नितिन कपल एक्सचेंज के लिए मान चूका था और अब पूजा को मनाने के लिए एक अच्छे अवसर की प्रतीक्षा थी । फिर पता चला कि पूजा और नितिन की शादी की साल गिरह आनी वाली और मैंने अपना प्लान बनाया।
अगले दिन मै स्वीमिंग के लिए 15 मिनट्स जल्दी चली गयी। पूजा अपने रेगुलर टाइम पर आयी। मैं उसके स्वीमिंग पूल से बाहर निकलने के 15 मिनट्स पहले ही बाहर आ गयी और कपडे पहन लिए।
नितिन अपनी आदत के अनुसार मुझे बिकिनी में देखने के लिए जल्दि आया और मैंने उसको अकेले में पकड़ ही लिया। वो मुझे पूरे कपड़ो में देख थोड़ा निराश हुआ।
मैं: “नितिन, मुझे तुमसे बात करनी थी”
नितिन: ” आई एम सॉरी, होली वाले दिन के लिए”
मैं:”तो तुमने मुझे झूठ बोला था?”
नितिन: “मुझे नहीं पता, मुझे बस उन दोनों पर शक था जो मैंने तुम्हे बता दिया था”
मैं:”मेरे हिसाब से उन दोनों के बीच कुछ नहीं हैं। पर अब अगर वो करना चाहे तो तुम क्या करोगे?”
नितिन: “पिछली बार मुझे शक था तो मैंने तुम्हारे साथ वो सब कर दिया। तुम्हे भी उनसे बदला लेना हो तो मैं तैयार हूँ फिर से करने को”
मैं:”छुप छुप कर क्या करना ! अगर वो दोनों एक दूसरे के साथ कर रहे हैं तो हम भी खुल कर उनसे बात कर लेते हैं कि हम दोनों भी करेंगे। शायद फिर उनकी अकल ठिकाने आ जाए और ये सब बंद कर दे”
नितिन: “मुझे चलेगा, उनको करना हैं तो करे। मुझे तुम्हारे साथ करने को मिलेगा तो मुझे कोई आपत्ति नहीं हैं”
मैं: “तो तो फिर तुम पूजा से बात कर लो। मना लो उसको अगर वो अदला बदली के लिए तैयार हैं। उसका सच में अशोक के साथ कुछ चक्कर हैं तो तुम्हे भी पता चल जाएगा”
नितिन: “उसको पूछने की हिम्मत होती तो बहुत पहले ही पूछ चूका होता जब मुझे उस पर शक था। तुम उसके घर वालो को नहीं जानती, बहुत खतरनाक हैं। तुम ही बात करो, मेरी मंजूरी हैं”
अशोक और नितिन दोनों ही बीवियों की इस अदला बदली के लिए तैयार थे पर दोनों मर्दो में हिम्मत नहीं थी कि वो पूजा से इस बारे में बात कर सके। सारा जिम्मा अब मुझ पर था जब कि इस अदला बदली में मेरी कोई रूचि नहीं थी। मेरा सिर्फ इतना मकसद था कि पति पर एक अहसान कर दू ताकि आगे कभी अपना काम निकलवा सकू।
मैं: “पूजा ने बताया कि तुम्हारी शादी की सालगिरह आने वाली हैं। तुम अपनी पार्टी में सिर्फ हम चारो को रखना, उसी दिन मैं पूजा को मना लुंगी और हम यह अदला बदली कर लेंगे”
मैंने अब नितिन से विदा ली और घर आकर अशोक को बताया कि मैंने नितिन को मना लिया हैं। अशोक खुश हुआ कि उसका आधा काम हो चूका हैं।
मैंने अशोक को बोल दिया कि अब वो नितिन के साथ मिलकर थोड़ा प्लान कर ले। उसकी सालगिरह मनाते समय ही हम वो अदला बदली करने वाले थे। अगले दिन ही स्वीमिंग क्लब में पूजा ने मुझसे बात की।
पूजा: “प्रतिमा, मेरी शादी की सालगिरह की पार्टी में तुम आ सकती हो क्या?”
मैं:: “मैं आकर क्या करुँगी? तुम दोनों मियां बीवी मजे करो, मैं कबाब में हड्डी क्या करुँगी!”
