मैंने कहा, “तू यह मत सोच कि किरण का पति सूरज तेरे पीछे नहीं पड़ा है। अरे किरण ने कहा नहीं कि वह तो तुम्हारे पीछे पड़ ही गया है? पर पीछे पड़ा भी हो तो क्या हो जाएगा? ऐसे थोड़े ही होता है कि कोई मर्द जब चाहे जिस औरत को चाहे, चोद दे?
पर एक बात तो माननी पड़ेगी। सूरज दूसरों नाहिम्मत मर्दों से कई गुना अच्छा है। तूने तो देखा है कि कई मर्द छिप कर तुझ पर नामर्द की तरह लाइन मारते हैं, या टिका टिप्पणी करते हैं। सूरज एक ऐसा सॉलिड मर्द है जो खुल कर सामने आकर तुझे पाने की और चोदने तक की बात करता है।
मुझे लगता है कि तुझे सूरज से जरूर मिलना चाहिए। एक बार देखो तो सही कि क्या उसमें उतना दम है, जैसा किरण कह रही है?”
रीता ने मेरी और एक सरसरी नजर से देखा और पूछा, “अच्छा? और अगर उसमें उतना दम हुआ और वह मुझे चोदने पर उतारू हो गया तो? फिर तुम क्या करोगे?”
मैंने अपना सिर पटकते हुए कहा, “चोदने के लिए उतारू हो जाने से वह तुम्हें चोद ही देगा ऐसा जरुरी तो नहीं? तुम्हारी मर्जी के बगैर वह तुम्हें कैसे चोदेगा? और अगर वह चोदने का मौक़ा मिलने पर तुम्हें चोद भी देता है तो क्या तुम्हारे सिर पर सींग उग जाएंगे? तुम्हें अपनी प्रोटेक्शन का ध्यान रखना है बस। तुम इतनी घबराती क्यों हो?
रीता मैंने तुम्हें कई बार कहा है कि अगर हमारी पसंद का पात्र मिलता है तो हम दोनों को बिंदास एन्जॉय करना चाहिए। मुझे कोई दिक्कत नहीं अगर तुम्हारी पसंद का तगड़ा गैर मर्द तुम्हें प्रोटेक्शन के साथ चोदे तो। जहां तक मेरा सवाल है, तो अगर किरण का पति तुम्हें चोदेगा तो तुम्हारी दोस्त किरण को मैं थोड़े ही छोडूंगा? तुम मुझे किरण से मिला दो फिर देखो मैं क्या चक्कर चलाता हूँ।”
रीता ने कुछ नरम पड़ते हुए कहा, “अच्छा तो यह बात है! तो तुम किरण को चोदना चाहते हो और फँसा मुझे रहे हो। ओ मिस्टर, तुम यह अच्छी तरह समझ लो। मैं किसी से नहीं घबराती। मैं कोई भेड़ बकरी नहीं हूँ, कि किसी से आसानी से डर जाउंगी। तुम चिंता मत करो।
वैसे भी किसी में इतना दम नहीं है कि मुझे इतनी आसानी से पा ले। जहां तक तुम्हारा सवाल है, तुम किरण से मिलो उसमें मुझे कोई दिक्कत नहीं। मुझे पता है तुमसे कुछ होने वाला नहीं है। किरण बड़ी तेज-तर्रार है। वह तुम्हारे चक्कर में नहीं फँसने वाली।”
मैंने कहा, “तुम्हें अपने पति में विश्वास नहीं है क्या? और मान लो कि अगर मैं किरण को चोद नहीं भी पाया, तो कोई बात नहीं। तुम तो सूरज से चुदवा ही लो। तुम्हें सूरज जैसे किसी तगड़े गैर मर्द से चुदवाना ही मेरी सबसे बड़ी इच्छा है।”
“हाँ वह तुम्हारे पागलपन के बारे में तो मैं अच्छी तरह से जानती हूँ।” रीता ने मुंह बनाते हुए कहा।
मैं मेरी पत्नी को कई बार यह समझाने की कोशिश कर रहा था कि उसे सेक्स के बारे में कुछ लचीलापन अपनाना चाहिए। मेरा मतलब था कि मैं चाहता था कि मेरी बीवी रीता सेक्स के मामले में कोई रूढ़िवादी बीवी का सख्ती वाला रवैया छोड़ अगर कोई मर्द उससे छेडछाड़ करे तो उसका साथ दे।
मेरी यह कामना थी कि जब भी मौक़ा मिले कोई और मर्द मेरी बीवी को अपनी तगड़ी मर्दानगी से अच्छी तरह चोदे, और उसे तगड़ी वाली चुदाई का सुख दे, जो हर मर्द अपनी बीवी को नहीं दे पाता और शायद मैं भी उसे दे नहीं पाया था।
हालांकि मेरी बीवी के मुताबिक़ मेरी बीवी मेरी चुदाई से बड़ी ही खुश थी। पर मैं अपने मन ही मन में जानता था कि शादी के कुछ सालों के बाद चुदाई में औरत और मर्द दोनों को वह मजा नहीं आता जो शादी के तुरंत बाद आता है।
