अब आगे की कहानी – प्रोफेसर भी एक हाथ से जींस के ऊपर से मेरी मोटी एवं गोल गांड को दबाने लगा और दूसरे हाथ से मेरी मुलायम नंगी पीठ जोर-शोर से मसलते हुए कामुक आंहें भरने लगा। मैं बहुत गर्म हो चुकी थी और प्रोफेसर की गर्दन और छाती पर दांत गढा़ने लगी, मैं जितनी जोर से प्रोफेसर की गर्दन तथा छाती को चूसती उतनी ही जोर से उसके मुंह से कामुक आंहें निकलने लगतीं और पूरा रूम चुदाई के महौल में रंगा हुआ महसूस होने लगा।
तभी प्रोफेसर ने मुझे बालों से पकड़ लिया और बालों से खींच कर मेरा मुंह थोड़ा ऊपर की तरफ कर लिया। जैसे ही मेरा मुंह ऊपर को हुआ प्रोफेसर ने अपने होंठ मेरी गर्दन के नीचे लगा दिए और चूमने लगा। उसके होंठों का स्पर्श अपनी गर्दन पर पाते ही मेरे बदन में बिजली दौड़ने लगी और मैं उसके सिर में हाथ घुमाने लगी।
थोड़ी देर बाद वो अपनी जीभ से मेरी गर्दन चाटते हुए मुंह में खींच कर चूसने लगा और उसके हाथ मेरे बूब्ज़ से खेल रहे थे। प्रोफेसर ने मुझे मेरी पतली एवं गोरी कमर से पकड़ कर ऊपर को किया और मेरे बूब्ज़ चूमने लगा। वो मेरे बूब्ज़ के निप्पलों पर जीभ घुमाते हुए मुंह में ले कर चूसने लगा। वो बहुत जोर से मेरे बूब्ज़ को चूसने लगा और मेरे मुंह से अपने-आप कामुक सिसकियां निकलनी चालू हो गईं।
मैं प्रोफेसर के सिर को पकड़ कर उसका मुंह अपने बूब्ज़ पर दबाने लगी और मस्ती में मचलने लगी। प्रोफेसर मेरे पूरे बूब्ज़ अपने मुंह में लेकर चूसना चाहता था लेकिन मेरे बूब्ज़ ज्यादा बड़े और सख्त होने की वजह से उसके मुंह में समा नहीं रहे थे इसलिए वो कभी कहीं से कभी कहीं से मेरे बूब्ज़ चूसने लगा। प्रोफेसर पूरी तरह वहशी बन गया था वो मेरे बूब्ज़ को अपने दांतों से नोचने लगा।
उसके वहशीपन से मुझे बहुत मजा आ रहा था जितना वो वहशीपन दिखाता उतना ही मैं मस्ती में मचलने लगती। वो जगह जगह मेरे बडे़-बड़े गोल बूब्ज़ को दांतों से काटने लगा और मेरे हल्के भूरे बूब्ज़ के निप्पलों को दांतों के बीच पकड़ कर जोर से खींच कर छोड़ देता। उसके ऐसा करने से रूम में पुचचच पुचचच की जोरदार आवाजें गूंजने लगीं और हम दोनों मस्त हुए एक-दूसरे के जिस्म में समा रहे थे।
प्रोफेसर ने मुझे खड़ी कर दिया और मेरी जींस सैंडिल के ऊपर से खींच कर निकाल दी और मेरा पैंटी भी खींच कर निकाल दी। अब मैं बिल्कुल नंगी उसके सामने खड़ी थी और वो भी खड़ा हो गया। वो अपनी पैंट एवं अंडरवियर निकालते हुए बोला अर्श डार्लिंग मैंने आज तक तुम्हारे जैसी हॉट फिगर वाली लड़की नहीं देखी और इतने बड़े और सख्त बूब्ज़ आज पहली बार मेरे हाथ लगे हैं।
अब प्रोफेसर भी मेरे सामने बिल्कुल नंगा हो गया था और मैंने उसके लंड की तरफ देखा वो काफी लंबा एवं मोटा था और लोहे की रॉड की तरह अकड़ कर सीधा खड़ा था। प्रोफेसर फिर से सोफे पर बैठ गया और उसने मेरी कमर में हाथ डालकर अपने पास खींच लिया।