पूजा: “हर साल हम दोनों अकेले ही मनाते हैं। नितिन बता रहा था कि इसी दिन तुम और अशोक भी पहली बार मिले थे और तुम लोग भी इस दिन को मनाते हो। तो फिर हम लोग साथ मिलकर पार्टी करते हैं। एक से भले दो कपल हो जायेंगे”
नितिन ने यह एक झूठ बोल कर पूजा को हमारे साथ पार्टी करने को मना लिया था।
मैं: “हां, हम लोग भी यह दिन मनाते हैं। पर हमारी वजह से तुम लोगो को कोई परेशानी तो नहीं होगी ना?”
पूजा: “अरे नहीं, ज्यादा मजा आएगा। मैं नितिन को बोल दूंगी, हम मिलकर प्लान कर लेंगे कैसे पार्टी करनी हैं”
उसके बाद अशोक और नितिन ने मिलकर पूरा प्लान बना दिया और मुझे भी बता दिया। उन लोगो ने होटल में एक कमरा बूक कर दिया था जहा हम अदला बदली कर चोदने वाले थे।
उसके पहले डिनर और डांस का कार्यक्रम था। इसके लिए उन्होंने एक प्राइवेट जगह बूक की थी जहा हमारे चारो के अलावा कोई नहीं होगा। इसी जगह इस दौरान मुझे पूजा को मनाना था और फिर हम होटल के कमरे में जाकर मजे करने वाले थे। मुझे आशा थी कि मैं पूजा को मना ही लुंगी।
पूजा अपनी सालगिरह को लेकर बहुत उत्साहित थी और नितिन के लिए वो क्या गिफ्ट ले उसके लिए मुझसे पूछ रही थी। उस बेचारी को क्या पता था कि सालगिरह के ही दिन उसको किसी गैर मर्द के साथ चुदवाना पड़ेगा।
इन कुछ दिनों में मैंने पूजा की सेक्स लाइफ के बारे में भी जानने की कोशिश की और उसने भी मेरी सेक्स लाइफ में जानने की रूचि दिखाई। वो जितना पूछती मैं उसको कुछ ज्यादा ही बता कर उसका मूड बनाती जा रही थी ताकि वो अशोक की तरफ आकर्षित हो।
आखिर वो दिन भी आया। मैंने एक अच्छी से सेक्सी ड्रेस पहनी और अशोक भी अपनी चाहत पूजा को लुभाने के लिए कोट पहन कर अच्छे से तैयार था।
अशोक इतना उतावला था कि वो ठीक समय पर मुझे लेकर होटल पहुंच गया। कुछ ही देर में पूजा और नितिन भी आ गए थे। चमकीली शरीर दिखाऊ साड़ी में मेकअप से लिपटी पूजा क़यामत ढा रही थी।
लाल लिपस्टिक में रंगे उसके होंठो के बीच उसकी चौड़ी मुस्कान से दीखते दांत चमक रहे थे और गाल भी रौशनी पड़ते ही दमक रहे थे। पूजा ने सिर पर बालो का जुड़ा बना रखा था और उसके चेहरे के दोनों तरफ एक एक लम्बी घुंघराली जुल्फे निकली हुयी थी। ऐसा लगा जैसे उसकी आज शादी की सालगिरह नहीं बल्कि सुहागरात हैं।
अशोक की हालत मैं देख सकती थी। मुझे डर था कि कही अशोक का पानी उसकी पैंट में ही ना छूट जाए। वो आज आखिर पूजा को चोद पायेगा यह सोच कर ही वो जैसे हवा में उड़ रहा था।
हम चारो उस निजी कक्ष में थे जहा एक टेबल और चार कुर्सियां रखी थी। रोमांटिक संगीत बज रहा था और हलकी मध्यम रौशनी थी। वेटर बीच बीच में आकर खाने पीने का सामान ला रहा था जो हमने आर्डर किया था।
थोड़ी देर बैठने के बाद सॉफ्ट ड्रिंक लेने के बाद अशोक बोलने लगा कि डांस करना चाहिए। उसकी इच्छा थी कि वो पूजा के साथ डांस करे पर सीधा बोलना मुश्किल था।
नितीन ने भी साथ दिया कि डांस करना चाहिये, पर पूजा तैयार नहीं थी। मैंने उसको उत्साहित किया कि थोड़ा डांस तो करना चाहिये। फिर वो मान गयी।
उस हल्की रोशनी में रोमांटिक संगीत के बीच नितीन और पूजा डांस करने लगे। उनके पास ही मै और अशोक डांस कर रहे थे। अशोक की नजरे बराबर साड़ी में लिपटी पूजा की गांड पर थी।
अशोक तो मरे जा रहा था पूजा के साथ डांस करने के लिए ताकि उसके बदन को छू पाये। ऊधर नितीन का भी अशोक वाला ही हाल था।
उसकी बाहों में इतनी खुबसूरत बीवी थी पर वो मुझे देख तड़प रहा था।
पूजा इस बीच पूरा स्माईल करते हुए चहक रही थी। अब मुझे ही कुछ करना था। मैंने अशोक के साथ डांस करना छोड़ा और हम दोनो नितीन और पूजा के पास पहुचे. नितीन ने हमें देख पूजा के साथ डांस करना छोड़ा.