पर मेरी बीवी थी कि वह मेरे अलावा किसी भी मर्द को छूना तो दूर, उसे अपने करीब आने देने की बात सोचने के लिए ही मना कर रही थी। शायद जो काम मैं तब तक कर नहीं पाया था, वह काम किरण अच्छी तरह कर रही थी।
किरण देखते ही देखते मेरी बीवी की चूत तक पहुंच गयी। फर्क सिर्फ यही था कि किरण औरत थी। पर खैर रीता ने किसी औरत को ही सही पर अपनी चूत छूने दी यह मेरे लिए किरण की एक बहुत बड़ी सफलता थी।
मैंने महसूस किया कि किरण अपनी नादानियत, सरलता और अपने भोलेपन से मेरी पत्नी रीता से सेक्स के बारे में बात करके रीता के करीब जा कर रीता के सेक्स के बंद किये हुए दरवाजे को धीरे-धीरे खोलने का काम कर रही थी।
किरण के मेरी पत्नी रीता की चूत के छूने और उंगली करने वाली रात जब रीता बिस्तर पर आयी, तो उसका आलम कुछ और ही था। मुझे साफ़-साफ़ महसूस हो रहा था कि मेरी बीवी कुछ कहे या ना कहे, उसे किरण का उसकी चूत पर हाथ फिराना और उँगलियों से उसकी चूत को चोदना उतना बुरा नहीं लगा था, जितना वह दिखाने की कोशिश कर रही थी।
उस रात रीता ने मेरे लंड को मुंह में लेकर बड़ी शिद्दत से ना सिर्फ चूसा बल्कि अपनी टांगें खोल कर मुझसे अपनी चूत चटवायी, और फिर मेरे ऊपर चढ़ कर मेरा लंड अपनी चूत में लेकर खूब चुदाई की।
मेरे साथ-साथ वह भी झड़ गयी और झड़ते हुए मुझे बार-बार यह कहती जा रही थी कि किरण बिल्कुल एक पागल लड़की है जिसके सर पर सिर्फ सेक्स ही सवार था। शायद उसे यह पता नहीं था कि मैं उसकी चूत को किरण की चूत समझ कर उसे बड़ी मस्ती से चोदे जा रहा था।
किरण की शादी को भी करीब चार साल हो चुके थे और अभी उन्हें कोई बच्चा नहीं था। किरण का पति सूरज एक बिजनेसमैन था। उनके परिवार का मसाले का होलसेल का कारोबार था। उनका व्यापार काफी फैला हुआ था। पर किरण का पति सूरज शो बिज़नेस में था और एक नामी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी का मालिक था।
वैसे तो किरण को पैसे कमाने के लिहाज से नौकरी करने की कोई जरूरत नहीं थी, पर किरण भी घर में बैठ कर सिर्फ हाउसवाइफ बन कर रहना नहीं चाहती थी, और इसीलिए उसने यह नौकरी ली थी। सूरज के घर में किसी को किरण के नौकरी करने से कोई आपत्ति नहीं थी।
कई बार ऊपरवाला भी सोच समझ कर जोड़ी बनाता है। किरण की तरह किरण का पति सूरज भी सेक्स के मामले में बिंदास था। सेक्स के मामले में सूरज की और से किरण को कोई रोक-टोक नहीं थी।
शादी के समय सूरज और किरण ने शायद एक समझौता कर लिया था, कि शादी के बाद भी एक दूसरे को किसी गैर मर्द या औरत से सेक्स के बारे में छानबीन या सवाल जवाब नहीं करेंगे।
रीता ने मुझे किरण के कई खूबसूरत फोटोज दिखाए। किरण की बिंदास तस्वीरें देख कर मैं तो पागल सा हो गया। इतनी खूबसूरत औरत और ऐसी बिंदास! रीता ने मुझे किरण और उसके पति सूरज के बारे में इतनी सारी बातें कह डालीं थी, कि मैं भी किरण और सूरज को मिलने के लिए काफी उतावला हो रहा था।
मेरी किरण और किरण के पति सूरज से पहली मुलाक़ात तब हुई, जब मैं एक दोपहर रीता को लेने के लिए उसकी स्कूल में पहुंचा हुआ था। उस दिन स्कूल बस की हड़ताल थी। सुबह मैं रीता को स्कूल छोड़ अपने दफ्तर गया हुआ था। दोपहर को सूरज भी किरण को लेने के लिए स्कूल पहुंचा हुआ था।
जैसे ही स्कूल के गेट में से किरण के साथ रीता बाहर आयी, रीता ने किरण से मेरा परिचय कराया तो फ़ौरन मुझे देख कर किरण आ कर मुझसे लिपट गयी और रीता की और देख कर बोल पड़ी, “अरे यार तेरा पति तो बड़ा स्मार्ट, हैंडसम और हॉट है! अब तक तूने क्यों उसे मुझ से छिपा कर रखा था?”