वो मेरी भरी हुई गोरी जांघों को अपने हाथ से सहलाने लगा और अपने होंठ मेरे गोरे मुलायम एवं चिकने पेट पर रख दिए। वो मेरे पेट को जीभ से चाटने लगा और मेरी नाभि में जीभ घुसा कर हिलाने लगा। मैं उसके सिर को पकड़ कर अपने पेट पर दबाने लगी और जब वो मेरी नाभि में जीभ घुसा कर हिलाता तो मेरे मुंह से मस्ती भरी चीख निकल जाती तथा मैं उसके सिर के बालों को अपने हाथों में भींच लेती। वो मेरे पेट को चूमते चाटते हुए मेरे बडे़ बडे़ चूतड़ दबाने लगा।
कुछ देर बाद उसने मुझे मेरी कमर को पकड़ कर मुझे घुमा दिया और मेरी मोटी गांड उसकी तरफ हो गई। वो मेरे चूतडो़ं को सहलाता हुआ बारी बारी से मेरे गोल गोल चूतडो़ं को चूमने लगा और अपनी जीभ से चाटने लगा। उसने मुझे ऐसे ही अपनी गोद में बैठा लिया और पीछे से मेरी गर्दन चूमने लगा।
उसने मुझे थोड़ा आगे झुका कर पीछे से मेरे बूब्ज़ अपने हाथों में ले लिए और मेरी गोरी पीठ चूमने लगा। मैं चुदाई के नशे में उसकी गोद में बैठी मस्त हो रही थी और उसका लंड मेरी गांड पर ठोकर मार रहा था। हम दोनों बहुत मस्ती में डूबे हुए आनंद ले रहे थे प्रोफेसर अपना लंड मेरी गांड पर दबा रहा था और मैं भी अपनी गांड से उसका लंड मसल रही थी। अचानक मुझे मस्ती सूझी मैं आगे को झुक गई और अपनी गांड की दरार के बीच प्रोफेसर का लंड फंसा लिया और अपनी कमर हिला कर उसके लंड को अपनी गांड के ऊपर महसूस करने लगी।
प्रोफेसर ने मुझे गोद में उठा कर बैॅड पर बैठा दिया और मुझे बोला अब मैं तुम्हारी चूत चाटना चाहता हूं। तो मैंने कहा ऐसे नहीं तथा बैॅड पर लेट गई और उसको 69 अवस्था में ऊपर आने को कहा। वो मेरे कंधों के ऊपर अपने घुटने मोड़कर लेट गया। उसका लंड बिल्कुल मेरे होंठों के सामने था और उसका मुंह मेरी चूत के बिल्कुल पास था, उसकी गर्म सांसें मुझे मेरी चूत पर महसूस हो रही थीं। उसने मेरी टांगें खोलकर अपने होंठ मेरी चूत पर रख दिए और मेरी चूत पर जीभ घुमाने लगा।
मैंने उसके लंड के टोप्पे से चमड़ी पीछे की और उसके लंड के टोप्पे पर गोल गोल जीभ घुमाते हुए लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। वो अपनी जीभ को मेरी चूत के ऊपर चलाने लगा और उसका बढ़ा हुआ पेट मेरे बूब्ज़ को दबा रहा था।
प्रोफेसर ने मेरी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और मेरी चूत को अंदर से चाटने लगा। मैं प्रोफेसर के चूतडो़ं को सहलाती हुई सिर को ऊपर-नीचे करते हुए उसका लंड मुंह में अंदर-बाहर करने लगी। कुछ देर ऐसे चलता रहा और प्रोफेसर फिर से वहशी बन गया।
प्रोफेसर मेरी चूत में जीभ डालकर तेजी से चूसने लगा और अपनी कमर ऊपर-नीचे करके मेरा मुंह चोदने लगा। वो मेरे मुंह में झटके मारने लगा और उसका लंड मेरे मुंह से होता हुआ मेरे गले में उतर जाता। वो अपने लंड को कुछ देर मेरे गले की गहराइयों में फंसा कर रखने के बाद बाहर खींच लेता और मुझे बहुत ही ज्यादा आनंद आ रहा था। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।
