठुकवा रही थी। मेरा लण्ड आँटी के मुंह की गहराई को नाप रहा था।

    “ओह शीला मज़ा आ गया। आह्ह।”

    अब मैंने आँटी का सिर पकड़ कर उनके मुँह को ऊपर उठा लिया, और फिर मैं आँटी के मुंह की फिर से ज़ोरदार ठुकाई करने लगा। आँटी को बजाने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

    मैंने बहुत देर तक आँटी के मुँह की ठुकाई की।

    अब मैं आँटी को बेड से उठा कर नीचे ले आया, और उन्हें दीवार से सटा दिया। मैं आँटी के नंगे जिस्म को बुरी तरह से रगड़ रहा था। आँटी सिस्कारिया भरने में पागल हो रही थी।

    “ओह आह्ह सिससस्स ओह उन्ह सिसस्ससस्स।”

    मैं आँटी की गांड को मसलता हुआ आँटी के चूचों को मसल रहा था। आँटी के मखमल से जिस्म को मैं बुरी तरह से रगड़ रहा था।

    तभी मैंने आँटी के भोंसड़े में उंगलिया घुसा दी, और फिर दे दना दन आँटी के भोंसड़े की बखिया उधेड़ने लगा।

    “ओह आह्ह सिससस्स उन्ह ओह धीरे-धीरे यारर्रर्र।”

    “ओह आँटी करने दो। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”

    आँटी दर्द से बहुत बुरी तरह से तड़प रही थी। मेरी उंगलिया आँटी के भोंसड़े को अंदर से बुरी तरह से खोद रही थी। इधर मैं आँटी के गले पर किस कर रहा था।

    अब बेचारी आँटी मुझे भी बाहों में कस रही थी, और उनकी चूत के दर्द को भी झेल रही थी। मैं आँटी के भोंसड़े में जबरदस्त हलचल मचा रहा था।

    “आह्ह सिससस्स ओह मरर्रर्र गाईईई। सिससस्स आह्ह।”

    तभी आँटी खुद को रोक नहीं पाई, और आँटी का पानी निकल गया। मैं अभी भी आँटी की चूत में खलबली मचा रहा था।

    “ओह सिसस्ससस्स आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह सिसस्ससस्स।”

    फिर मैंने बहुत देर तक आँटी के भोंसड़े में घमासान मचाया। आँटी की हालत खराब हो चुकी थी। फिर मैंने आँटी को घोड़ी बनने के लिए कहा। अब आँटी कैसे मना करती? वो बेड पकड़ कर तुरंत घोड़ी बन गई।

    तभी मैंने आँटी की चूत में लंड सेट कर दिया, और फिर आँटी की कमर पकड़ कर उन्हें फिर से बजाने लगा। मैं फिर से आँटी की चूत में भयंकर घमासान मचाने लगा।

    “आईईईईई आईईईईई आईईईई ओह कुत्ते आईईईईई आईएईई धीरे-धीरे चोद।”

    “मज़ा तो ज़ोर-ज़ोर से ही चोदने में आता है मेरी रानी।”

     

    मैं घोड़ी बना कर आँटी को धमा-धम चोद रहा था। आँटी घोड़ी बन कर बुरी तरह से चुद रही थी। आँटी की दर्द भरी चीखें मुझे और ज्यादा उकसा रही थी। तभी मैंने आँटी के बाल पकड़ लिये, और अब मैं आँटी के बाल पकड़ कर उन्हें बजा रहा था।

    “आईईईईई आईईईई आईएईई बहुत दर्द हो रहा है साले हरामी, आईईईई आईईईई मर्रर्रर्र गईईई मैं तो।”

    “दर्द में ही तो मज़ा आता है मेरी जान।”

    मैं गांड हिला हिलाकर आँटी की चूत में झमाझम लण्ड ठोक रहा था। मेरा लण्ड आँटी की चूत के अंतिम छोर तक घुस रहा था। आँटी को घोड़ी बना कर पेलने में मुझे अलग ही मज़ा मिल रहा था।