उस वक्त भौंचक्का होने की बारी मेरी थी। एक तरफ इस लड़की का पति थोड़ी ही दूर खड़े हमें देख रहा था, तो दूसरी और मेरी पत्नी बाजू में खड़ी किरण को मेरी बाँहों में देख रही थी। पर किरण को तो जैसे इन बातों से कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था।
मेरे लिए वह पहला अनुभव था, जब इतनी सेक्सी, सुन्दर, युवा और पत्नी की इतनी करीबी दोस्त मुझसे इस तरह आलिंगन करने लगे। किरण का ऐसा व्यवहार देख कर मैं कुछ देर तक तो स्तब्ध सा खड़ा कुछ बोल ही नहीं पाया।
मेरी पत्नी रीता मेरी उलझन देख खिलखिला कर हंसने लगी और बोली, “मैंने आप से कहा ना था? यही मेरी दोस्त किरण आधी पागल है। अब आपका भी उससे परिचय हो ही गया। यह ऐसी ही है।”
दूसरी और किरण के पति की प्रतिक्रया खुल कर हँस रही मेरी बीवी रीता को देख कर अजीबोगरीब सी थी। मेरी बीवी रीता को देख कर किरण के पति सूरज की ऑंखें चौंधियाँ सी गयीं।
सूरज रीता को ऐसे देखने लगा जैसे उसने इससे पहले इतनी सुन्दर सेक्सी औरत पहले देखि ही ना हो। जैसे ही किरण ने उसके पति सूरज से मेरी पत्नी रीता की पहचान कराई, सूरज मेरी बीवी को काफी देर तक ऊपर से निचे तक बिना कुछ बोले एक टक निगाहें ताकता हुआ देखता ही रहा।
उस समय माहौल कुछ अजीब सा हो गया। देखने वाले को ऐसा लगता होगा जैसे मेरी पत्नी किरण के पति सूरज के सामने बिल्कुल बिना कपड़े पहने हुए नग्न खड़ी हो और सूरज पहली बार किसी अत्यंत खूबसूरत नग्न स्त्री को अपने सामने खड़ा देख रहा हो।
किरण ने अपने पति को कोहनी मार कर कहा, “अरे, तुम घर में तो इतनी ज़िद कर रहे थे और बार-बार मुझसे कह रहे थे कि रीता से मिला दो। अब जब मेरी सेक्सी दोस्त रीता खुद आपके सामने खड़ी है तो आप इस तरह बुत से खड़े हुए चुप-चाप रीता को देख क्यों रहे हो? क्या हो गया तुम्हारी मर्दानगी को?”
अपनी बीवी से इस तरह का उलाहना सुनने के बाद सूरज कुछ झुंझलाया हुआ आगे आया और उसने रीता का हाथ थामा। हम सब रोडसाइड पर खड़े थे। अब आगे सूरज उसके साथ क्या करेगा इस असमंजस में फँसी और सूरज के लम्बे, बलशाली गठे हुए बदन को निहारती कुछ हड़बड़ाई घबराई हुई मेरी पत्नी रीता बेबस, असहाय सी सूरज के साथ उस का हाथ थामे चल पड़ी।
सूरज रीता को अपने साथ रोडसाइड पर लगी लम्बी कार की कतार के पीछे दूसरी तरफ यह कह कर ले गया, ताकि आता जाता ट्राफिक उन्हें डिस्टर्ब ना करे। पर रीता को पकड़ कर ले जाने का असली कारण था कि मैं, किरण और आते-जाते वाहन सूरज और रीता की हरकतें देख ना सकें।
वहाँ सूरज ने रीता को अपने करीब खींच कर अपनी बाहों में लपेट लिया। फिर रीता के बदन को कार के दरवाजे के ऊपर टिका कर उसके ऊपर अपने पूरे बदन का वजन दे कर रीता को कार और अपने बदन के बीच में कस कर दबा कर सूरज अजीब तरीके से रीता को आलिंगन करता रहा।
दरअसल सूरज कार की दूसरी तरफ रीता के साथ खड़ा रीता की गांड के दोनों कूल्हों को अपने हाथों में दबाते हुए रीता के अंग से अंग मिलाते हुए रीता की चूत में अपने लंड से कुछ धक्के मार कर नजदीकी आलिंगन करता रहा।
कुछ देर तक वैसे ही अपनी बाहों में जकड़े हुए काफी घनिष्ठ सा आलिंगन करने के बाद सूरज ने रीता को छोड़ दिया। यह सब मेरी भौंचक्की सी खड़ी पत्नी रीता समझ सके उसके पहले चंद पलों में ही हो गया।
आगे की कहानी अगले पार्ट में।