प्रोफेसर मेरी चूत में अपनी पूरी जीभ डालकर चाटने लगा और सपड़.. सपड़.. की आवाजें आने लगीं और वो मेरे मुंह एवं गले को भी तेजी से चोदने लगा। मेरे गले में लंड अंदर-बाहर होने से गप्प.. गप्प.. की आवाजें आने लगीं और पूरा रूम सपड़ सपड़.. एवं गप्प.. गप्प.. की आवाजों से गूंज उठा। हमारी काम वासना शिखर पर थी और हम दोनों मस्ती में चूत एवं लंड चुसाई में मगन थे। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कामदेव खुद अपने कामुक तीरों से हम पर प्रहार कर रहा हो।
प्रोफेसर ने अपना लंड मेरे मुंह से निकाल लिया और मेरे ऊपर आ गया। उसने मेरे होंठों को चूमा और बोला अर्श डार्लिंग चूत और लंड के मिलन का समय आ गया क्या तैयार हो। मैंने कहा रवि डार्लिंग मेरी चूत तो कब से लंड लेने को बेचैन है अब मेरी चूत की प्यास बुझा दो।
प्रोफेसर ने मेरी चूत पर लंड रखा और चूत के ऊपर घिसाने लगा। हमने एक-दूसरे की आंखों में देखा और मैंने प्रोफेसर का लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर टिका लिया और प्रोफेसर से कहा रवि डार्लिंग एक झटके में पूरा अंदर घुसेड़ देना तब ही मजा आएगा। प्रोफेसर बोला तुम देखना जानेमने एक बार में ही मेरा लंड तेरी चूत को चीरता हुआ अंदर होगा और आज तेरी चूत को चोद चोद कर चूत का भोसडा़ बना दूंगा।
प्रोफेसर ने एक जोरदार झटका मारा और उसका लंड मेरी टाईट चूत की दीवारों को खोलता हुआ मेरी चूत में जड़ तक बैठ गया। झटका इतना जोरदार था का उसके लंड का टोप्पा मेरी बच्चेदानी के मुंह से टकरा गया और मेरे मुंह से जोरदार कामुक चीख निकल गई। लंड को वहीं रोककर प्रोफेसर ने पूछा क्यों अर्श डार्लिंग मजा आया।
मैंने मुस्कुरा कर अपनी नाजुक एवं कोमल बांहें उसके गले में डाल दी़ और उसकी आंखों में सेक्सी नज़र से देखते हुई बोली हां डार्लिंग बहुत मजा आ रहा है अब मुझे जोर जोर से चोद दो। प्रोफेसर धीरे-धीरे मुझे चोदने लगा लेकिन मुझे जबरदस्त चुदाई चाहिए थी तो मैंने उसे जोश दिलाने के लिए कहा रवि डार्लिंग ऐसे नहीं। उसने पूछा क्या ऐसे नहीं मैंने कहा ऐसे धीरे-धीरे मजा नहीं आता तुम ऐसे मत सोचो कि मैं तुम्हारे कॉलेज की लड़की हूं बल्कि ऐसा समझ कर चोदो कि मैं कोई रंडी हूं और तुम मुझे पैसे देकर लाए हो और जोर जोर से चोदकर पैसे वसूल करना।
प्रोफेसर बोला ओए होए मेरी अर्श रंडी पहले तो मुझे लग रहा था लेकिन अब यकीन हो गया तुम बहुत बड़ी चुद्दकड़ हो अब मजा आएगा चोदने में। मेरी बातों से उस पर बहुत असर हुआ और उसने अपना लंड पीछे खींच कर जोर से अंदर धकेल दिया। एक बार फिर उसके लंड का टोप्पा मेरी बच्चेदानी के मुंह से टकरा गया और मेरे मुंह से जोरदार मस्ती भरी चीख निकल गई।
अब प्रोफेसर मुझे जोरदार तरीके से चोदने लगा, वो अपना लंड पीछे खींच कर जोर से मेरी चूत में पेल देता और तेजी से कमर चला कर अपने लंड को मेरी चूत के अंदर-बाहर करने लगा। उसके हर झटके से मेरे मुंह से मस्ती भरी चीख निकल जाती और वो भी कामुक आंहें भरने लगा।
मेरी मस्ती भरी कामुक चीखों और उसकी कामुक आंहों से रूम का महौल मदमस्त हो गया था। वो ऊपर से कमर हिला हिला कर मेरी चूत चोदने लगा और मैं नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर लंड को चूत में अंदर-बाहर होने का मजा लेने लगी।
