This story is part of the Aakhiri Dagar, Purane Humsafar series
मुझे नंगा कर राहुल चाहता तो मुझे चोद सकता था पर उसने मेरा फायदा नहीं उठाया, जब कि मैं कही न कही चुदाई के लिए तैयार थी। राहुल ने मुझे प्रपोज़ कर दिया और मैं शादी के पहले ही उसके बच्चे की माँ बनने को तैयार थी।
हम दोनो एक दूसरे के होंठो को एक दूसरे में भर कर चूमने लगे। चूमने के बाद उसने मेरा टॉप और ब्रा भी निकाल दिया और मुझे बिस्तर पर लेटा दिया। काफी महीनो बाद मै चुदाई के लिए तैयार थी।
राहुल अब मेरी कैपरी पैंट निकालने वाला था। मुझे याद आया कि मेरी चूत पर तो बालो की झाडिया उगी हुयी हैं। अपने होने वाले पति को पहली चुदाई में ऐसी चूत दिखेगी तो वो क्या सोचेगा. राहुल ने अपनी पैंट और शर्ट निकाल दिया था और अपने शार्ट में आ गया था।
मैं: “राहुल, अभी रहने देते हैं। बाद में करते हैं”
राहुल: “क्युँ! अभी क्या हुआ? तुम तो तैयार थी! कोई मेडिकल परेशानी हैं?”
मैं: “मै अभी तैयार नहीं हूँ”
राहुल: “इसमें क्या तैयार होना”
मैं: “तुम नहीं समझोगे, तुम बहुत सफाई पसंद हो, मेरी अभी सफाई पूरी नहीं हैं”
राहुल ने अपना शार्ट और अंडरवियर निकाल दिया। उसके लंड पर भी बड़े बड़े बाल उगे हुए थे। पिछली बार जब मैंने उसको देखा था तब उसका लंड सफाचट था। शायद वो भी मेरी तरह सन्यास पर था और उसके भी बाल उगे हुए थे.
राहुल: “अब खोल दू तुम्हारे कपड़े?”
मैने सिर्फ शर्मा कर हां में गरदन हिलायी और उसने मेरी कैपरी कमर से नीचे खिंच कर बाहर निकाल दी और मेरी बालो भरी चूत उसके सामने थी।
उसने मेरे पांव चौड़े किए और अपने होंठ से मेरी चूत के बालो में खुजली करने लगा। और साथ ही मेरी चूत की दरार में अपनी जुबान रगड़ कर मुझे मदहोश करता रहा।
फिर उसने अपने मुंह से मेरे मम्मो को चूसना शुरु करते हुए मेरी चूत को अपनी उंगलियों से रगड़ कर मुझे गरम किया. फिर वो अपना मुँह मेरे पाँव की तरफ कर लेट गया और 69 पोजीशन बना ली.
अब वो मेरी बालो भरी चूत को चाट रहा था तो मै उसके बालो भरे लंड को चूस रही थी। थोड़ी देर इस चुसम चुसाई के बाद हम दोनो चुदाई के लिए तैयार थे.
राहुल मेरे ऊपर चढ़ गया और अपना लंड मेरी चूत के मुंह पर रख दिया और अपना मुंह मेरे कान के पास ले आया।
राहुल: “क्या तुम मेरे बच्चे की माँ बनने के लिए तैयार हो?”
मैं: “हां”
और अगले ही पल उसका लंड मेरी चूत में घुस गया। इतने समय बाद आखिर राहुल का लंड मेरी चूत में समां गया। मै भी उसके लिए बड़ा तड़पी थी।
आज तक उस से सिर्फ मजे के लिए या मज़बूरी में चुदवाया था पर आज हम अपनी शादी की नींव रख रहे थे। बरसो बाद मै एक बच्चा पैदा करने के लिए चुदवा रही थी तो बहुत ही निश्चिन्त थी।
राहुल का कसरती बदन तो मुझे याद ही था, और उसका मजबूत लंड चूत में घुसते ही एक अलग ही दुनिया की सैर करवा देता हैं। उसका लंड तेजी से मेरी चूत में अंदर बाहर हो मुझे चोद कर माँ बनाने की कोशिश कर रहा था।
उसका लंबा लंड मेरी चूत के काफी अंदर जा रहा था पर फिर भी मै अपनी तरफ से भी माँ बनने की कोशिश करते हुए अपना जोर लगा रही थी। इस चक्कर में उसका लंड ज्यादा ही अंदर घुस कर मुझे हल्का दर्द भी दे रहा था।
पर माँ बनने के लिए मुझे हर दर्द मंजूर था। राहुल का कसरती सीना मेरे मम्मो को अच्छे से रगड़ रहा था और उसके सिक्स पैक्स मेरी पेट को रगड़ गुदगुदी कर रहे थे.
