कॉलगर्ल बना कर दीपाली दीदी को चुदवाया-2 (Callgirl Bana Kar Deepali Didi Ko Chudwaya-2)

पिछला भाग पढ़े:- कॉलगर्ल बना कर दीपाली दीदी को चुदवाया

हैलो दोस्तों, कैसे हो आप? मैं आपका बहनचोद बबलू हाजिर हूं आपके मनोरंजन के लिये। तो जैसे कि आपने पहले पार्ट में पढ़ा कि दीपाली दीदी कि गाड़ी में कैसे चुदाई हुई। उसके बाद की स्टोरी मैं बताता हूं।

सुबह हम 5:30 को गेस्ट हाऊस पहुंचे। सब थक चुके थे, तो हम सब आराम से सो गये। दीदी 3-3 लड़को से चुद कर बहुत ज्यादा थक चुकी थी, तो वो भी उसके कमरे में सो गयी थी। मैं सुबह 11 बजे उठा। फार नहा-धोकर नाश्ता कर लिया, और दीदी को जगाने चला गया। दीपाली दीदी को उठाया, तो उसने कहा, “यार भाई, मेरी चूत थोड़ी दर्द कर रही है। तू ऑइल से मसाज कर देगा क्या?”

मैंने हां कर दिया और उसकी पैंट और पैंटी निकाल दी। फिर दीपाली दीदी की क्लीन शेव लाल चूत पर तेल लगा कर मालिश करने लगा, और दीदी करहाने लगी। मालिश करते समय मेरा लंड खड़ा हो गया, और मैंने दीदी को कहा-

मैं: यार मैं तरी चूत कि मालिश कर देता हूं। तुम भी मेरे लंड का खयाल रखना।

तो दीदी ने हां बोल कर मेरी पैंट निकाली, और मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया। मैंने चूत की मालिश 10-15 मिनट की, और तब तक मेरे लंड ने दीदी कि मुंह में पानी छोड़ दिया। फिर दीदी नहाने चली गयी, और मैं दोस्तों को उठाने चला गया। सागर और यश उठ चुके थे। राकेश और सुहास सो रहे थे। उनको मैंने उठाया, और प्लान के बारे में पूछा।

तब राकेश ने बताया: आज हम पूरे दिन यहीं पे दारू पियेंगे, और रात को दीपाली को मिल कर चोदेंगे। बबलू तू जाकर मेडिकल से वियाग्रा और कंडोम के पैकेट लेकर आजा‌ दारू का बंदोबस्त मैंने कर रखा है।

मैंने कहा: ठीक है, मैं सब लेकर आता हूं। तब तक तुम नहा-धोकर नाश्ता कर लो।

मैं सब सामान लेकर 30 मिनट में आ गया। तब तक हॉल मैं दीपाली दीदी और मेरे दोस्त नाश्ता कर रहे थे, और उनकी बाते चल रही थी। मैंने सामान टेबल पर रखा, और दीदी ने देखा के वियाग्रा और कंडोम लाय था, तो दीदी ने पूछा-

दीदी: आज तुम्ही लोग वियाग्रा खाकर मेरी चूत फाड़ने वाले हो क्या?

ये सुन कर सब हसने लगे। फिर राकेश बोला: अरे यार तुम्ही टेंशन मत लो। आज का दिन तुम्हे जिंदगी भर याद रहेगा, ऐसा मजा करेंगे हम मिल कर।

फिर राकेश ने दारू निकाली, और दीदी को बोला: तुम हम सब के लिये पैक बनाओ, और ये ड्रेस वगैरा निकाल दो। खाली ब्रा-पैंटी में रहो तुम।

ये सुन कर दीदी ने भी झट से टी-शर्ट और जीन्स निकाल दी। दीदी ने रेड कलर की जाली वाली ब्रा और पैंटी पहनी थी। अब दीदी ने सबके लिये ड्रिंक बनायी, और सब पीने लग गये। ड्रिंक करते-करते सुहास ने टीवी पर Silvia Santoz की ग्रुप सेक्स की वीडियो चला दी। हम सब वो विडिओ देखते-देखते ड्रिंक करने लगे। अब सब के लंड खड़े हो गये, तो यश ने कहा-

यश: यार कपड़े निकाल दो सब। आज रात भर हम सब नंगे ही रहेंगे।

उसके बाद दीदी समेत सब नंगे हो गये, और दारू पीते-पीते वीडियो देखने लगे। अब धीरे-धीरे दीदी समेत सब पर दारू का नशा चढ़ गया था।

यश ने कहा: गाना लगा दो यार, हम डांस करते है।

फिर सागर ने साऊंड सिस्टम पर हाय गर्मी गाना लगाया। यश और राकेश नाचने लगे। उन्होने दीदी को भी खींच लिया। अब दीदी के आगे से यश और पीछे से राकेश चिपक कर डांस करने लगे। दोनों के लंड दीदी की चूत और गांड को घिस रहे थे। 10-15 मिनट डांस करने पर तीनो थक गये, और बैठ गये।