प्रोफेसर कामुक आंहें भरते हुए बोला अर्श तेरे जैसी गर्म लड़की जो चुदाई का असली मजा लेना और देना बहुत खूबी से जानती है आज पहली बार मिली है। मुझे आज पहली बार चुदाई का असली सुख मिल रहा है। प्रोफेसर मेरी चूत चोदते हुए फिर बोला तू कहा तू आज तक कहां थी अर्श डार्लिंग पहले क्यों नहीं मिली अगर आयु का इतना अंतर न होता और मुझे पहले मिल जाती तो तुझ से शादी कर लेता।
मैंने कहा फिर तुम जब कॉलेज पढा़ने जाते तो पीछे से मैं किसी और से चुदाई करवाती तो क्या करते। प्रोफेसर ने ललंड मेरी चूत में फंसा कर कहा लंड और चूत का रिश्ता ही ऐसा है कि लंड नई चूत की तालाश में रहता है और चूत नए लंड की तालाश में। तुम मेरी बीवी होकर किसी और से चुदवाती तो क्या होता अब वाली कौन सी नहीं चुदवाती। मैंने कहा मतलब तुम यहां मेरे साथ और तुम्हारी बीवी किसी और के साथ।
प्रोफेसर बोला ये चलता रहता है जब तुम्हारी शादी होगी तुम जान जाओगी और मेरी बीवी तेरे जैसी ही चुद्दकड़ है अच्छा मर्द देखा नहीं और डोरे डालना चालू कर देती है। उसने बताया कि उसकी बीवी एक नंबर की चालू रंडी है जब उसकी शादी हुई थी तो उसने सोचा था कि अपनी बीवी के अलावा किसी और लड़की की तरफ देखेगा भी नहीं लेकिन धीरे-धीरे उसकी हरकतों पर शक्क होने लगा।
मैंने जब उसके बारे पता किया तो मालूम हुआ कि मेरी बीवी कॉलेज टाईम में बहुत चुद्दकड़ थी और उसको कई लड़के और शादीशुदा मर्द चोद चुके हैं। मेरे घरवालों ने ज्यादा दहेज के लालच में मेरी शादी उससे करवा दी थी।
मैंने ये सब पता करने के बाद रूम में कैमरा छुपा कर लगा दिया और तब पता चला कि अब भी वो कई मर्दों से चुदाई करवाती है और शराब सिगरेट भी पीती है। पहले तो मुझे बहुत गुस्सा आमा और तालाक देने की सोची लेकिन मुझे लगा मेरी ही बदनामी होगी। लोग कहेंगे कि रवि अपनी बीवी की ठीक से चुदाई नहीं करता होगा तभी ये सब हुआ और धीरे-धीरे इसकी आदत सी हो गई।
मुझे ये भी समझ आ गया कि वो मुझ से ठीक से क्यों नहीं चुदवाती। जब अपने आशिकों से चुदवाती है तो बहुत मजे से तीनों छेदों में लंड लेती है और जब मैं चोदता हूं तो बस टांगें उठा कर चुदवाती है और पानी निकल जाने के बाद मुंह दूसरी तरफ करके सो जाती है। एक बार उससे बैठ कर बात भी की तो बोली मैं बदल नहीं सकती अगर तुम किसी और लड़की को चोदना चाहो उसे कोई परेशानी नहीं है।
अब आलम ये है कि मुझे उसके सब चोदने वाले मर्दों का पता है और उसको भी पता है मैं और लड़कियों को चोदता हूं। बस एक बात का गम ता शादीशुदा होने के बाद भी चुदाई का असली सुख नहीं मिला ता लेकिन आज तुम मुझे वो सुख दे रही हो।
मैंने कहा कहां पुरानी बातें लूकर बैठ गए डार्लिंग अभी जो है उसको क्यों खराब कर रहे हो अभी चुदाई करते हैं। प्रोफेसर मेरी आंखों में देखकर मुस्कुरा दिया और मेरे होंठों को चूम कर तेजी से मेरी चूत चोदने लगा। एक बार फिर से पूरा रूम मेरी कामुक चीखों, उसकी कामुक आंहों और चुदाई की फच्च.. फच्च.. की आवाजों से गूंज उठा।
पढ़ते रहिये.. क्योकि ये कहानी अभी जारी रहेगी, मेरी मेल आई डी है “arashdeepkaur77@gmail.com”.