पूजा और नितीन खड़े खड़े ही हल्का हिलते हुए अकेले डांस कर रहे थे। मैंने नितीन को देखा और अपना हाथ आगे बढाया और उसने पूजा से अलग होकर मेरा हाथ पकड़ा और डांस करने लगा।
पूजा डांस करते रुक गयी थी और मुझे नितीन के साथ डांस करते देखने लगी। पूजा के चेहरे पर अभी भी एक स्माईल थी। दुसरी तरफ अशोक कोशिश कर रहा था कि वो पूजा का हाथ पकड़ पाये।
अशोक ने अब अपना हाथ आगे कर पूजा की तरफ बढाया. पूजा की आंखे हिरणी की तरह और बड़ी हो गयी और एक हल्की नर्वस भरी स्माईल के साथ वो मुझे और नितीन को देखने लगी।
मै और नितीन स्माईल करते बराबर उन दोनो की तरफ देख डांस में लगे हुए थे और अशोक का हाथ अभी भी पूजा की तरफ आगे बढा हुआ था।
मैने पूजा को इशारा किया कि वो डांस करे। उसके चेहरे पर अभी भी एक हल्की स्माईल थी पर उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था। नितीन ने भी पूजा को इशारा किया कि वो डांस कर ले।
पूजा ने थोड़ी झिझक के साथ अपना हाथ अशोक के हाथ में दे दिया। फिर अशोक नहीं रुका और उसने पूजा को हल्का सा अपने बाहों में ले लिया और उसकी कमर को एक हाथ लपेट दुसरा हाथ उसके हाथ में रखा।
वो दोनो अब डांस करने लगे थे और इधर नितीन मेरी कमर पकड़े डांस कर रहा था। नितीन को डांस करना बिल्कुल नहीं आता वो मुझे जल्दी ही पता चल गया।
वो डांस कम कर रहा था और मुझसे टकरा ज्यादा रहा था। जिसकी वजह से मेरी हंसी ज्यादा निकल रही थी। पूजा का भी ध्यान मेरी तरफ था कि जिस तरह मै हस रही थी।
मुझे देख उसकी भी हंसी निकल रही थी। मै नितीन के साथ डांस करते उसको सीखा भी रही थी उसको मुव कैसे करना हैं। दुसरी तरफ अशोक ने पूजा को अच्छे से नियंत्रित करते हुए उसके साथ प्रोपर डांस करना शुरु कर दिया था।
वो दोनो अब काफी करीब आकर सीरियस डांस करने लगे थे। अशोक कभी पूजा को अपनी एक बांह में तो कभी दुसरी बांह में झूलाते हुए डांस कर रहा था। फिर एक समय वो भी आया जब अशोक ने पिछे से हाथ आगे लाकर पूजा के पतले पेट को नाभी के ऊपर से दोनो हाथों से पकड़ लिया और पूजा का पिछवाड़ा जाकर अशोक के आगे के अंगो से छू गया।
उस वक्त अशोक की हालत खराब हो गयी। वो मुंह फाड़े आहें भरता आंखे बंद किए ऊपर छत की तरफ देख रहा था। पक्का उस वक्त उसका थोड़ा पानी लंड से छूट गया होगा।
मगर 2-3 सेकण्ड बाद ही पूजा घुमते हुए फिर दूर हुयी और अशोक के सामने आ गयी थी। दोनो बाहों में बाहें ड़ाले काफी देर डांस करते रहे और भूल ही गए कि हम एक दूसरे के पार्टनर के साथ ज्यादा डांस कर रहे थे और खुद के पार्टनर के साथ बहुत कम देर डांस किया था।
यहीं मेरी जीत थी, मेरा प्लान काम कर रहा था। पूजा अब अशोक के साथ कम्फर्टेबल हो चुकी थी। वो अब इतना चिपक कर डांस कर रहे थे कि पूजा के मम्मे रह रह कर अशोक के सीने को छू कर पूरी तरह दब रहे थे, पर पूजा फिर भी एक स्माईल के साथ डांस कर रही थी।
पूजा इतना खुलकर डांस इसलिए भी कर रही थी कि उसका खुद का पति नितीन मेरे साथ काफी आराम से डांस कर रहा था। कभी वो अपना लंड मेरी गांड से चिपकाए थोड़ा रगड़ देता तो कभी आगे से मेरी चूत का भाग अपने लंड से चिपका देता.
