नमस्कार दोस्तों, मैं प्रितंका अपनी नईं चुदाई कहानी लेके आई हूं। मेरे बारे में तो आप सब जानते ही होंगे। मैं लुधियाना शहर से हूं, और 23 साल की हूं। मेरा फिगर 34-29-36 है। मेरे बारे में सोच के कितने लड़के लंड हिलाते होंगे, मैं सोच भी नहीं सकती। आप लोग भी मेरी कहानी पढ़ कर लंड जरूर हिलाना। अब कहानी शुरू करती हूं।
मेरे मामा का घर हमारे घर से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर है। कुछ दिन पहले मम्मी को मामी का कॉल आया। उन्होंने कहा कि उनके पिता जी की तबियत खराब थी, और वो कुछ दिनों के लिए वहां जा रही थी। अब क्योंकि वो जा रही थी, तो उनके घर में खाना पकाने वाला कोई नहीं था। इसलिए वो मम्मी को मुझे कुछ दिन के लिए उनके घर भेजने को बोल रही थी। मेरी मम्मी मान गई, और वहां जाने के लिए मेरा बोरिया बिस्तर बांध दिया।
मामा के घर में मामा-मामी, और उनका एक बेटा है। उनके बेटे का नाम मानव है, और वो 20 साल का है। मानव कॉलेज में पढ़ता है, और अच्छा-खासा दिखता है। मेरे मामा की उमर 45 साल है, वो भी हट्टे-कट्टे है।
फिर मैं वहां पहुंच गईं। मैंने टाइट जींस और टीशर्ट पहनी हुई थी, जब मैं उनके घर पहुंची। मामा और मानव दोनों मुझे ऊपर से नीचे तक देख रहे थे। मैं समझ गई थी कि वो मेरे फिगर का अंदाजा लगा रहे होंगे। मुझे ये बुरा नहीं लगा, क्योंकि मर्द चाहे आपका मामा या मामा का लड़का क्यों ना हो, सेक्सी लड़की देख कर उसको आंखों से नंगी जरूर करता है।
मैं दोपहर को वहां पहुंची थी। फिर मैं जाके फ्रेश हुई, और बाहर आई। मैंने शॉर्ट्स और टीशर्ट पहन ली थी। मेरी शॉर्ट्स घुटनों से ऊपर थी, तो मानव मेरी टांगे घूर रहा था। मामा खाना पहले से मंगवा चुके थे, तो वो आ गया था। फिर हम तीनों ने बैठ कर खाना खाया, और बहुत बातें की। काफी हंसी-मजाक हुआ हमारे बीच। इस दौरान वो दोनों आंखों ही आंखों में मुझे चोद रहे थे। मुझे ये बहुत अच्छा लग रहा था। इससे अपनी खूबसूरती पर विश्वास बढ़ता है।
फिर रात हो गई, और मैंने खाना बनाया। उन दोनों ने मेरे खाने की बहुत तारीफ की। खाना खाने के बाद हम सब ने थोड़ी देर टीवी देखा, और फिर सोने चले गए। मुझे बिस्तर पर लेटे हुए एक घंटा हो गया था, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी। मेरी चूत में पता नहीं क्यों खलबली मच रही थी। फिर मैंने सोचा क्यों ना थोड़ी चूत सहला ली जाए। और ये सोच कर पहले मैं शॉर्ट्स के ऊपर से अपनी चूत रगड़ने लगी, और फिर शॉट्स खोल कर अंदर हाथ डाल लिया। मेरे मुंह से आह आह की आवाजें निकल रही थी, और मैं मानव का नाम बार-बार ले रही थी।
ये सब करते हुए मुझे नहीं पता था, कि मानव मुझे देख रहा था। मैं फिंगरिंग कर ही रही थी, कि तभी मेरे कमरे का दरवाजा खुला। ये देख कर मैं थोड़ी घबरा गई, और जल्दी से खुद को चादर से ढक लिया। मैंने देखा मानव था जिसने दरवाजा खोला था। वो मेरे पास आया और बोला-
मानव: दीदी क्या कर रही हो?
मैं: कुछ नहीं, बस सोने की कोशिश कर रही हूं।
मानव: नींद नहीं आ रही तो मैं कुछ मदद कर दूं?
मैं: तुम कैसे मदद करोगे?