    “उँह ओह सिससस्स आहाः आहाहाह ओह आईईईईई आईईईई आईएईई बससस्स कुते।”

    तभी आँटी की चूत से गरमा गरम नमकीन पानी नीचे बहने लगा। एक बार फिर से आँटी का पानी निकल चुका था। फिर मैंने बहुत देर तक आँटी को घोड़ी बना कर बजाया।

    घोड़ी बनने के बाद आँटी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी। अब मैं आँटी की गांड के छेद को भी खोलना चाहता था। फिर मैं आँटी की गांड के छेद को छेड़ने लगा। तभी आँटी समझ गई कि मैं उनकी गांड भी मारना चाहता था।

    “यार अब तू मेरी गांड भी मारेगा क्या?” हां आँटी गांड तो मारनी ही पड़ेगी ना।”

    “यार गांड में तो बहुत दर्द होगा, और ऊपर से तेरा मोटा तगड़ा लण्ड मेरी तो गांड ही फाड़ देगा।”

    “तो कोई बात नहीं आंटी। वैसे भी आपकी गांड तो फाड़नी ही है।”

    अब मैं आँटी की गांड के छेद के पर लण्ड सेट कर ज़ोर से झटका देने लगा। तभी मेरा लण्ड थोड़ा सा आँटी की गांड में जा घुसा, और आँटी दर्द से झल्ला उठी। तभी आँटी दूर हट गई।

    “आईईईईई सिसस्ससस्स, यार रोहित, मैं गांड में तेरा लण्ड नहीं ले पाऊँगी।”

    “अरे आँटी इतना भी मत डरो। थोड़ा दर्द होगा ही।”

    “थोड़ा क्या बहुत दर्द होगा यार।”

    रूको मैं आपकी गांड पर थोड़ी सी मालिश कर देता हूँ। तभी मैं किचन में गया, और तेल ले आया। अब मैं आँटी की गांड को तेल लगा लगा कर मसलने लगा। फिर मैंने मेरे लंड को भी तेल लगा कर चिकना कर लिया।

    “अब ठीक है आँटी?” “हां अब सही है।”

    तभी मैंने आँटी की गांड में ज़ोर से लण्ड ठोक दिया। मेरा लण्ड एक ही झटके में आँटी की गांड को फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया। लण्ड गांड में घुसते ही आँटी का सारा अनुभव फेल हो गया, और आँटी ज़ोर से चीख पड़ी।

    “ ओह रोहित बहुत दर्द हो रहा है। आईईईई मर्रर्रर्र गईईईई मैं तो, आहाहाह।”

    अब मैंने लण्ड बाहर निकाला, और फिर से आँटी की गांड में लंड ठोक दिया। आँटी अभी तो मेरे लण्ड के एक झटके से सम्भली ही नहीं थी, कि उन्हें फिर से तगड़ा झटका लग गया। वो फिर से बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।

    “ओह मम्मी। आईईईईई आईईईई आईईईईई बहुत दर्द हो रहा है। आईईईईई।”

    आँटी दर्द से बुरी तरह से झल्ला रही थी। अब मैं आँटी की गांड में लण्ड ठोक-ठोक कर उन्हें बुरी तरह से बजाने लगा। आँटी की मस्त गांड मारने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं झमाझम आँटी की गांड मार रहा था।

    “आह्ह आह्ह आहः आहाहाह आईएईई आईईईई आह्ह आह्ह। मर्रर्रर्र गईईई मैं तो। ओह मम्मी।”

    मैं ज़ोर-ज़ोर से आँटी की गांड में लण्ड पेल रहा था। मुझे आँटी की गांड मारने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। आँटी बुरी तरह से गांड मरवा रही थी।

    “आईईईईई आहहह फिर से बहुत दर्द हो रहा है यार। आह्ह सिससस्स आह्ह आईएईई आईईईई, ओह रोहित।”

    “अब इतना दर्द तो होगा ही आँटी।”