मेरी चूत को उसका लंड खोद रहा था तो ऊपर मेरे होंठ वो अपने होंठो से रह रह कर चुम अपना प्यार जता रहा था। थोड़ी देर भी वो मुझे चुम्मी ना करता तो मै अपनी सिसकियां रोक खुद उसके होंठो को चुम लेती.
वो मेरी ज़िन्दगी की सबसे हसीन चुदाई थी। मै एक नये जीवन में प्रवेश कर रही थी। हम दोनो बहुत देर तक चुदते रहे और अपने चरम की तरफ बढ़ते गए. मै राहुल को पुकारते हुए जोर लगा कर मुझे माँ बनाने की विनती कर रही थी।
मैं: “ओह्ह्ह्ह राहुल, मुझे चोद कर माँ बना दो…आआह्ह… और अंदर… आआईई…और अंदर……ऊहहहहहह…. आह…..चोद दो…..हां ऐसे…..ऊईईईई माँ….जोर से चोदो….डाल कर चोदो….आईईएई.”
राहुल पहली बार बाप बनना चाहता था, तो उसने अपना पूरा जोर लगा कर मुझे चोद दिया और उसके लंड से बहुत तेज पानी का फव्वारा मेरी चूत में छूटा और मेरी चूत उसके पानी से गीली हुयी और साथ में मैंने भी अपनी चूत को सिकोड़ते हुए उसके लंड को अच्छे से अपनी चूत में झकड़ कर मै जड़ गयी।
मैने उसको कुछ देर तक लंड बाहर नहीं निकालने दिया ताकि उसके लंड से निकली हर स्पर्म की बूँद मेरी चूत में रहे. इस चुदाई के बाद हम दोनो थक चुके थे तो वो मेरे ऊपर ही लेट कर थोड़ी देर ऐसे ही रहा।
फिर हम दोनो ने एक साथ वाशरूम में जाकर बाथ लिया। हम अपनी फ्लाइट पकड़ अपने शहर आ गए थे। मैंने राहुल वाली बात किसी को नहीं बताई थी।
मै गर्भवती होने के बाद ही अपने घर वालो और दोस्तों को खुशखबरी देना चाहती थी। मेरे चेहरे को खिला हुआ देख कर रूबी ने मुझे ऑफिस में अकेले पकड़ ही लिया।
रूबी: “किसके साथ चुदवाया?”
मैं: “अपने पति के साथ”
रूबी: “पहले तो बड़ी बड़ी बातें कर रही थी। अलग होने के बाद भी तुम अपने पुराने पति का लंड मिस कर रही हो. मैंने जब बोला मेरे साथ चलो मिलकर मर्दो के मजे लेंगे तब नहीं आयी”
मैं: “अपने पुराने पति की नहीं, होने वाले पति की बात कर रही थी”
रूबी: “अरें वाह! बड़ी छुपी रुस्तम निकली. कौन हैं वो खुशनसीब?”
मैं: “अभी ये एक राज हैं। वक्त आने पर बता दूंगी”
रूबी: “मगर फिर से अपनी चूत को लंड की गुलाम मत बना देना”
मैं: “तुम्हारी तरह अलग अलग लंड की गुलाम बनने से अच्छा हैं मै एक ही लंड की गुलाम बन जाऊ”
हम फिर ऑफिस के अंदर आ गए. मौका देखकर मै अपने होने वाले पति राहुल के केबिन में गयी।
राहुल: “तुम मेरी मंगेतर की हैसियत से आयी हो या ऑफिस कर्मचारी की तरह”
मैं: “अगर मंगेतर की हैसियत से आयी हूँ तो क्या करोगे?”