कभी मेरे पेट तो कभी सीने के ऊपर अपना एक हाथ लपेट मुझे झकड़ लेटा। डांस के दौरान 2-3 बार नितीन मुझे अपनी गोद में उठाए घुमा चुका था।
मैने इस बीच अपनी हंसी बरकरार रख माहौल का नार्मल रखा था जिसकी वजह से बाकी के लोगो को भी कोई दिक्कत नहीं हुई और वो भी स्माईल के साथ नाचते रहे.
फिर एक ऐसा पल भी आया जब मै और पूजा एक दूसरे के सामने खड़े थे और हम दोनो को पिछे से चिपके खड़े थे एक दूसरे के पति.
दोनो मर्दो का हाथ लड़कियो के पेट पर था और दुसरा हाथ लड़कियो के दोनो कंधो को सामने से टच करते हुए सीने पर लगा हुआ था।
हम चारो दायें बायें संगीत के साथ हिल रहे थे और दोनो लड़कियो की गांड को दोनो मर्द अपने लंड से रगड़ रहे थे। जल्द ही नितीन ने अपने होंठ मेरे गरदन और कंधे के बीच के नंगे भाग पर रख दिए और होंठ रगड़ने लगा।
ये देख पूजा की हंसी थोड़ी कम हो गयी। उसी वक्त अशोक ने भी यहीं किया और अपने होंठ पूजा के कंधो और गरदन के बीच हल्के से रगड़ने लगा।
पूजा की पूरी हंसी गायब हो गयी। मैंने ये देखकर थोड़ा स्माईल करना शुरु किया. ताकि पूजा थोड़ा नार्मल हो जाऐ। पर उसको हंसी नहीं आयी।
पूजा के होंठ थोड़ा खुल गए थे, और उसने छत की तरफ देखकर अपना मुंह खुला ही रखते हुए अपने शरीर को दायें बायें रगड़ना जारी रखा।
हम सब को लग गया कि अब पूजा तैयार हैं अदला बदली के लिए. फिर अशोक ने पूजा के पेट और सीने को और भी टाइट झकड़ कर लगभग उसके पिछवाड़े पर एक धक्का सा मार दिया।
मै भी समझ सकती थी कि अशोक के लिए इतनी देर रोक पाना कितना मुश्किल रहा होगा। क्युँ कि नितीन खुद मुझे कितनी बार अपने लंड से मेरी गांड पर झटके मार चुका था।
पूजा ने जैसे ही अपनी गांड पर अशोक के लंड का झटका खाया उसकी जैसे नींद उड़ गयी। वो तुरंत अशोक से दूर हुयी. उसका चेहरा गंभीर था।
वो टेबल की तरफ बढ़ी। यह देख मैंने भी नितीन को दूर किया और अब हम चारो टेबल पर आकर बैठ गए. हम तीनो ने पूजा को खुश करने की कोशिश की।
अगले एपिसोड में पढ़िए क्या हम पूजा को इस कपल एक्सचेंज के लिए मना पाएंगे।
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