    तभी मैं आँटी की गांड की फिर से ज़ोरदार ठुकाई करने लगा। अब आँटी का पानी निकल गया, और वो पसीने-पसीने हो चुकी थी। मैं ताबड़-तोड़ आँटी की गांड मार रहा था। आँटी कराहती हुई गांड मरवा रही थी।

    “आईई आईई आह्ह आह्ह आह्ह आईईईई आहः आह्ह आह्ह ”

    तभी आँटी कांपने सी लगी, और आँटी की चूत से गर्म पानी का फंवारा फूट पड़ा। आँटी बुरी तरह से पसीने में लथ-पथ हो गई। मैं आँटी की कमर पकड़ कर जम कर लण्ड पेल रहा था

    “आह्ह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स आह्ह आह्ह उन्ह सिसस्ससस्स।”

    अब आँटी आराम से गांड मरवा रही थी। मेरा मोटा तगड़ा लण्ड आँटी की गांड की बखिया उधेड़ रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक आँटी को बजाया।

    गांड मराने के बाद आँटी का हाल बेहाल हो चुका था। वो बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी। तभी मैंने आँटी को उठा कर बेड पर पटक दिया।

    आँटी का गौरा चिकना जिस्म पसीने से लथ-पथ होकर पानी-पानी हो चूका था। अब मैं फिर से आँटी पर चढ़ गया, और आँटी के अमरुद जैसे चूचों को फिर से चूसने लगा।

    “उन्ह आँटी बहुत ही ज्यादा टेस्टी लग रहे हैं। आह्ह उन्ह।”

    “चूस ले यार जितना चूसना हो। तेरे ही है।”

    मैं आँटी के चूचों को फिर से लूट रहा था। आँटी आराम से मस्त होकर मुझे उनके चूचों को पिला रही थी। अब मेरा लण्ड फिर से आँटी के भोंसड़े में खलबली मचाने के लिए तैयार था।

    मैं तुरंत नीचे आया और आँटी की टाँगे खोल दी। अब मैं फिर से आँटी के भोसड़े की धज्जिया उड़ाने लगा।

    “आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह सिसस्ससस्स आह्ह।”

    मैं गांड हिला हिला कर आँटी को ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था। मेरे लंड के झटकों से आँटी के अमरुद बहुत बुरी तरह से हिल रहे थे।

    “उन्ह सिससस्स आह्ह ओह रोहित बससस्स ऐसे ही बजा‌ आह्ह आह्ह।”

    “हां शीला।”

    मैं आँटी को जम कर बजा रहा था। आँटी भी मस्ती में डूब कर मेरा लण्ड ले रही थी। मैं आँटी को झमाझम बजाये जा रहा था। तभी आँटी का पानी निकल गया।

    “ओह्ह रोहित, सिसस्ससस्स।”

    फिर मैंने आँटी को बहुत देर तक बजाया। अब मेरा माल भी गिरने वाला था। मैंने आँटी को कस कर दबाया, और फिर आँटी के भोंसड़े को गर्म माल से भर दिया।

    तभी आँटी मुझे बाहों में दबा बैठी।

    आज आँटी मुझसे चुदवा कर बहुत खुश लग रही थी। उनके जिस्म का अंग-अंग खिल उठा था। इतने सालों के बाद मेरे लण्ड ने उन्हें बहुत बड़ी खुशी दी थी।

    “सच में रोहित तूने तो मुझे चोद कर निहाल कर दिया। मैंने तो कभी नहीं सोचा था, कि कोई मुझे इतनी बुरी तरह से भी बजायेगा।”

    “अब तो मज़ा आ गया ना शीला?” “हां यार।”

    “तूने तो मेरे बदन के कतरे-कतरे को हिला डाला।””यही तो मेरे लण्ड का कमाल है आँटी।”

    “हां, बहुत मस्त है तेरा लंड यार।”

    अब आंटी उठी और बैडरूम में पड़े कपड़ों को इकठ्ठा करने लगी। फिर आँटी ने चड्डी पहन कर ब्रा पहन ली। फिर आँटी ने पेटिकोट पहना, और बलाऊज पहन कर साड़ी ओढ़ ली।