राहुल अपनी सीट से उठकर आगे आया और मेरी कमर पकड़ कर मुझे अपने से चिपका लिया।
राहुल: “मेरा पहला लक्ष्य तुम्हे माँ बनाना हैं”
मैं: “यहीं ऑफिस में बनाओगे?”
राहुल: “पहली बार थोड़े ही हैं। पहले भी तो तुम्हारे साथ इसी केबिन में किया था”
मैं: “और कोई अंदर आ गया तो?”
राहुल: “मै बाहर जाकर बोल देता हूँ कि हम पति पत्नी व्यस्त हैं, कोई परेशान ना करे”
मैं: “नहीं अभी नहीं, मेरे तलाक के बाद, हमारी शादी की डेट आने के बाद ही हम सबको बताएँगे”
राहुल ने फ़ोन करके अपने सेक्रेटरी को बोल दिया कि वो किसी को ना भेजे और परेशान ना करे, वो मीटिंग में हैं।
राहुल: “अब ठीक हैं?”
मैं: “मगर ऑफिस में चोदने की क्या जरुरत हैं! मै शाम को तुम्हारे साथ आ जाउंगी”
राहुल: “मुझे जल्दी से जल्दी बच्चा पैदा करना हैं। मै दिन में 5-6 बार तुम्हे चोदुंगा”
मैं: “कितना भी चोदो, बच्चा तो 9 महीने में ही पैदा होगा ना”
राहुल: “जितनी तुम्हे चोदुंगा, उतना प्यार बढ़ेगा और उतना खुबसूरत बच्चा पैदा होगा”
मैं: “5-6 बार कुछ ज्यादा नहीं हो जायेगा! दिन में बस दो बार”
राहुल: “नहीं, दिन में कम से कम 3 बार, और छुट्टी वाले दिन 5-6 बार चोदुंगा. तुम्हे मंजूर हैं तभी मै तुमसे शादी करूँगा”
मैं: “तुम तो बोल रहे थे कि सेक्स के लिए मुझसे शादी नहीं कर रहे”
राहुल: “मै कोई मजे के लिए थोड़े ही चोद रहा हूँ. मै तो बच्चे के लिए चोद रहा हूँ”
मैं: “पक्का मजे के लिए नहीं चोद रहे!”
राहुल: “हां, पक्का”
मैं: “मजे के लिए नहीं चोदोगे तो फिर क्या फायदा!”
राहुल: “तो फिर क्या करु?”
मैं: “ठीक हैं मै तुम्हे चोदती हूँ. तुम्हारा बच्चा पैदा करने का काम भी हो जायेगा और मेरा मजा भी हो जायेगा”
मेरा और राहुल का मिशन था कि मैं उसके बच्चे की माँ बन जाऊ और उसके लिए हम दिन रात चुदाई के लिए भी तैयार थे। फिलहाल दोपहर में ऑफिस के उसके केबिन में हम दोनों चुदाई की तयारी कर रहे थे।
हम दोनो ने अपने कपड़े उतारने शुरु कर दिए. अपने सारे कपड़े वहीं नीचे फेंक कर हम पूरे नंगे हो चुदाई के लिए तैयार थे। हमारा सन्यास टूट चुका था और मेरी चूत सफाचट थी और राहुल का लंड भी.
राहुल अपने केबिन में लगे सोफे पर बैठ गया और मै उसकी तरफ मुंह कर उसकी गोद में बैठ गयी। मेरी चूत उसके लंड के ऊपर थी। उसका लंड तो मेरी बातें सुनकर और मुझको अपने कपड़े खोलते देख कर ही कड़क हो चुका था।
मैने जल्दी से उसके लंड को अपने चूत में घुसाया और ऊपर नीचे होते हुए खुद चुदने लगी। पहली बार मै खुलकर इस तरह ऑफिस में राहुल से चुदवा रही थी।
बाहर ऑफिस का सारा स्टाफ था और अंदर इस तरह चुदवाते हुए एक रोमांच सा जाग रहा था। पहली बार मै ऑफिस में पूरे कपड़े खोल नंगी हुयी थी।
राहुल ने भी मेरी गांड पकड़े मुझे ऊपर नीचे होने में मदद की. थोड़ी ही देर में चाप चाप करते हुए उसका मोटा लंड मेरी चूत में आवाज कर रहा था।
राहुल कभी मेरे निप्पल और मम्मो को अपने हाथ से दबा कर छेड़ देता तो कभी अपने होंठो में भरकर चूस लेटा। कभी प्यार से भरकर मेरे चेहरे को अपने पास लाकर मेरे होंठो का रस चूस कर छोड़ देता.