फिर यश ने कहा: अब बबलू तुम और सुहास डांस करो।

हमने भी चालू किया डांस। अब सुहास दीदी को बुला रहा था, पर दीदी थकी हुई थी, तो वो ना बोल रही थी। सब ने नाचने को कहा, पर दीदी ना बोल रही थी।

फिर यश ने कहा: यार बबलू तुम बोलो उसे डांस करने को। वो तुम्हारी बात सुनेगी।

फिर मैंने गलती से सब के सामने कहा: यार दीपा दीदी, सब कह रहे है डांस करने को, तो करो ना डांस।

और दीदी ने भी बोल दिया: हां भाई आती हूं, बस ये ड्रिंक खतम कर लू।

ये सुन कर सब मेरी तरफ देखने लगे। फिर यश ने कहा: तू दीदी कैसे बोल रहा है? ये तेरी बहन है क्या?

अब सब के सामने सच आ गया था। तो मैंने कहा: हां ये मेरी बहन है।

सब के सब शांत हो गये कोई कुछ बोल ही नहीं रहा था।

तब मैंने कहा: अरे यार, इतना क्या टेंशन ले रहे हो। हम सब दोस्त है, और हम दोनों मैं ये अंडरस्टैंडिंग है। तुम टेंशन मत लो।

फिर सब लोग दीदी की तरफ देखने लगे। दीदी ने भी बोला: यार हम एन्जॉय करने आये है। तुम बाकी टेंशन मत लो। हम दोनों भाई-बहन इसके पहले भी ये सब कर चुके है। तुम बस एन्जॉय करो।

अब सब नॉर्मल हो गये थे, और फिर से गाना चालू किया। अब सुहास, यश, राकेश, मैं और दीपाली दीदी सब ग्रुप डांस करने लगे। सब ने शरम छोड़ दी थी। राकेश दीदी के पीछे खड़े रह कर चिपक कर नाच रहा था, और दीदी नाचते-नाचते सब के लंड मसल रही थी। बहुत देर तक डांस करने के बाद हमने खाना मंगाया, और सब खाना खाने बैठ गये।

यश ने मुझसे कहा: यार बबलू तुम तो बड़े ओपन माइंडेड निकले यार।

मैंने कहा: हां हम दोनों है।

राकेश: मुझे एक बात बताओ, तुम ये सब कबसे कर रहे हो?

मैं: 10 साल हुए होंगे।

राकेश: फिर तो तुमने बहुत मजे किये होंगे?

दीदी: हां राकेश, हमने बहुत मजे किये है, और वो मजा आज मैं तुम सब को दूंगी।

यश: दीदी आज तो आप चार-चार भाइयों से चुदेंगी, वो भी गैंगबैंग में।

सब हसने लगे‌।‌ फिर खाना खतम करके हम वापस हॉल में आ गये।

राकेश ने कहा: आज दीपाली दीदी को ऐसा चोदेंगे के ये रात हम सब को याद रहेगी।

फिर दीदी को मैंने कहा: दीदी रेडी हो?

दीदी ने कहा: भाई चुदने के लिये मैं और मेरी चूत हमेशा रेडी होते है।

सब फिर से हंस पडे़। हम सब को दीदी और दारू दोनों का फुल नशा हो गया था। स्टार्ट राकेश ने किया। पहले उसने दीदी को कहा: किसी से चुदने से पहले मैं तुम्हारी चूत चाटूंगा।

दीदी ने कहा: ये तो मुझे बहुत पसंद है।

फिर राकेश ने दीदी को सोफे पर लिटाया, और दीदी के टांगे फैला दी, और दीदी की चूत चाटने लगा। सुहास ने अपना लंड दीदी के मुंह में दे दिया। मैं और यश दोनों साईड में खड़े हुए, और दीदी अपने दोनों हाथों से हम दोनो का लंड सहलाने लगी। उस वक्त मुझे लगा कि कोई गैंगबैंग पोर्न चल रही हो।

दीदी सुहास का लंड चूसते-चूसते आहें भर रही थी, सिसका रही थी। अब राकेश सोफे पर सीधे लेट गया, और दीदी को कहा: तुम मेरे मुंह पर अपनी चूत रखो।

और अब वो वैसे ही दीदी कि चूत चाट रहा था। सुहास ने अपना मोर्चा दीदी के बूब्स के और बढ़ाया। वो दोनों बूब्स को दबा रहा था, और दीदी चिल्ला रही थी आह आह। 10 मिनट के बाद राकेश ने दीदी को घोड़ी बनाया, और अपना लंड पीछे से दीदी की चूत में घुसा दिया।‌ चाटने की वजह से चूत गीली हुई थी, इसलिये दीदी को ज्यादा दर्द नहीं हुआ। राकेश पीछे से धक्के मार रहा था, और सुहास आगे से दीदी के मुंह को चोद रहा था।

सुहास का 6 इंच लंबा और मोटा लंड पचक-पचक आवाज करके अंदर-बाहर हो रहा था। मैं और यश कभी दीदी के बूब्स दबाते, कभी गांड सहलाते।