    “मैं किचन में चाय बनाने जा रही हूं। तू तैयार होकर बाहर आजा।””हां आँटी।”

    तभी आँटी गांड हिलाती हुई किचन में चली गई। अब धीरे-धीरे मेरा फिर से आँटी को बजाने का मूड बनने लगा।

    आँटी चाय बना चुकी थी। वो बार-बार मुझे आवाज़ लगा रही थी। तभी मैं ऐसे ही नंगा बाहर आ गया। आँटी मुझे नंगा देख कर चौक गई।

    “अरे यार कपड़े तो पहन लेता।”

    “अरे आँटी अभी पहन लूंगा।”

    तभी हम दोनों हॉल में बैठ कर चाय पीने लगे। मेरा लण्ड आँटी को देख देख कर लोहे की रॉड बन रहा था।

    “ये तो फिर से खड़ा हो रहा है यार।”

    “हां आँटी। अब ये फिर से आपकी लेगा।” “नहीं यार अब नहीं। मैं पहले ही बहुत ज्यादा थक चुकी हूं।”

    “आँटी बससस्स एक बार और।”

    “नहीं यार।” “हां आँटी।”

    तभी मैं उठा और आँटी के हाथ से कप लेकर एक तरफ रख दिया। अब मैंने फटाफट से आँटी को सोफे पर पटक दिया, और आँटी सोफे में धंस गई। अब मैंने आँटी की टांगो को ऊंचा करके आँटी की चड्डी खोल फेंकी।

    मैंने आँटी के भोंसड़े में लण्ड रखा, और ज़ोर-ज़ोर से आँटी को चोदने लग गया। तभी आँटी फिर से सिरसिराने लगी।

    “आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह। अंदर ही बजा लेता कमीने।”

    “साली, सोफे पर बजाने में अलग ही मज़ा आता है।”

    मैं ज़ोर-ज़ोर से आँटी के भोसड़े में लण्ड पेल रहा था। आँटी को सोफे पर पटक कर चोदने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरा लण्ड आँटी के भोसड़े में तगडी ठुकाई कर रहा था।

    “आह्ह आह्ह ओह आह्ह ओह साले आह्ह आह्ह आहा।”

    “आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है आँटी।”

    तभी धमा-धम ठुकाई से आँटी का पानी निकल गया। अब मेरे लण्ड के झटकों से आँटी के भोसड़े से पानी नीचे टपकने लगा था। मैं आँटी को मस्ती में डूब कर बजाये जा रहा था।

    “आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह आह्ह आह्ह ओह सिससस्स।”

    फिर मैंने बहुत देर तक आँटी को सोफे पर बजाया। अब मैंने आँटी को छोड़ दिया। अब आँटी उठी और उन्होंने चड्डी पहन ली। फिर मैं भी कमरे में जा कर कपड़े पहन आया। आँटी फर्श पर बने दागों को साफ कर रही थी।

    “ठीक है आँटी अब मैं चलता हूँ।”

    “ठीक है, लेकिन ऋतू को इस बारे में कुछ मत बताना।” “हां आँटी।”

    अब मैं शीला आँटी को बजा कर घर आ गया। मेरे चेहरे की ख़ुशी को देखकर ऋतू आँटी सब समझ गई थी।

    “बजा ही दिया आखिरकार तूने मेरी सहेली को।” “हां आँटी।”

    “वो मान गई थी या फिर तूने ही उसको बेड पर पटक दिया?”

    “अरे वो खुद ही मान गई थी। लेकिन बहुत ज्यादा मनाना पड़ा उन्हें, तब जाकर वो मेरा लंड लेने को तैयार हुई।”

    “तो मज़े तो खूब दिए ना तूने मेरी सहेली को?” “हां आँटी, खूब जम कर रगड़ा है आपकी सहेली को। कोई कसर नहीं छोड़ी है।”

    “चल फिर तो अच्छा है।”

    आँटी या भाभी दोस्ती करे।

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