मैने दोनो हाथों से सोफे का सिरहाने पकड़ा और घुटनो का जोर लगाते हुए अपने चोदने की रफ़्तार बढा दी. चाप चाप की आवाज अब चपड़ चपड़ और सर्र सर्र में बदल गयी थी।
इस मधुर आवाज को सुनकर हम दोनो ही मदहोश हुए जा रहे थे। राहुल बराबर मेरे पूरे बदन को छूकर मुझे कर्रेंट भी दे रहा था।
मजे के मारे मै चेहरा छत की तरफ कर, ऊपर नीचे हो रही थी। राहुल ने आगे सिर लाकर मेरे तने हुए गले में अपने होंठो से थोड़ी देर तक चूमा.
मेरी चूत में हम दोनो के निकले पानी से कीचड़ जमा हो चुका था और चुदाई के साथ वो पानी अंदर आवाज कर रहा था। मेरी आहें अब बढ़ने लगी थी और राहुल भी लम्बी सांसें छोड़कर आवाज निकाल रहा था।
मै अपने मजे के हिसाब से राहुल के लंड को अपनी चूत के उस हिस्से पर रगड़ लगा रही थी जहा मुझे सबसे ज्यादा मजा आता हैं। इसका असर यह हुआ कि मै जल्दी ही जड़ गयी।
मेरे जड़ते वक्त राहुल ने मेरे मम्मे अपने मुंह से दबा कर चूसना जारी रखा था। इस जबरदस्त चुदाई के बाद मेरे हाथ पैर ठंडे पड़ चुके थे। सारी ताकत जा चुकी थी।
राहुल ने मुझे मेरी गांड से पकड़े मुझे ऊपर नीचे करना शुरू किया ताकि उसका भी पानी निकले वरना बच्चे की नीव कैसे रखेंगे।
माँ बनने के जोश में मैंने अपनी ताकत फिर जुटाई और तेजी से ऊपर नीचे हो चोदना शुरु किया. अब तो राहुल ने भी मेरी मदद करते हुए अपनी गांड उछलते हुए धक्के मारना शुरू किया.
अगले 2-3 मिनट के मेहनत के बाद ही राहुल बावला हो गया और अचानक अपने धक्को की गति बढा दी. वो जड़ने वाला था इसलिए मैंने भी अब गहराई में उसके लंड को घुसाना शुरु किया. अगले कुछ झटको के बाद राहुल मुंह खोले आहें भरता अपना पानी मेरी चूत में खाली कर गया।
हमने एक दूजे को होंठो पर चुमा और एक दूसरे को धन्यवाद बोला. राहुल के केबिन में ही वाशरूम था इसलिए हम अपने कपड़े उठाए उसके वाशरूम में गए और अपनी थोड़ी सफाई कर ली.
इस चुदाई के बाद मै कमजोर सा महसूस कर रही थी जिसकी वजह से मेरे हाथ पैर भी कांप रहे थे। मै अब उसके केबिन से बाहर आयी।
मुझे डर था कि कही रूबी मुझे पकड़ ना ले। वो तो चेहरा देखते ही पकड़ लेती हैं कि मैंने चुदाई करवाई या नहीं. मैंने वाशरूम में जाकर अपना मेकअप दुरुस्त कर लिया ताकि रूबी मेरा चेहरा नहीं पढ़ पाए.
मेरा गौरा चेहरा शर्म से पूरा लाल हो चुका था और मैंने मेकअप से उसको छिपाने की कोशिश की. रूबी को थोड़ा शक जरूर हुआ पर उसको यकीन नहीं हुआ क्युँ कि मै ऑफिस के लोगो के साथ चुदाई के सख्त खिलाफ थी।
अगले एपिसोड में पढ़िए कि क्या मैं राहुल के बच्चे की माँ बन शादी कर पाउंगी या नहीं।