राकेश ने कहा: यार बबलू, इतने दिनों से कहा छुपा के रखा था यार इसको? क्या मस्त चुदवाती है यार तेरी बहन।

मैंने कहा: बाकी छोड़, अब मिली है तो जी भर के चोद ले।

सब हंस पड़े। अब राकेश वहां से हट गया, और यश ने उसका 7 इंच लंड दीदी की चूत में घुसा दिया। अब दीदी की जम कर चुदाई कर रहा था।‌ मैंने मेरा लंड दीदी के मुंह में दे दिया, और मुंह को चोदने लगा। मैं ये सब देख कर थोड़ा ज्यादा उत्तेजित हो गया था, और मेरे लंड ने जल्दी ही दीदी के मुंह में पानी छोड़ दिया। दीदी वो पूरा पी गयी। अब दीदी के मुंह में राकेश ने लंड दे दिया। सुहास ने दीदी कि चूत में हमला कर दिया।

मैं तो झड़ चुका था, तो मैं आराम से इनकी चुदाई देख रहा था। अब राकेश जमीन पर सो गया, और दीदी को उसके लंड पर बिठाया। दीदी कि चूत में लंड घुसा कर वो धक्के मारने लगा। यश ने पीछे से दीदी की गांड में लंड घुसाने की कोशिश की। दीदी को दर्द हुआ, तो वो चिल्लाई। फिर मैंने यश से कहा-

मैं: यार ऐसे थोड़ी ना करते है‌। पहले गांड के छेद को थोड़ा सहलाओ, उसको गीला करो।

यश ने कहा: भाई तेरी बहन की गांड है, तू ही सहला दे।

सब हसने लगे। फिर मैं उठा और दीदी के गांड के छेद को थूक लगा कर सहलाने लगा।

दीदी ने कहा: यार भाई थोड़ा अच्छे से सहलाओ, दर्द नहीं होना चाहिये।

मैंने कहा: ठीक है बहन।

और फिर मैंने दीदी को गांड का छेद को चाटना चालू किया। दीदी को बड़ा मजा आने लगा। वो राकेश के लंड पर जोर-जोर से कूदने लगी। 2-4 मिनट के बाद मैं हट गया, और फिर यश ने लंड दीदी की गांड में घुसा दिया, और फिर नीचे से राकेश ऊपर से यश, और मुंह में सुहास तीनों मिल कर जोर-जोर से चोदने लगे। 20-25 मिनट अदल-बदल कर चोदने के बाद सब ने दीदी कि मुंह पर और बूब्स पर अपना पानी निकाल दिया। दीदी ने तीनों के लंड चाट कर साफ कर दिये।

राकेश: यार बबलू तुने ये काम बहुत बढ़िया किया है यार‌। मैं दीदी को 10 नहीं 20 हजार दूंगा। इतनी अच्छी चुदाई मैंने आज तक नहीं की। मन खुश हो गया।

सुहास: हां यार बबलू, तेरी बहन ने जन्नत की सैर करावा दी।

यश: सही कहा यार, तेरी बहन क्या लंड चूसती है। जब वो मेरा लंड चूस रही थी, तब ऐसा लग रहा था कि मैं हवा में हूं। बहुत मजा आया।

दीपाली दीदी: सबको थैंकयू। बबलू तूने तो आज मुझे और मेरी चूत को बहुत मजा दिया है। ये रात मैं कभी नहीं भूलू़ंगी।

अब हम सब नंगे ही बेडरूम में गये। दीदी को बीच में लेकर लेट गये, और हम सब बातें करने लगे।

राकेश ने पूछा: दीपाली दीदी तुमने अब तक कितने लंड लिये है?

दीदी: ऐसे गिना तो नहीं है, 40-50 तो आराम से हुए होंगे।

राकेश: क्या बात कर रही हो! सच में?

दीदी: हां। सही में।

राकेश: तुम तो बहुत ही चुदक्कड़ हो यार।

दीदी: और एक बात बताऊं?

राकेश: हां बताओ।

दीदी: तुम्हारे पापा ने और उनके दोस्त शर्मा ने भी मुझे चोदा है।

राकेश: क्या बात कर रही हो? मेरे पापा?

दीदी: हां तुम्हारे पापा ने, पिछले महीने में तुम्हारे पापा बेंगलोर गये थे ऑफिस के काम से, याद है?

राकेश: हां पापा 2 दिन गये तो थे।

दीदी: उनका बेंगलोर मेरी चूत में ही था।

यश: अरे बहनचोद। तेरा बाप तो तेरे से भी आगे निकला।

सुहास: यार इन बाप बेटों ने तो मजे किये फिर तो।

सब जोर से हसने लगे। फिर थोड़ी देर बातें करने के बाद हमने फिर से एक बार दीदी कि जोरदार चुदाई की, और फिर दूसरे दिन हम घर निकल गये।

तो मेरी बहन की चुदाई की कहानी कैसी लगी, जरूर बताना [email protected] पर। जल्द ही मिलेंगे ऐसे ही एक कहानी के साथ।

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