तभी उसने मुझ पर से चादर हटा दी, और बोला-
मानव: आप चाहें तो मैं आपकी चूत की आग शांत कर सकता हूं। वैसे भी आप मेरे बारे में ही सोच कर चूत सहला रही थी।
उसकी बात सुन कर मैं चुप हो गई। फिर मैंने सोचा कि उसने देख तो लिया ही था सब, तो क्यों ना रात को उसके लंड से रंगीन बना लूं। ये सोच कर मैंने अपनी शॉर्ट्स और पैंटी नीचे करके अपनी चिकनी चूत को उसके सामने किया, और बोली-
मैं: आज मेरे रहा, और बुझा दे मेरी प्यास।
ये सुन कर मानव खुश हो गया, और जल्दी से नंगा हो गया। काफी तगड़ा लंड था उसका, जो मुझे पसंद आया। फिर वो मेरे ऊपर आया, और मुझे भी पूरी नंगी कर दिया। अब हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूसने लगे। वो कभी मेरे होंठ चूस रहा था, तो कभी बूब्स। मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी। फिर उसने लंड पर थूका, और चूत पर लगा कर दबाव बनाने लगा। मेरी गीली चूत में उसका लंड सरकता हुआ अन्दर जाने लगा, और मैं आह आह करने लगी।
अब उसका लंड पूरा अंदर था, और वो मेरी चुदाई कर रहा था। भाई के लंड से चुद कर मेरी चूत मजे ले रही थी। अभी कुछ ही मिनट हुए थे हमारी चुदाई शुरू हुए, कि तभी दरवाज़ा खुला, और मामा जी अंदर आ गए। उनको देख कर हम दोनों की गांड फट गई।
मामा जी गुस्से में मानव को देख कर बोले: हरामखोर, तुझे शर्म नहीं आई बहन के साथ ऐसा करते हुए? क्या जवाब दूंगा मैं तेरी बुआ को?
मानव सिर नीचे झुका कर खड़ा हो गया।
फिर मामा जी मुझे बोले: बेटा ये क्या कर रही थी तुम अपने ही भाई के साथ? ये गलत है।
मैं मामा जी के करीब गई, और बोली: मामा जी, अपनी भांजी को गंदी नज़र से देखना गलत नहीं है क्या?
ये सुन कर मामा भी शर्मसार हो गए। फिर मैंने उनके पजामे के ऊपर से उनके लंड पर हाथ रखा और बोली-
मैं: मामा जी, अगर आप चाहे तो आप भी मुझे चोद सकते है। अभी मेरी चूत गरम है, तो मार लो इसको। बाद में कहीं मेरा इरादा ना बदल जाए।
मामा ने मेरी आंखों में देखा और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपनी बाहों में भर लिया। फिर वो मेरे चूतड़ दबाते हुए मेरे होंठ चूसने लगे। कुछ देर होंठ चूसने के बाद वो बोले-
मामा जी: मैं तेरी मां को तो नहीं चोद सका, लेकिन आज उसकी बेटी को जरूर चोदूंगा। चल बे (मानव को देखते हुए), तू इसकी चूत चोद, और मैं इस छिनाल को लंड चुसवाता हूं। चल रांड, बिस्तर पर घोड़ी बन जा।
फिर मैं बिस्तर पर घोड़ी बन गई। मानव ने अपना लंड पीछे से मेरी चूत में डाल दिया, और मामा ने अपना लंड मेरे मुंह में पेल दिया। अब दोनों बाप-बेटे मुझे चोद रहे थे। मामा मेरे बाल पकड़ कर मेरे गले तक अपना लंड ले जा रहे थे। पीछे से मानव भी मेरी फुल स्पीड में चुदाई कर रहा था। मुझे उन दोनों से चुद कर असीम सुख की प्राप्ति हो रही थी।
थोड़ी देर बाद दोनों ने जगह बदली, और मेरी चुदाई करने लगे। मैं 2 बार झड़ चुकी थी। उस रात उन दोनों ने मेरी बार-बार चुदाई करी। वो दोनों मुझे चोदते, और फिर मेरे मुंह पर अपना माल निकाल देते। सुबह तक मेरा पूरा चेहरा ऐसे माल से भरा था, जैसे मैंने कोई फेसपैक लगाया हो। जितने दिन मैं वहां पर रही, उन्होंने ऐसे ही मेरी चुदाई की।
दोस्तों आपको मेरी चुदाई कहानी कैसी लगी, [email protected] पर मेल करके बताएं।